हिंदुस्तान

वंदे भारत को लेकर यात्रियों में जबरदस्त क्रेज

बाकी ट्रेनों को है यात्रियों का इंतजार
देश की पहली हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन को यात्री बहुत पसंद कर रहे हैं। ऐसे में रेलवे मंत्रालय भी आए दिन हर राज्य से नई ट्रेनें शुरू कर रहा है। अब तक देश में कुल 10 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनें पटरी पर दौड़ रही हैं। जबकि 11वीं वंदेभारत ट्रेन जल्द ही जयपुर से दिल्ली के बीच शुरू होने वाली है। वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर यात्रियों में ऐसा क्रेज दिख रहा है कि शताब्दी एक्सप्रेस जैसी महत्पूर्ण ट्रेन भी पीछे छूटते नजर आ रही हैं।
अगर वंदे भारत ट्रेनों की बात करें, तो 10 में से 5 वंदे भारत ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी 100 फीसदी के पार जा पहुंची है। यानी इसमें प्रत्येक ट्रिप में सभी सीटें फुल चल रही हैं और ट्रेन वेटिंग में चल रही हैं। जबकि अन्य चार वंदे भारत की ऑक्यूपेंसी 70 फीसदी के पार जा पहुंची है। उम्मीदों के मुताबिक यात्री इसमें सफर कर रहे हैं। जबकि एक वंदे भारत ट्रेन जो नागपुर-बिलासपुर के बीच चल रही है उसकी ऑक्यूपेंसी 50 से 55 फीसदी के बीच है।
इन ट्रेनों को लेकर हाल ही में राज्यसभा में रिपोर्ट में पेश की गई। इसमें सामने आया है कि अहमदाबाद-मुंबई के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन सबसे ज्यादा ऑक्यूपेंसी और यात्रियों के साथ चल रही है। जबकि सबसे कम यात्री बिलासपुर-नागपुर रुट पर देखने को मिल रहे हैं। वहीं देश की सबसे पहली वंदे भारत वाराणसी-दिल्ली दूसरे स्थान पर है। यह ट्रेन चार साल पहले शुरू हुई थी।
ये हैं 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक के आंकड़े
रिपोर्ट में उपलब्ध 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक आकड़ों के मुताबिक, मुंबई से गांधी नगर ट्रेन की ऑक्यूपेंसी 126.6 फीसदी, वाराणसी-नई दिल्ली की ऑक्यूपेंसी 126.3 फीसदी, नई दिल्ली-वैष्णोदेवी कटरा की ऑक्यूपेंसी 106.9 फीसदी, विशाखापत्तन-सिकंदराबाद ट्रेने की ऑक्यूपेंसी 106 फीसदी, हावड़ा-न्यूजलपाईगुड़ी की ऑक्यूपेंसी 103.2 फीसदी, सोलापुर-छत्रपति शिवाजी की ऑक्यूपेंसी 81.3 फीसदी, छत्रपति शिवाजी से शिरडी के बीच की ऑक्यूपेंसी 78.4 फीसदी है। जबकि नई दिल्ली से अम्ब अंदौरा के बीच ऑक्यूपेंसी 79 फीसदी है। एमजीआर-चेन्नई-मैसूर के बीच ऑक्यूपेंसी 77.2 फीसदी है। जबकि बिलासपुर-नागपुर की बीच की ऑक्यूपेंसी सबसे कम 54.1 फीसदी है।
इसलिए आगे है गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत
20902/01 गांधीनगर कैपिटल-वंदे भारत एक्सप्रेस की रेगुलर सेवा एक अक्तूबर 2022 से शुरू हो गई थी। इसकी पहले दिन की मुंबई सेंट्रल से गांधीनगर कैपिटल ट्रिप में यात्रियों का रिकॉर्ड तोड़ रिस्पॉन्स मिला, जिससे इस ट्रेन की ऑक्यूपेंसी 100 फीसदी तक पहुंच गई थी। इस वंदे भारत एक्सप्रेस की सबसे ज्यादा ऑक्यूपेंसी 11 और 12 जनवरी को रही। जहां 11 जनवरी को इस ट्रेन से कुल 3073 यात्रियों ने आवाजाही की। इसकी कुल ऑक्यूपेंसी 141 फीसदी रही। जबकि 12 जनवरी को इस ट्रेन से कुल 3909 यात्रियों ने सफर किया, जिससे कुल ऑक्यूपेंसी 142 फीसदी रही। अब इसके परिचालन के अब 150 से ज्यादा दिन पूरे हो चुके हैं, जिससे इसकी ऑक्यूपेंसी हर दिन 100 फीसदी से 130 फीसदी तक जा रही है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि देश भर में चल रहीं वंदे भारत ट्रेनों के प्रति यात्रियों का रुझान बढ़ा है। दरअसल वंदे भारत ट्रेनों और पहले से चल रही शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों के बीच किराये का फर्क बहुत मामूली है। इसलिए लग्जरी अनुभव और सेमी हाई स्पीड यात्रा को लेकर लोग वंदे भारत ट्रेनों को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं।
देश में चलनी हैं 75 वंदे भारत ट्रेनें
भारतीय रेल द्वारा देश के विभिन्न भागो को जोड़ने के लिए 75 वंदे भारत कुर्सी यान ट्रेनों के विनिर्माण की योजना बनाई है। इसके अलावा वर्ष 2022-23 के बजट में बेहतर ऊर्जा क्षमता और बेहतर यात्रा अनुबह्व के साथ 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों के विकास एवं निर्माण के संबंध में घोषणा की गई है। जबकि जल्द ही देश की 11वीं वंदे भारत जयपुर-दिल्ली के बीच फर्राटे भरेगी।
वंदे भारत ट्रेन क्यों बनी पहली पसंद
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करती है। ट्रेन में ऑटोमैटिक प्लग डोर, टच-फ्री स्लाइडिंग डोर, एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवॉल्विंग सीट के अलावा सीसीटीवी जैसी कई सुरक्षा विशेषताएं हैं। ट्रेन को 160 किमी/घंटे की रफ्तार तक पहुंचने में महज 129 सेकेंड का समय लगता है। देश में ऐसी कुल दस ट्रेनें सेवा में हैं, जिनमें से चार एक ही राज्य (महाराष्ट्र) में संचालित होती हैं। दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत देश की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन थी, जिसे फरवरी 2019 में हरी झंडी दिखाई गई थी।

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