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पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय : कक्षा 11वीं में प्रवेश हेतु 26 नवम्बर तक आवेदन आमंत्रित

कोरिया। पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बैकुण्ठपुर के प्राचार्य ने बताया कि कक्षा 11वी में सत्र 2025-26 में प्रवेश के लिए निःशुल्क ऑनलाइन आवेदन करने के लिए अंतिम तिथि 26 नवम्बर 2024 निर्धारित की गई है। जिले में मान्यता प्राप्त विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा 10वीं के विद्यार्थी किसी भी कंप्यूटर सेंटर अथवा कामन सर्विस सेंटर व लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से आवेदन कर सकते है। उन्होने बताया कि विद्यार्थी वेबसाइट व लिंक https://navodaya.gov.in/nvs/en/Home1 और https://cbseitms.rcil.gov.in/nvs पर जाकर भी आवेदन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बैकुण्ठपुर कोरिया से सम्पर्क किया जा सकता है।
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जेईई मेन के लिए नहीं बढ़ाई जाएगी आवेदन की अंतिम तिथि

  • एनटीए ने जारी किया नोटिस
JEE Main 2025 Registration : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर जेईई मेन 2025 परीक्षा से संबंधित सामान्य प्रश्नों के उत्तर दे दिए हैं। एनटीए ने जानकारी दी है कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा ( जेईई मेन) 2025 के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 22 नवंबर है और इस समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। हालांकि, जो लोग समय सीमा से पहले आवेदन करते हैं और उन्हें अपने फॉर्म में बदलाव करने की आवश्यकता होती है, उन्हें 26 से 27 नवंबर के बीच सुधार विंडो मिलेगी।
जेईई मेन 2025 (सत्र 1) के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया वर्तमान में खुली है और 22 नवंबर, 2024 को बंद हो जाएगी। छात्रों की शंकाओं को हल करने के अलावा, एनटीए ने सत्र-वार परीक्षा तिथियों, परीक्षा शहरों के चयन के लिए दिशा-निर्देश, रिप्रेसेंटेशनल एडमिट कार्ड से जुड़ी समस्याओं से निपटने आदि जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण अपडेट प्रदान किए हैं
एजेंसी ने उन क्षेत्रों को भी साझा किया है जिन्हें उम्मीदवारों को जेईई मेन 2025 सुधार विंडो के दौरान संपादित करने की अनुमति है। उम्मीदवारों को अपना मोबाइल नंबर, ईमेल पता, स्थायी/वर्तमान पता, आपातकालीन संपर्क विवरण और फोटो बदलने की अनुमति नहीं है। इसलिए, उन्हें इन फील्ड को भरते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
एनटीए ने कहा कि परीक्षा शहरों का आवंटन उम्मीदवारों के स्थायी और वर्तमान पते के आधार पर किया जाएगा। एजेंसी ने कहा कि वह उम्मीदवारों द्वारा दिए गए विकल्पों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है।
यदि फॉर्म में परिवर्तन के कारण आवेदन शुल्क बढ़ जाता है, तो अभ्यर्थियों को सुधार के दौरान इसका भुगतान करना होगा, तथा भुगतान के बाद ही फील्ड अपडेट किए जाएंगे। हालांकि, यदि सुधार के बाद शुल्क कम हो जाता है, तो एजेंसी उम्मीदवारों को पैसे वापस नहीं करेगी।
निम्नलिखित में से किसी भी एक विवरण में कर सकते हैं बदलाव-
नाम
माता का नाम
पिता का नाम
इन सभी क्षेत्रों में कर सकते हैं बदलाव
कक्षा 10/समकक्ष विवरण
कक्षा 12/समकक्ष विवरण
पैन नंबर
जन्म तिथि
लिंग
वर्ग
उप श्रेणी
दिव्यांग स्थिति
हस्ताक्षर
अभ्यर्थी पेपर, परीक्षा का माध्यम और परीक्षा शहर की प्राथमिकता भी बदल सकते हैं।
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एक नहीं है एजुकेशन लोन और पीएम विद्यालक्ष्मी योजना

  • जानिए...दोनों में क्या है अंतर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम विद्यालक्ष्मी योजना छात्रों के लिए एक नया अवसर लेकर आई है। यह योजना विशेष रूप से उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता की तलाश में हैं। हालांकि यह शिक्षा ऋण की तरह ही एक वित्तीय सहायता योजना है, लेकिन यह योजना पारंपरिक एजुकेशन लोन से कई मायनों में अलग है। आइए जानते हैं कि कैसे पीएम विद्यालक्ष्मी योजना 'एजुकेशन लोन' से अलग है और इसके क्या फायदे हैं।
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आसानी से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत, विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, लोन और अन्य वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान की जाती है। यह योजना भारतीय छात्रों को विदेशों में और घरेलू स्तर पर भी उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अवसर देती है।
दूसरी तरफ, एजुकेशन लोन छात्रों को उनकी उच्च शिक्षा के लिए बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा दिया जाने वाला ऋण होता है। यह ऋण विभिन्न शिक्षा संस्थानों से संबंधित ट्यूशन फीस, किताबों, रहने की व्यवस्था, यात्रा और अन्य खर्चों को कवर करने के लिए प्रदान किया जाता है। इस ऋण को सामान्यतः निश्चित समय अवधि के भीतर लौटाना होता है, और इसके साथ ब्याज भी जुड़ा होता है।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना न केवल लोन बल्कि छात्रवृत्ति भी प्रदान करती है। छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ वित्तीय सहायता की अन्य सेवाएं भी इस योजना के तहत मिलती हैं, जैसे कि बैंक लोन, स्कॉलरशिप और लोन पर रियायत। वहीं, एजुकेशन लोन में केवल लोन की सुविधा होती है, जिसका भुगतान बाद में ब्याज सहित करना होता है। इसमें छात्रवृत्ति की कोई व्यवस्था नहीं होती।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों को विशेष रियायती ब्याज दरें मिल सकती हैं, क्योंकि इसे सरकार के द्वारा वित्तपोषित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को कम ब्याज दरों पर लोन प्रदान करना है, ताकि वे आसानी से अपनी शिक्षा को पूरा कर सकें। वहीं, एजुकेशन लोन में ब्याज दरें बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा तय की जाती हैं। हालांकि सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले लोन पर भी कुछ रियायतें हो सकती हैं, लेकिन आमतौर पर ब्याज दर अधिक होती है।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना में छात्रों को एक ही जगह पर विभिन्न लोन और स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने का अवसर मिलता है। इसके लिए एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की गई है, जहां से छात्र विभिन्न संस्थाओं के लोन और छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, एजुकेशन लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया अलग-अलग बैंकों में विभिन्न होती है। इसमें अधिकतर बैंक अपनी विशिष्ट पात्रता शर्तें और आवेदन प्रक्रिया रखते हैं। छात्रों को एक निश्चित बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए उसके नियमों और शर्तों का पालन करना होता है।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना छात्रों को शिक्षा के विभिन्न खर्चों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें ट्यूशन फीस, रहने का खर्च, यात्रा खर्च, पुस्तकें, और लैपटॉप/ कंप्यूटर जैसी अन्य आवश्यकताओं को भी शामिल किया जाता है। वहीं, एजुकेशन लोन में बैंकों द्वारा छात्रों को मुख्य रूप से ट्यूशन फीस, कोचिंग फीस, किताबों के खर्च, हॉस्टल शुल्क, और अन्य संबंधित खर्चों को कवर किया जाता है। कुछ बैंकों द्वारा लैपटॉप और अन्य उपकरणों के लिए भी लोन प्रदान किया जाता है, लेकिन यह केवल कुछ बैंकों की नीतियों पर निर्भर करता है।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत लोन चुकाने की प्रक्रिया सरल और लचीली होती है। इसके साथ ही छात्रों को शिक्षा पूरी होने के बाद, या कुछ मामलों में शिक्षा के दौरान, लोन चुकाने में आसानी मिलती है। कुछ योजनाओं में रियायत दी जाती हैं और लोन चुकाने की अवधि लंबी हो सकती है। वहीं, एजुकेशन लोन के तहत लोन चुकाने की प्रक्रिया आमतौर पर छात्र के शिक्षा पूरी करने के बाद शुरू होती है। इसमें कुछ बैंकों द्वारा छात्र को एक "कूलिंग पीरियड" दिया जाता है, लेकिन यह लोन चुकाने के लिए कड़े नियमों के साथ आता है। इसके साथ ही ब्याज दरें भी लागू होती हैं।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत लोन की राशि छात्रों के शिक्षा संस्थान और पाठ्यक्रम के अनुसार निर्धारित की जाती है। यह योजना अधिकतर शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त राशि प्रदान करती है। हालांकि, एजुकेशन लोन में लोन की राशि बैंक द्वारा तय की जाती है, और यह राशि आमतौर पर छात्रों की शैक्षिक जरूरतों के अनुसार होती है। कुछ मामलों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को अधिक लोन राशि मिल सकती है।
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सीबीएसई ने 10वीं-12वीं के सिलेबस में की कटौती; जानें और क्या हुए बदलाव

  • छात्रों के रटने की आदत होगी कम
CBSE Board Exam 2025 : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कक्षा 10 वीं और 12वीं के सिलेबस में 15% तक की कटौती की घोषणा की है। इंदौर में प्रिंसिपल समिट में की गई इस घोषणा का उद्देश्य गहन अध्ययन को प्राथमिकता देना और रटने की आदत को कम करना है।
घोषणा करते हुए सीबीएसई भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी विकास कुमार अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि सिलेबस में कटौती बोर्ड के विकसित हो रहे शैक्षिक ढांचे के अनुरूप है, जिससे छात्रों को विषय-वस्तु के अत्यधिक बोझ के बिना अधिक व्यापक रूप से विषयों का पता लगाने का अवसर मिलता है।
40% आंतरिक मूल्यांकन वेटेज की होगी शुरूआत-
एक अन्य प्रमुख समायोजन में आंतरिक मूल्यांकन के लिए बढ़ा हुआ भार शामिल है, जो अब अंतिम ग्रेड का 40% होगा, जबकि शेष 60% अंतिम बोर्ड परीक्षाओं पर आधारित होगा। आंतरिक मूल्यांकन घटक में प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और आवधिक परीक्षण शामिल हैं, जो अधिक संतुलित और निरंतर मूल्यांकन प्रणाली को बढ़ावा देते हैं। अग्रवाल ने टिप्पणी की कि इस परिवर्तन के परिणामस्वरूप स्थिर शिक्षा प्राप्त होगी और छात्रों को अपनी समझ को बेहतर ढंग से प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।
कौशल आधारित प्रश्नों होगा फोकस-
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप, सीबीएसई व्यावहारिक ज्ञान और कौशल-आधारित शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए अपने परीक्षा पैटर्न को संशोधित कर रहा है। 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र का लगभग आधा हिस्सा छात्रों की सैद्धांतिक ज्ञान के बजाय वास्तविक जीवन के अनुप्रयोगों की समझ का परीक्षण करेगा।
प्रश्नपत्र के 50% फोकस को व्यावहारिक और लागू परिदृश्यों की ओर स्थानांतरित करके, सीबीएसई का उद्देश्य पारंपरिक रटने की शिक्षा के तरीकों से हटकर आलोचनात्मक सोच और वास्तविक दुनिया की समस्या समाधान कौशल को प्रोत्साहित करना है।
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मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला, 5 छात्र निलंबित

  • एक महीने तक अटेंड नहीं कर पाएंगे क्लास
रायपुर। पंडित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के आरोप में एमबीबीएस सेकंड ईयर के 5 छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। 2023 बैच के इन छात्रों को अब एक महीने तक कक्षाओं और क्लीनिक पोस्टिंग से दूर रहना होगा। यह कदम एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा की गई सुनवाई के बाद उठाया गया है। निलंबित छात्रों में अंशु जोशी, अक्षत जायसवाल, विकास टंडन, गौरव चंद्र महाली और आयुष गुप्ता शामिल हैं। कॉलेज के अधिष्ठाता द्वारा इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया है।
यह रैगिंग की घटना बीते महीने हुई थी। इसके बाद, परिजनों ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) में शिकायत की और सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया, जिससे कॉलेज में हड़कंप मच गया। विवाद के बढ़ने पर, कॉलेज प्रशासन ने एंटी रैगिंग कमेटी को इस मामले की जांच सौंप दी। कमेटी ने जांच के बाद जूनियर छात्रों के आरोपों को सही पाया, जिसके आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गई।
कॉलेज के डीन, डॉ. विवेक चौधरी ने बताया कि रैगिंग की घटना वार्षिकोत्सव के कार्यक्रम से शुरू हुई थी, जो बाद में बढ़ते-बढ़ते विवाद का रूप ले लिया। डॉ. चौधरी ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों को समझाया गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कार्रवाई या कॉलेज से निकाल देना स्थायी समाधान नहीं हो सकता क्योंकि इससे छात्रों के भविष्य पर असर पड़ता है।
ऐसी खबरें हैं कि करीब 50 छात्रों के सिर मुंडवा दिए गए थे। इसके अलावा, एक वॉट्सएप ग्रुप बनाकर जूनियर लड़कियों से तस्वीरें मांगी जा रही थीं। छात्रों पर कई तुगलकी फरमान भी थोपे गए थे, जैसे कि बाल मुंडवाकर रखना, कॉलेज परिसर में फिट कपड़े न पहनना, सामान्य बैग इस्तेमाल करना, और स्टाइलिश जूते न पहनने का आदेश दिया गया था।
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कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए पूर्ण वित्तपोषित PHD कार्यक्रम शुरू किया

लंदन। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ट्रिनिटी कॉलेज ने पूर्ण वित्तपोषित पीएचडी कार्यक्रमों के लिए 48 मिलियन पाउंड की घोषणा की है।
मानविकी और विज्ञान में पीएचडी शोध के लिए घटते वित्त पोषण स्रोतों के जवाब में, ट्रिनिटी कैम्ब्रिज रिसर्च स्टूडेंटशिप (TCRS) की स्थापना की गई। घरेलू और विदेशी छात्रों के अनुपात के आधार पर, कार्यक्रम 300 तक पूर्ण वित्तपोषित पीएचडी छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।
कैम्ब्रिज में शिक्षा के लिए प्रो-वाइस-चांसलर प्रोफेसर भास्कर वीरा ने कहा, "अगर ब्रिटेन को शोध में वैश्विक नेता के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने की उम्मीद है, तो उसे पीएचडी छात्रों की अगली पीढ़ी की मदद करनी चाहिए। हालाँकि हम वित्त पर चिंताजनक तनाव को स्वीकार करते हैं, हम विज्ञान और अनुसंधान में यूके सरकार के निवेश के माध्यम से स्नातकोत्तर शोध छात्रों को दिए गए समर्थन के लिए आभारी हैं।
नया कार्यक्रम अक्टूबर 2025 में छात्रों का समर्थन करना शुरू कर देगा; जो आवेदक 2025-2026 में पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला लेना चाहते हैं, उन पर विचार किया जाएगा।
आवेदन कैसे करें-
चरण 1: अपने पाठ्यक्रम पृष्ठ पर जाएँ और 'अभी आवेदन करें' चुनें। इससे आवेदक पोर्टल खुल जाएगा।
चरण 2: आवेदक पोर्टल पर पंजीकरण करें या साइन इन करें।
चरण 3: प्रासंगिक आवेदन की समय सीमा तक अपना आवेदन पूरा करें और जमा करें।
चरण 4: अपने सहायक दस्तावेज़ अपलोड करें
चरण 5: आवेदन शुल्क का भुगतान करें या शुल्क में छूट दी गई है
चरण 6: आपके रेफ़री ने रेफ़री पोर्टल के माध्यम से अपने संदर्भ जमा किए हैं
प्रत्येक जिस कोर्स के लिए आप आवेदन करना चाहते हैं, उसके लिए अलग आवेदन पत्र के साथ-साथ अलग सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
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सेमीकंडक्टर सेक्टर 2026 तक भारत में 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेगा : रिपोर्ट

नई दिल्ली। भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर का तेजी से विकास हो रहा है। आने वाले वर्षों में इस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। हाल ही में आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनने की ओर बढ़ चला है, इसी के साथ इस इंडस्ट्री में 2026 तक अलग-अलग सेक्टर में 10 लाख नौकरियों की डिमांड जेनेरेट होने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मांग में चिप सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन जैसी कैटेगरी शामिल हैं, जिसका लक्ष्य 3,00,000 रोजगार के अवसर पैदा करना है। वहीं, एटीएमपी (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग) से लगभग 2,00,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, चिप डिजाइन, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, सिस्टम सर्किट और मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन मैनेजमेंट क्षेत्र भी ओपनिंग की उम्मीद है। एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2026 तक सेमीकंडक्टर टैलेंट पाइपलाइन तैयार करने के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स की आवश्यकता होगी। जिसमें इंजीनियर, ऑपरेटर, टेक्नीशियन, क्वालिटी कंट्रोल स्पेशलिस्ट, मटेरियल इंजीनियरिंग पद की नौकरियां शामिल होंगी।
एनएलबी सर्विसेज के सीईओ सचिन अलुग ने कहा, "भारत एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तरीय प्रतिभाओं को विकसित करने के महत्व को पहचानता है। भारत यह भी समझता है कि उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा इस प्रयास का आधार बनती है।"
उन्होंने कहा कि टैलेंट पाइपलाइन बनाने के लिए रीस्किलिंग (किसी और पद के लिए कुशल बनाना) और अपस्किलिंग (बेहतर प्रदर्शन के लिए कौशल सीखना) महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, हर साल 5,00,000 प्रतिभाओं को अपस्किलिंग करने की भी आवश्यकता है।
वित्त वर्ष 2023 में भारत के सेमीकंडक्टर मार्केट का आकार 29.84 बिलियन डॉलर था। वित्त वर्ष 2031 तक इसके 79.20 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें 13.55 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) है।
सरकार ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग पहल की और जरूरी बजट आवंटित किया। निजी कंपनियों ने भी इस सेक्टर के निर्माण में निवेश करने में रुचि दिखाई। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोग्राम और स्किल ट्रेनिंग टैलेंट की कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। इसमें इंटर्नशिप के जरिए छात्रों के लिए रियल हैंड्स ऑन ट्रेनिंग शामिल है। अलुग ने कहा, "कुल मिलाकर, अगले 2-3 वर्षों में, हमें उम्मीद है कि स्किलिंग और रिस्किलिंग में निवेश 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।"
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10वीं और 12वीं कक्षा के लिए जनवरी के अंतिम सप्ताह में प्री-बोर्ड परीक्षा

रायपुर। राज्य के शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों में कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार के उद्देश्य से इस साल से प्री-बोर्ड परीक्षा का आयोजन जनवरी के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने यह कदम छात्रों की बोर्ड परीक्षा की तैयारी को मजबूत बनाने और उनकी सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए उठाया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने  सभी जिला कलेक्टर एवं  जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश के अनुसार, प्री-बोर्ड परीक्षा प्रत्येक जिले द्वारा आयोजित की जाएगी, जिसमें छात्रों से पूरे पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाएंगे। साथ ही, 10वीं और 12वीं का पाठ्यक्रम 10 जनवरी 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि छात्रों को पर्याप्त समय मिल सके।
प्रश्न पत्र निर्माण के लिए जिलों में विषय विशेषज्ञों की समितियाँ गठित की जाएंगी। इन समितियों को प्रश्न पत्र निर्माण के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल के ब्लूप्रिंट का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे परीक्षा का स्तर बोर्ड के अनुरूप सुनिश्चित किया जा सके। छात्रों को भी इस ब्लूप्रिंट से परिचित कराया जाएगा, जिससे वे बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकें।
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गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने फिर हासिल की बड़ी उपलब्धि

  • क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पहली बार मिला 263वां स्थान
बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय को एक बार फिर बड़ी उपलब्धि हाासिल हुई है। क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पहली बार स्थान मिला है। दक्षिण एशिया नवप्रवेशी वर्ग में 263वां स्थान से प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय के साथ प्रदेश के लिए भी गौरव की बात है। शोध की गणुवत्ता, उद्योगों के साथ संबंध, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, शोध एवं शैक्षणिक वातावरण विषयों में शानदार प्रदर्शन के आधार पर चुनाव किया गया है।
नैक द्वारा ए डबल ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय ने विश्व की प्रतिष्ठित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग एशिया में 801-850 के बैंड में शामिल होकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। वहीं एशिया 2025 दक्षिण एशिया नवप्रवेशी वर्ग में 263वां स्थान प्राप्त किया है। विश्व के 19 लाख शिक्षाविदों के अकादमिक रिकार्ड का मूल्यांकन कर यह सूची जारी किया गया है। 17.6 करोड़ साइटेशन एवं 1.74 करोड़ शोध प्रकाशन का विश्लेषण कर रैकिंग का निर्धारण किया गया।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया गया कि शोध की गणुवत्ता, उद्योगों के साथ संबंध, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, शोध एवं शैक्षणिक वातावरण विषयों के आधार पर रैंकिंग दी गई है।
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भारत में एआई हृदय रोग उपचार में ला सकता है क्रांति : विशेषज्ञ

नई दिल्ली। विशेषज्ञों का दावा है कि समय पर पहचान और व्यक्तिगत उपचार के साथ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) भारत में हृदय रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
भारत में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जो चिंता का सबब है। यह देश में मृत्यु का प्रमुख कारण भी है। मैक्स हेल्थकेयर में कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन बलबीर सिंह ने आईएएनएस से बताया कि एआई हृदय संबंधी किसी गड़बड़ी की भविष्यवाणी कर सकता है और इस तरह रोगियों की बड़ी मदद कर सकता है । यह आवाज और आंखों में होने वाले बदलावों को भी आसानी से पहचान सकता है, जो कोई अन्य तरीका या उपकरण नहीं कर सकता।
नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय कार्डियोलॉजी एसयूएमएमए 2024 कार्यक्रम में सिंह ने कहा, "AI में हृदय रोग का पहले पता लगाने, उपचार योजनाओं को व्यक्तिगत बनाने और रोगी के परिणामों में सुधार करके कार्डियोलॉजी में क्रांति लाने की क्षमता है। बड़ी मात्रा में डेटा का त्वरित और सटीक विश्लेषण करने की क्षमता के साथ, AI चिकित्सकों को अधिक सूचित निर्णय लेने में सहायता कर सकता है, जिससे अधिक प्रभावी और समय पर इलाज संभव हो सकता है।"
इसके अलावा, कार्डियोलॉजी विशेषज्ञों ने उल्लेख किया कि AI भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से लाभान्वित कर सकता है क्योंकि देश में बड़ी ग्रामीण आबादी है।
मेयो क्लिनिक के मेडिसिन के प्रोफेसर और कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष पॉल ए. फ्राइडमैन ने आईएएनएस को बताया, "AI भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए फायदेमंद हो सकता है, बड़ी ग्रामीण या दूरदराज की आबादी तक बेहतर इलाज मुहैया करा सकता है।" फ्राइडमैन ने बताया कि चिकित्सा में एआई के तीन मुख्य कार्य हैं - यह ईसीजी या अन्य चिकित्सा निदान परीक्षणों को तेजी से पढ़ने में मदद कर सकता है और रोग की पहचान कर सकता है; यह पता लगा सकता है कि किस शख्स को अधिक उन्नत देखभाल की आवश्यकता है और भविष्य में होने वाली बीमारी की भविष्यवाणी कर सकता है।
मेयो क्लिनिक में कार्डियोलॉजी के उपाध्यक्ष और मेडिसिन के प्रोफेसर गुरप्रीत संधू ने भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विकास की सराहना की। संधू ने आईएएनएस से कहा, "पिछले कुछ दशकों में भारत में स्वास्थ्य सेवा का आश्चर्यजनक रूप से विस्तार हुआ है। और विशेष रूप से महामारी के बाद से, विकास तेजी से हुआ है। नए अस्पतालों के निर्माण की संख्या और नई तकनीक, विशेष रूप से कार्डियोलॉजी में कम नहीं हैं। अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के साथ, मुझे लगता है कि भारत का भविष्य शानदार है।"
दो दिवसीय वैश्विक कार्डियोलॉजी शिखर सम्मेलन- 'कार्डियोलॉजी एसयूएमएमए 2024' में विश्व स्तरीय हृदय रोग विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों ने कार्डियोलॉजी केयर में नवीनतम प्रगति, नवीन उपचार पद्धतियों और हृदय निदान और रोगी प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की भूमिका पर चर्चा की।
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नव संकल्प शिक्षण संस्थान में प्रतियोगी परीक्षा की कराई जा रही तैयारी

  • संस्था में रहकर नमिता बड़ा ने होम गार्ड फिजिकल टेस्ट किया पास
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप जशपुर जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ मद अंतर्गत संचालित नवसंकल्प शिक्षण संस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता सुनिश्चित करने हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। संस्थान में वर्तमान में नगर सैनिक एवं आगामी छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक भर्ती की तैयारी आवासीय सुविधा के साथ कराई जा रही है। यहां के छात्रों को नवसंकल्प एवं जशपुर पुलिस के द्वारा आयोजित फिजिकल ट्रेनिंग में पुलिस ग्राउंड जशपुर में प्रतिदिन अंतिम चरण हेतु तैयारी कर रहे हैं।
छात्रा नमिता बड़ा ने बताया कि दुलदुला क्षेत्र में शासकीय नौकरी की तैयारी करने का कोई विकल्प नहीं था। फिर मुझे अपने दोस्तों से नवसंकल्प शिक्षण संस्थान जशपुर के बारे में जानकारी मिली। मेरा एंट्रेंस परीक्षा के माध्यम से नव संकल्प के लिए चयन हुआ। नमिता ने बताया कि वे ग्रेजुवेशन 2022 में पास की है। अब वह नवसंकल्प शिक्षण संस्थान में सीजी पुलिस और होम गार्ड का साथ-साथ में तैयारी कर रही है। उन्होंने बताया कि हाल ही में होम गार्ड का फिजिकल टेस्ट पास की है। नवसंकल्प जशपुर में सुबह से ग्राउण्ड में फिजिकल की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके पश्चात् क्लास चलती है। संस्थान में खाने-पीने की अच्छी सुविधा दी जाती है और पढ़ाई बहुत अच्छी चलती है। नमिता ने कहा कि यहां पढ़ाई करके क्वालिफाई जरूर करूंगी। उन्होंने संकल्प संस्थान में इतनी सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया है।
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पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत 280 कंपनियों ने दिए 1.27 लाख इंटर्नशिप के ऑफर

नई दिल्ली। पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत करीब 280 कंपनियों ने हिस्सा लिया। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, स्कीम के तहत कंपनियों ने 1.27 लाख इंटर्नशिप के ऑफर पेश किए हैं। केंद्र ने अब इस स्कीम में कॉरपोरेट्स की भागीदारी के लिए ऑनबोर्डिंग विंडो बंद कर दी है। स्कीम के तहत इंटर्नशिप ऑफर रजिस्टर्ड करने के लिए ऑनबोर्डिंग विंडो को कॉरपोरेट्स के लिए 3 अक्टूबर को खोला गया था।
युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो 12 अक्टूबर को ओपन हुई थी। स्कीम के तहत युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो नवंबर के शुरुआती दिनों तक ओपन रहने की उम्मीद है। इस स्कीम की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में की थी, जिसमें पायलट पहल के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
स्कीम अगले पांच वर्षों में लगभग 1 करोड़ युवाओं को लाभान्वित कर युवा बेरोजगारी को दूर करेगी। स्कीम युवाओं को उन कंपनियों से भी जोड़ेगी जो प्रतिभा की तलाश में हैं। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा प्रशासित पीएमआईएस स्कीम पिछले तीन वित्तीय वर्षों में औसत सीएसआर खर्च के आधार पर शीर्ष 500 कॉर्पोरेट्स को भाग लेने की अनुमति देती है, जिससे युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर मिलते हैं।
इस स्कीम में भाग लेने वाली प्रमुख कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी, टेक महिंद्रा, ओएनजीसी, बजाज फाइनेंस, आयशर मोटर्स, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, मुथूट फाइनेंस और जुबिलेंट फूडवर्क्स शामिल हैं।
तेल, गैस और ऊर्जा, ऑटोमोटिव, बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, धातु और खनन ऐसे क्षेत्र हैं जहां इंटर्नशिप के सबसे ज़्यादा अवसर हैं। इंटर्नशिप देने वाले अन्य प्रमुख क्षेत्र विनिर्माण, औद्योगिक, बुनियादी ढांचा और निर्माण, आईटी और सॉफ्टवेयर विकास, एफएमसीजी और दूरसंचार हैं। वर्तमान में इंटर्नशिप के अवसर 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 737 जिलों में उपलब्ध हैं।
स्कीम के लिए चुने गए युवाओं को एक वर्ष के लिए भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप करने का अवसर मिलेगा। साथ ही 5,000 रुपये प्रतिमाह भत्ता और 6,000 रुपये एकमुश्त अनुदान भी मिलेगा। 5,000 रुपये में से 500 रुपये कंपनियों द्वारा उनके कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष के हिस्से के रूप में दिए जाएंगे तथा शेष 4,500 रुपये सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
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यूपीएससी इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा स्थगित

  • नोट करें प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की नई तिथियां
यूपीएससी ने इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा-2025 को स्थगित कर दिया है। भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा के अधिकारियों की भर्ती के लिए योजना में बदलाव के बाद यह फैसला लिया गया है, ताकि उम्मीदवारों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके। दरअसल, यह स्थगन सरकार द्वारा यह निर्णय लिए जाने के बाद किया गया कि आईआरएमएस में सिविल सेवा परीक्षा और ईएसई, दोनों के माध्यम से भर्ती की जाएगी।
नोट करें नई तिथियां-
संघ लोक सेवा आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ईएसई 2025 के उम्मीदवारों को परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने के लिए आयोग ने ईएसई (प्रारंभिक) और ईएसई (मुख्य) परीक्षा, 2025 को स्थगित करने का फैसला किया है। जारी नोटिस के अनुसार, यूपीएससी ईएसई प्रारंभिक परीक्षा 8 जून, 2025 को और मुख्य परीक्षा 10 अगस्त, 2025 को आयोजित की जाएगी।
परीक्षा                                         संशोधित तिथियां
यूपीएससी ईएसई प्रारंभिक परीक्षा    08 जून, 2025
यूपीएससी ईएसई मुख्य परीक्षा       10 अगस्त, 2025
फरवरी में होनी थी प्रारंभिक परीक्षा-
इस बीच, सरकार ने फैसला किया है कि आईआरएमएस में भर्ती सिविल सेवा परीक्षा (यातायात, लेखा और कार्मिक उप-संवर्गों के लिए) और ईएसई (सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिग्नल और दूरसंचार और स्टोर उप-संवर्गों के लिए) दोनों के माध्यम से की जाएगी। रेल मंत्रालय ने 9 अक्टूबर, 2024 को भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (संशोधन) नियम, 2024 को भी अधिसूचित किया है। 
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साहसी बनेंगी कृषि विश्वविद्यालय की छात्राएं

  • मिशन साहसी के अन्तर्गत 17 से 19 अक्टूबर तक स्वरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा लैगिंक उत्पीड़न शिकायत समिति, राष्ट्रीय कैडेट कोर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा मिशन साहसी (मेकिंग ऑफ फियरलेस) के अन्तर्गत स्वरक्षा कार्यक्रम का आयोजन 17 से 19 अक्टूबर, 2024 तक किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में तीन थीम रानी अहिल्याबाई होल्कर, रानी दुर्गावती एवं झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के साहस से प्रेरणा लेते हुए विश्वविद्यालय की छात्राओं, महिला कर्मचारियों एवं उनके परिवार की महिलाओं को शारीरिक स्वरक्षा संबंधी तकनीकों का सजीव प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे किसी आकस्मिक घटना की स्थिति में इस कौशल का प्रयोग कर अपनी स्वयं की एवं अन्य महिलाओं की सुरक्षा कर सकंे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह श्रीमती ममता चंदेल के मुख्य आतिथ्य एवं विश्वविद्यालय की लैगिंक उत्पीड़न शिकायत समिति डॉ. आरती गुहे की अध्यक्षता में 17 अक्टूबर, 2024 को प्रातः 10 बजे सम्पन्न होगा।
इस अवसर पर डॉ. संजय शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं डॉ. जी.के. दास अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, रायपुर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में कार्यस्थल पर होने वाले लैंगिक उत्पीड़न से बचाव हेतु स्वरक्षा की शारीरिक दांव पेंच एवं तकनीक का अंजली गिरी गोस्वामी अन्तर्राष्ट्रीय कराटे खिलाड़ी एवं सेकंड डेन ब्लेक बैल्ट द्वारा सजीव प्रशिक्षण तीन दिवस तक दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मिशन साहसी के अन्तर्गत यह छत्तीसगढ़ में आयोजित पहला कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में सहभागिता हेतु डॉ. ज्योति भट्ट सचिव लैगिंक उत्पीड़न शिकायत समिति से संपर्क किया जा सकता है।
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सहायक सांख्यिकी अधिकारी एवं प्रयोगशाला सहायक भर्ती परीक्षा स्थगित

रायपुर। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा संचालनालय कृषि छत्तीसगढ़ नवा रायपुर के अंतर्गत सहायक सांख्यिकी अधिकारी एवं प्रयोगशाला सहायक भर्ती परीक्षाओं (KASL23) का आयोजन दिनांक 20 अक्टूबर 2024 (रविवार) को दो पालियों में किया जाना था, जिसे अपरिहार्य कारणवश स्थगित किया गया है।
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हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी मुख्य परीक्षा-2025

  • परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि अब 30 अक्टूबर तक
रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा स्वाध्यायी परीक्षार्थियों के लिए हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी मुख्य परीक्षा 2025 हेतु परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर 2024 से बढ़ाकर 30 अक्टूबर 2024 तक कर दी गई है। इस अवधि के दौरान, छात्र विशेष विलम्ब शुल्क 1540 रूपए प्रति छात्र के साथ फॉर्म भर सकते हैं।
समस्त मान्यता प्राप्त संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि वे इस समय-सीमा के भीतर ऑनलाइन प्रविष्टि और शुल्क भुगतान की प्रक्रिया को पूर्ण करें। निर्धारित समय के पश्चात पोर्टल पुनः प्रारंभ नहीं किया जाएगा।
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छत्तीसगढ़ के स्कूलों में आज से दशहरा की छुट्टियां शुरू

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में दशहरा की छुट्टियां आज 7 अक्टूबर से शुरू हो गई है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहले ही इस संबंध में आदेश जारी किया जा चुका है. दशहरा अवकाश 7 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक रहेगा और इसके बाद 13 अक्टूबर को रविवार होने के कारण बच्चों को एक और दिन की छुट्टी मिलेगी.
इस प्रकार, छात्र 14 अक्टूबर को स्कूल लौटेंगे. दीपावली के अवसर पर भी छात्रों को 6 दिन की छुट्टी मिलेगी, जो 28 अक्टूबर से शुरू होकर 2 नवंबर तक चलेगी. 3 नवंबर को रविवार होने के कारण स्कूल 4 नवंबर से फिर से खुलेंगे.
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7 अक्टूबर से स्कूल और कॉलेज में दशहरा अवकाश

रायपुर। कुछ ही दिनों में अक्टूबर महीने की शुरुआत हो जाएगी। इसके साथ ही दशहरा-दिवाली सहित कई बड़े त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। इस दौरान कई त्योहारों में सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। वहीं कई मौकों पर केवल स्कूल-कॉलेज सहित अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।
अक्टूबर महीने में छत्तीसगढ़ में कुल कितने दिन स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे-
दरअसल, कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने दशहरा-दिवाली सहित अन्य अवकाशों का ऐलान किया था। इनमें से ज्यादातर छुट्टियां अक्टूबर महीने में ही पड़ने वाला है। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 7 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक प्रदेश में दशहरा अवकाश रहेगा।
वहीं दीपावली की चार छुट्टियां भी इसी महीने में होगी, जबकि दो छुट्टी अगले महीने यानि नंबर में रहेगी। यदि एक साथ सभी को जोड़कर देखें तो अक्टूबर महीने में 15 दिन स्कूल-कॉलेज में अवकाश रहेगा।
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