झूठा-सच

रायपुर प्रेस क्लब में चुनाव की मांग को लेकर पूर्व उपाध्यक्ष की दायर हस्तक्षेप याचिका पर आया हाईकोर्ट का आदेश...पढ़िये पूरी खबर

  • मतदाता सूची के परीक्षण के उपरांत चुनाव करवाने पंजियक फर्म एंड सोसाइटी को निर्देश
 
रायपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद रायपुर प्रेस क्लब के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव की मांग को लेकर प्रेस क्लब के पूर्व उपाध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने हस्तक्षेप याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने पंजीयक फर्म एंड सोसाइटी को चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने पंजीयक फर्म एंड सोसाइटी को निर्देश देते हुए कहा गया है कि मतदाता सूची का परीक्षण कराने के उपरांत रायपुर प्रेस क्लब का चुनाव सम्पन्न कराएं।
 
रायपुर प्रेस क्लब के संविधान के मुताबिक, चुनाव उपरांत पदाधिकारियों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। अंतिम चुनाव जून 2018 में कराए गए थे। जिसके बाद से अब तक चुनाव नहीं हुए हैं। प्रेस क्लब मतदाता सूची के परीक्षण की मांग को लेकर प्रेस क्लब सदस्य डी. बैरागी ने 2019 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने मतदाता सूची परीक्षण के निर्देश रायपुर प्रेस क्लब को दिए थे। रायपुर प्रेस क्लब ने मतदाता सूची परीक्षण के लिए एक कमेटी बनाई थी, लेकिन परीक्षण के काम नहीं हो सका। जिसके बाद 2020 में प्रेस क्लब के एक अन्य सदस्य की ओर से चुनाव की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। पंजीयक फर्म एंड सोसाइटी और रायपुर कलेक्टर की ओर से चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी, लेकिन इसी बीच डी. बैरागी की ओर से फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई कि मतदाता सूची के परीक्षण के बगैर चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं? जिसके बाद कोर्ट ने चुनाव पर फिर रोक लगा दी। इसके बाद चुनाव की मांग को लेकर रायपुर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने पहले रिट पिटीशन और फिर हस्तक्षेप याचिका हाईकोर्ट में दायर की। हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई 8 दिसंबर को जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में हुई। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मतदाता सूची के परीक्षण के उपरांत चुनाव करवाने के निर्देश पंजीयक फर्म एंड सोसाइटी को दिए हैं। कोर्ट ने इसकी सूचना नवभारत और दैनिक भास्कर अखबार में प्रकाशित करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि सभी सदस्यों को मतदाता सूची परीक्षण और चुनाव सम्बन्धी कार्यवाही की जानकारी हो सके।
 
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बिल्डर पाहुजा ब्रदर्स पर जमीन फर्जीवाड़े का दर्ज हुआ मुकदमा

 2 करोड़ 40 लाख की ठगी का मामला आया सामने

फर्जी तरीके से जमीन बेचने का लगा आरोप
 
रायपुर:- राजधानी के एक आर्किटेक्ट से 2 करोड़ 40 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. फर्जी तरीके से जमीन बेचने का झांसा देकर आर्किटेक्ट से 2 करोड़ 40 लाख रुपए ले भागने के मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने बिल्डर बंधु दिनेश पाहुजा, चयन पाहुजा, दिलीप पाहुजा एवं अन्य के खिलाफ 420 का मामला दर्ज किया है.
         जानकारी के अनुसार, दिलीप पाहुजा ने पीड़ित जयप्रकाश केसवानी से संपर्क कर बताया कि ग्राम सेजबहार रायपुर में स्थित अपनी कंपनी एडमायर इन्फ्राजोन प्रा.लि. के मालिकाना हक की भूमि पर वह मकान और बिल्डिंग के काम के लिए लेआउट तैयार करने की बात कही थी. उन्होंने जमीन का मकान और बिल्डिंग का लेआउट तैयार कर दिया था, इस बीच दिलीप कुमार पाहूजा और कंपनी के अन्य डायरेक्टर ने पैसे की कमी होना बताते हुए काम रोकने को कहा था. जिसके बाद जयप्रकाश ने आगे का काम नहीं किया था.एक दिन सभी डायरेक्टर पीड़ित के पास आए और पैसों की कमी का हवाला देते हुए उन्हें उक्त जमीन का टुकड़ा खरीद लेने का प्रस्ताव दिया. जय केसवानी उक्त जमीन के टुकड़े को खरीदने के लिए तैयार हो गया. इसके बाद खसरा नंबर 32/61, 32/12, 32/60, 32/47 का भाग रकबा 47221 वर्गफुट का सौदा कुल 3 करोड 21 लाख 67 हजार 35 रुपए में तय कर बाकायदा एक विक्रय इकरारनामा रायपुर कोर्ट परिसर में 23 नवंबर 2019 को तैयार किया था.जय ने कोर्ट परिसर रायपुर में ही 21 लाख रुपए नगद और चेक के माध्यम से बयाने के रूप में दे दिया था, जिसके बाद आरोपी फर्जी कागजात पीड़ित के हाथ में थमाकर 2 करोड़ 40 लाख लेकर फरार हो गए. मामले में पुलिस ने धारा 420, 34, 120 B के तहत अपराध दर्ज किया है.
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मशहूर सिंघल ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी हुई खत्म,आईटी ने 8 लॉकर किये सीज

 छत्तीसगढ़:- प्रदेश के जाने माने ग्रुप सिंघल ग्रुप ऑफ कंपनीज के ठिकानों पर आयकर विभाग की टीमें छापेमारी के बाद लौट गई हैं. बताया गया कि ठिकानों से 1 करोड़ की ज्वेलरी और 1 करोड़ कैश सीज किया गया है. इसके साथ ही आठ बैंक लॉकरों को सीज करने के साथ अयोघिषत आय व स्टॉक का मिलान कर रही है.

बता दें कि बुधवार के आयकर विभाग की छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की 160 अफसरों की जंबो टीम ने सिंघल ग्रुप के रायगढ़, सारंगढ़, रायपुर, मुंबई, और कोलकाता सहित 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी. बताया गया है कि जांच में ग्रुप के कारोबार में कच्चे कारोबार का खेल सामने आया है. ग्रुप के स्टील कारोबार के साथ ग्रुप के कांट्रेक्ट में भी गड़बड़ी पाई गई है. लॉकर्स की जांच के बाद 18 में से 8 लॉकर को सीज कर दिया गया है.
 
आपको बता दे कि सिंघल ग्रुप को प्रदेश के बड़े कारोबारी समूह में गिना जाता है. सिंघल ग्रुप में चेयरमैन संजय सिंघल, डायरेक्टर अजय सिंघल के साथ आयुष- पीयूष (अग्रवाल) शामिल हैं. ये ग्रुप स्टील, कोयला, फाइनेंशियल और कंस्ट्रक्शन का कारोबार करता है. समूह के लोगों के शंकर नगर, अवंति विहार, चौबे कालोनी, मोवा और खम्हारडीह के दफ्तर व निवास हैं, जहां पर आईटी की टीम ने उपायुक्त डीएस मीणा के नेतृत्व में छापेमारी की है.बताया जा रहा है कि हाल ही में सिंघल उद्योग ने सालासर उद्योग को टेकओवर किया था जिसके चलते इनकम टैक्स की रडार में दोनों उद्योग आ गए हैं. टीम रायगढ़ के कालिंदी कुंज स्थित एक सीए के अलावा बंजारी मार्ग पर स्थित सिंघल उद्योग व गेरवानी स्थित सालासर उद्योग में जांच कर रही है.
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छत्तीसगढ़ में टला रेल हादसा,बेपटरी हुई मालगाड़ी

 बिलासपुर में मालगाड़ी हुई डिरेल

बाल-बाल होते बचा बड़ा हादसा
रेलवे के अधिकारी जांच में जुटे
 
छत्तीसगढ़:- बिलासपुर स्टेशन से हावड़ा की ओर जा रही मालगाड़ी का एक वैगन शुक्रवार बेपटरी हो गई. गनीमत रही कि इस दौरान कोई अन्य ट्रेन इस दौरान नहीं गुजर रही थी, नहीं तो हादसा बड़ा हो सकता था. रेलवे के अधिकारी जॉइंट रिपोर्ट आने के बाद ही हादसे की पूरी वजह बताने की बात कह रहे हैं.
 
आपको बता दें कि ओडिशा के बालासोर जिले में हुए बड़े रेल हादसे के बाद अब भी अलग-अलग जगहों से कई छोटे-बड़े रेल हादसों की खबर लगातार सामने आ रही है. रेलवे प्रशासन लगातार ट्रैक की मरम्मत समेत टेक्निकल फाल्ट को सुधारने में जुटा हुआ है. इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं हो रही है।शुक्रवार को बिलासपुर रेल मंडल के बिलासपुर स्टेशन से कुछ ही मीटर की दूरी पर बिलासपुर से हावड़ा की ओर जा रही एक मालगाड़ी बेपटरी हो गई. मालगाड़ी का एक वैगन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. इस हादसे के बाद आनन-फानन में रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे और डिरेल बोगी को पटरी पर लाने की कवायद शुरू की। काफी मशक्कत के बाद देर शाम तक मालगाड़ी की बोगी को पटरी पर लाया गया। मालगाड़ी के डिरेल होने से रेलवे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।इस हादसे में कई स्लीपर टूट गए हैं, वहीं रेल पटरी को भी काफी नुकसान पहुंचा है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि इसे जल्द सुधार लिया जाएगा।
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योगी सरकार ने दी बड़ी सौगात,पांच साल के ट्रैफिक चालान निरस्त

 एक जनवरी 2017 से 2021 तक के सभी गाड़ियों पर लागू

आम जनता को मिली बड़ी राहत
 
योगी सरकार ने प्रदेश के निजी और कामर्शियल वाहन स्वामियों को बड़ी सौगात दी है। योगी सरकार ने यूपी में लंबे समय से वाहन चालान का भुगतान न करने वाले मालिकों को रियायत देते हुए उनका चालान निरस्त कर दिया है। सीएम योगी के इस फैसले से प्रदेश के लाखों वाहन मालिकों ने राहत की सांस ली है। यह उन वाहन चालकों के लिए खुशखबरी है जिनके अलग-अलग ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में चालान काटे थे। ऐसे में जितने भी उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच चालान काटे गये हैं। उनके सभी चालान निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित है। यह सभी वाहनों पर लागू होते हैं। 
2 जून 2023 के माध्यम से लागू की गयी व्यवस्था
परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि न्यायालय में उपसमित वादों की सूची प्राप्त कर इन चालानों को पोर्टल से डिलीट कर दिए जाएं। यूपी सरकार के इस कदम से बाकी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शासन की ओर से इस संबंध में निर्देश सभी संभागीय परिवहन कार्यालयों में भेज दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि न्यायालय में लंबित चालान की सूची प्राप्त कर ई चालान पोर्टल से इसे हटा दिया जाए। आदेश के मुताबिक, एक जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि में काटे गए चालानों को निरस्त किया जा रहा है। परिवहन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 2 जून 2023 के माध्यम से यह व्यवस्था लागू की गई है कि पुराने लंबित चालान निरस्त करा दिए जाएं। मालूम हो कि नोएडा में किसान इस तरह से चालान को निरस्त करने की मांग करते हुए धरना दे रहे थे। इससे पूरे उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों के चालान माफ होने का रास्ता साफ हो गया है।
 
घबराने की नही है जरूरत 
 
वहीं, इस अवधि के बाद वाले वाहन चालकों को घबराने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे ऑनलाइन ट्रैफिक चालान भर सकते हैं। यूपी ट्रैफिक पुलिस आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी एकत्रित कर सकते हैं। इसके लिए सिर्फ गाड़ी का नंबर पता होना चाहिए। खास बात यह है कि गलत चालान पर आप यहीं से शिकायत भी कर सकते हैं। हालांकि, वाहन का चालान कटने पर मोबाइल नंबर पर भी मैसेज जाता है।
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न्याय के लिए भटक रहा नेत्रहीन दिव्यांग, थाने से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक लगा चुका है गुहार

 

 
कानपुर: नेत्रहीन दिव्यांग न्याय की गुहार लगाते हुए थाने से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक जा चुका, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। दरअसल नेत्रहीन दिव्यांग और उसकी बुज़ुर्ग मां पिछले ढाई महीने से अधिकारियों से लेकर थाने के चक्कर लगा चुके हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में भी प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं गुरुवार को एक बार फिर पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचकर नेत्रहीन दिव्यांग और उसकी बुज़ुर्ग मां ने न्याय की गुहार लगाई है।
 
बता दें कि नेत्रहीन दिव्यांग भगवानदास शास्त्री नगर स्थित 178/6 के सामने दुकान नंबर 21 के बगल में एक टट्टर की दुकान लगाते थे। उन्होंने बताया कि 24 मार्च 2023 को उनके साथ रहने वाले दबंग रजनीश कटियार, नरेंद्र कटियार और उनके दो तीन सहयोगियों ने रोककर गाली गलौज की व मारपीट की। भगवान दास ने बताया कि उन्होंने उससे झोपड़ी हटाए जाने की बात कही और उससे कहा की झोपड़ी अवैध है। 25 मार्च को एक बार फिर मारपीट की गई। पुलिस ने मामले में मेडिकल भी कराया। इसके बाद वहां मौजूद भगवानदास की झोपड़ी को दबंगों ने उजाड़ दिया।
 
गौरतलब है कि पिछले ढाई महीने से लगातार वह अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। उसने ज़िलाधिकारी से भी इस मामले को लेकर शिकायत की। जब वह परेशान हो गया तो उसने लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में प्रार्थना पत्र दिया। भगवानदास और उसकी मां पुष्पा लगातार दबंगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को जब पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे, तो उन्हें आश्वासन दिया कि उनका सारा सामान वापस दिलाया जाएगा।
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तेरहवीं करने वाले का किया जाएगा बहिष्कार: बनारस के इस गांव में अब नहीं होगी तेरहवीं....पढ़े पूरी खबर

बनारस@झूठा-सच : वाराणसी जनपद के वाजिदपुर गांव में ग्रामीणों ने अब किसी के निधन होने के बाद तेरहवीं न किए जाने का फैसला लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि तेरहवीं के स्थान पर पौधरोपण किया जाएगा और गरीब बच्चों की मदद की जाएगी। गांव वालों द्वारा लिए गए फैसले की चारों तरफ तारीफ हो रही है। इस फैसले के बाद वाजिदपुर के साथ ही आसपास के गांव के प्रधानों और ग्रामीणों का कहना है कि परिवार के किसी सदस्य के निधन के बाद दु:ख की घड़ी में इस तरह का आयोजन होना गलत है। ऐसे में यह अच्छा निर्णय लिया गया है।

 दरअसलवाराणसी जिले के हरहुआ विकासखंड अंतर्गत वाजिदपुर ग्राम सभा में स्थित पंचायत भवन पर बुधवार सुबह में ग्राम प्रधान और प्रधान संघ हरहुआ ब्लाक के अध्यक्ष लालमन यादव और उनके छोटे भाई हरहुआ सेक्टर नंबर दो के जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव द्वारा ग्रामीणों की एक सभा बुलाई गई। आयोजित सभा के दौरान ग्राम प्रधान लालमन यादव द्वारा कहा गया कि गांव में अब किसी भी व्यक्ति का निधन हो जाने पर तेरहवीं का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा कफन को भी नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुःखद घड़ी में इस तरह का आयोजन अच्छा नहीं हैं। वहीं कफन कुछ समय के लिए ही होता है उसके बाद वह जल जाता है।

ऐसे में तेरहवीं में खर्च होने वाले रुपए को गांव की एक कमेटी बनाकर उसमें जमा किया जाएगा। जरुरत पड़ने पर गांव के रहने वाले गरीब परिवारों को उसी रुपए से मदद की जाएगी। गरीब परिवार की बेटियों की शादी व गरीब छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी उसी पैसे से कराई जाएगी। कमेटी द्वारा सार्वजनिक रुप से निर्णय लेने के बाद यह सब किया जाएगाजिससे किसी को कोई आपत्ति न हो।

माता पिता की तरह करेंगे पेड़ की सेवा

इस दौरान जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव ने कहा कि तेरहवीं के दिन ही गांव में एक शोक सभा आयोजित की जाएगी। शोक सभा के बाद गांव में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर या मृतक की भूमि में उनके जितने पुत्र होंगे उनके द्वारा उतने पौधे लगाए जाएंगे। पौधों को ही माता-पिता मानकर बेटों द्वारा उनकी सेवा की जाएगी। ऐसे में पौधे के रुप में माता-पिता सदैव हमारे बीच रहेंगे और उसे आने वाली पीढियां भी याद रखेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने से जहां सरकार द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण अभियान को बल मिलेगा वहीं पर्यावरण प्रदूषण कम होगा। इसके अलावा गांव का वातावरण शुद्ध होगा और लोगों को खाने के लिए फल भी मिलते रहेंगे।

तेरहवीं करने वाले का किया जाएगा बहिष्कार

पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धर्मराज यादव द्वारा बताया गया कि गांव में सार्वजनिक रूप से निर्णय लिया गया है और इस निर्णय को लेकर सभी लोग सहमत हैं। बावजूद इसके यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस निर्णय को अनदेखा करते हुए तेरहवीं का आयोजन किया जाता है तो उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अपने गांव में तेरहवीं का सामूहिक बहिष्कार करने के अलावा दूसरे गांव में भी आयोजित होने वाले तेरहवीं कार्यक्रम में हम लोग शामिल नहीं होंगे। ग्रामीणों द्वारा लिए गए निर्णय के बाद हरहुआ ब्लाक के चक्का ग्राम प्रधान मधुबन यादवहरहुआ ग्राम प्रधान अनवर हाशमीऔरा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय पटेलकोईराजपुर ग्राम प्रधान मोदी यादवआयर ग्राम प्रधान सूर्य प्रकाशअटेसुआ ग्राम प्रधान मटरूचमाव के ग्राम प्रधान मुकेश पटेल सहित अन्य प्रधानों द्वारा इस निर्णय की सराहना की गई। 

संवाददाता : अंकित सिंह

 

 

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माफिया मुख्तार के करीबी की कोर्ट में गोली मारकर हत्या

  • पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या
  • सुरक्षा व्यवस्था पर खड़े हुए सवाल
  • वकील की वेशभूषा में पहुँचे हत्यारे
उत्तर प्रदेश@झूठा-सच  :- लखनऊ कोर्ट के बाहर मुख्तार अंसारी के करीबी व पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव जीवा को गोली मार दी गई,जीवा लंबे संसय से लखनऊ के हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था उसके खिलाफ हत्या,रंगदारी, लूट,डकैती, अपहरण गैंगस्टर जैसे संगीन धाराओं में दर्जनों मुकदमे दर्ज है।जानकारी के मुताबिक ये गोलीबारी वजीरगंज थाना के कचहरी में हुई है. इस गोली बारी में मुख्तार अंसारी का करीबी और ब्रह्मदत्त द्विवेदी मर्डर केस में आरोपी जीवा की हत्या कर दी गई है. बताया जा रहा है कि हत्यारे वकील के कपड़ों में आए थे. संजीव जीवा को गोली मारकर भाग गए. इस गोलीबारी में एक बच्ची समेत तीन लोग घायल हुए हैं. वही गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा कोर्ट परिसर सन्न रह गया.वही गोलियों की तड़तड़ाहट सुनते ही कचहरी में हड़कम्प मच गया. जब संजीव जीवा को गोली मारी गई. तब वह पुलिस की सुरक्षा में था. उसके आस-पास करीब 20 पुलिस वाले मौजूद थे. वकील की भेष में आए हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया है. आपको बता दे कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में जेल में बंद संजीव जीवा की पत्नी ने अपने पति की हत्या की आशंका जताई थी. संजीव जीवा की पत्नी और RLD नेता पायल माहेश्वरी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से अपने पति की सुरक्षा की गुहार लगाई थी.पायल का कहना है कि पेशी के दौरान षड्यंत्र के तहत उनके पति की हत्या कराई जा सकती है. उन्होंने पति की सुरक्षा के लिए सीजेआई से उच्चाधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया था. 2017 में पायल महेश्वरी चुनाव भी लड़ चुकी हैं.

संवाददाता- अंकित सिंह 
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श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी ने राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग

 श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी ने राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग

 
 
उत्तर प्रदेश:- वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में वादी राखी सिंह ने खुला पत्र जारी किया है। उन्होंने हिंदू पक्ष की चार महिला वादिनी व कुछ अधिवक्ताओं पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। साथ ही राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है। उनका कहना है कि नौ जून तक जवाब का इंतजार करेंगी, फिर आगे का फैसला वह खुद लेंगी।
 
राष्ट्रपति से पत्र लिखकर की इच्छामृत्यु की मांग
 
श्रृंगार गौरी केस की मुख्य मुख्य वादी राखी सिंह का एक लेटर वायरल हो रहा है। इसमें इन्होंने लिखा है कि मुझे और मेरे परिवार को बदनाम किया जा रहा है। इसमें शासन व प्रशासन के लोग भी शामिल हैं। झूठा प्रचार किया गया कि मैं, मुकदमा वापस लेना चाहती हूं। हम मानसिक दबाव झेल रहे हैं। अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसीलिए राष्ट्रपति महोदय मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति दें।वही वादी राखी सिंह ने इस लेटर में इस मुकदमें में अन्य चार वादी महिलाओं पर भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वो उन्हें प्रताड़ित कर रही हैं। साथ ही उनके अधिवक्ता भी प्रतड़ना कर रहे हैं। राखी सिंह ने इस मामले में राष्ट्रपति महोदय से 9 जून तक इसमें जवाब देने की बात कही है।उन्होंने आगे कहा कि हमें हिन्दू समाज़ में गद्दार घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हमने ये सब बर्दाश्त कर लिया। यह सोच कर कि कुछ लोग क्रेडिट लेने व धन बटोरने के लिये यह सब कर रहे हैं। इससे हमें कोई फर्क नही पड़ता, क्रेडिट किसी को भी मिले, लेकिन उद्देश्य ज्ञानवापी बचना है। लेकिन सहन करने की सारी सीमा समाप्त तब हो गई जब उपरोक्त चार महिलाओं के माध्यम से ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुख्य मुकदमा भगवान आदि विशेश्वर विराजमान द्वारा किरन सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य उपरोक्त मुकदमें को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया जिसके कारण ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को प्राप्त हो सकता था किंतु अब वह मुसलमानों के पक्ष में चली जाएगी ।राखी सिंह ने आगे पत्र में लिखा है कि 'मैं कई दिनो से मानसिक दबाव में हूँ मुझे लगता है कि यदि मैंने श्रिंगार गौरी का नियमित पूजा का मुकदमा न डाला होता तो मेरी चार साथी महिलायें वर्चस्व में न आतीं और न ही भगवान आदि विशेश्वर विराजमान का मुकदमा खराब कर पातीं। मुझे लगता है कि मेरे ही कारण उपरोक्त चार महिलाएं वर्चस्व में आयीं और जिनके कारण ज्ञानवापी का मूल मुकदमा बर्बाद हो गया। इन चार महिलाओं के कारण न केवल सम्पूर्ण सनातन समाज को छति पहुंची है। उसी के साथ मेरे व विसेन परिवार के द्वारा किया गया सम्पूर्ण त्याग समर्पण व्यर्थ होता दिख रहा है। ऊपर मुकदमें को खराब करने वाले सभी लोगों के कृत्य से मैं बहुत आहत हूं और स्वयं को माफ नहीं कर पा रही हूं।' आपको बता दे कि इसके पहले जितेंद्र सिंह बिसेन ने भी मानसिक प्रतड़ना और हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा गद्दार कहे जाने से आहत होकर और आर्थिक असमर्थता जताते हुए सभी मुकदमों को वापस लेने का एलान किया था। इसमें काशी और मथुरा से जुड़े सभी वो मुकदमें थे जिसमे जितेंद्र सिंह बिसेन या उनका परिवार जुड़ा हुआ था।
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ओडिशा मे फिर हुआ रेल हादसा

 बालासोर हादसे के तीन दिन बाद फिर रेल हादसा! ओडिशा में पटरी से उतरी मालगाड़ी

 
 ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में 275 लोगों की मौत के सदमे से लोग अभी उबरे भी नहीं हैं कि ओडिशा में एक और रेल हादसे की खबर है। दरअसल ओडिशा के बारगढ़ जिले में एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई है। हालांकि पूर्वी तटीय रेलवे ने बयान जारी कर कहा है कि एक निजी सीमेंट फैक्ट्री द्वारा संचालित किए जा रहे मालगाड़ी के वैगन पटरी से उतरे हैं। यह हादसा फैक्ट्री परिसर के भीतर हुआ है। इस घटना में रेलवे की कोई भूमिका नहीं है। रेलवे ने कहा है कि जिस जगह हादसा हुआ है, वहां सारा इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे इंजन, वैगन, ट्रेन ट्रैक आदि सभी कुछ निजी कंपनी द्वारा ही मेंटेन किया जाता है
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बिहार-ताश के पत्तो की तरह गिरा ब्रिज

 ताश के पत्तो की तरह गिरा निर्माणाधीन पुल-वीडियो आया सामने

 
बिहार के अगुवानी-सुल्तानगंज में निर्माणाधीन पुल के तीन पिलर फिर से गिर गए, जिससे लगभग 100 मीटर तक पुल हिस्सा ढह गया। सुल्तानगंज अगुवानी पुल घटना में एक गार्ड के लापता होने की सूचना मिल रही है। किसी की मौत की खबर नहीं है। आपको बता द3 की इससे पूर्व, 29 अप्रैल, 2022 की रात में निर्माणाधीन पुल के 36 स्पैन ढहे थे। रविवार का दिन होने के कारण काम बंद था। अभी तक किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है। इधर, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम खगड़िया के कार्यपालक अभियंता योगेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ स्पैन गिरे हैं। ‌वह घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं। ‌अभी इसके आगे विशेष कुछ नहीं कहा जा सकता है। वहां पहुंचने के बाद ही स्पष्ट कुछ कहा जा सकेगा,खगड़िया डीएम अमित कुमार पांडेय ने कहा कि किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। अधिकारी को घटनास्थल पर भेजा गया है। मिसिंग चेक कर रहे हैं,वही आपको बता दे कि पुल का निर्मण एसपी सिंगला  कंपनी को पुल निर्माण का पूरा टेण्डर दिया गया था,जिसकी कीमत करीब 1710.77 करोड़ रुपये के आस पास बताई जा रही है,,
 
https://twitter.com/jhuthasachnews/status/1665363228434546695?t=id7bejahpO-ZvytHMBjSTQ&s=19
 
विधायक ने उठाए कंपनी पर सवाल
 
परबत्ता विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा है कि इस पुल की क्वालिटी को लेकर विधानसभा में भी उन्‍होंने सवाल उठाए थे। अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, लेकिन यहां निर्माण कंपनी एसपी सिंगला की ओर से क्वालिटी का काम नहीं किया गया है।परबत्ता विधायक ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने एसपी सिंगला के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक झा को भी आड़े हाथों लिया है।
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योगी सरकार में लूट नही होने देंगे-बीजेपी विधायक

 योगी की सरकार में लूट नही होने देंगे-बीजेपी विधायक

 
 कानपुर से बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है बताया जा रहा है कि विधायक अपनी विधानसभा के बेहटा गंभीरपुर, दौलतपुर नर्वल, मनियापुर, शाहपुर, कोरथा और भीतरगांव में चौपाल लगा कर लोगो की समस्याएं सुनीं,,इस दौरान उनसे ग्रामीणों ने दारोगा संजीव कुमार और साढ़ थाना प्रभारी की शिकायत की। इस पर सांगा ने एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला को फोन कर अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी है और वह लूटने का लाइसेंस नहीं देंगे। कहा कि अगले शनिवार को वह थाने पर बैठेंगे और इस दौरान जनता से वह लोग भी होंगे, जिनकी शिकायतें हैं। कहा कि योगी जी इमानदारी की बात कर रहे हैं और यहां पुलिस लूट मचाए, वह ये नहीं होने देंगे।
इसके साथ ही उन्होंने थाना प्रभारी से फोन कर कहा कि पूरा क्षेत्र नरक बना दिया है। मकैनिक के यहां खड़ी गाड़ी का चालान कर रहे हो। जनता परेशान है और जब लोग सड़क पर उतरेंगे तभी मानेंगे क्या? उन्होंने कहा हफ्ते भर में कार्यशैली में सुधार आना चाहिए
 
एसीपी से क्या बोले बीजेपी विधायक- सांगा
 
उन्होंने कहा- यहां का विधायक मैं हूं, सुधार दूंगा। अगली बार थाने में आकर बैठ जाऊंगा तो भागे रास्ता नहीं मिलेगा। वहीं, ACP से कहा- योगी जी ईमानदारी की बात कर रहे और पुलिस लूट मचाए है। जैसे डकैती डालने का लाइसेंस मिल गया हो। विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने साढ़ थानेदार सच्चिदानंद को भरी भीड़ में फोन लगाया। फटकार लगाते हुए विधायक ने कहा, "नरक बना दिया है पूरे क्षेत्र को... कुढ़नी में चेकिंग के नाम पर पूरा नाश करे पड़े हो। पब्लिक परेशान है पूरी। मैकेनिक के यहां गाड़ी खड़ी है उसका चालान, पब्लिक सड़क पर उतर आएगी तब तुम लोग मानोगे क्या…? अरे बिना नंबर की गाड़ियां हैं उसको चेक करो। मैकेनिक के यहां कोई गाड़ी खड़ी है उससे पूछ लो।"विधायक ने कहा, "सब्जी लेने कोई गांव का आदमी जा रहा है, उसको नरक मचाए पड़े हो। देखों ऐसे चलेगा नहीं... ठीक है। यहां का विधायक मैं हूं। इतना समझ लेना कि सुधार देंगे ढंग से... सुधर जाओ। आज मैं आखिरी बार बता रहा हूं, एक हफ्ते का समय है। साढ़ क्षेत्र को सुधार पाओ तो सुधार लो, नहीं तो अपनी उलटी गिनती शुरू कर लो।"
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क्या अफजाल अंसारी की बच जाएगी सांसदी...हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका

प्रयागराज (झूठा-सच)। अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में गैंगस्टर मामले में मिली 4 साल की सजा के खिलाफ याचिका दाखिल की है। अफजाल ने गाजीपुर की स्पेशल MP/MLA कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इसमें अपील के साथ कोर्ट में एक अलग से अर्जी भी दाखिल की है। अफजाल अंसारी ने अपील पर हाईकोर्ट का फैसला आने तक सजा पर रोक लगाए जाने की भी गुहार लगाई है।गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 28 अप्रैल को अफजाल अंसारी और उसके भाई मुख्तार अंसारी को चार-चार साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के फैसले के 56 घंटे बाद बसपा सांसद अफजाल अंसारी की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
 
"हाईकोर्ट में वकील ने दाखिल की याचिका"
लोकसभा की सदस्यता बचाने के लिए बीएसपी के निवर्तमान सांसद अफजाल अंसारी  ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. गैंगस्टर एक्ट मामले में मिली चार साल की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट  में अपील दाखिल की गई है. हाईकोर्ट में गाजीपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट में अपील के साथ कोर्ट में अलग से भी एक अर्जी दाखिल की गई है. जिसमें अपील का निपटारा नहीं होने तक सजा पर रोक लगाए जाने की भी गुहार लगाई गई है. सजा पर स्टे हुआ यानी रोक लगी तो अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो जाएगी. अफजाल अंसारी के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में ये अपील दाखिल की है. अफजाल अंसारी की इस अपील पर चार से पांच दिनों में कोर्ट सुनवाई कर सकता है.
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अतीक का बेटा अली अभी जिंदा है, ट्वीट कर दी गई धमकी

प्रयागराज (झूठा-सच)। प्रयागराज में अतीक अहमद औऱ अशरफ की हत्या के बाद माफिया बंधुओं के समर्थकों में नाराजगी साफ देखी जा रही है. इस बीच, अतीक अहमद की हत्या को लेकर किए गए एक ट्वीट से उत्तर प्रदेश की पुलिस हरकत में आ गई है. इस ट्वीट में माफिया ब्रदर्स की हत्या का बदला लेने की बात कही गई है. वहीं, यूपी पुलिस के अधिकारियों ने इस ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है.इस ट्वीट को "दा साजिद मुगहल" नाम के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है. ट्वीट में लिखा है नस्ल अभी खत्म नहीं हुई है. अतीक का बेटा अली अभी जिंदा है. इस ट्वीट के साथ अतीक के बेटे असद का एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है. ट्वीट में आगे लिखा गया है कि इंशा अल्लाह वक्त औऱ सत्ता एक दिन जरूर बदलेगी. फिर हिसाब भी पूरा लिया जाएगा.
 
 
 
 
ट्वीट में पोस्ट किया गया पुराना वीडियो
ट्वीट में असद का जो वीडियो पोस्ट किया गया है, वह उसका पुराना भाषण है. जैसे ही सोशल मीडिया पर यह ट्वीट शेयर किय़ा जाने लगा तो इसकी जानकारी यूपी पुलिस के अधिकारियों को लगी. ADG लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने इस पर संज्ञान लेते हुए प्रयागराज की साइबर क्राइम थाने को पत्र भेजा है. साथ ही जिसने भी इस तरीके का ट्वीट किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, साइबर सेल ने ट्वीटर हैंडल पर धारा 505 और आई टी एक्ट की धारा 66 के तहत केस दर्ज कर लिया है.उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस ट्वीट को सोशल मीडिया के जिन-जिन ग्रुप में शेयर किया गया है, उसको चिह्नित किया जा रहा है. जिस हैंडल से ट्वीट किया गया है, उसे चलाने वाले की तलाश की जा रही है. अतीक का बेटा अली नैनी जेल में बंद है, उस पर प्रयागराज में मारपीट कर जमीन कब्जाने का आरोप है. बताया जा रहा है कि एसआईटी अली को जल्द पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.

 

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शाइस्ता को पुलिस ने FIR में लिखा माफिया अपराधी

प्रयागराज (झूठा-सच)। प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता को अब पुलिस माफिया अपराधी घोषित करने की तैयारी में है। धूमनगंज पुलिस ने 2 मई को दर्ज की गई एक FIR में शाइस्ता के नाम के आगे "माफिया अपराधी" लिखा है। हालांकि, अभी ऑफिशियल तौर पर उसे माफिया घोषित नहीं किया है। 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के दो-तीन दिन बाद से शाइस्ता फरार है। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित है। उसी तलाश में पुलिस 70 दिन में 4 राज्यों में छापेमारी कर चुकी है,,उधर, वकील सौलत हनीफ के बाद अब प्रयागराज पुलिस नैनी जेल में बंद अतीक के बेटे अली को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही कोर्ट में एप्लिकेशन दाखिल की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि अली से उमेश हत्याकांड को लेकर कुछ और सुराग मिल सकते हैं। दरअसल, पुलिस जांच में पता चला था कि उमेश हत्याकांड से पहले शूटर गुड्‌डू मुस्लिम-गुलाम और साबिर ने जेल में अली से मुलाकात की थी। हालांकि, पुलिस इस पर पुलिस का आधिकारिक बयान नहीं आया है।
"अतीक के जनाजे के दिन आतिन के घर मे रुकी थी शाइस्ता"
पुलिस एफआईआर के मुताबिक, खुल्दाबाद के रहने वाले जफर उल्ला अतीक का करीबी रहा है। देवरिया जेल में अतीक ने लखनऊ के व्यापारी मोहित अग्रवाल की पिटाई की थी। इस मामले में जफर का भी नाम शामिल है। इसी केस में जफर, अतीक के बेटे उमर के साथ लखनऊ के जेल में बंद है।जफर का बेटा मो. आतिन अतीक के बेटे असद का दोस्त था। 16 अप्रैल को अतीक के जनाजे के दिन शाइस्ता भेष बदलकर अतिन के घर आई थी। उसके साथ साबिर भी था। हालांकि, बड़ी संख्या में पुलिस बल को देखकर वह जनाने में नहीं आई।
"एफआईआर में जिक्र शूटर लेकर चलती है शाइस्ता"
धूमनगंज इंस्पेक्टर अरूण कुमार मौर्य ने थाने में 2 मई को मो. आतिन के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें शाइस्ता के नाम के पहले माफिया अपराधी लिखा है। FIR में लिखा है कि शाइस्ता अपने साथ शूटर भी लेकर चलती थीं।उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर साबिर को शाइस्ता का शूटर बताया गया है। साबिर अभी भी फरार है। उस पर 5 लाख का इनाम है। माना जा रहा है कि अब माफिया की सूची में शाइस्ता का भी नाम शामिल हो सकता है।
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यूपी निकाय चुनाव : बुर्के में वोट डालने को लेकर दो पक्षों में हुआ पथराव, देखें वीडियो

लाइन में लगे वोटरों को भगाया, मौके पर पहुँची फोर्स ने मामले को कराया शान्त
कानपुर। अमरोहा में वोटिंग के दौरान बसपा और भाजपा समर्थक आमने-सामने आ गए। भाजपा समर्थक मुस्लिम महिलाओं के बुर्के में वोट डालने पर आपत्ति जता रहे थे। उनका कहना था, बुर्का डालकर मुस्लिम महिलाएं फर्जी वोट डाल रही हैं। जिसके बाद दो पक्षों में झड़प हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों में पत्थरबाजी होने लगी। भीड़ ने पोलिंग पार्टियों की तीन बसों और एक पुलिस की गाड़ी में भी तोडफ़ोड़ कर दी। इस विवाद में 6 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। जिनमें कुछ को मामूली चोटें आई हैं। दोनों पक्षों में झड़प गजरौला में वोटिंग के दौरान नगर पालिका कायाज़्लय के सामने बने उच्च प्राथमिक विद्यालय में बने बूथ पर हुई है। पुलिस ने लाठी चार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा है।
 
 
 
 
आपको बता दे कि गजरौला में बसपा के पूर्व विधायक हरपाल सिंह की पत्नी चेयरमैन पद का चुनाव लड़ रही हैं। वहीं भाजपा से कमलेश आर्य चुनाव में खड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि सुबह से ही बूथ पर वोटिंग चल रही थी। तभी एक समाज के लोग मौके पर पहुंचे। उनका कहना था कि राजंद्री देवी को जीताने के लिए मुस्लिम महिलाएं बुर्के में गलत तरीके से वोट डाल रही हैं। इस बात की सूचना मिलते ही पूर्व विधायक हरपाल सिंह मौके पर पहुंच गए। उन्होंने वहां मौजूद लोगों पर बूथ कैप्चर करने का आरोप लगाया। इसके बाद वो बूथ के अंदर घुस गए। इसी बीच मौके पर डीएम-एसपी भी पहुंच गए। उन्होंने बूथ पर हंगामा होता देख पूर्व विधायक हरपाल सिंह को हिरासत में ले लिया। जिसके बाद बूथ पर बवाल होने लगा। गाली-गलौज करते हुए लोगों ने एक दूसरे के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच एक समुदाय के लोग पत्थरबाजी करने लगे। वहीं दूसके समुदाय के लोग लाठी से हमला करने लगे। विवाद होता देख वोटिंग को रुकवा दिया गया। साथ ही बूथ को लॉक कर दिया गया।मौके पर मौजूद पुलिस बल ने किसी तरह से विवाद को शांत करवाया। पुलिस बल ने विवाद कर रहे लोगों को मौके से खदेड़ा। करीब आधे घंटे के बाद फिर से वोटिंग शुरू हो पाई है। माहौल को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने पत्थरबाजी करते हुए एक युवक को मौके से गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही बूथ के आसपास भारी पुलिस को तैनात कर दिया गया है।

 
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निकाय चुनाव में वीडियो वार,सपा का पलटवार

झूठा-सच (उत्तरप्रदेश) : यूपी में निकाय चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। इसी बीच 24 अप्रैल को भाजपा उत्तर प्रदेश के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया। पोस्ट करते हुए लिखा- 'गुंडे पुकारते हैं अखिलेश आइए...दंगों में फिर से यूपी को वापस जलाइए.
 
 
 
इसके बाद समाजवादी पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक वीडियो बीजेपी पर पलटवार करते हुए शेयर किया गया....जो जनता को सताएं हैं, हम उनको हटाएंगे...वहीं  निकाय चुनाव को लेकर दोनों पार्टियां एक दूसरे को घेरने का काम कर रही है,,अब देंखने वाली बात ये होगी कि इन वीडियो से किसको फायदा मिलता है और कौन निकाय चुनाव में अपनी जीत दर्ज करता है.
 
 

 

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झूठा-सच EXCLUSIVE : असद के मोबाइल से मिला दहशत भरा वीडियो आया सामने,देखे पूरा वीडियो

 HIGHLIGHTS 

  • एक शख्स को बुरी तरह पीट रहे असद के गुर्गे
  • एनकाउंटर में मारा जा चुका है असद
झूठा-सच (उत्तरप्रदेश) : .उत्तर प्रदेश में माफिया अतीक अहमद की दबंगई को लेकर नए नए खुलासे हो रहे हैं. एनकाउंटर में मारे गए अतीक के बेटे असद का भी मोबाइल फोन एक-एक कर बड़े राज खोल रहा है. अतीक के बेटे असद के मोबाइल फोन से पुलिस को एक वीडियो मिला है. वीडियो को 19 जनवरी 2021 को बनाया गया था. इस वीडियो में एक शख्स को बुरी तरह नंगा करके पीटा जा रहा है. लात-घूंसों और बेल्ट से उस शख्स की पिटाई की जा रही है.
 
 
जानकारी के अनुसार, लखनऊ के एक फ्लैट का यह वीडियो बताया जा रहा है. इस फ्लैट में असद रहता था. वीडियो में 3 से 4 लोग दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, वीडियो में असद दिखाई नहीं दे रहा है. लेकिन मुमकिन है कि वो वीडियो बनाने में शामिल रहा हो. वीडियो में दिख रहा है कि एक लड़का जमीन पर बैठे लड़के को बुरी तरह पीट रहे है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि असद के फ्लैट पर इसी तरह लोगों की पिटाई की जाती थी. उसका वीडियो बनाया जाता था और वाट्स एप ग्रुप में वायरल करके डर और दहशत फैलाया जाती थी. लोगों को डराने और खौफजदा करने के लिए वीडियो बनाए और वायरल किए जाते थे.
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