झूठा-सच

दिवगंत शासकीय सेवको को मिली रही है अनुकम्पा

कोण्डागांव : - अधोसंरचनाओ के उत्तरोत्तर विकास और राज्य के आवश्यकता अनुरूप जनकल्याणकारी योजनाओं के बीच संवेदनशील से क्रियान्वित किया जाने वाला निर्णय एक लोक कल्याणकारी स्वरूप की स्थापना का प्रमुख कारक होता है। राज्य शासन द्वारा असमय काल कवलित होेने वाले शासकीय कर्मचारियों के शोकाकुल परिवारो के आश्रितो को मृत शासकीय सेवक के स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति देने के निर्णय ने शासन के मानवीय दृष्टिकोण की भावना को निश्चय ही सार्थक किया है। 


गौरतलब किया है कि शासन द्वारा तृतीय श्रेणी के पदो पर अनुकम्पा नियुक्ति देने हेतु 10 प्रतिशत सीमाबंधन प्रावधानो को शिथिल किया गया है इस निर्णय से ना केवल महामारी में असामयिक दिवगंत होने वाले शासकीय कर्मियों के परिवारो को तत्काल राहत पंहुचाया है बल्कि वर्षो से लंबित अनुकम्पा प्रकरणो के त्वरित निराकरण मे मदद मिली है। कुल मिलाकर भरण-पोषण की दुःशचिन्तता झेल रहे संतप्त परिवार के लिए यह राहत भरा फैसला काफी हद तक उनके दुखो की भरपाई कर सका है।
 
जिले के फरसगांव निवासी कौशिल्या नाग भी उन्ही महिलाओ से है जिन्हे अनुकम्पा नियुक्ति के तहत् शासकीय नौकरी में अवसर दिया गया है। बी.ए. स्नातक प्राप्त कौशल्या बताती है कि शासकीय हाई स्कूल फरसगांव में सहायक शिक्षक वर्ग 2 मे पदस्थ उनके पति  प्रभुलाल नाग की इसी वर्ष 12 जनवरी 2021 को एक सड़क दुर्घटना मे मृत्यु हो गई थी। जाहिर है पति का अचानक मृत्यु होना कौशल्या नाग के लिए एक बड़ा आघात था क्योंकि अब स्वयं के साथ-साथ उनके दो बच्चे जिनमें से एक चन्द्रप्रकाश नाग 10वीं और दूसरा खिलेश्वर नाग 8वीं मे अध्ययनरत है उनसबकी जिम्मेदारी उनपर आन पड़ी थी। इस कठोर मानसिक विपदा के बीच शासन के अनुकम्पा नियुक्ति देने के नये प्रावधानो में उन्हे इन मुश्किल क्षणों से उबारा और बीईओ के माध्यम से उन्होने अनुकम्पा नियुक्ति संबंधित आवेदन जिला शिक्षा विभाग कार्यालय में प्रस्तुत किया और त्वरित कार्यवाही के चलते उन्हे तत्काल सहायक ग्रेड 03 के पद पर पीपरा बहीगांव में पद स्थापना मिली। 

अपने जीवन को फिर से संवारने के लिए शासन के इस संवेदनशील निर्णय के प्रति आभार जताते हुए उनका कहना है कि पति के न रहने से उनकी कमी तो सदैव खलेगी ही परंतु अनुकम्पा नियुक्ति की बदौलत उनके जीविकोपार्जन एवं बच्चो का भविष्य सुरक्षित हुआ है। वे मानती है कि एक गृहिणी से नौकरी पेशा महिला बनना एक चुनौती तो है और शासन द्वारा दिये गये इस अवसर पर वह इसमें भी पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करेंगी। यह कहना जरूरी होगा कि शासन की इस पहल ने  कौशल्या नाग जैसी अनेक महिलाओं एवं युवाओं को अपने घर के मुखिया के असमय देहावसान के बाद भी नये सिरे से जीवन की शुरूवात करने की आस जगाई है। सामाजिक सरोकार से जुड़े इस पहल को इसलिए भी सराहा जाना चाहिए क्योंकि अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधान एवं नियम इससे पहले के वर्षो में इतने सरल कभी नही थे और तो और अनेक वर्षो से लंबित प्रकरणो के निराकरण की बाट जोहते परिवारों के लिए यह निर्णय एक सुखद संदेश लाया है। कोई आश्चर्य नही कि शासन की इस संवेदनशील निर्णय की सर्वत्र सराहना की जा रही है। ज्ञात हो कि शासन के निर्णय के पश्चात अब तक जिले में शिक्षा विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के 34 प्रकरणो का निराकरण कर आश्रितो को शासकीय नियुक्तियां दी गई है।

 

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हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के शासकीय स्कूलों में एक जैसी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं बच्चे

रायपुर : - सभी वर्ग के बच्चों को निःशुल्क अंग्रेजी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में 172 स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरु किए गए हैं। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के निर्देशों के अनुरूप स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इन अंग्रेजी स्कूलों में निजी स्कूलों जैसी ही सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। छत्तीसगढ़ सरकार इन अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के साथ-साथ शासकीय हिंदी माध्यम स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को भी आधुनिक साधन-सुविधाएं मुहैया करा रही है। इसका उदाहरण हम जशपुर और दुर्ग के हिंदी और अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में देख सकते हैं, जहां दोनों ही माध्यम के स्कूलों के बच्चे एक जैसी सुविधाओं के साथ भोजन कर रहे हैं ।

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पढ़ना लिखना अभियान से एक हजार शिक्षक 10 हजार निरक्षरों को दे रहे शिक्षा

महासमुंद :- पढ़ना-लिखना अभियान के अंतर्गत पूरे छत्तीसगढ में 15 आयु वर्ग से  अधिक उम्र के करीबन ढाई लाख और निरक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। इस योजना में पढ़ना-लिखना और गणितीय कौशल में वृद्धि कर साक्षरता कौशल अर्जित करने के लिए 120 घंटे की पढ़ाई करायी जा रही है। पढ़ाने वाले स्वयंसेवी शिक्षक स्कूल कॉलेज के बच्चे एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड, नेहरू युवा केन्द्र के स्वयं सेवक, सेवानिवृत्त व्यक्ति शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के व्यक्तियों का पढ़ाई के इस कार्य में सहयोग लिया जा रहा है। साक्षरता केंद्र किसी भी स्कूल, कॉलेज के भवन पंचायत एवं सार्वजनिक भवन में लगाए जा सकते हैं। यह केंद्र किसी के घर में भी लग सकता है, इसके लिए कोई बंधन नहीं है। इसके लिए कोई समय भी निश्चित नहीं है अर्थात शिक्षार्थियों की सुविधा अनुसार यह 2 घंटे कभी भी लगाया जा सकता है। पठन-पाठन सामग्री की व्यवस्था जिला साक्षरता मिशन द्वारा की जाती है।


छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना में उन लोगों को शामिल किया जाता है, जो साक्षर नहीं हैं, जो कभी स्कूल नहीं गए हैं, जिन्होंने पढ़ाई-लिखाई नहीं की है, सरकार ऐसे लोगों को शिक्षित करने का प्रयास कर रही है। ‘‘प्रारंभिक शिक्षा सभी को’’ इस विचार से इस योजना को शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 साल और इससे अधिक आयु के करीबन ढाई लाख निरक्षर वयस्कों को साक्षर बनाना है। इस अभियान में महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य वंचित समूहों को शामिल किया गया है।

जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता मिशन से मिली जानकारी अनुसार महासमुंद जिले में 1045 स्वयंसेवी शिक्षक करीबन 9988 निरीक्षरों को साक्षर करने में जुटे है। इसमें जिले के बागबाहरा विकासखंड में 179 स्वयंसेवी शिक्षक 1787 शिक्षार्थियों, बसना में 246 स्वयंसेवी शिक्षक 2404 लोगों को साक्षर करने में लगे है। इसी प्रकार महासमुंद ब्लॉक के 202 स्वयंसेवी शिक्षक भी ऐसे 2254 शिक्षार्थियों को पढा रहे है। पिथौरा के 219 स्वयंसेवी शिक्षक 2000 शिक्षार्थियों और सरायपाली के 199 स्वयंसेवी शिक्षक 1643 निरीक्षरों को साक्षर के लिए पढ़ा रहे है। इसके अलावा इनके द्वारा अब तक 11000 से ज्यादा पढ़ाई के फोटो विभागीय पोर्टल में अपलोड कर चुके है |

कार्यक्रम के समन्वय के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा पूरे प्रदेश में असाक्षरों व स्वयंसेवी शिक्षकों को चिन्हित अर्थात सर्वे का कार्य भी किया गया है। स्वयंसेवी शिक्षकों को पढ़ाने के लिए विशेष तकनीकी अपनाई जाती है, उन्हें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रत्येक जिले में दो-दो रिसोर्स पर्सन वह प्रत्येक ब्लॉक में आनुपातिक रूप से कुशल प्रशिक्षकों का चयन हुआ। उनका ऑनलाइन प्रशिक्षण भी किया जा चुका है।

कलेक्टर  डोमन सिंह ने पिछले महीने जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण (कार्यकारिणी समिति) की बैठक ली थी। जिला शिक्षा अधिकारी को दिए तथा स्वयं सेवी शिक्षकों को 120 घंटा में बुनियादी प्रवेशिका आखर झांपी पाठ्यक्रम को पूर्ण करने हेतु समय सारणी देने कहा था। जिससे समय-सीमा में पढ़ाई का कार्य पूर्ण हो सकें। विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों से जिले में पूर्व में संचालित साक्षरता कार्यक्रम के नवसाक्षरों के द्वारा असाक्षरों को प्रोत्साहित करने हेतु अनुरोध किया था।

 

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बिलासपुर : उद्यानिकी फसल से समृद्ध हुए किसान श्री कुर्रे क्षेत्रवासियों के लिए बने प्रेरणास्त्रोत

बिलासपुर : - जिले के विकासखण्ड तखतपुर के ग्राम खजुरी नवागांव में रहने वाले बी.आर. कुर्रे के चेहरे पर इस साल लौकी की बंपर पैदावार से आई मुस्कान साफ देखी जा सकती है। कुर्रे उद्यानिकी विभाग के सहयोग से परम्परागत फसलों की खेती से इतर वृहद क्षेत्र में सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं। जिससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त हो रही है। इनसे प्रेरित होकर आसपास के क्षेत्रवासी भी सब्जी की खेती करना शुरू कर रहे है।


कुर्रे ने बताया कि हमारा पारिवारिक व्यवसाय खेती बाड़ी का है। सब्जियों का उत्पादन करने के पूर्व हम परम्परागत रूप से कृषि का काम करते थे। कृषि में नवाचार तथा तकनीकी ज्ञान के अभाव में उत्पादन कम होता था। जिससे परिवार का खर्च चलाना मुश्किल था। पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ने से मैं भविष्य के प्रति चिंतित था लेकिन उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित की जा रही राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत् सब्जी, क्षेत्र विस्तार योजना की जानकारी मिली, तब मैने सब्जी लगाने का निर्णय लिया। कुर्रे बताते है कि उद्यानिकी विभाग द्वारा उन्हें समय समय पर मार्गदर्शन एवं पूरा सहयोग दिया गया। उन्होंने बताया कि मुझे बीस हजार रूपये प्रति हैक्टेयर की लागत से अनुदान दिया गया। मैने चार एकड़ में लौकी एवं एक एकड़ में करेली की फसल लगाई है। उद्यानिकी विभाग द्वारा सिंचाई के लिए ड्रीप पद्धति से सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। मुझे सालाना 3 से 4 लाख का मुनाफा इससे हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी लौकी की अच्छी पैदावार ने उन्हें हौसला दिया है। सब्जियों का उत्पादन उनके लिए फायदे का सौदा बन गया है। शासन को धन्यवाद देते हुए कहते है कि उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित इस योजना से उनके जीवन की दिशा ही बदल गई है।

 

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सूरजपुर : कलेक्टर ने गिरदावरी कार्य का किया निरीक्षण

 सूरजपुर : - कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह ने आज सूरजपुर तहसील के ग्राम नेवरा, डुमरिया, पर्री मे किसानों के खेत तक पहुंच कर पटवारियों सहित अन्य संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा कराए जा रहे गिरदावरी कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने नेवरा के सुबिरति, रामबारत एवं डुमरिया के शांति एवं रामदिनी के खेत का अवलोकन किया जिसमें धान की फसल लगा हुआ है। कलेक्टर ने गिरदावरी कार्य के लिए नियुक्त अधिकारी, कर्मचारियों को किसानों के खेतों तक जाकर ही उचित ढंग से गिरदावरी कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं।


ज्ञातव्य है की शासन के निर्देशानुसार गिरदावरी कार्य किया जाना है, जिसमें सभी खसरो का भौतिक सत्यापन कर ऑनलाइन फसल प्रविष्टि की जाएगी साथ ही धान की किस्म, पेड़, मकान, सिंचाई के साधन इत्यादि की प्रविष्टि का प्रावधान है। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों से चर्चा करते हुए फसल की सिंचाई, फसल की स्थिति तथा कृषि संबंधी अन्य जानकारियां लेते हुए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव संबंधी जानकारिया ली तथा रिकॉर्ड दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीणों से पेंशन स्वास्थ्य एवं अन्य समस्याओं से अवगत हुए इस पर ग्रामीणों ने किसी प्रकार की समस्या नहीं होने की बात कही। गिरदावरी कार्य के निरीक्षण के दौरान तहसीलदार मोहम्मद इसराइल सहित संबंधित ग्रामों के किसान, सरपंच, सचिव ,पटवारी, राजस्व निरीक्षक इत्यादि उपस्थित थे

 

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रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह

 संजीव दुबे/रायपुर :-  रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुए प्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होने भाजपा सरकार के 15 साल और कांग्रेस सरकार के ढ़ाई साल के विकास कार्य और अधोरचना की तुलना करते हुए उन्होने कहा कि इन ढ़ाई सालों में नरवा गरवा घुरवा बाड़ी को छोड़कर प्रदेश में कोई बड़ी योजना पर काम होते नजर नहीं आ रहा हैं रमन ने भूपेश सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार कहती हैं कि सवाल मत पूछों लेकिन हम तो सवाल पूछेगें |



 
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लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से आवेदनों का समय-सीमा में हो रहा है निराकरण

रायपुर :-  छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लोगों के सरकारी दफ्तरों से संबंधित काम-काज शीघ्र और समय सीमा में हो इसके लिए लोक सेवा केन्द्र द्वारा दी जा रही सेवाओं को प्रभावी कार्य किया है। लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से प्राप्त होने वाले आवेदन का समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसका असर यह रहा कि लोक सेवा केन्द्र के आवेदनों के निराकरण में गति आई है। लोक सेवा केन्द्र के तहत प्रदेश में विगत जुलाई माह में 53 हजार 533 सर्वाधिक आवेदन राजनांदगांव जिले में प्राप्त हुए है। जिसमें से 44 हजार 291 प्रकरणों का निराकरण कर लिया गया है। 

गौरतलब है कि नागरिक लोक सेवा गारंटी के माध्यम से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ई-कोर्ट केस पंजीकरण, चॉइस विवाह प्रमाण पत्र सुधार, चॉइस जन्म सुधार, चॉइस मृत्यु सुधार, पेट्रोल पंप स्थापित करने हेतु एनओसी, मूल निवास प्रमाण पत्र, वन विभाग अनापत्ति प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण एवं प्रमाण पत्र, स्थानांतरण प्रमाण पत्र सरकारी स्कूल के लिए ऑनलाईन आवेदन कर प्राप्त कर सकते हैं। इस बार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए भी लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से सेवाएं दी गई।
 
राजनांदगांव के ई-डिस्ट्रिक मैनेजर सौरभ मिश्रा नेे बताया कि कुल प्राप्त आवेदन 53 हजार 533 में से आय, जाति, निवास एवं जन्म-मृत्यु एवं गोमास्ता के 51 हजार 759 आवेदन है। हमारे जिले में 97 प्रतिशत इंटरनेट कव्हरेज है। कुछ ग्राम पंचायतों को छोड़कर लगभग सभी ग्रामों में इंटरनेट कनेक्शन है। वर्तमान समय में जनसामान्य आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र के लिए लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन की संख्या में वृद्धि हुई है, जो उत्साहजनक है। वर्तमान में 350 ग्रामों में फाइबर कनेक्शन है। वर्ष 2022 तक सभी ग्राम पंचायत फाइबर कनेक्टेड हो जाएंगे। हमारे जिले में आईटी की अच्छी सुविधा है। उन्होंने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से ग्राम पंचायतों में सेवाएं दी जा रही है। बैंक सखी एवं सीएससी के माध्यम से ग्रामों में डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग किया जा रहा है।  
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फिटनेस की दुनिया में रागिनी ने बनाया नया मुकाम

कोण्डागांव :- वर्तमान कालखण्ड में युवा महिलाओं में अपने जीवविकोर्जन एवं नये कैरियर के खातिर लीक से हट कर कार्य करने का जज्बा पुख्ता हो चला है। इधर रोजगार परिदृष्य में भी नयी नयी सभावनाओं द्वारा दस्तक दिया जा रहा है। अब युवा महिलाएं नौकरी के अलावा कई संस्थानों एकेडेमी एवं प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन बखुबी कर रही है। जिला मुख्यालय के विकास नगर स्थित आरजे फिटनेक्सेट की संचालिका रागिनी भी उन्ही युवा महिलाओं में से है बचपन से ही खेलोें के प्रति रूझान के चलते होने कारण वे सदैव फिटनेस के प्रति जागरूक रही और बचपन की इसी रूचि ने उन्हें फिटनेस सेंटर प्रारंभ करने की प्रेरणा दी वे स्वयं राज्य स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी है।

रागिनी बताती है कि ग्रेजुएशन के पश्चात गुरूमान शेरू अंग्रीस फिटनेस इंडस्ट्री रायपुर एवं एनआईएस से फिटनेस में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद अपने कैरियर को नयी दिशा देने के उद्देश्य से जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में पांच लाख रूपये का ऋण बैंक ऑफ बड़ौदा से प्राप्त किया गया। जिसमें जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा मार्जिन मनी के रूप में 1.25 लाख का अनुदान दिया गया। वर्तमान में उनके द्वारा फिटनेस संस्थान का 02 वर्षों से कुशलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है। उनके यहा वर्तमान में लगभग 70 महिलाओं एवं युवतियों फिटनेस संबंधी सुविधाओं का लाभ ले रही है साथ ही ‘रागिनी‘ ऋण पूर्नभूगतान के तहत् 12 हजार रूपये मासिक किस्त का भूगतान के अलावा लगभग 20 से 40 हजार रूपये का आय अर्जन कर रही है।

वे मानती है कि उनका मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भरता के अलावा महिलाओं में आत्म विश्वास जागृत करना है और आत्म विश्वास तभी जागृत हो सकता है जब महिला शारीरिक व मानसिक रूप से मजबुत हो और उनका फिटनेस संस्थान इस कार्य के लिए दृढ संकल्पित है। वैसे भी चूस्त दूरुस्त आकर्षक एवं सुडौल व्यक्तित्व की चाहत हर किसी को होती है पर इस व्यक्तित्व को पाने के लिए जरुरी व्यायाम एवं पोषक आहार की आवश्यकता होती है पर व्यस्त दिनचर्या में इसके लिए नियमित रुप से समय निकालना हर किसी के लिए संभव नहीं होता और यह केवल कुशल ट्रेनर के मार्गदर्शन में ही हो सकता है और आरजे फिटनेक्सट की संचालिका रागिनी जायसवाल यह कार्य पुरी निपूणता के साथ कर रही है।

 

 

 

 

 

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मंत्री अनिला भेंड़िया ने दिव्यांग लता और रानिया को प्रदान किया निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल

रायपुर :- समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया ने अपने  निवास में आयोजित कार्यक्रम में दिव्यांग लता डान्डे एवं रानिया देवांगन को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल के माध्यम से बिना किसी पर निर्भर रहते हुए कहीं भी आ जा सकेंगे। इससे उनका जीवन बहुत सरल हो जाएगा। 

सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के हित के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसका लाभ उन्हें समय पर विभाग द्वारा प्रदान किया जा रहा है। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं से दिव्यांगजनों के सपने साकार होने लगे हैं। लता डान्डे एवं रानिया देवांगन निशुल्क मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने  से  बेहद खुश है। उन्होंने राज्य सरकार को योजना की जानकारी देने एवं उपकरण प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है। समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक  भूपेंद्र पांडे ने बताया कि सहायक उपकरण प्रदाय योजना के अंतर्गत निशक्तजन व्यक्तियों को ट्राईसाईकिल बैसाखी, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, छड़ी तथा अन्य कृत्रिम अंग निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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रायपुर : गौठानों से जुड़कर स्व सहायता समूह की महिलाएं संवार रहीं अपना भविष्य

रायपुर :- किसानों एवं पशुपालकों को आर्थिक लाभ पहंुचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित गोधन न्याय योजना ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता का सशक्त माध्यम बन गया है। गौठानों से जुड़कर स्व सहायता समूह की महिलाएं अपना भविष्य संवार रहीं है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत स्व सहायता समूह की महिलाएं पूर्ण तन्मयता के साथ वर्मी खाद निर्माण में जुटी हुई है। आत्मा योजना के तहत् महिलाओं को वर्मी खाद बनाने का प्रशिक्षण व खाद उत्पादन के लिए केंचुएं प्रदान किये गये है। इसके अलावा फॉर्म स्कूल का संचालन कर जैविक खाद निर्माण की बारीकियों से उन्हें अवगत कराया गया है। गौठान में स्थापित वर्मी टैंक और वर्मी बेड से महिलाएं खाद बना रही हैं। खाद के पैकिंग के लिए बारदाने, सिलाई मशीन और तौलने के लिए मशीन कृषि विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया है। तैयार खाद समितियों के माध्यम से विक्रय हो रहा है।  

बिलासपुर जिले में ऐसे ही एक स्व सहायता समूह से जुड़ी ग्राम ठरकपुर की  ममता टेकाम ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा गोबर में केंचुआ डालकर खाद बनाने का तरीका बताया गया है। अब वह गांव से इकट्ठे किए गए गोबर को गौठान में लाने का काम करती है और समूह की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर वर्मी खाद का उत्पादन कर रही हैं। इस कार्य से उन्हें गांव में ही रोजगार मिल रहा है और वे सभी खुश है। उसने कहा कि गोधन न्याय योजना से उनके लिए रोजगार एवं पैसा कमाने का जरिया मिला है।

कोटा विकासखण्ड के ग्राम शिवतराई की महामाया स्व सहायता समूह की सदस्य  सफीन बाई सिरसो ने बताया कि पहले वे अपने समूह में पैसे का लेनदेन करते थे। अब तो वर्मी खाद बनाने का काम कर रहे है। जिससे उन्हें मजदूरी मिल रही है। गांव के बाहर काम खोजने के लिए नहीं जाना पड़ता। रोज गौठान में आकर काम करते हैं। इससे फायदा हो रहा है। जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह ग्राम जुहली की सदस्य  दुखनी बाई मरकाम का कहना है कि पहले गांव की महिलाएं बेरोजगार थी। अब वर्मी खाद बनाने का काम मिला हैं। उनकी समिति में 10 सदस्य है। खाद से सभी की कमाई हो रही है।
 
घर के चाय, शक्कर, निरमा आदि का खर्च और बच्चों का जेब खर्च देने में अब वे सक्षम है और भविष्य के लिए पैसा भी बचा रहे हैं। महामाया समूह शिवतराई की सदस्य कुमारी जलेश्वरी धु्रव ने कहा कि पहले अपने खर्च के लिए उन्हें पिता, भाई से पैसा मांगना पड़ता था। जब से वह गोधन न्याय योजना से जुड़ी है उसे अपने छोटे मोटे खर्च के लिए पैसे नहीं मांगना पड़ता और अपने तरीके से अपना पैसा खर्च करती है।अपने गांव के गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाएं पूर्णनिष्ठा के साथ जैविक खाद उत्पादन कार्य में लगी हैं। यह इतना आसान है कि वे दैनिक परिवारिक कार्याें के उपरांत बचे हुए समय का उपयोग खाद निर्माण के लिए करती है। महिलाएं अपने कार्य इस प्रकार करती है कि किसी भी सदस्य पर कार्य का ज्यादा बोझ नहीं पड़ता।

 

 

 

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रायपुर : गौठानों में हरे चारे के लिए नेपियर घास का हो रहा रोपण

रायपुर :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में निर्मित गौठानों में पशुधन को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए चारागाह विकास के साथ-साथ नेपियर घास का रोपण तेजी से किया जा रहा है। चारागाहों में नेपियर घास के रोपण के अलावा हरे चारे की व्यवस्था के लिए ज्वार, मक्का, बाजरा आदि की भी बुआई की जा रही है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन की महात्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी योजना के अंतर्गत राज्य में 10 हजार से अधिक गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से लगभग 6 हजार गौठान निर्मित एवं संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में संचालित गौठानों के साथ-साथ निर्माणाधीन गौठानों में भी चारागाह विकास का कार्य तेजी से कराया जा रहा है।

राज्य के सुदूर वनांचल का जिला सुकमा में सुराजी गांव योजना के तहत विकसित  80 गौठानों में चारागाह विकास का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस योजना के तहत् पशुधन विकास विभाग द्वारा जिले सुकमा, कोंटा एवं छिन्दगढ़ विकासखंड के गौठान ग्रामों के चारागाह में पशुओं के लिए पौष्टिक हरा चारा उपलब्ध कराने हेतु हाईब्रिड नेपियर घास का रोपण किया जा चुका है। चारागाह हेतु आरक्षित भूमि को तार से फेंसिंग कर संरक्षित किया गया तथा सिंचाई सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। यहां यह उल्लेखनीय है कि एक बार नेपियर घास का रोपण कर देने से उससे आगामी 4-5 वर्षों तक हरा चारा प्राप्त होता है। एक बार घास की कटाई करने के बाद उसकी शाखाएं पुनः फैलने लगती है और 40 दिन बाद कटाई हेतु पुनः तैयार होती है। हाईब्रिड नेपियर घास में क्रुड प्रोटिन 8-10 प्रतिशत, क्रुड रेशा 30 प्रतिशत और कैल्सियम 0.5 प्रतिशत होता है। इसके अलावा 16-20 प्रतिशत शुष्क पदार्थ, 60 प्रतिशत पाचन क्षमता और 3 प्रतिशत औक्सालेट होता है।
 
उपसंचालक पशु चिकित्सा सुकमा ने बताया कि जिले में 88 गौठान स्वीकृत है। जिसमें विकासखण्ड सुकमा में 22, छिंदगढ में 39 एवं कांेटा में 19 इस प्रकार कुल 80 स्वीकृत हैं। गौठान के 133.7 एकड़ भूमि में पशुधन विकास विभाग एवं गौठान प्रबंधन समिति के स्व-सहायता समूह द्वारा हाईब्रिड नेपियर घास का रोपण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। चारागाह विकास की जिम्मेदारी गौठान प्रबंधन समिति की निगरानी में स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। हरा चारा उत्पादन से होने वाली आय स्व-सहायता समूह की होगी

 

 

 

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रायपुर : वनांचल के किसान कर रहे है बासमती धान की खेती

रायपुर :- छत्तीसगढ़ में किसानों की आय में वृद्धि के साथ उच्च गुणवत्तायुक्त फसलों के उत्पादन के लिये एक्सटेंशन रिफॉर्म्स आत्मा योजनान्तर्गत कृषि विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में कोण्डागांव जिले के फरसगांव के भुमका, पासंगी, चिचाड़ी, भण्डारसिवनी और पतोड़ा के किसानों को प्रेरित कर जैविक तरीकों से बासमती धान की उच्च गुणवत्तायुक्त फसलों का उत्पादन कार्य प्रारंभ किया गया है, जिसके तहत् प्रारंभिक रूप से आत्मा योजनांतर्गत 50 कृषकों को शामिल कर उन्हें बासमती धान उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों को धान की पारम्परिक खेती से वैज्ञानिक तकनीकों से कृषि करने हेतु प्रेरित करने के लिए  विधि द्वारा कतार में रोपाई कराकर निःशुल्क बीज एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद का वितरण किया गया है। चूंकि वर्तमान बाजार में जैविक उत्पादों का उचित प्रतिफल प्राप्त हो जाता है, इसलिये किसानों को जैविक पद्धति से कृषि हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस संबंध में आत्मा के विकासखंड तकनीकी प्रबंधक टिकेशवर नाग ने बताया कि आत्मा योजनांतर्गत किसानों की आय बढ़ने से किसानों में हर्ष है। वे लगातार नई तकनीकें सीखने के लिये प्रेरित हो रहे हैं, जिससे कृषकों के मुनाफे में भी वृद्धि हो रही है।


कृषि विभाग द्वारा एक्सटेंशन रिफॉर्म्स आत्मा योजनान्तर्गत इस बार ग्राम पतोड़ा, भुमका, आलोर के किसानों ने पहली बार  विधि से जायद में रागी फसल लगायी गई है, जिसे लेकर किसानों में बहुत उत्साह देखा गया। इस संबंध में ग्राम पतोड़ा के किसान जेठू राम और अभिमन्यु ने बताया कि उन्होंने पहली बार विधि से रागी का फसल लगाया गया है, जिससे कम खर्च में ज्यादा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि रागी की फसल में कम पानी की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें सिंचाई साधनों की अतिरिक्त आवश्यकता नहीं होती। विभाग द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन एवं सहायता से उन्हें हौसला मिला है। उन्हें देखकर ग्राम के अन्य कृषक भी विधि द्वारा रागी उत्पादन को प्रेरित हो रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

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गौ संरक्षण और संवर्धन का काम किसानों के जीवन में बदलाव लाने की मुहिम का हिस्सा : सीएम भूपेश बघेल

रायपुर :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौ सेवा हमारे लिए कोई नारा नहीं, हमारा कर्तव्य है। छत्तीसगढ़ में गौ संरक्षण और संवर्धन का काम किसानों के जीवन में बदलाव लाने की मुहिम का एक हिस्सा है। राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी, गौठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के माध्यम से इस दिशा में प्रभावी पहल की है। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष  मन्नालाल यादव, सदस्य अटल यादव, शेखर त्रिपाठी,  नरेन्द्र यादव, पुरूषोत्तम साहू और  प्रशांत मिश्रा ने पदभार ग्रहण किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें नई जिम्मेदारी मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और कार्यक्रम स्थल पर खाद मंत्री अमरजीत भगत, विधायक मोहित राम केरकेट्टा और  उत्तरी जांगड़े, छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्रीराम सुंदर दास सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बीते ढ़ाई वर्षों में छत्तीसगढ़ में गोधन संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, जो पूरे देश के लिए आज उदाहरण बन चुके हैं। मशीनीकरण के दौर में कृषि और पशुपालन के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना और रोका-छेका अभियान जैसे कदमों से इस दूरी को कम करने का प्रयास किया है। कृषि और पशु पालन की ओर लोगों की रूचि बढ़ी है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जहां दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी हो रही हैं। इस योजना में किसानों, पशुपालकों और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन में लगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए आय का नया जरिया खोल दिया है। इससे डेयरी व्यवसाय को नया जीवन मिला है।

 
गौठानों में पशुओं के लिए चारे और पानी की व्यवस्था की गई है। साथ ही यहां पशुओं के स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल भी हो रही है। रोका-छेका की पुरानी परम्परा को लेकर गांवों में जागृति आई है। खुले में घुमने वाले पशु कम ही दिखते हैं। मुख्यमंत्री ने आयोग के पदाधिकारियों को बधाई और शुभाकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें गौ सेवा की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 हजार गौठानों में स्वीकृति दी गई है जिनमें से लगभग 5 हजार गौठानों चारागाह के लिए भूमि आरक्षित की जा चुकी है। इनमें से लगभग 3800 गौठानों चारा उत्पादन का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में गर्मियों में पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। साईलेज बनाकर चारे को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाए। नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी और गोधन योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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VIDEO: स्कूल चले हम...बच्चें उत्साहित अभिभावक चिंतित ! झूठा-सच

वर्षा यादव@ झूठा-सच/रायपुर:-  छत्तीसगढ़ सरकार ने 501 दिनों बाद प्रदेश के सभी जिलों में स्कूलों को खोल दिया है। एक तरफ जहाँ ऑफलाइन क्लॉसेस शुरू की गई है,जिसमे छठवीं-सातवीं और नवमी-ग्यारहवीं की कक्षाओं की पढ़ाई अभी भी ऑनलाइन ही होगी सिर्फ प्राइमरी और दसवीं-बारहवीं तक की कक्षाओं को ऑफलाइन चालू कर दिया गया हैं। बच्चों की अभी तक वैक्सीन नहीं आई हैं जिससे अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर सताने लगा हैं।  वहीँ झूठा-सच की टीम राजधानी के जें.एन पांडेय शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल का दौरा कर बच्चों और शिक्षकों से चर्चा कर स्कूल का जायज़ा लिया। स्कूल के छात्रों और प्रिंसिपल सहित शिक्षकों से कोरोना गाइडलाइन की जानकारी देते हुए स्कूल के प्रिंसिपल मोहनराव सावंत ने बताया कि शासन ने जो निर्णय लिया हैं सराहनीय हैं और हम शासन के गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल का संचालन करेंगे।  ,

बच्चों में दिखा उत्साह 

प्रदेश में एक लंबे अर्से बाद स्कूल खुलने से बच्चों में उत्साह नज़र आया। बता दे कि कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चों की पढ़ाई रुके नहीं इसके लिए शासन ने ऑनलाइन क्लॉसेस की व्यवस्था शुरू की थी। लेकिन कोरोना के घटते मामले को देखते हुए शासन-प्रशासन ने स्कूल खोलने का निर्णय लिया। कई महीनों के बाद स्टूडेंट्स कोरोना गाइडलाइन करते हुए स्कूल पहुँचे। बच्चों ने झूठा सच की टीम को बताया कि उन्होंने स्कूल को बहुत मिस किया। 

अभिभावक चिंतित 

सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पूरी तैयारी के साथ आज से स्कूल तो खोलने का निर्देश दे दिया हैं लेकिन अभिभावकों को शायद सरकार की कोरोना को लेकर की गई तैयारी पर विश्वास नहीं हैं इसलिए कुछ अभिभावक अब भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं

देखे वीडियो,झूठा -सच के लिए कैमरापर्सन उमा के साथ वर्षा यादव की रिपोर्ट।     

 

 

 

 

 

 

 

 

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जारी हुआ 12वीं ओपन स्कूल का रिजल्ट , ऐसे करें चेक...

रायपुर:-  छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित 12वीं की मुख्य एवं अवसर परीक्षा का रिजल्ट आज जारी किया जाएगा. दोपहर 12 बजे रिजल्ट जारी किया जाएगा. स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परीक्षा परिणाम जारी करेंगे. 12वीं ओपन स्कूल व अवसर परीक्षा का छात्र अपना रिजल्ट www.sos.cg.nic.in या result.cg.nic.in पर देख सकेंगे

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VIDEO : विधानसभा में आज उत्कृष्टता अलंकरण समारोह का किया गया आयोजन

छत्तीसगढ़ /रायपुर:-  विधानसभा में आज उत्कृष्टता अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान उत्कृष्ट विधायकों और पत्रकारों को सम्मानित किया गया. विधानसभा के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह कार्यक्रम के अध्यक्ष थे .कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव, विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान और संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए.


आज के उत्कृष्टता अलंकरण समारोह में उत्कृष्ट विधायक के रुप में सत्ता पक्ष से अहिवारा विधायक सांवला राम डहरे और विपक्ष से कोंडागांव विधायक  मोहन मरकाम सम्मानित किया गया. .इनके अलावा रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा को सर्वाधिक जागरूक विधायक के सम्मान से नवाजा गया. वहीं  उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार के लिए इलेक्ट्रानिक मीडिया से स्वराज एक्सप्रेस के ब्यूरो चीफ आशीष तिवारी और को संसदीय रिपोर्टिंग के लिये  साथ ही स्वराज एक्सप्रेस के ही कैमरामैन प्रकाश सिंह यादव  को उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
 
 
 
आशीष तिवारी विधानसभा सत्र के दौरान हर छोटी बड़ी हलचल को कवर करने के लिए जाने जाते हैं. साथ ही सदन में होने वाली बहस और चर्चाओं का विस्तृत व्याख्या भी करते रहे हैं. उनको मिले सम्मान से पूरे स्वराज एक्सप्रेस परिवार और लल्लूराम डॉट काम में खुशी की लहर है. इस मौके पर स्वराज एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ और लल्लूराम डाट कॉम के चेयरमेन नमित जैन ने उन्हें इसके लिए बधाई दी.इसके साथ ही विधानसभा में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और स्वामी विवेकानंद की मूर्तियों का अनावरण किया गया.
 
 

 

 

 

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एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में ऑनलाईन शिक्षा योजना

रायपुर :- प्रदेश में आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में विद्यार्थी दूरस्थ अंचलों से प्रवेशित होते हैं, जहां पर शिक्षण के माध्यम अत्यंत सीमित हैं। कोविड-19 के फलस्वरूप शाला बंद होने के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हुई है। फलस्वरूप एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में ऑनलाईन शिक्षण हेतु विभाग द्वारा योजना तैयार की गई है। इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को इन स्कूलों में योजना के प्रावधान अनुसार ऑनलाईन शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित कराने निर्देशित किया गया है। जिन कक्षाओं में ऑफलाईन कक्षा संचालन की अनुमति नहीं है, उन कक्षाओं में तब तक ऑनलाईन अध्यापन व्यवस्था जारी रखने कहा गया है।
 
ऑनलाईन शिक्षण योजना का उद्देश्य इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षक द्वारा सीबीएसई, सीजी पाठ्यक्रम अनुसार पढ़ाई कराना, विद्यार्थियों को पढ़ाई से जोड़े रखना, नियमित टेस्ट का मूल्यांकन, विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक सहायता और मार्गदर्शन, विद्यार्थियों के पालकों से संपर्क और विद्यार्थियों की परेशानी ज्ञात कर उनका निराकरण करना है। विद्यार्थियों को नियमित शिक्षण सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए शाला स्तर पर ऑनलाईन अध्यापन का सेटअप तैयार कर विद्यार्थियों को गूगल मीट के द्वारा ऑनलाईन शिक्षा की व्यवस्था का प्रावधान है। योजना में विद्यार्थियों को कक्षावार, विषयवार अध्यापन, डाउट क्लास, मार्गदर्शन और मूल्यांकन शामिल है। ऑनलाईन शिक्षण का लाभ विद्यार्थियों को किस प्रकार मिल रहा है, इसके लिए विभागीय शिक्षकों, छात्रावास अधीक्षकों और मंडल संयोजकों के माध्यम से मैदानी स्तर पर मॉनिटरिंग का प्रावधान है।
 
ऑनलाईन शिक्षण योजना का क्रियान्वयन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास स्तर पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की प्राचार्यों की बैठक लेकर विद्यालयवार संचालित होने वाली कक्षावार और विषयवार विद्यार्थियों की संख्या और उपलब्ध विषयवार शिक्षकों की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद प्रत्येक विद्यालय में इंटरनेट कनेक्टिविटी के क्या साधन उपलब्ध हैं और विद्यालय में ऑनलाईन शिक्षण के लिए अन्य आवश्यक सामग्रियों की समीक्षा की जाएगी। विद्यार्थियों की कक्षावार और विषयवार टाईम-टेबल बनाने के बाद कक्षावार ऑनलाईन क्लास के लिए सामग्री और शिक्षकों की आवश्यकता का आंकलन किया जाएगा। व्यवस्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय को नोडल विद्यालय बनाया जाएगा और यहीं से जिले के अन्य एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जहां ऑनलाईन शिक्षण की सुविधा नहीं हो को भी ऑनलाईन से जोड़ा जाएगा। सभी शिक्षकों से नोडल विद्यालय में ही शिक्षण कार्य लिया जाएगा। मॉनिटरिंग के लिए जिले के छात्रावास अधीक्षकों, मंडल संयोजकों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
 
 प्रत्येक जिले में एक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय को नोडल स्कूल के रूप में चिन्हांकित किया जाएगा, जहां शिक्षक और ऑनलाईन शिक्षण हेतु संसाधन उपलब्ध होंगे। नोडल विद्यालय में किसी भी कक्षा, विषय में अध्यापन के लिए बच्चों का समूह 120 से अधिक नहीं होगा। बच्चों की संख्या ज्यादा होती है तो ऑनलाईन के लिए दूसरे समूह और सेटअप भी स्कूल में बनाया जाएगा। जिले के अन्य एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों की जानकारी नोडल प्राचार्य के पास उपलब्ध कराई जाएगी। नोडल विद्यालय में कक्षावार शिक्षा के लिए ऑनलाईन प्लेटफार्म बनाया जाएगा, जहां पर सभी आवश्यक डिजिटल उपकरण उपलब्ध हों। ऑनलाईन अध्ययन के लिए शिक्षकों की व्यवस्था कलेक्टर द्वारा की जाएगी। इससे पहले स्थायी शिक्षकों और अन्य शालाओं से शिक्षक संलग्न कर टीम बनाई जाएगी। यह अध्यापन टीम कक्षावार, विषयवार, ऑनलाईन प्लेटफार्म से टाईम-टेबल अनुसार अध्यापन कार्य करेंगे।
 
विषयवार प्रत्येक विषय के लिए एक कोरगु्रप बनाया जाएगा, जिसमें उस विषय के न्यूनतम तीन शिक्षक होंगे। इनका दायित्व गु्रप की प्रति सप्ताह बैठक कर उसमें विषय से संबंधित अध्यापन की समीक्षा करना तथा इसे और कैसे बेहतर बनाया जाए इस पर चर्चा करना होगा। नोडल प्राचार्य द्वारा ऑनलाईन अध्यापन का कार्यक्रम बनाकर कार्य किया जाएगा। ऑनलाईन अध्यापन के लिए सामान्यतः गूगल मीट का उपयोग किया जाएगा। शिक्षण को बेहतर बनाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर संदर्भ सामग्री यू-ट्यूब, दीक्षा, स्वयंप्रभा, पढ़ई तुंहर दुआर द्वारा पोर्टल से ली जा सकेगी। ऑनलाईन अध्ययन के लिए सभी स्कूल के बच्चों का आईडी बनाया जाएगा। विषय शिक्षक द्वारा प्रत्येक दिन का लिंक विद्यार्थियों को भेजा जाएगा, जिस पर विद्यार्थी अपने आईडी, पासवर्ड से ऑनलाईन कक्षा में जुड़ेंगे। किस स्कूल से कितने और कौन विद्यार्थी कक्षा से जुड़े और अनुपस्थित रहे इसकी जानकारी विषय शिक्षक द्वारा रखी जाएगी। विषय शिक्षक द्वारा मासिक टेस्ट और मूल्यांकन भी किया जाएगा और मासिक प्रगति रिपोर्ट प्राचार्य को भेजी जाएगी। ऑनलाईन शिक्षक की आवश्यक व्यवस्था और मॉनिटरिंग सहायक आयुक्त आदिवासी द्वारा और राज्य स्तर पर आयुक्त द्वारा समीक्षा की जाएगी। ग्राम स्तर से विभागाध्यक्ष स्तर तक मॉनिटरिंग की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है

 

 

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कलेक्टर ने गणेशोत्सव संबंधित जारी की विस्तृत दिशा निर्देश

गरियाबंद :- कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने गणेशोत्सव संबंधित विस्तृत दिशा निर्देश जारी की है। नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए तथा आगामी माह में जिले में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में वृद्धि की संभावना है। जिसे रोकने एवं नियंत्रण में रखने हेतु सभी संबंधित उपाय अमल लाया जाना उचित एवं आवश्यक हो गया है। जिसे दृष्टिगत रखते हुए गणेशोत्सव के संबंध में निम्नानुसार निर्देश प्रसारित किये जाते है। मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 4×4 फिट से अधिक न हो। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फिट से अधिक न हो। पंडाल के सामने कम से कम 5 हजार वर्ग फिट की खुली जगह हो।
 
पंडाल व सामने 5 हजार वर्गफिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। मंडप/पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो, दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेगें। किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न हो। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाईल नंबर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति 4 सीसीटीवी लगायेगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोराना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा, ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा।
 
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाईजर, थर्मल स्क्रिनिंग,आक्सीमीटर, हेंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग, आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर किया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है, तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जायेगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी।
 
मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथावा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथावा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नही होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
 
मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन को पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगरपालिका परिषद्/नगर पंचायत एवं संबंधित तहसील कार्यालय द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।
 
उपरोक्त शर्तो के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है, तो कम से कम 7 दिवस पूर्व नगरपालिका/नगर पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित तहसील कार्यालय से निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिला प्रशासन गरियाबंद द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश आदेश का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश का उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकुल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जायेगी। 

 

 

 

 

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