धान का कटोरा

साफ-सफाई का रखें ध्यान, मच्छरों को पनपने से रोकें, डेंगू से बचें

झूठा सच @ रायपुर / बिलासपुर :-  मच्छरों से होने वाली बीमारियां होने की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ-सफाई रखने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। साथ ही घरों के आसपास नियमित साफ-सफाई रहने और पानी जमा नहीं होने देने की अपील की जा रही है। इसके अलावा मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को वेक्टर जनित रोगों यानि मलेरिया, डेंगू के लक्षण और उपचार के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

छत्तीगढ़ से लगे दूसरे राज्यों में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐहतियात बरती जा रही है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर में पानी जमा नहीं होने देने के बारे में लोगों को जागरूक कर रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि घर एवं घर के आसपास छोटे बर्तन, खाली टंकी, छत पर पड़े सामान में पानी जमा होता है, जिसमें मच्छरों का लार्वा बड़ी आसानी से पनपता है। इसे नष्ट नहीं किया गया तो मच्छर जनित बीमारियों मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बना रहता है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया: "नवंबर तक संचारी रोगो जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि का खतरा बना रहता है। समुदाय को इन बीमारियों के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। साथ ही जमें पानी में पनपे लार्वा को भी टेमिफास्ट का घोल, जला मोबिल डालकर नष्ट करना भी आवश्यक है। इसलिए लोगों को डेंगू के प्रभावों के प्रति जागरूक करते हुए इससे बचाव के उपाय अपनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा : "त्योहार मनाने के लिए लोग दूसरे प्रांत गए थे, ऐसे में उनके लौटने पर डेंगू के मरीज मिलने की संभावना हो सकती है। इसलिए ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है। इसके लिए जिले के सभी पैथालॉजी लैब और क्लीनिक को डेंगू जांच में सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं ।"

दिखे यह लक्षण तो हो जाएं सतर्क- अचानक सिर में तेज दर्द, बुखार, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, उल्टी आना, त्वचा पर चकत्ते उभरना आदि डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षण के होने पर सतर्क होकर फौरन पैथोलॉजी जांच कराना चाहिए। डेंगू का इलाज संभव है इसमें मरीज को जैसे लक्षण होते हैं उसके आधार पर दवा दी जाती है। अति गंभीर स्थिति यानी रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा 50,000 से कम हो जाए तब अस्पताल में भर्ती करना आवश्यक होता है।वहीं तेज बुखार होना, शरीर में दर्द और एंठन होना, बुखार के साथ ठंड या कपकपी लगना और मुंह सुखना आदि लक्षण मलेरिया के होते हैं। ऐसे में फौरन चिकित्सकीय परामर्श लेना जरूरी है।

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