हिंदुस्तान

एनसीपी और एनसीपी एसपी सांसदों को अयोग्य ठहराने की याचिकाओं का निपटारा, पार्टियों ने दी याचिका

नई दिल्ली। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने एनसीपी और एनसीपी एसपी सांसदों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं का निपटारा कर दिया। दरअसल दोनों पार्टियों ने ही सभापति को आवेदन देकर इस मामले में आगे कोई कार्रवाई न करने की मांग की थी, जिसके बाद सभापति ने इन याचिकाओं का निपटारा करने का फैसला किया। 
राज्यसभा (दलबदल के आधार पर अयोग्यता) सदस्य नियम 1985 की धारा 6 (2) के तहत 20 नवंबर 2023 को एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने एनसीपी एसपी सांसदों वंदना चव्हाण और फौजिया खान को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। इसके बाद 21 नवंबर 2023 को वंदना चव्हाण ने भी प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ ऐसी ही याचिका दायर की।  
दोनों याचिकाएं मूलतः संविधान की दसवीं अनुसूची के अंतर्गत थीं, जिसमें दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधान हैं। शुक्रवार को सुबह सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 3 फरवरी 2025 को आवेदन मिले थे, जिनमें से एक एनसीपी एसपी के नेता शरद पवार की तरफ से और दूसरा एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल की तरफ से मिला था। दोनों नेताओं ने इस मामले में आगे कोई कार्रवाई न करने की अपील की। इसके बाद याचिकाओं का निपटारा करने का फैसला किया गया। 
सांसदों का कार्यकाल समाप्त हुआ
गौरतलब है कि एनसीपी एसपी सांसद वंदना चव्हाण का राज्यसभा का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को ही पूरा हो चुका है। प्रफुल्ल पटेल का कार्यकाल भी 27 फरवरी 2024 को समाप्त हो गया था, लेकिन  3 अप्रैल, 2024 को वे और छह साल के लिए राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। फौजिया खान का कार्यकाल भी अगले साल अप्रैल में समाप्त हो जाएगा।
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राज्यसभा में गरजे अमित शाह, आतंकवाद पर बोला करारा हमला

  • केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष को भी घेरा
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद पर करारा हमला बोलते हुए सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति का जिक्र किया। उन्होंने अनुच्छेद 370 समेत तमाम मुद्दों पर कांग्रेस समेत विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा कि चार दशक से देश में तीन नासूर थे, पहला- आतंकवाद, दूसरा- नक्सलवाद और तीसरा- पूर्व उग्रवाद। हमने आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई।
अमित शाह ने कहा, 21 सदस्यों ने सदन में अपने विचार रखे। एक तरह से गृह मंत्रालय के अनेक कार्यों के आयामों को समेटने का प्रयास किया गया। सबसे पहले मैं उन हजारों राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ सीमाओं को मजबूत करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, 'एक तरह से गृह मंत्रालय बहुत कठिन परिस्थितियों में काम करता है। संविधान ने कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों को दी है। सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह एक सही निर्णय है। इसमें कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जब कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों की है तो 76 साल बाद अब ऐसी स्थिति है कि कई तरह के अपराध राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह गए हैं, वे अंतरराज्यीय भी हैं और बहुराज्यीय भी हैं - जैसे नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह, हवाला। ये सभी अपराध सिर्फ एक राज्य के भीतर नहीं होते हैं।
उन्होंने कहा कि देश में कई अपराध देश के बाहर से भी होते हैं। इसलिए इन सबको ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना जरूरी हो जाता है। मैं यह गर्व के साथ कहता हूं कि 10 साल में पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय में लंबे समय से लंबित बदलाव एक बार में किए हैं।'
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भारत ने हासिल किया एक बिलियन टन कोयला उत्पादन का ऐतिहासिक मुकाम, PM मोदी ने की सराहा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के एक बिलियन टन कोयला उत्पादन के महत्वपूर्ण लक्ष्य को पार करने की उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने इसे देश की ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कोयला क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत की ऊर्जा स्थिरता और सतत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, भारत के लिए गर्व का क्षण! एक बिलियन टन कोयला उत्पादन का ऐतिहासिक मुकाम पार करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। जो हमारी ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह उपलब्धि इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है।
केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री गिरीश किशन रेड्डी ने भी इस उपलब्धि की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को श्रेय दिया, जिसने इस क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों और कुशल खनन प्रक्रियाओं को अपनाकर, भारत ने न केवल कोयला उत्पादन को बढ़ाया है, बल्कि सतत और जिम्मेदार खनन को भी प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देगी, देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगी और सभी नागरिकों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।"
कोयला मंत्रालय द्वारा पिछले महीने जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार रखने वाला देश है और दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। कोयला देश की राष्ट्रीय ऊर्जा खपत का 55% योगदान देता है और ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक अनिवार्य संसाधन बना हुआ है।
भारत में 74% बिजली उत्पादन थर्मल पावर प्लांट्स से होता है, जिससे कोयला क्षेत्र की मजबूती आवश्यक हो जाती है।
दिसंबर 2024 में कोयला उद्योग की विकास दर 5.3% दर्ज की गई, जो भारत की आठ प्रमुख उद्योगों में सबसे अधिक थी।
यह क्षेत्र भारतीय रेलवे के मालभाड़ा राजस्व का 50% उत्पन्न करता है और लगभग 4.78 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है।
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सौरभ भारद्वाज बने दिल्ली आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली हार के बाद, पार्टी ने शुक्रवार को अपने संगठन में बड़ा बदलाव किया। सौरभ भारद्वाज को दिल्ली प्रदेश का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे गोपाल राय की जगह लेंगे, जो अब पार्टी के अन्य जिम्मेदारियों में व्यस्त रहेंगे। सौरभ भारद्वाज की नियुक्ति पार्टी के लिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था।
इसके साथ ही, पार्टी ने मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है। मनीष सिसोदिया पंजाब में AAP सरकार के मंत्री रहे हैं और अब पार्टी की जिम्मेदारी उनके ऊपर है। पंजाब, जहां आम आदमी पार्टी सत्ता में है, AAP के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है और सिसोदिया की नियुक्ति से पार्टी को राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की उम्मीद है।
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Indian Railway : अब सिर्फ इनको मिलेगी ट्रेन की लोअर बर्थ

नई दिल्ली। भारत में ट्रेन यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों के लिए एक नया फैसला लिया गया है, जिसमें रेलवे मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब ट्रेन की लोअर बर्थ (नीचे की सीट) केवल विशेष श्रेणियों के यात्रियों को ही दी जाएगी। रेलवे मंत्री ने इस फैसले की वजहों को विस्तार से बताया और कहा कि यह कदम यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
रेलवे मंत्री ने कहा कि बुजुर्ग यात्रियों, महिलाओं, और दिव्यांग व्यक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर ट्रेन की लोअर बर्थ दी जाएगी। यह निर्णय विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए लिया गया है जिन्हें ऊपरी बर्थ से चढ़ने में कठिनाई होती है और जो शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। साथ ही, महिला यात्रियों और छोटे बच्चों के लिए भी यह बदलाव किया गया है, ताकि उनकी यात्रा अधिक आरामदायक और सुरक्षित हो सके।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान इन विशेष यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देना है। रेल मंत्रालय का कहना है कि लोअर बर्थ यात्रा के दौरान बुजुर्गों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अधिक आरामदायक होती है, और साथ ही महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अधिक उपयुक्त मानी जाती है। इससे उनकी यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
रेलवे मंत्री ने यह भी कहा कि इस फैसले से बर्थ आवंटन में अधिक व्यवस्था आएगी, जिससे यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान कोई कठिनाई नहीं होगी। यह निर्णय भारतीय रेलवे के बर्थ आवंटन सिस्टम में अनुशासन और संरचना लाने की कोशिश है। नए नियमों के तहत अन्य सामान्य यात्रियों को ऊपरी बर्थ या मध्य बर्थ दी जाएगी। रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है, और इसके लिए रेलवे को किसी तरह की अतिरिक्त लागत नहीं आएगी।
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, यह नियम अगले महीने से पूरे देश भर में लागू कर दिया जाएगा। इस निर्णय को लागू करने के लिए रेलवे विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है, और इस व्यवस्था को ट्रेन टिकट बुकिंग सिस्टम में भी अपडेट किया जाएगा। इसके अलावा, मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस बदलाव को प्रभावी बनाने के लिए ट्रेन स्टेशनों और यात्रा के दौरान जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
यह बदलाव भारतीय रेल यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, और अब यह देखना होगा कि आम यात्री इस निर्णय को कैसे स्वीकार करते हैं। कुछ यात्रियों ने इस फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि इससे विशेष जरूरतों वाले यात्रियों को प्राथमिकता मिल सकेगी। वहीं, कुछ लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह बदलाव पूरे सिस्टम को व्यवस्थित तरीके से लागू किया जा सकेगा या नहीं।
रेलवे मंत्रालय का यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि विशेष जरूरतों वाले यात्रियों को यात्रा के दौरान अधिक आराम मिले, साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह काफी अहम है। यह बदलाव भारतीय रेल यात्रा के अनुभव को और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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1.26 करोड़ रुपये का ड्रग्स पकड़ाया, दो नाइजीरियन नागरिक गिरफ्तार

  • पुलिस की पूछताछ जारी...
अहमदाबाद। गुजरात पुलिस की स्टेट मॉनिटरिंग सेल (एसएमसी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 1.26 करोड़ रुपये के ड्रग्स के साथ दो नाइजीरियन नागरिकों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों आरोपी मुंबई से गुजरात के वलसाड के वापी में ड्रग्स की डिलीवरी करने आए थे. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में जुटी है.
गुजरात की समुद्री सीमा से पहले भी कई बार बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी गई है, लेकिन अब राज्य पुलिस सीधे राज्य के भीतर ड्रग्स सप्लाई पर नजर बनाए हुए है. एसएमसी को पुलिस स्टेशन का स्थायी दर्जा मिलने के बाद से यह दूसरा बड़ा मामला है, जिसमें विदेशी ड्रग्स तस्करों के साथ करोड़ों रुपये के ड्रग्स की जब्ती हुई है. पिछले महीने भी एसएमसी ने एक नाइजीरियन महिला को 1.5 करोड़ रुपये की ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था.
एसएमसी को सूचना मिली थी कि दक्षिण गुजरात में भारी मात्रा में ड्रग्स की डिलीवरी होने वाली है. इस आधार पर पुलिस ने छापेमारी और तलाशी अभियान शुरू किया. इस दौरान वलसाड के वापी में दो नाइजीरियन नागरिकों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के अनुसार, ये दोनों आरोपी एक टैक्सी पासिंग कार में थे. उनकी पहचान केलीचीकु फ्रांसिस और अकीमवानमी डेविड के रूप में हुई है, जो महाराष्ट्र में रह रहे थे.
पुलिस जांच में पता चला कि दोनों आरोपी नाइजीरिया के रहने वाले हैं. ये दोनों मुंबई में रहने वाले एक व्यक्ति, जिसे वे 'चाचु' कहकर बुलाते थे, उसके निर्देश पर गुजरात में ड्रग्स की डिलीवरी करने आए थे. हालांकि, उन्हें यह पता नहीं था कि ड्रग्स की डिलीवरी किसे करनी थी. इसी वजह से एसएमसी ने चाचु और अज्ञात व्यक्ति को वॉन्टेड घोषित करते हुए एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
गिरफ्तार आरोपी केलीचीकु फ्रांसिस पहले भी 2022 में एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़ा जा चुका था. वह जनवरी 2025 में जेल से रिहा हुआ था. इसके बाद दोबारा इस गैरकानूनी धंधे में शामिल हो गया. पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ड्रग्स की सप्लाई कहां-कहां की जाती थी.
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बांग्लादेशियों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई

गुवाहाटी। असम और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में प्रशासन ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को जारी किए गए 3,500 से अधिक जन्म प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है। यह फैसला जांच में धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद लिया गया है।
जांच में पाया गया कि बांग्लादेशी नागरिकों ने अवैध रूप से भारतीय दस्तावेज हासिल कर लिए थे।
स्थानीय अधिकारियों और बिचौलियों की मदद से झूठे जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए, जिनका इस्तेमाल नागरिकता और अन्य सरकारी सुविधाओं के लिए किया गया।
कई फर्जी प्रमाणपत्रों पर गलत जन्म तिथियां और फर्जी पते दर्ज पाए गए।
असम और पश्चिम बंगाल के कई नगर निगमों और पंचायतों ने इन प्रमाणपत्रों को तत्काल रद्द कर दिया है।
दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए दस्तावेजों की दोबारा जांच शुरू कर दी है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर बढ़ी सतर्कता।
सरकार अवैध घुसपैठियों पर और सख्ती कर सकती है।
कई फर्जी भारतीय नागरिक सरकारी योजनाओं से बाहर हो सकते हैं।
सरकार का कहना है कि "अवैध नागरिकता प्राप्त करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।"
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कौन हैं नंदिनी गुप्ता, जो करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व...जानिए

  • Miss World 2025
मुंबई। नंदिनी गुप्ता, जिनका नाम हाल ही में मिस इंडिया 2023 के रूप में सुर्खियों में आया, अब भारत का नाम गर्व से मिस वर्ल्ड 2025 प्रतियोगिता में रोशन करने के लिए तैयार हैं। नंदिनी गुप्ता न केवल अपनी खूबसूरती और आत्मविश्वास के लिए मशहूर हैं, बल्कि उनका योगदान समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय रहा है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा-
नंदिनी गुप्ता का जन्म 2001 में राजस्थान के कोटा शहर में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोटा से ही की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की। नंदिनी का हमेशा से ही समाजसेवा के प्रति गहरा लगाव था और वह अपनी पढ़ाई के दौरान ही कई सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं।
मिस इंडिया 2023 का सफर-
मिस इंडिया 2023 का ताज जीतने के बाद नंदिनी गुप्ता ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ नायक के रूप में समाज में बदलाव लाने का संकल्प लिया। उनके लिए यह जीत एक नई शुरुआत थी, जिसमें उन्होंने न केवल खुद को साबित किया बल्कि भारत की संस्कृति और सौंदर्य को दुनिया भर में प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त किया।
मिस वर्ल्ड 2025 के लिए तैयारी-
मिस इंडिया 2023 का ताज जीतने के बाद नंदिनी ने मिस वर्ल्ड 2025 प्रतियोगिता में भाग लेने का निर्णय लिया है। वह अपनी कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और सामाजिक कार्यों के माध्यम से इस मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनका उद्देश्य केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है।
समाज सेवा और योगदान-
नंदिनी गुप्ता ने हमेशा समाज सेवा के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है। वह बच्चों की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए कई अभियानों में शामिल रही हैं। उनका मानना है कि एक शिक्षित समाज ही एक मजबूत समाज बन सकता है। इसके अलावा, नंदिनी पर्यावरण संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर भी जागरूकता फैलाने का काम करती रही हैं।
भविष्य की योजनाएं-
नंदिनी का सपना है कि वह मिस वर्ल्ड 2025 में न केवल भारत का प्रतिनिधित्व करें, बल्कि पूरी दुनिया में अपने देश की संस्कृति, विविधता और समृद्ध परंपराओं को भी प्रस्तुत करें। उनका मानना है कि यह मंच उन्हें और अधिक अवसर प्रदान करेगा ताकि वह समाज की भलाई के लिए अपने प्रयासों को और अधिक बढ़ा सकें।
नंदिनी गुप्ता का संदेश-
नंदिनी का मानना है कि सफलता की कुंजी कठिन मेहनत, आत्मविश्वास और समर्पण में है। वह युवाओं को प्रेरित करती हैं कि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहें और किसी भी मुश्किल से हार न मानें।
नंदिनी गुप्ता की यात्रा केवल एक सौंदर्य प्रतियोगिता की यात्रा नहीं, बल्कि यह एक प्रेरणा है हर उस व्यक्ति के लिए जो अपने सपनों को सच करना चाहता है। अब, मिस वर्ल्ड 2025 में उनकी सफलता की ओर दुनिया की नजरें लगी हुई हैं।
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अखिलेश यादव ने नागपुर हिंसा पर RSS के सुनील आंबेकर की आलोचना की

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को नागपुर हिंसा के बारे में आरएसएस के सुनील आंबेकर के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सुनील आंबेकर ने बुधवार को कहा था कि मुगल बादशाह औरंगजेब आज के समय में "प्रासंगिक नहीं" है, जबकि उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह की हिंसा को हतोत्साहित किया जाता है।
नागपुर में चल रहे तनाव पर आंबेकर की टिप्पणी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "वही लोग इस मुद्दे को उठाते हैं, और वही लोग आग लगाते हैं और अब वे कह रहे हैं कि इस मुद्दे को नहीं उठाया जाना चाहिए।"
परिसीमन के मुद्दे पर, यादव ने भारतीय जनता पार्टी के दृष्टिकोण पर अपनी चिंता व्यक्त की। "मैं तमिलनाडु के लोगों के साथ हूं क्योंकि कोई नहीं जानता कि भारतीय जनता पार्टी किस तरह का परिसीमन करेगी। क्या आपने नहीं देखा कि वे चुनाव कैसे लड़ते हैं?" उन्होंने सवाल किया। यादव ने परिसीमन पर कोई भी निर्णय लेने से पहले पहले जनगणना और उसके बाद जाति जनगणना कराने की मांग की। उन्होंने कहा, "पहले सरकार जनगणना कराए और फिर जाति जनगणना कराए।"
इससे पहले, सपा प्रमुख ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें किसानों की परवाह नहीं है। पत्रकारों से बात करते हुए सपा प्रमुख ने कहा, "जहां तक ​​किसानों का सवाल है, भाजपा को उनकी परवाह नहीं है... हमें जमीनी स्तर पर अपनी व्यवस्था सुधारनी है, किसानों को समृद्ध बनाना है। लेकिन भाजपा ऊपर से अर्थव्यवस्था देखती है और बड़े लोगों को अमीर बनाती है... कहीं भी कोई सरकार किसानों के साथ अन्याय नहीं करे, उनकी मांगों पर चर्चा होनी चाहिए..." इस बीच, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी ने गुरुवार को पंजाब के कांग्रेस सांसदों से मुलाकात की, जो किसानों के मुद्दे पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। एक दिन पहले पंजाब सरकार ने शंभू बॉर्डर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया था। आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने गुरुवार को कहा कि पंजाब में सड़कें जाम करने से किसानों को ही नुकसान होगा और इस मुद्दे को केवल केंद्र सरकार ही हल करने में सक्षम है।
एएनआई से बात करते हुए पाठक ने कहा, "केवल केंद्र सरकार ही इनका समाधान कर सकती है। पंजाब में सड़कें जाम करने से किसानों को ही नुकसान होगा। छोटे व्यापारियों के पास बहुत सारे मुद्दे हैं और पंजाब सरकार उनकी अपनी सरकार है, पंजाब से जुड़ी जो भी समस्याएं हैं, सरकार उनके साथ 24 घंटे बैठने को तैयार है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मांग केंद्र सरकार से की जानी चाहिए।" (एएनआई)
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बिहार CM विधानसभा में आरजेडी विधायक द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर भड़के

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को राज्य विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल के दौरान एक राष्ट्रीय जनता दल विधायक द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर कड़ी आपत्ति जताई, क्योंकि विधानसभा सत्र के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। आरजेडी विधायक सुगाय यादव विधानसभा में मोबाइल फोन से पढ़ते हुए सवाल पूछ रहे थे, जिस पर बिहार के सीएम ने विरोध जताया और विधायक को याद दिलाया कि सत्र के दौरान फोन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।
नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा, "वे (विधायक सुगाय यादव) मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और बात कर रहे हैं, इस पर रोक लगा दी गई है, इस पर प्रतिबंध है, लेकिन फिर भी वे मोबाइल दिखा रहे हैं और बोल रहे हैं।" विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से इस पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए कुमार ने कहा, "क्या चल रहा है? यह नियम 5-6 साल से है। उन्हें याद दिलाइए, जो भी आएगा और मोबाइल का इस्तेमाल करेगा, उसे बाहर निकाल दिया जाएगा, ऐसा करें, उन्हें याद दिलाइए।"
बिहार के सीएम ने आगे कहा कि वे खुद भी मोबाइल का खूब इस्तेमाल करते थे, हालांकि, उन्होंने इसे छोड़ दिया है। सीएम कुमार ने कहा, "पहले मैं (मोबाइल स्क्रीन) बहुत देखता था, फिर जब मुझे 2019 में एहसास हुआ कि मुझे जीवन में आगे चलकर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, तो मैंने इसे बंद कर दिया।" राजद विधायक सुदय यादव ने राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के लिए ऑनलाइन पोर्टल के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठाया था और सरकार से पूछा था कि पोर्टल कब लागू होगा।
इस बीच 19 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू यादव भूमि के बदले नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। पार्टी समर्थकों को पटना में ईडी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते भी देखा गया। इसी तरह मंगलवार को लालू प्रसाद की पत्नी और राजद नेता राबड़ी देवी और उनके बेटे तेज प्रताप यादव मामले से जुड़े विवाद में पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश हुए। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेम चंद गुप्ता और मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपों पर अपनी दलीलें पूरी कर लीं। मामला आईआरसीटीसी होटलों के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा था। (एएनआई)
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यमुना में जहर मिलाने के बयान का मामला : कोर्ट में पेश नहीं हुए केजरीवाल

  • बचाव पक्ष ने दाखिल किया जवाब
नई दिल्ली। हरियाणा में यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने संबंधी बयान को लेकर दायर याचिका की दूसरी सुनवाई में भी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने जवाब दाखिल किया।
इस मामले में पहली सुनवाई 17 फरवरी को हुई थी, लेकिन उस वक्त भी केजरीवाल कोर्ट में उपस्थित नहीं थे। उस दौरान आम आदमी पार्टी की लीगल सेल के प्रमुख एवं बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के उपाध्यक्ष संजीव नासियार उनकी ओर से पेश हुए थे।
संजीव नासियार ने कोर्ट में तर्क दिया था कि नोटिस के साथ उन्हें मामले से जुड़े पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। इसके बाद उन्हें वीडियो फुटेज और अन्य दस्तावेजों के साथ सबूत सौंपे गए। अब केजरीवाल की लीगल टीम ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है।
यह मामला तब सामने आया जब राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राई जल सेवा प्रभाग के कार्यकारी अभियंता आशीष कौशिक ने सोनीपत की अदालत में याचिका दायर की। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि 28 जनवरी को यमुना नदी से सटे गांवों के लोग सिंचाई विभाग परिसर में एकत्रित हुए और हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली, तो कुछ ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो दिखाया। इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल यह कहते नजर आ रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी में जहर मिला दिया है।
सरकारी वकील का बयान
हरियाणा सरकार की ओर से केस की पैरवी कर रहे सरकारी अधिवक्ता भुवेश मलिक ने बताया कि राज्य सरकार ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ यह याचिका दायर की है। पहली सुनवाई में बचाव पक्ष ने कहा था कि उनके पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर केजरीवाल का वीडियो, प्रदूषण विभाग की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज मुहैया कराए गए थे। अब बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया है, जिसके आधार पर अगली सुनवाई 31 मई को होगी। बचाव पक्ष के जवाब के आधार पर अभियोजन पक्ष अब आगे की कानूनी रणनीति तय करेगा।
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मानवीय मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता कभी विलुप्त नहीं होने वाली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के महत्व पर बल देते हुए कहा है कि यदि नागरिकों को अच्छी तरह जानकारी नहीं मिलेगी तो लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं अपना अर्थ खो देंगी। श्रीमती मुर्मु ने बुधवार को यहां एक समारोह में 19वें रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान करने के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि समाचारों के कारोबार के लिए विचारों से भरा एक संपन्न न्यूज़रूम आवश्यक है।
उन्होंने समाचारों की गुणवत्ता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक शोध प्रभाग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की आत्मा, यानि समाचार संकलन को मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने मीडिया संगठनों से जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक संसाधन समर्पित करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि पहले, समाचार पत्र और पत्रिकाएँ गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग और विश्लेषण की प्रस्तुति का प्रयास करते थे और पाठक उनकी प्रतियाँ खरीदते थे। पर्याप्त संख्या में पाठकों का मतलब विज्ञापनदाताओं के लिए एक अच्छा मंच होता था, जो लागतों में कमी लाते थे। उन्होंने बताया कि हाल के दशकों में, हालांकि, इस मॉडल के जगह पर कई हाइब्रिड मॉडल आ गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता को पत्रकारिता की गुणवत्ता पर उनके प्रभाव से मापा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धन-प्राप्ति के केवल सीमित स्रोत हैं, जो राज्य या कॉर्पोरेट संस्थाएँ या पाठक हो सकते हैं। पहले दो के अपने फायदे और सीमाएँ हैं, जबकि पाठक को केंद्र में रखने का तीसरा विकल्प सबसे बेहतर विकल्प है। इसकी केवल एक सीमा है और वह यह कि उस मॉडल को बनाए रखना मुश्किल होता है।
विषय वस्तु के मुद्दे पर, राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया ,  हम जल्द ही उस चरण में पहुँच जाएँगे, जहाँ दुर्भावनापूर्ण सामग्री को हटा दिया जाएगा और तथाकथित पोस्ट-ट्रुथ चलन से बाहर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उस लक्ष्य के लिए तकनीकी उपकरणों का भी उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों को इन नुकसानों के बारे में शिक्षित करने के लिए सक्रिय अभियानों के साथ इस प्रक्रिया को तेज करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि डीप फेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोगों के खतरे हमें समाचार के इस महत्वपूर्ण पहलू के बारे में सभी नागरिकों को संवेदनशील बनाने के लिए मजबूर करते हैं। विशेष रूप से युवा पीढ़ी को समाचार रिपोर्ट या विश्लेषण के किसी भी रूप में पूर्वाग्रह और एजेंडा की पहचान करने के लिए शिक्षित किया जाना चाहिए।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतरिक्ष यात्रियों को दी बधाई

नई दिल्ली। नासा के क्रू-9 मिशन की सफल वापसी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतरिक्ष यात्रियों को बधाई दी। खासतौर पर उन्होंने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की सराहना करते हुए उनके समर्पण और साहस को प्रेरणादायक बताया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया पर लिखा, "नासा के क्रू-9 मिशन की सफल वापसी के लिए पूरी टीम को बधाई। भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने साहस और लगन से सभी को प्रेरित किया है। यह यात्रा समर्पण और टीम वर्क का अद्भुत उदाहरण है।" उन्होंने सभी अंतरिक्ष यात्रियों के स्वस्थ रहने की भी कामना की।
सुनीता विलियम्स ने इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह अंतरिक्ष में कई अहम प्रयोगों का हिस्सा रहीं और उनके अनुभव से नासा के भविष्य के अभियानों को मजबूती मिलेगी। उनकी वापसी पर भारत और दुनियाभर में विज्ञान प्रेमियों ने खुशी जाहिर की है।
इस सफल वापसी के बाद वैज्ञानिक समुदाय में उत्साह है। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इसे अंतरिक्ष अन्वेषण के नए युग की शुरुआत मान रही हैं। भारत में भी सुनीता की उपलब्धि को लेकर लोगों में गर्व का माहौल है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिशन से मिली सीख भविष्य में गहरे अंतरिक्ष अभियानों और मंगल मिशन के लिए मददगार साबित होगी। साथ ही, इससे अंतरिक्ष में भारत की भागीदारी और मजबूत होगी।
सुनीता विलियम्स और उनकी टीम की सुरक्षित वापसी ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ा है। राष्ट्रपति की शुभकामनाओं ने न केवल सुनीता बल्कि पूरे मिशन दल के प्रयासों को सराहा है। यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बनी रहेगी।
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किसान नेताओं की केंद्र से MSP को लेकर वार्ता

नई दिल्ली। किसान नेताओं की केंद्र से MSP को लेकर नई वार्ताचंडीगढ़, 19 मार्च, 2025: किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के बीच बुधवार को चंडीगढ़ में ताज़ा वार्ता शुरू हुई। यह बैठक किसानों के विभिन्न मांगों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई है, जिनमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी शामिल है।
किसान नेताओं ने इस बैठक में केंद्र से MSP को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने की मांग की है। किसान संघों का कहना है कि बिना कानूनी गारंटी के MSP केवल एक आश्वासन बनकर रह जाता है, जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इसके अतिरिक्त, किसान विभिन्न अन्य मुद्दों पर भी बातचीत करना चाहते हैं, जैसे कृषि कानूनों में सुधार और कृषि उत्पादों के लिए बेहतर बाजार की व्यवस्था।
केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। यह बैठक आगामी निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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सुनीता विलियम्स की वापसी पर PM नरेंद्र मोदी ने कहा...

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और क्रू-9 टीम की धरती पर सुरक्षित वापसी के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी जाहिर की। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुनीता विलियम्स के साथ एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "आपका स्वागत है क्रू-9, धरती ने आपको याद किया। यह उनके धैर्य, साहस और मानवीय भावना की परीक्षा रही। सुनीता विलियम्स और क्रू-9 के अंतरिक्ष यात्रियों ने एक बार फिर हमें दिखाया है कि दृढ़ता का वास्तव में क्या मतलब है। अज्ञात के सामने उनका अटूट दृढ़ संकल्प हमेशा लाखों लोगों को प्रेरित करेगा।"
पीएम मोदी ने आगे कहा, "अंतरिक्ष अन्वेषण का मतलब है मानवीय क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाना, सपने देखने का साहस करना और उन सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखना। सुनीता विलियम्स, एक पथप्रदर्शक और एक आइकान, ने अपने पूरे करियर में इस भावना का उदाहरण दिया है। हमें उन सभी पर बहुत गर्व है जिन्होंने क्रू-9 की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अथक मेहनत की। उन्होंने दिखाया है कि जब सटीकता, जुनून से मिलती है और तकनीक, दृढ़ता से मिलती है तो क्या होता है।"
बता दें कि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर, साथ ही नासा के निक हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव, नौ महीने के लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर वापस लौटे हैं। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा सुरक्षित रूप से फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया। धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को एक सुंदर और अप्रत्याशित अनुभव हुआ। उनका स्वागत डॉल्फिन ने किया। ड्रैगन कैप्सूल के समुद्र में उतरते ही डॉल्फिन कैप्सूल के आसपास तैरते हुए देखे गए।
यह एक लगभग जादुई क्षण था जब डॉल्फिन ने ड्रैगन कैप्सूल के चारों ओर चक्कर लगाया, इससे पहले कि इसे रिकवरी पोत पर रखा जाता। रिकवरी टीम ने कैप्सूल के साइड हैच को सावधानी से खोला, जो सितंबर के बाद से पहली बार खुला था। अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया और 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन ले जाया गया। क्रू-9 की पृथ्वी पर वापसी में अपनी चुनौतियां थीं। मूल रूप से, यह मिशन (जो बोइंग के स्टारलाइनर की पहली चालक दल वाली उड़ान होने वाला था) केवल आठ दिनों तक चलने वाला था।
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भारतीय रेलवे की सेवाओं में सुधार, प्री कोविड दौर से भी बेहतर हुआ ट्रेनों का परिचालन : केंद्रीय रेल मंत्री

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे में काफी सुधार हुआ है। ट्रेनों की संख्या बढ़ी है और परिचालन के मामले में ये प्री कोविड लेवल से भी आगे निकल गया है। यह भारतीय रेलवे द्वारा विश्वसनीयता बनाए रखने और बेहतर सर्विस डिलिवरी को लेकर उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, रेलवे ने एडवांस्ड सिग्नलिंग सिस्टम, रियल टाइम मॉनिटरिंग, एआई-ड्रिवन शेड्यूलिंग और प्रीडिक्टिव मेंटेनेंस अपनाने के साथ 90 प्रतिशत से ज्यादा की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस पाने में सफलता हासिल की है। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में बताया कि 68 रेलवे डिवीजनों में से 49 ने पहले ही 'समय की पाबंदी' का 80 प्रतिशत पार कर लिया है, जबकि 12 डिवीजनों ने 95 प्रतिशत तक पहुंच बनाई है।
इस बढ़ी हुई दक्षता के परिणामस्वरूप ट्रेन संचालन सुचारू हुआ है, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई सेवाओं दोनों को लाभ हुआ है। वर्तमान में, भारतीय रेलवे 13,000 से अधिक यात्री रेलगाड़ियों का संचालन करता है, जिसमें 4,111 मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियां, 3,313 यात्री रेलगाड़ियां और 5,774 उपनगरीय रेलगाड़ियां (सबअर्बन ट्रेन) शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण पर भी प्रकाश डाला, जिसमें 129 स्टेशन पहले ही पूरे हो चुके हैं और दुनिया के सबसे बड़े स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 2025-26 तक कई और चालू हो जाएंगे।
उन्होंने कोलकाता मेट्रो के महत्वपूर्ण विस्तार पर भी प्रकाश डाला, जहां पिछले 42 वर्षों में 28 किमी की तुलना में केवल एक दशक में 38 किमी मेट्रो लाइनें जोड़ी गई हैं। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी जोर दिया। यह आधुनिक हाई-स्पीड रेल कनेक्टिविटी की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर सुनिश्चित करता है।
पर्यावरण स्थिरता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, भारतीय रेलवे ने 2025 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन (स्कोप 1) प्राप्त करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ पर्यावरण स्थिरता की दिशा में कई पहल की हैं। इस दिशा में एक बड़ा कदम 'डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में ट्रांजिशन' रहा है, जिसमें 97 प्रतिशत रेलवे संचालन पहले ही इलेक्ट्रिफाइड हो चुका है और बाकी 3 प्रतिशत पूरा होने वाला है।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, 2024-25 के लिए अनुमानित उत्सर्जन 20 लाख टन और उपलब्ध ऑफसेट 22 लाख टन तक पहुंचने के साथ, भारतीय रेलवे समय से पहले अपने नेट जीरो लक्ष्य को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
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EC ने आधार मतदाता आईडी लिंकिंग की प्रक्रिया शुरू की

नई दिल्ली। चुनाव आयोग (ईसी) ने 18 मार्च, 2025 को आधार को निर्वाचन फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की। इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और गृह सचिव गोविंद मोहन सहित UIDAI और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
यह कदम मतदाता प्रमाणीकरण को मजबूत करने और चुनावी धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है। आयोग UIDAI के साथ तकनीकी परामर्श आयोजित करेगा। हालांकि, इस निर्णय पर विपक्षी पार्टियों, विशेषकर कांग्रेस, ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों और संबंधित पक्षों से सलाह-मशविरा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी योग्य मतदाता अपने मतदान के अधिकार से वंचित न हो।
आधार को मतदाता आईडी से जोड़ने का यह कदम एक पारदर्शी और सटीक चुनावी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है, लेकिन राजनीतिक दल इस प्रक्रिया के कार्यान्वयन पर स्पष्टता की मांग कर रहे हैं, ताकि नागरिकों के अधिकार और गोपनीयता की रक्षा हो सके।
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भारत की बेटी सुनीता विलियम्स समेत सभी अंतरिक्ष यात्रियों ने रचा इतिहास : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी चालक दल के सदस्यों की अंतरिक्ष में असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रशंसा की। रक्षा मंत्री ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए लिखा, "नासा के क्रू-9 की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी से प्रसन्न हूं! भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों वाले चालक दल ने अंतरिक्ष में मानव धीरज और दृढ़ता के इतिहास को फिर से लिखा है।"
उन्होंने कहा, "सुनीता विलियम्स की अविश्वसनीय यात्रा, अटूट समर्पण, दृढ़ता और संघर्ष की भावना दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करेगी। उनकी सुरक्षित वापसी अंतरिक्ष प्रेमियों और पूरी दुनिया के लिए जश्न का क्षण है। उनकी हिम्मत और उपलब्धियां हम सभी को गौरवान्वित करती हैं। उन्हें सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाने के लिए सभी हितधारकों को बधाई और बहुत-बहुत धन्यवाद।" विलियम्स, नासा के बुच विल्मोर, नासा के निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव के साथ मंगलवार शाम को धरती पर लौट आए, जो आठ दिनों का छोटा मिशन था जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अप्रत्याशित नौ महीने के प्रवास में बदल गया।
वे स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर लौटे, जो शाम 6 बजे (स्थानीय समय) से कुछ मिनट पहले फ्लोरिडा के तट पर उतरा। जैसा कि नासा ने घोषणा की थी, रिकवरी ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया। हेग सबसे पहले बाहर निकले, उसके बाद विलियम्स तीसरे स्थान पर रहीं। तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाया और अंतरिक्ष यान से बाहर आने में मदद की, जिससे अंतरिक्ष में उनके लंबे प्रवास का अंत हो गया।
विलियम्स और विल्मोर ने 6 जून, 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में सवार होकर आईएसएस के लिए शुरुआत की। हालांकि, अंतरिक्ष यान में खराबी के बाद, वे फंस गए थे। उनकी वापसी तब तक के लिए टाल दी गई जब तक कि स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल को उन्हें वापस धरती पर लाने के लिए नहीं भेजा गया।
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