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सभापति के खिलाफ नोटिस को कामयाब नहीं होने देंगे : किरेन रिजिजू

नई दिल्ली। विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया है। इस बीच बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर हंगामे के बीच शुरू हुई और थोड़ी ही देर में हंगामा इतना बढ़ गया कि राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। गौरतलब है कि पिछले तीन कार्य दिवसों से राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार जबरदस्त गतिरोध बना हुआ है। इस गतिरोध के कारण सदन की कार्यवाही नहीं चल पा रही है।
बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में हो रहे हंगामे के बीच कहा कि भारतीय लोकतंत्र में 72 साल बाद एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति के पद पर पहुंचा हैं, इस देश की सेवा करने का काम किया है। पूरा देश देख रहा है कि उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा के सभापति के रूप में कैसे इस सदन की गरिमा को बनाए रखा है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आप लोगों ने बाहर जाकर, विभिन्न कार्यक्रमों में उपराष्ट्रपति का नाम लेकर बे-मतलब के आरोप लगाए हैं। उन्होंने विपक्षी सांसदों से कहा कि अगर आप सभापति को सम्मान नहीं दे सकते हैं तो आप इस सदन के सदस्य होने के लायक नहीं हैं।
किरेन रिजिजू ने कहा कि हम मंत्री के रूप में इस देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने की शपथ लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप उपराष्ट्रपति पद की गरिमा पर हमला करेंगे तो हम जरूर उसका बचाव करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और जार्ज सोरोस के बीच संबंधों को लेकर जो बात आ रही है वह हमने नहीं कहीं, यह बात अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में कही गई है। उन्होंने कहा कि जो बात जार्ज सोरोस बोलते हैं आप लोग भारत में वही बात बोलते हैं। उन्होंने कहा कि आप भारत विरोधियों के साथ खड़े रहते हो। उन्होंने कहा कि आप सभापति के खिलाफ नोटिस देते हो ऐसा सभापति मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सभापति ने सदैव किसानों, गरीबों की बात की है।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि जगदीप धनखड़ सभापति के रूप में इस चेयर पर आसीन हैं, हमें इस बात का गर्व है। उन्होंने कहा कि सभापति के खिलाफ इस प्रकार के नोटिस एक्शन को हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे। किरेन रिजिजू के उपरांत पूर्व प्रधानमंत्री व जेडीएस के राज्यसभा सांसद एचडी देवगौड़ा ने भी विपक्ष द्वारा राज्यसभा सभापति के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया।
इसके जवाब में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा विपक्ष के लोग संविधान का सम्मान करते हैं। उन्होंने भाजपा और सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग अंबेडकर का संविधान बदलना चाहते हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।

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