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अडानी ने भारतीय कानून और अमेरिकी कानून दोनों को तोड़ा है : राहुल गांधी

नई दिल्ली। सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट रिश्वत मामले में गौतम अडानी और अन्य पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा आरोप लगाए जाने पर, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "अब यह अमेरिका में बिल्कुल स्पष्ट और स्थापित हो चुका है कि अडानी ने भारतीय कानून और अमेरिकी कानून दोनों को तोड़ा है. अमेरिका में उन पर अभियोग लगाया गया है. मुझे आश्चर्य हो रहा है कि अडानी इस देश में एक स्वतंत्र व्यक्ति की तरह क्यों घूम रहे हैं. मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है...अडानी ने जाहिर तौर पर 2000 करोड़ रुपये का एक घोटाला किया है और संभवतः कई अन्य घोटाले किए हैं, लेकिन वह बेखौफ घूम रहे हैं...हम इसे बार-बार दोहरा रहे हैं...यह इस बात की पुष्टि है कि हम क्या कह रहे हैं, प्रधानमंत्री अडानी को बचा रहे हैं और प्रधानमंत्री अडानी के साथ भ्रष्टाचार में शामिल हैं..."
भारतीय अरबपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी को अमेरिका से एक बड़ा झटका लगा है. पोर्ट से लेकर हवाई अड्डों, घर की रसोई से लेकर एनर्जी सेक्टर तक बड़े साम्राज्य वाले अडानी पर US में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. ये पूरा मामला अडानी ग्रीन एनर्जी और एन्य अन्य फर्म एज्योर पावर से जुड़ा हुआ है.
गौतम अडानी पर लगे क्या आरोप?
सबसे पहले बात कर लेते हैं उन आरोपों के बारे में, जो अमेरिका में गौतम अडानी और उनकी कंपनी पर लगाए गए हैं. तो बता दें कि गौतम अडानी पर कथित तौर पर US में उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़ा कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और इसे अमेरिकी बैंकों और इन्वेस्टर्स से छिपाने का आरोप लगाया गया है. अमेरिकी अभियोजकों ने दावा किया है कि कंपनी के अन्य सीनियर ऑफिशियल्स ने कॉन्ट्रेक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को ये पेमेंट करने पर सहमति जताई थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रीन एनर्जी ने झूठे बयानों के आधार पर गुमराह किया और 2021 में बॉन्ड की पेशकश के साथ अमेरिका समेत अन्य इंटरनेशल इन्वेस्टर्स और अमेरिकी बैंकों से पैसे जुटाए. अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस का कहना है कि अरबों डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट को हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक बड़ी योजना तैयार की गई थी. ऐसा भी कहा गया है कि गौतम अडानी ने भी इस संबंध में कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों से व्यक्तिगत मुलाकात की थी.
किस प्रोजेक्ट को लेकर घेरे में अडानी
अब बात करते हैं कि आखिर गौतम अडानी के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला ये प्रोजेक्ट है क्या और कहां का है? अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक, गौतम अडानी की कंपनी ने राज्य के स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को 12 गीगावाट सोलर एनर्जी देने के लिए कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया. हालांकि, SECI को सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारत में खरीदार नहीं मिल पा रहे थे और बायर्स के बिना सौदा आगे नहीं बढ़ सकता था. ऐसे में अडानी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई. रिपोर्ट की मानें तो इसका एक बड़ा हिस्सा आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को दिया गया.
अमेरिकी अभियोजकों ने ये भी कहा कि इस पूरे हेर-फेर में अपनी संलिप्तता को छिपाने के लिए Code Name का इस्तेमाल किया गया था. उदाहरण के लिए गौतम अडानी को 'न्यूमेरो यूनो' या 'द बिग मैन' कहा जाता था. इस मामले से जुड़ा पूरा कम्युनिकेशन एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग के जरिए किया गया था. इन दोनों कंपनियों ने कथित तौर पर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए थे.
अडानी ग्रीन ने बयान जारी कर कही ये बात
इस पूरे मामले पर अब अडानी ग्रुप का बयान भी आ गया है. इसमें कहा गया है कि अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने हमारे बोर्ड के सदस्यों गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक अभियोग जारी किया है.US स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इसमें शामिल किया है. इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, हमारी सहायक कंपनियों ने फिलहाल प्रस्तावित USD नामित बॉन्ड पेशकशों के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अमेरिका से लगे आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों ने 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड को रद्द कर दिया है.

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