महाकाल के भक्तों को नहीं मिल रहा तिलक, प्रसाद का लाभ
25-Sep-2024 3:04:22 pm
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ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में देश-विदेश से आने वाले दर्शनार्थियों को तिलक, प्रसाद का लाभ नहीं मिल पा रहा है। भक्त भगवान महाकाल की भस्म प्रसादी से भी वंचित हैं। यह योजना कई दिनों से बंद पड़ी है।
महाकाल मंदिर में कुछ समय पहले तक महाकाल दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थियों को मंदिर समिति की ओर से तिलक लगाया जाता था। साथ ही चिरोंजी तथा भगवान महाकाल को भस्म आरती में अर्पित की जाने वाले भस्म को प्रसाद रूप में वितरित की जाती है।
मंदिर समिति ने भक्तों को तिलक लगाने तथा प्रसाद वितरित करने के लिए नंदी मंडपम के रैंप पर एक काउंटर लगा रखा था। इसे तिलक प्रसाद काउंटर कहा जाता था।
मंदिर प्रशासन द्वारा इस काउंटर पर 8-8 घंटे की शिफ्ट में कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाती थी। योजना के बंद हो जाने से भक्तों को भस्म नहीं मिल पा रही है। उन्हें तिलक लगवाने के लिए परिसर के मंदिरों में जाना पड़ता है।
महाकाल मंदिर में हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने आते हैं। दर्शनार्थी मंदिर के बाहर लगी दुकानों से भगवान को अर्पण करने के लिए फूल और प्रसाद खरीदते हैं।
दुकानदार फूल-प्रसाद की डलिया में चिरोंजी के दो पैकेट रखकर देते हैं। श्रद्धालुओं को बताया जाता है कि एक पैकेट भगवान को चढ़ाया जाएगा। दूसरा पैकेट आपको प्रसाद के रूप में मिलेगा। मंदिर में होता भी वही है।
एक पैकेट पाट पर बैठे पंडे, पुजारी रख लेते हैं। दूसरा पैकेट दर्शनार्थी को देते हैं। इस प्रकार मंदिर में दिनभर में सैकड़ों पैकेट प्रसाद इकट्ठा हो जाता है। मंदिर समिति इस प्रसाद को भक्तों में वितरित कर सकती है।
भस्म प्रसाद के लिए भटकते हैं भक्त-
महाकाल दर्शन करने आने वाले भक्त भस्म के लिए मंदिर में इधर-उधर भटकते नजर आते हैं। पहले मंदिर समिति तिलक प्रसाद काउंटर से भस्म का निश्शुल्क वितरण करती थी। इसके अलावा मंदिर के प्रसाद काउंटरों ने भस्म प्रसाद के नाम से ड्रायफ्रूट के प्रसाद का विक्रय किया जाता था। इस पैकेट में सूखे मेवे के साथ एक भस्म की पुड़िया रखी जाती थी। मंदिर समिति ने अब यह दोनाें ही योजना बंद कर दी हैं।