दुनिया-जगत

इजरायल, मिस्र का दौरा करेंगे बाइडेन के शीर्ष मध्य पूर्व सलाहकार

तेल अवीव। हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध में अमेरिका, मिस्र और कतर की संघर्ष विराम की अब तक विफल कोशिशों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष सलाहकार बुधवार को इजरायल और मिस्र की यात्रा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के सबसे वरिष्ठ सलाहकार ब्रेट मैकगर्क मिस्र में चल रहे संघर्ष में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए चल रही शांति वार्ता में तेजी लाने के उद्देश्य से दोनों देशों का दौरा कर रहे हैं।
शीर्ष अमेरिकी अधिकारी मिस्र के खुफिया प्रमुख अब्बास कमाल से मुलाकात करेंगे और उनके तथा मिस्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें करेंगे। मिस्र के साथ सीमा साझा करने वाले गाजा पट्टी में राफा पर इजरायल का जमीनी आक्रमण भी अमेरिकी अधिकारी और मिस्रवासियों के बीच चर्चा का एक प्रमुख मुद्दा होगा। इसके बाद मैकगर्क तेल अवीव के लिए रवाना होंगे और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू तथा रक्षा मंत्री योव गैलेंट के साथ बैठक करेंगे। इज़रायल युद्ध कैबिनेट के सदस्य और बिना विभाग के मंत्री बेनी गैंट्ज़ भी दौरे पर आए शीर्ष अमेरिकी अधिकारी से मिलेंगे।
हमास और इज़रायल के बीच चल रहे युद्ध के दूसरे युद्धविराम के लिए यूरोप, काहिरा और दोहा में हुई मध्यस्थता वार्ता का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। हमास एक स्थायी युद्धविराम चाहता है और गाजा से आईडीएफ की वापसी चाहता है, जबकि इज़रायल ने चार सप्ताह के अस्थायी युद्धविराम के लिए सहमति व्यक्त की है, जिसमें हमास अपनी तरफ से 35 बंधकों को रिहा करेगा, जिसके जवाब में इज़रायल उसकी जेलों में बंद करीब एक सौ फिलीस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
पिछले साल 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से 24 नवंबर और 1 दिसंबर के बीच एक सप्ताह के युद्धविराम के तहत इजरायली जेलों में बंद 324 फिलिस्तीनियों के बदले में 105 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया था। हमास की हिरासत में बंधकों के परिवार इजरायली अधिकारियों से युद्धविराम समझौते के लिए काम करने और अपने प्रियजनों को हमास आतंकवादी समूह की कैद से रिहा करने की मांग कर रहे हैं।
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अगर मैं सत्ता में आती हूं तो भारत और... : निक्की हेली

  • नाटो के खिलाफ ट्रंप की टिप्पणियों पर निक्की हेली
वॉशिंगटन। अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के लिए प्रचार प्रसार में लग गए हैं। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इसी क्रम में, रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो उनका प्रशासन न केवल नाटो के साथ बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस समेत कई अन्य देशों के साथ भी गठबंधन को मजबूत करेगा।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत रहीं 52 वर्षीय हेली ने कहा, 'अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से चुने जाते हैं तो मुझे बहुत सी चीजों के बारे में चिंता है। इनमें से एक नाटो गठबंधन है। ट्रंप का फिर से चुना जाना नाटो गठबंधन के लिए खतरा होगा। नाटो 75 साल की सफलता की कहानी है।'
रिपब्लिकन पार्टी की 2024 के राष्ट्रपति पद की नामांकन दौड़ में निक्की हेली ट्रंप के खिलाफ एकमात्र उम्मीदवार बची हैं। दक्षिण कैरोलिना से दो बार की गवर्नर रहीं हेली ने कहा कि रूस ने कभी भी नाटो देश पर आक्रमण नहीं किया क्योंकि वह इस गठबंधन से बहुत भयभीत रहा है। यहां तक कि चीन भी इस गठबंधन से डरा हुआ है। इसलिए नाटो को मजबूत बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) 31 सदस्य राज्यों, 29 यूरोपीय और दो उत्तरी अमेरिकी का एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है।
डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहा था-
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान नाटो सदस्य देशों पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा था कि अमेरिका नाटो के उन सहयोगियों का बचाव नहीं करेगा, जो रक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं करते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वे रूस को उन देशों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे। ऐसे में नाटो सदस्य देशों में खलबली मच गई है। वर्तमान में नाटो के 31 सदस्य देश हैं। जल्द ही स्वीडन भी नाटो का 32वां सदस्य बन जाएगा। अब तक नाटो में शामिल होने को रक्षा की गारंटी के रूप में देखा जाता रहा है।
गठबंधन छोड़ने का समय नहीं-
इस पर हेली ने कहा, 'गठबंधन में और अधिक दोस्तों को जोड़ना जरूरी है। यह गठबंधन छोड़ने का समय नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम मजबूती से खड़े रहें। क्योंकि जब हम अपने दोस्तों के साथ मजबूती से खड़े होते हैं, तो हमारे दुश्मन झूके रहते हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब हम उन गठबंधनों को कमजोर दिखाना शुरू करते हैं, तभी हमारे दुश्मन आगे बढ़ते हैं। यही कारण है कि हम देख रहे हैं कि ईरान परमाणु बम बनाना चाहता है। रूस पोलैंड और बाल्टिक की ओर बढ़ना शुरू कर रहा है। इसलिए अगर मैं सत्ता में आती हूं तो हम न केवल नाटो को मजबूत करेंगे बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस समेत कई अन्य देशों के साथ भी गठबंधन मजबूत करेंगे। यह अमेरिका के ज्यादा दोस्त होने के बारे में है, न कि कम दोस्त।'
ठग का पक्ष ले रहे पूर्व राष्ट्रपति-
हेली ने ट्रंप के नाटो के खिलाफ टिप्पणियों को 'हड्डियों को ठंडा करने वाला' और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सशक्त बनाने वाला बताया। उन्होंने कहा, 'ट्रंप ने केवल इतना काम किया कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का पक्ष लिया जो अपने राजनीतिक विरोधियों की हत्या करता है, उन्होंने एक ठग का पक्ष लिया जो अमेरिकी पत्रकारों को गिरफ्तार करता है और उन्हें बंधक बना लेता है।'
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इस्राइल की सख्त चेतावनी- रमजान से पहले बंधकों को छोड़े हमास

  • नहीं तो रफा में शुरू करेंगे सैन्य अभियान
यरूशलम। इस्राइल और फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच पिछले करीब पांच महीने से गाजा में संघर्ष जारी है। युद्ध में अब तक करीब 30,000 लोग मारे जा चुके हैं। इस बीच इस्राइली सेना दक्षिण गाजा के रफा में सैन्य अभियान शुरू करने की योजना बना रही है, जहां लाखों विस्थापित फलस्तीनी नागरिक शरण लिए हुए हैं। वहीं, इस्राइल की वॉर कैबिनेट के मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने चेतावनी दी है कि अगर मार्च में अरबी के पवित्र महीने रमजान के शुरू होने तक हमास बंधकों को रिहा नहीं करता है तो रफा में इस्राइली सैन्य अभियान का विस्तार किया जाएगा।
इस्राइली मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका समेत कई देशों ने रफा में सैन्य अभियान को लेकर चिंता जाहिर करते हुए इस्राइल को आगाह किया है। मिस्र की सीमा से सटे रफा में 10 लाख से अधिक विस्थापित लोग शरण लिए हुए हैं। ऐसे में अगर इस्राइली सेना सैन्य अभियान शुरू करती है तो बड़े पैमाने पर लोगों की जानें जा सकती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यरूशलम में अमेरिकी यहूदी संगठनों की एक सभा से गैंट्ज ने बंधकों की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि हमास के साथ दुनिया को पता होना चाहिए कि अगर रमजान तक सभी बंधक घर नहीं लौटते हैं तो रफा क्षेत्र में अभियान को तेज किया जाएगा। इस्राइली मंत्री ने कहा कि नागरिकों की निकासी के लिए अमेरिकी और मिस्र के साथ बातचीत के जरिये सटीक कार्रवाई की योजना की रूपरेखा तैयार की गई है। साथ ही गैंट्ज ने कहा कि लोग मनावीय संकट की बात कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए हमास के पास एक ही विकल्प है कि वे बंधकों को रिहा करने के साथ आत्मसमर्पण कर दें ताकि गाजा के लोग पवित्र रमजान में इबादत कर सकें।
हमास को पूरी खत्म करने की कसम-
गौरतलब है कि पिछले साल सात अक्तूबर को दक्षिणी इस्राइल पर हमास के हमलों के बाद गाजा के खिलाफ इस्राइली सेना की कार्रवाई जारी है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कसम खाई है कि हमास के पूरी खत्म होने तक गाजा के खिलाफ सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी। इस्राइल ने हमास को खत्म करने के लिए रफा में जमीनी अभियानों का विस्तार करने की मंशा जाहिर कर चुका है।
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कोर्ट ने सेना के वरिष्ठ अधिकारी को किया तलब

  • चुनाव रद्द करने की याचिका लगाने के बाद नहीं हुए थे पेश
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को तलब किया। अधिकारी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत में पेश नहीं हुआ था, जिसमें कथित धांधली के कारण आम चुनाव के नतीजे अमान्य घोषित करने की मांग की गई है। 
देश में आठ फरवरी को विवादास्पद चुनाव हुए थे। इसके बाद चुनाव के नतीजे सामने आए तो कई दलों ने इसमें बड़े स्तर धांधली के गंभीर आरोप लगाए। मतदान के दस दिन बाद भी यह साफ नहीं हो पाया है कि देश में अगली संघीय सरकार कौन दल बनाएगा।
आम चुनाव के त्रिशंकु परिणाम सामने आए थे। इसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने संसद की सबसे ज्यादा सीट पर जीत हासिल की। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने एलान किया है कि वे गठबंधन सरकार बनाएंगे। 
पीएमएल-एन और पीपीपी के गठबंधन का मतलब होगा कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पीटीआई पार्टी संघीय सरकार नहीं बना पाएगी। पीटीआई का आरोप है कि दोनों प्रतिद्वंद्वी दल सैन्य प्रतिष्ठान की मदद से लोगों के जनादेश की चोरी करने की कोशिश कर रहीं हैं। 
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश  (सीजेपी) काजी फैज ईसा की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अली खान की याचिका पर सुनवाई की। लेकिन याचिकाकर्ता अदालत के समक्ष पेश नहीं हुआ। सीजेपी ने कहा, क्या याचिका केवल प्रचार के लिए दायर की गई थी? इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। हम उच्चतम न्यायालय को गलत तरकी से इस्तेमाल नहीं होने देंगे। 
इसने यह भी कहा कि याचिका 12 फरवरी को दायर की गई थी। लेकिन मीडिया में पहले से रिपोर्ट की गई थी। अदालत ने यह भी कहा कि संपर्क करने पर याचिकाकर्ता का फोन नंबर बंद पाया गया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने रक्षा मंत्रालय के जरिए से पाकिस्तान के पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को नोटिस जारी किया और सुनवाई 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
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बिलावल ने सत्ता-साझाकरण प्रस्ताव किया खारिज

  • जरदारी पीपीपी के राष्ट्रपति उम्मीदवार
कराची। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने खुलासा किया कि उन्होंने प्रस्तावित सत्ता-साझाकरण व्यवस्था को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें प्रधान मंत्री का कार्यालय दो दलों के बीच साझा किया जाएगा। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बिलावल ने दृढ़तापूर्वक कहा कि उनके पिता, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, राष्ट्रपति पद के लिए पीपीपी के उम्मीदवार होंगे।
सिंध में पीपीपी की चुनावी जीत के उपलक्ष्य में थट्टा में यौम-ए-तशाकुर रैली को संबोधित करते हुए बिलावल ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के साथ बातचीत के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने खुलासा किया कि पीएमएल-एन ने एक समय-साझाकरण फॉर्मूला सुझाया है, जिसमें प्रस्ताव दिया गया है कि वे तीन साल के लिए सरकार का नेतृत्व करेंगे, जबकि पीपीपी शेष दो वर्षों के लिए सत्ता संभालेगी। हालाँकि, बिलावल ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह लोगों के चुनावी जनादेश के माध्यम से प्रधान मंत्री बनने की इच्छा रखते हैं।डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बिलावल ने रैली के दौरान कहा, "मैंने इसके लिए मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं इस तरह प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता। अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं, तो यह पाकिस्तान के लोगों द्वारा मुझे चुने जाने के बाद होगा।" .
बिलावल के सार्वजनिक खुलासे के बावजूद, पीएमएल-एन नेता इशाक डार ने सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए इस बात पर जोर दिया कि अगली सरकार बनाने के इच्छुक राजनीतिक दलों के बीच चर्चा का समय से पहले खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। डार ने बिलावल द्वारा समय-साझाकरण फॉर्मूले के उल्लेख को स्वीकार किया लेकिन सुझाव दिया कि यह बातचीत का केवल एक पहलू था, यह दर्शाता है कि वैकल्पिक सूत्रों पर विचार किया जा सकता है।पीपीपी के रुख को रेखांकित करते हुए, बिलावल ने घोषणा की कि पार्टी मंत्री पद मांगने से बचते हुए उन लोगों के साथ आगे बढ़ेगी जो उनके वोट मांगेंगे। उन्होंने घोषणा की कि आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति पद के लिए पीपीपी के उम्मीदवार होंगे, उन्होंने राजनीतिक तनाव को कम करने और केंद्रीय और प्रांतीय दोनों स्तरों पर स्थिरता बहाल करने में जरदारी की भूमिका पर जोर दिया।
बिलावल ने बताया, "देश में फैल रही आग पर काबू पाने के लिए हमने फैसला किया है कि जरदारी राष्ट्रपति चुनाव में हमारे उम्मीदवार होंगे। और जब वह पद संभालेंगे तो वह इस आग को बुझा देंगे और केंद्र और प्रांतों को बचाएंगे।" , व्यक्तिगत लाभ के बजाय लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने पर राजनीतिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।बिलावल ने समाज को विभाजित करने वाले आर्थिक और राजनीतिक संकटों के बारे में चिंता व्यक्त की, राजनेताओं और राजनीतिक दलों से लोगों के हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित उम्मीदवार पर पीपीपी नेता के खिलाफ जीतने का आरोप लगाया और देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनावी शिकायतें इकट्ठा करने और उन्हें उचित चैनलों के माध्यम से संबोधित करने का वादा किया।
एकता के आह्वान में, बिलावल ने सभी राजनीतिक दलों से "सिस्टम के भीतर रहने" और देश की भलाई के लिए मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने एकजुट राजनीतिक मोर्चे की आवश्यकता पर बल देते हुए धर्म, जातीयता या संप्रदायवाद पर आधारित विभाजनकारी रणनीति के प्रति आगाह किया।बिलावल की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए इशाक डार ने दोहराया कि पीपीपी और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के साथ सरकार बनाने की योजना अभी भी विचाराधीन है। डार ने कहा कि दोनों राजनीतिक दलों की समितियां चार दौर की बैठकें कर चुकी हैं, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है।
बिलावल द्वारा समय-साझाकरण फॉर्मूले के सार्वजनिक खुलासे को स्वीकार करते हुए, डार ने अधिक विवरण प्रकट करने के प्रति आगाह करते हुए कहा, "दोनों पक्षों का कोई भी समिति सदस्य तब तक कुछ भी सार्वजनिक नहीं करेगा जब तक कि यह अंतिम न हो जाए।"सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में, बिलावल ने चुनावों पर पीपीपी की आपत्तियों को दोहराया और उन्हें उचित मंचों पर ले जाने का वादा किया।डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से लोगों की भलाई के लिए व्यक्तिगत हितों को अलग रखने का आह्वान किया और भारी चुनौतियों का सामना करने के लिए एकता की आवश्यकता पर जोर दिया
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मोरक्को की नौसेना ने अटलांटिक तट से 141 प्रवासियों को बचाया

मोरक्को। मोरक्को की नौसेना ने अटलांटिक तट के पास एक नाव से 141 प्रवासियों को बचाया। मीडिया ने रॉयल मोरक्कन सशस्त्र बलों के एक बयान का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। तीन महिलाओं और दो नाबालिगों सहित सभी प्रवासी उप-सहारा अफ्रीकी देशों से थे। रविवार को जारी बयान के अनुसार, प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण 15 घंटे तक चले ऑपरेशन में उन्हें बचाया गया। शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि प्रवासी, जो 10 फरवरी को मॉरिटानिया तट से चले थे, उनका इरादा उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका के तट से दूर एक स्पेनिश द्वीपसमूह कैनरी द्वीप तक पहुंचने का था।
उनकी नाव दखला बंदरगाह से लगभग 274 किमी दूर फंसी होने के बाद, प्रवासियों ने एक संकट संकेत भेजा, जिसे मोरक्को के अधिकारियों ने पकड़ा। बयान में कहा गया है कि आवश्यक देखभाल के बाद प्रवासियों को रॉयल जेंडरमेरी को सौंप दिया गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मोरक्को की सेना ने 2023 में लगभग 87 हजार प्रवासियों को गिरफ्तार किया, इनमें से अधिकांश उप-सहारा अफ्रीका से थे।
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जापान ने लॉन्च किया अगली पीढ़ी का H3 रॉकेट

जापान। दो असफल प्रयासों के बाद, जापान ने शनिवार को अपने अगली पीढ़ी के रॉकेट को कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च किया, अल जज़ीरा ने बताया। रिपोर्ट के अनुसार, अगली पीढ़ी के H3 रॉकेट ने टोक्यो समयानुसार सुबह 9:22 बजे (12:22 GMT) "सफल उड़ान भरी" और एक डमी उपग्रह और दो कार्यशील माइक्रोसैटेलाइट्स, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के साथ अपनी नियोजित कक्षा में प्रवेश किया। जैसे ही रॉकेट अपने प्रक्षेप पथ पर पहुंचा और अपना पहला पेलोड छोड़ा, प्रसारण के दौरान JAXA कमांड सेंटर के कर्मचारियों ने खुशी मनाई और एक-दूसरे को गले लगाया। H3 के सूक्ष्म उपग्रहों से आपदा निवारण प्रयासों में सहायता करने और कारखानों की संचालन स्थितियों की निगरानी करने की उम्मीद की जाती है।
H3 को H-IIA को प्रतिस्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था जो 2001 से सेवा में है और इसे जापान के लचीले और लागत प्रभावी फ्लैगशिप रॉकेट के रूप में प्रस्तुत किया गया है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, H3, जिसे मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज के साथ विकसित किया गया था, को प्रति लॉन्च कम से कम पांच बिलियन येन (33 मिलियन अमरीकी डालर) की लागत पर 6.5 मीट्रिक टन पेलोड अंतरिक्ष में ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो कि इसके पूर्ववर्ती की लागत का लगभग आधा है। JAXA को उम्मीद है कि H3 की कम लागत और अधिक पेलोड क्षमता वैश्विक ग्राहकों को मिशनों के लिए आकर्षित करेगी, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को आपूर्ति पहुंचाना और अमेरिका के नेतृत्व वाले आर्टेमिस चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम का समर्थन करना। टोक्यो ने कहा है कि वह 2030 तक H3 रॉकेट के साथ लगभग 20 उपग्रह और जांच लॉन्च करने का इरादा रखता है।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, H3 का सफल प्रक्षेपण पिछले साल लगातार विफलताओं के बाद हुआ, जिसमें मार्च में एक असफल प्रक्षेपण भी शामिल है, जो विस्फोट के तुरंत बाद रॉकेट के आत्म-विनाश फ़ंक्शन का उपयोग करके ग्राउंड कंट्रोल के साथ समाप्त हो गया, अल जज़ीरा ने बताया। JAXA ने लॉन्च की बाद की समीक्षा में तीन संभावित विद्युत दोषों की पहचान की, लेकिन विफलता का प्रत्यक्ष कारण निर्धारित नहीं कर सका, जिससे इसकी अंतरिक्ष योजनाओं में महत्वपूर्ण देरी हुई।जापान ने पिछले महीने अपने मानवरहित यान एसएलआईएम को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारा था, जो चंद्रमा की सतह पर यान स्थापित करने वाला पांचवां देश बन गया।
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बुशरा बीबी को जहर दिए जाने की चर्चाओं पर इमरान खान ने जताई नाराजगी

  • कहा- अगर बुशरा बीबी की जान को कोई खतरा हुआ तो इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे
इस्लामाबाद। पीटीआई पार्टी की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार उमर अयूब ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि 'बुशरा बीबी की बिगड़ती हालत की बात बेहद चिंताजनक है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।'
तोशाखाना मामले में सजा काट रहीं इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की तबीयत खराब है। बुशरा बीबी की प्रवक्ता मशाल यूसुफजई ने आरोप लगाया है कि बुशरा बीबी को खाने में एसिड जैसी चीज मिलाकर दी जा रही है, उसकी वजह से उनके पीट में दर्द है और उनकी तबीयत खराब हो रही है। पीटीआई ने इन खबरों पर नाराजगी जताई है और चेतावनी दी है कि अगर बुशरा बीबी की जान को कोई खतरा हुआ तो इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। बुशरा बीबी इमरान खान के आवास बनिगाला में ही हिरासत में कैद हैं। 
पीटीआई पार्टी की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार उमर अयूब ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि 'बुशरा बीबी की बिगड़ती हालत की बात बेहद चिंताजनक है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अडियाला जेल अथॉरिटी और सरकार इसके लिए जिम्मेदार होंगी।'
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म्यूनिख में अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और जयशंकर की हुई मुलाकात

  • इन मुद्दों पर की बातचीत
म्यूनिख। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर जर्मनी के म्यूनिख में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने लाल सागर में चुनौतीपूर्ण सुरक्षा हालात पर चर्चा की। साथ ही  इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे अमेरिका और भारत अस्थिर क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ब्लिंकन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लाल सागर में समुद्री सुरक्षा के लिए संबंधित अमेरिकी और भारतीय दृष्टिकोण पारस्परिक रूप से मजबूत हैं और इस क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दोनों मंत्रियों ने मध्य पूर्व में स्थायी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चल रहे काम पर भी चर्चा की। 
दोनों नेताओं ने शुक्रवार को जर्मन में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर मुलाकात की। इस दौरान इस बात पर भी जोर दिया कि लाल सागर एक प्रमुख वाणिज्यिक गलियारा है जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाता है। साथ ही ब्लिंकन ने इस क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए भारत के साथ बढ़ते सहयोग का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मध्य पूर्व में स्थायी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चल रहे काम पर भी चर्चा की।
जयशंकर मुलाकात के बाद कहा, 'अपने अमेरिकी मित्र ब्लिंकन से मिलकर काफी अच्छा लगा। हमारी बातचीत पश्चिम एशिया, यूक्रेन और हिंद-प्रशांत की स्थिति पर केंद्रित रही। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में जारी प्रगति की समीक्षा की गई।'
ब्लिंकन ने भी मुलाकात के बाद कहा, 'अमेरिका और भारत के बीच हमारी असाधारण साझेदारी है, जो हाल के वर्षों में पहले से कहीं अधिक मजबूत और मजबूत हुई है। यह हमारे लिए दुनिया के किसी भी रिश्ते के मुकाबले सबसे अधिक मजबूत संबंधों में से एक है।'
इससे पहले, म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को जर्मनी और अर्जेंटीना के समकक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ जयशंकर ने वैश्विक चुनौतियों और आगे के रास्ते पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत-जर्मनी इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन की अगली बैठक की तैयारियों की समीक्षा की। 
उन्होंने अर्जेंटीना की समकक्ष डायना मोंडिनो के साथ भी बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग पर चर्चा हुई। जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, आज शाम अर्जेंटीना की एफएम डायनामोंडिनो से मिलकर खुशी हुई। 
इस दौरान एस जयशंकर ने यूनानी राष्ट्रीय रक्षा मंत्री निकोस डेंडियास से भी मुलाकात की। बता दें, म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 16-18 फरवरी तक अपने पारंपरिक स्थल, म्यूनिख के होटल बेयरिशर हॉफ में एक व्यक्तिगत कार्यक्रम में शुरू हुआ। इस वर्ष का सम्मेलन अमेरिका में जर्मन राजदूत क्रिस्टोफ ह्यूसगेन की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है।
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गाजा में इजरायल की लड़ाई रमजान के दौरान भी जारी रह सकती है : मंत्री

यरूशलम। इजरायल के युद्धकालीन कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायली बंधकों को रिहा नहीं किया गया तो उपवास के इस्लामी पवित्र महीने रमजान के दौरान गाजा पट्टी में लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने एक वीडियो बयान में कहा, "या तो बंधकों को वापस कर दिया जाएगा, या हम लड़ाई को राफा तक बढ़ा देंगे।"
रमज़ान 2024 11 मार्च या उसके आसपास शुरू होने की उम्मीद है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गैंट्ज़ के हवाले से बताया कि इजराइल मिस्र और अन्य देशों के साथ संपर्क में रहेगा और गाजा के सबसे दक्षिणी शहर में जमीनी अभियान शुरू करने से पहले राफा में निवासियों को निकालेगा।
उन्होंने कहा, "जब तक बंधकों की वापसी नहीं हो जाती और इज़रायली लक्ष्य हासिल नहीं हो जाते, तब तक एक दिन का भी युद्धविराम नहीं होगा।"
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कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप पर लगाया 355 मिलियन डॉलर का जुर्माना

न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क के एक न्यायाधीश ने नागरिक धोखाधड़ी मामले में डोनाल्ड ट्रंप को लगभग 355 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति आर्थर एंगोरोन का यह फैसला शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक नागरिक मुकदमे के बाद आया, जो काफी नाटकीय था। ट्रंप और उनके वकील कोर्ट रूम के अंदर और बाहर जज के साथ बार-बार भिड़ते रहे।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर अगले तीन साल के लिए न्यूयॉर्क में कारोबार करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला अनुकूल ऋणों को सुरक्षित करने के लिए ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन द्वारा उपयोग की जाने वाली धोखाधड़ी वाली व्यावसायिक प्रथाओं के चलते आया है। ब्रिटिश समाचार प्रसारक ने बताया कि ट्रम्प और उनके दो बेटों - डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर और एरिक ट्रम्प ने बेहतर ऋण प्राप्त करने के लिए अपनी संपत्तियों के मूल्य में बड़े पैमाने पर करोड़ों डॉलर की बढ़ोतरी की।
ट्रंप जूनियर और एरिक ट्रंप पर 4-4 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। उन पर अगले दो साल के लिए न्यूयॉर्क में कारोबार करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। ट्रम्प की टीम ने कहा कि वे फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
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PTI ने पूर्व तानाशाह अयूब खान के पोते को बनाया PM उम्मीदवार

  • जेल में इमरान के साथ हुई बैठक में फैसला
इस्लामाबाद। जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने गुरुवार को उमर अयूब खान को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया। पीटीआई चेयरमैन बैरिस्टर गौहर खान ने गुरुवार को कहा कि इमरान खान ने उमर अयूब को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया है, जबकि मियां असलम इकबाल को पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया है।
54 वर्षीय उमर अयूब पीटीआई के महासचिव हैं और पूर्व सैन्य तानाशाह अयूब खान के पोते हैं। उमर ने साल 2013 में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हरिपुर से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2018 के आम चुनाव से पहले वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में शामिल हो गए थे।
इससे पहले दिन में गौहर खान और अन्य पीटीआई नेताओं ने अदियाला जेल में बंद इमरान खान से मुलाकात की और देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की। बाद में अदियाला जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए बैरिस्टर गौहर खान ने पीटीआई के राष्ट्रीय महासचिव उमर अयूब खान को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की जानकारी दी। उमर खान नौ मई की हिंसा के मामले में 20 से अधिक आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। 
गौहर खान ने कहा कि मियां असलम इकबाल को पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया है। साथ ही बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री के रूप में सालार खान काकर के नाम पर विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कहा कि पीटीआई नेता असद कैसर के भाई अकीबुल्लाह खान को खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है।
पीटीआई की तरफ से पीएम उम्मीदवार नामित किए जाने के बाद उमर अयूब ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता इमरान खान और पार्टी के अन्य नेताओं को जेल से बाहर निकालना होगी। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर कहा, मैं प्रधानमंत्री पद के लिए नामित करने के लिए इमरान खान साहब का आभारी हूं। मैं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, पीटीआई सदस्यों और पाकिस्तान के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि एक पार्टी के रूप में हमारी पहली प्राथमिकता होगी कि हम इमरान खान, शाह महमूद कुरैशी, चौधरी परवेज इलाही और अपने सभी राजनीतिक कैदियों को तुरंत जेल से रिहा कराएं।
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ऑस्ट्रेलिया में आई बाढ़ की चपेट में आकर भारतीय नागरिक ने गंवाई जान

  • उच्चायोग ने जताया दुख
कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में मौसम काफी खराब है। यहां बाढ़ के हालात बने हुए हैं। इस बीच, माउंट ईसा के पास आई बाढ़ में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई। कैनबरा में भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
भारतीय उच्चायोग ने पीड़ित के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही विश्वास दिलाया कि वह किसी भी सहायता के लिए उनके संपर्क में है। उसने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, 'ऑस्ट्रेलिया से दिल तोड़ने वाली खबर है। यहां एक भारतीय शख्स की मौत हो गई है। मृतकों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना। उच्चायोग की टीम सभी आवश्यक सहायता के लिए संपर्क में है।' हालांकि, उच्चायोग के अधिकारियों ने मरने वाले की पहचान उजागर नहीं की है। इस बीच, बारिश और आंधी के गंभीर अलर्ट के बीच क्वींसलैंड में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
क्वींसलैंड की पुलिस ने बताया, 'सनशाइन कोस्ट काउंसिल क्षेत्र के लोगों के लिए गंभीर आंधी-तूफान की चेतावनी है। बीओएम ने चेतावनी जारी की है कि मारूच्यडोर और यहां के आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना वाले तेज आंधी तूफान का पता चला है, जिससे अचानक बाढ़ आ सकती है।'
एक अन्य घटना में, पुलिस ने बताया कि माउंट ईसा के पास बाढ़ के पानी में डूबी हुई कार में एक महिला मृत पाई गई। मामले की जांच की जा रही है और लोगों से आग्रह किया है कि जांच में सहायता करने के लिए आगे आएं।
घर जलमग्न, बिजली गुल, पीने का पानी नहीं-
क्वींसलैंड में स्थिति गंभीर बनी हुई है, बचाव की कोशिशें जारी हैं। सैकड़ों लोगों को बचाया गया है। हालांकि, कई घर जलमग्न हो गए हैं। बिजली, सड़क और सुरक्षित पेयजल जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं।मौसम की घटना की शुरुआत के बाद से केर्न्स शहर में दो मीटर से अधिक वर्षा हुई है। क्वींसलैंड के प्रीमियर स्टीवन माइल्स ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था, 'यह प्राकृतिक आपदा मुझे याद है सबसे बुरी आपदा है।'
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गुप्त रूप से धन भुगतान मामले में ट्रम्प पर 25 मार्च से चलेगा मुकदमा

अमेरिका। राज्य के एक न्यायाधीश ने रिपब्लिकन पार्टी प्राइमरी के बीच में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कथित गुप्त धन भुगतान पर आपराधिक मुकदमा 25 मार्च से शुरू करने का आदेश दिया है। न्यूयॉर्क राज्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जुआन मर्चन ने गुरुवार को आरोपों को खारिज करने व मुकदमा बाद में शुरू करने के ट्रंप के अनुरोध को खारिज कर दिया। ट्रम्प पर 34 आरोप हैं। इसमें यह भी शामिल है कि उन्होंने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स पर उनके साथ संबंध होने का आरोप लगाने के बाद उन्हें चुप कराने के लिए उनको किए गए भुगतान को छुपाने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी की।
मुकदमा न्यूयॉर्क और चार अन्य राज्यों में प्राथमिक चुनावों से एक सप्ताह पहले शुरू होने वाला है। इसके बाद 17 और राज्यों में चुनाव होंगेे। ट्रम्प के वकील ने दावा किया कि यह "चुनावी हस्तक्षेप" के बराबर है।
अदालत कक्ष के बाहर ट्रंप ने कहा, "वे मुझे अन्य मामलों में व्यस्त रखना चाहते हैं इसलिए मैं अधिक मेहनत से प्रचार नहीं कर सकता।" गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में नौ महीने से भी कम समय बचा है। ट्रम्प स्थानीय और संघीय मामलों के जाल में फंस गए हैं। इसमें 2020 के चुनाव परिणाम को उखाड़ फेंकने के प्रयास, चुनाव में हस्तक्षेप, मानहानि, धोखाधड़ी और आधिकारिक रहस्य कानूनों के उल्लंघन सहित लगभग 90 आरोप शामिल हैं।
इस बीच, उन्हें जुलाई के मध्य में पार्टी के सम्मेलन से पहले, राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के चुनाव के लिए प्राइमरीज़ और कॉकस, इंट्रापार्टी चुनावों का सामना करना होगा, जो नामांकन को औपचारिक रूप देगा। गुरुवार को जॉर्जिया राज्य के अटलांटा में, इस आरोप को लेकर अदालत में हंगामा मच गया कि ट्रम्प के खिलाफ चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाने वाले स्थानीय अभियोजक उन वकीलों में से एक के साथ रोमांटिक रिश्ते में शामिल है, जिसे उसने मामले की पैरवी के लिए नियुक्त किया है।
यदि यह स्थापित हो जाता है कि अभियोजक फानी विलिस, वकील नाथन वेड के साथ शामिल है, जिसने उसे काम पर रखने से पहले मामले के लिए लगभग 6 लाख 50 हजार डॉलर का भुगतान प्राप्त किया था, तो यह हितों का टकराव हो सकता है और उसे मामले से बाहर करने का आदेश दिया जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो किसी अन्य अभियोजक को मामला उठाना होगा, इससे मुकदमे में देरी होगी। चुनाव हस्तक्षेप मामले में ट्रम्प के सह-प्रतिवादियों में से एक के वकील द्वारा विलिस के खिलाफ आरोप लगाए गए थे, इसमें उन पर और अन्य पर देश के चुनाव परिणाम को पलटने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था।
विलिस और वेड दोनों ने अपने संबंध से इनकार नहीं किया है, लेकिन कहा है कि यह वेड को विशेष अभियोजक के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद शुरू हुआ है। इसलिए यह रिश्ते से प्रेरित नहीं है। वाशिंगटन मामले में ट्रम्प पर राष्ट्रपित चुनाव परिणाम को पलटने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए, सुनवाई कर रहे संघीय न्यायाधीश तान्या चुटकन ने सुनवाई की तारीख 4 मार्च तय की, लेकिन यह ट्रम्प द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पर निर्भर है। उस मामले में ट्रम्प पर 6 जनवरी, 2021 के दंगों को भड़काने का आरोप लगाया गया है, जिस दौरान उनके समर्थकों ने कांग्रेस को राष्ट्रपति जो बाइडेन के चुनाव को मंजूरी देने से रोकने के लिए कैपिटल पर कब्जा कर लिया था।
आधिकारिक गोपनीयता मामले में ट्रंप पर 20 मई की सुनवाई की तारीख है, जहां उन पर कार्यालय छोड़ने के बाद अवैध रूप से वर्गीकृत दस्तावेजों को अपने साथ ले जाने और उन्हें अपने पास रखने का आरोप है। पिछले हफ्ते, न्यूयॉर्क में एक संघीय न्यायाधीश ने मानहानि के मामले में गलत मुकदमा चलाने की घोषणा करने के ट्रम्प के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट कोलोराडो अदालतों के एक फैसले के खिलाफ एक अपील पर भी सुनवाई कर रहा है कि ट्रम्प राज्य में मतदान में शामिल नहीं हो सकते, क्योंकि वह 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल पर हमलेे के दौरान अपने समर्थकों के साथ शामिल थे, यह एक विद्रोह के समान था। अमेरिकी संविधान विद्रोह में भाग लेने वालों को पद पर बने रहने से रोकता है।
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जरदारी दूसरी बार बन सकते हैं पाकिस्तान के राष्ट्रपति

  • शहबाज शरीफ संभालेंगे प्रधानमंत्री की कुर्सी
इस्लामाबाद। इमरान खान की पार्टी पीटीआई द्वारा समर्थित उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन नेशनल असेंबली की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद पीटीआई की सरकार नहीं बन पाएगी। 
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएमएल-एन और पीपीपी में गठबंधन के बाद अगर स्थिति में बदलाव नहीं होता है तो देश में पीएमएल-एन पार्टी का प्रधानमंत्री और पीपीपी का राष्ट्रपति देखने को मिलेगा। मंगलवार रात को सभी को चौंकाते हुए नवाज शरीफ ने अपने भाई शहबाज शरीफ को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का एलान किया।
पीएमएल-एन के साथ गठबंधन को लेकर जरदारी कर रहे थे लगातार बैठकें-
आठ फरवरी को पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में खंडित जनादेश मिला था और किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में पाकिस्तान में गठबंधन सरकार का बनना तय था। इमरान खान की पार्टी पीटीआई द्वारा समर्थित उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन नेशनल असेंबली की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद पीटीआई की सरकार नहीं बन पाएगी। पीपीपी अध्यक्ष जरदारी (68 वर्षीय) साल 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया में बीते दिनों ऐसी खबरें आ रहीं थी कि पीएमएलएन के साथ गठबंधन सरकार बनाने को लेकर पीपीपी में दो फाड़ है और खुद बिलावल भुट्टो जरदारी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन असिफ अली जरदारी गठबंधन करने के पक्ष में थे और लगातार पीएमएल-एन नेतृत्व के साथ बैठकें कर रहे थे।
इसी महीने के अंत में पद छोड़ेंगे आरिफ अल्वी-
पाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी इस महीने के अंत तक अपना पद छोड़ने वाले हैं। पीएमएल-एन ने मंगलवार रात पार्टी प्रमुख और तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बजाय उनके भाई 72 वर्षीय शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया। 74 वर्षीय नवाज़ शरीफ रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की कोशिश में थे और ब्रिटेन में स्व-निर्वासन समाप्त कर पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान लौटे थे।
पीएमएल-एन और पीपीपी ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू), आईपीपी (इस्तेकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी) और बलूचिस्तान आवामी पार्टी (बीएपी) के साथ मिलकर केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया है।
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पाकिस्तान : इमरान खान की पार्टी को झटका

  • पंजाब में समर्थक तीन उम्मीदवारों ने थामा विपक्ष का दामन
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आम चुनाव के साथ-साथ पंजाब में सरकार बनाने को लेकर सियासी रस्साकशी जारी है। दरअसल, इमरान के समर्थन से चुनाव लड़ने वाले कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए चुनाव में जीत हासिल की है। हालांकि, बहुमत से दूर होने की वजह से इमरान समर्थक अभी भी जद्दोजहद कर रहे हैं। वहीं, बाकी विपक्षी दल इमरान को हराने के लिए साथ आने को तैयार हो गए हैं। इस बीच पंजाब में रातोंरात इमरान के तीन समर्थक उम्मीदवारों ने विपक्षी दल का दामन थामने का फैसला किया है। 
इसे इमरान के सियासी करियर के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। दूसरी तरफ जोड़तोड़ की राजनीति का नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज को फायदा मिला है। पीएमएल-एन पंजाब की प्रांतीय विधानसभा में निर्वाचित आठ और निर्दलीय सदस्यों और नेशनल असेंबली में निर्वाचित एक सदस्य को अपने पाले में लाने में कामयाब रही है। इससे नेशनल असेंबली (संसद का निचला सदन) में उसकी सीटों की संख्या 80 और पंजाब असेंबली में सदस्यों की संख्या 150 से अधिक हो गई है।
पंजाब में पीएमएल-एन ने नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया है। पंजाब विधानसभा में पीटीआई समर्थित तीन सदस्यों ने अलीम खान की इस्तेकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी (आईपीपी) के साथ हाथ मिला लिया।
आईपीपी के प्रमुख संरक्षक जहांगीर खान तारीन के इस्तीफे के बाद अलीम ही पार्टी का कामकाज संभाल रहे हैं। यह पार्टी नौ मई को हुई हिंसा के बाद इमरान खान की पीटीआई से अलग होकर बनी थी। अलीम कथित तौर पर ताकतवर समूहों की मदद से पंजाब में अपनी संख्या बढ़ाने के लिए पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रांतीय विधानसभा में निर्वाचित पीटीआई समर्थित तीन सदस्यों - सरदार अवैस द्रशिक, जाहिद इस्माइल भट्टा और हाफिज ताहिर कैसरानी तथा एक अन्य निर्दलीय सदस्य गजनफार अब्बास चीना ने लाहौर में अलीम से मुलाकात की और आईपीपी में शामिल होने की घोषणा की।
अलीम ने दावा किया कि प्रांतीय विधानसभा में पीटीआई समर्थित 10-15 सदस्यों का एक अन्य समूह जल्द ही आईपीपी में शामिल होगा और वह उनके संपर्क में है। सिंध में पीटीआई समर्थित चौथा सदस्य एजाज स्वाति, बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) में शामिल हो गया।
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PM नरेंद्र मोदी का हुआ औपचारिक स्वागत

  • शासक शेख तमीम के साथ बैठक में हुए शामिल
दोहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार देर रात कतर की राजधानी दोहा पहुंच गए। यहां उन्होंने अपने समकक्ष शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच भारत और कतर के संबंधों को बढ़ाने पर बात हुई। पीएम मोदी ने इस बैठक को शानदार करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद कतर के शासक शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-कतर के संबंधों के साथ वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहा में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहा में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की।
पीएम मोदी ने कतर में भव्य स्वागत के लिए जताया आभार-
प्रधानमंत्री मोदी ने कतर की राजधानी में अपने आगमन पर असाधारण स्वागत के लिए भारतीय प्रवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया है। मोदी ने ‘एक्स’ पर कुछ तस्वीरों के साथ लिखा, “दोहा में असाधारण स्वागत! प्रवासी भारतीयों का आभारी हूं।” मोदी के यहां पहुंचने पर भारतीय समुदाय के सदस्यों ने उनका स्वागत किया, जिनमें मुस्लिम बोहरा समुदाय के सदस्य भी थे। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कतर की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होने से पहले मोदी ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि दोहा में 800,000 से अधिक भारतीय समुदाय की मजबूत उपस्थिति हमारे लोगों से लोगों के बीच मजबूत संबंधों का प्रमाण है।
प्रवासी भारतीयों ने किया पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत-
प्रधानमंत्री मोदी के दोहा पहुंचने के बाद होटल के बाहर प्रवासी भारतीयों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। हाथों ने भारतीय तिरंगा लेकर आए लोगों ने 'मोदी-मोदी' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। पीएम मोदी ने होटल के बाहर स्वागत के लिए जुटे लोगों से हाथ मिलाया। कुछ प्रवासी भारतीयों ने पीएम मोदी को किताबें भी भेंट कीं। इस दौरान लोगों ने पीएम मोदी से बातचीत की और उनके साथ तस्वीरें भी लीं। एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, दोहा में असाधारण स्वागत के लिए प्रवासी भारतीयों का आभारी हूं।
द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर विस्तार से बात-
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत-कतर साझेदारी को मजबूत बनाने पर दोनों देशों के बीच विस्तार से बात हुई। पीएम मोदी ने दोहा में कतर के प्रधानमंत्री सह विदेश मंत्री एचएच मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान के साथ बैठक कर द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर विस्तार से बात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, भारत कतर के साथ ऐतिहासिक और गहरे संबंधों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। कतर के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत की योजना है।
निवेश, ऊर्जा और वित्तीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा-
बुधवार देर रात पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, ऊर्जा और वित्त जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। पीएम मोदी का मध्य एशियाई देश कतर (पश्चिम एशिया) जाना इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में कतर ने आठ पूर्व नौसैनिकों की सजा माफ की है। सात नागरिक भारत लौट आए हैं।
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PM नरेंद्र मोदी ने कतर में भारतीय प्रवासियों से की मुलाकात

दोहा। संयुक्त अरब अमीरात की दो दिवसीय तूफानी यात्रा के समापन के बाद दोहा पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर में भारतीय प्रवासियों से मुलाकात की और कहा कि वह समुदाय के "आभारी" हैं। वह बुधवार देर रात यहां पहुंचे जून 2016 के बाद, यह मोदी की उस देश की दूसरी यात्रा है, जहां लगभग 8,40,000 भारतीय रहते हैं। “दोहा में असाधारण स्वागत! प्रवासी भारतीयों के प्रति आभारी हूं,'' प्रधानमंत्री ने एक्स पर भारतीय समुदाय के सदस्यों द्वारा उनका स्वागत किए जाने की तस्वीरों के साथ पोस्ट किया।
उन्होंने पहले एक बयान में कहा था कि दोहा में मजबूत भारतीय समुदाय की उपस्थिति "हमारे लोगों के बीच मजबूत संबंधों का प्रमाण है"। उनके आगमन पर, विदेश राज्य मंत्री सोल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने उनका स्वागत किया और अपने कतरी समकक्ष शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मिलने के लिए आगे बढ़े। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच दोस्ती को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। “प्रधानमंत्री @MBA_AlThani के साथ एक अद्भुत बैठक हुई। हमारी चर्चा भारत-कतर मित्रता को बढ़ावा देने के तरीकों के इर्द-गिर्द घूमती रही,'' मोदी ने एक्स पर लिखा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम ने कतर के पीएम के साथ "एक सार्थक बैठक" की, जिसमें व्यापार और निवेश, ऊर्जा और वित्त जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
गुरुवार को पीएम मोदी कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करेंगे। भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में लगभग 20 बिलियन डॉलर का है, और कतर भारत में विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं में एक महत्वपूर्ण निवेशक भी है। यह यात्रा सामयिक है क्योंकि यह आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों की रिहाई के ठीक बाद हो रही है, जिन्हें पिछले साल कतर द्वारा जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। वे दोहा स्थित कंपनी दहरा ग्लोबल के कर्मचारी थे और उन्हें अगस्त 2022 में हिरासत में लिया गया था। उनकी पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक राजेश के रूप में की गई। कतर की अपीलीय अदालत ने पिछले साल दिसंबर में उनकी मौत की सजा को तीन साल से 25 साल के बीच कारावास में बदल दिया था।
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