हिंदुस्तान

इंफाल जाने वाला इंडिगो का विमान दिल्ली लौटा, बीच हवा में आई तकनीकी खराबी

नई दिल्ली। इंफाल जा रहा एक इंडिगो विमान गुरुवार सुबह तकनीकी खराबी के कारण एक घंटे तक हवा में रहने के बाद राष्ट्रीय राजधानी लौट आया। एयरलाइन ने एक बयान में कहा, '17 जुलाई 2025 को दिल्ली से इंफाल जाने वाली उड़ान संख्या 6E 5118 में उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मामूली तकनीकी खराबी का पता चला। एहतियाती कदम के तौर पर पायलटों ने विमान को वापस मोड़ने का फैसला किया। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतार लिया।'
इंडिगो ने कहा कि अनिवार्य प्रक्रियाओं के अनुसार विमान की आवश्यक जांच की गई। इसके बाद तुरंत यात्रा फिर से शुरू कर दी गई। उन्होंने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद भी जताया। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24.कॉम पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उड़ान संख्या 6ई 5118 को संचालित करने वाला ए321 विमान दिल्ली लौटने से पहले एक घंटे तक हवा में रहा।
 
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कठुआ में संदिग्ध गतिविधि देखे जाने के बाद तलाशी शुरू

जम्मू। अधिकारियों ने बताया कि कठुआ ज़िले के हीरानगर अग्रिम इलाके में एक ग्रामीण द्वारा मंगलवार रात दो संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया है। हीरानगर जम्मू ज़िले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सटा है और यहाँ पहले भी कई मुठभेड़ें हो चुकी हैं।
आखिरी बार इलाक़े से रिपोर्ट आने तक अभियान जारी था। उन्होंने बताया कि अब तक संदिग्ध व्यक्तियों का कोई सुराग नहीं मिला है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने उस व्यक्ति से किसी जगह का रास्ता बताने के लिए कहा था। मंगलवार रात हीरानगर के सीमावर्ती इलाक़े के कंडी इलाके के पास दो संदिग्ध व्यक्तियों ने एक ग्रामीण को कथित तौर पर रोका और पुलिस को सूचित किया।
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प्रधानमंत्री मोदी का 18 जुलाई को बिहार और पश्चिम बंगाल दौरा

  • दोनों राज्यों को देंगे करोड़ों रुपये के विकास परियोजनाओं की सौगात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को बिहार और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी दोनों राज्यों में हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। बिहार के मोतिहारी और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे।
पीएम मोदी बिहार के मोतिहारी में 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वे पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे और दोपहर लगभग 3 बजे दुर्गापुर में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा कुछ प्रोजेक्ट को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का लगभग सुबह 11:30 बजे बिहार दौरा शुरू होगा। वह बिहार से कई नई रेल परियोजनाओं को राष्ट्र के नाम समर्पित करेंगे, जिसमें लागत 580 करोड़ रुपये से अधिक की दरभंगा-समस्तीपुर दोहरीकरण परियोजना भी शामिल है। इससे रेल संचालन की क्षमता बढ़ेगी और देरी कम होगी।
प्रधानमंत्री कई नई रेल परियोजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं में पाटलिपुत्र में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। लगभग 4,080 करोड़ रुपये की दरभंगा-नरकटियागंज रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना का भी शिलान्यास होगा। इससे अधिक यात्री ट्रेन और मालगाड़ियों का संचालन संभव होगा, और उत्तर बिहार की कनेक्टिविटी देश के अन्य हिस्सों से मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को बिहार के विभिन्न स्थानों से लखनऊ और दिल्ली के लिए चार नई अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। पीएम राष्ट्रीय राजमार्ग-319 के आरा बाईपास के 4-लेन निर्माण की आधारशिला रखेंगे, जो आरा-मोहानिया राष्ट्रीय राजमार्ग-319 और पटना-बक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग-922 को जोड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय राजमार्ग-319 के पररिया से मोहनिया तक के 4-लेन खंड का भी उद्घाटन करेंगे, जिसकी लागत 820 करोड़ रुपये से अधिक है। यह खंड आरा शहर को राष्ट्रीय राजमार्ग-02 से जोड़ता है।
इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग-333सी के सारवां से चकाई तक पक्की सड़क के साथ दो लेन का निर्माण शामिल है, जो माल और लोगों की आवाजाही को सुगम बनाएगा और बिहार और झारखंड के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेगा।
पीएम मोदी दरभंगा में नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और पटना में आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम उद्योग और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक इनक्यूबेशन सुविधा का उद्घाटन करेंगे।
बिहार में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' (पीएमएमएसवाई) के तहत स्वीकृत मत्स्य विकास परियोजनाओं की एक सीरीज का उद्घाटन करेंगे।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी बिहार में लगभग 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी करेंगे। इस दौरान 'प्रधानमंत्री आवास योजना' के तहत 12,000 लाभार्थियों को 'गृह प्रवेश' की चाबियां सौंपी जाएंगी, जबकि 40 हजार लाभार्थियों के लिए 160 करोड़ रुपये की राशि जारी की जाएगी।
बिहार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बांकुरा, पुरुलिया, दुर्गापुर और बर्धमान जिलों समेत पश्चिम बंगाल के अन्य क्षेत्रों को भी तोहफा देंगे। प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के बांकुरा और पुरुलिया जिले में लगभग 1,950 करोड़ रुपये की लागत वाली भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीएलसी) सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दुर्गापुर से कोलकाता तक (132 किमी) की नेचुरल गैस पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा (पीएमयूजी) परियोजना के तहत जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो-धामरा पाइपलाइन का हिस्सा है।
पीएम मोदी दुर्गापुर स्टील थर्मल पावर स्टेशन और दामोदर घाटी निगम के रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन की 1,457 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेट्रोफिटिंग प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली-फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
रेलवे बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुरुलिया में 390 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुरुलिया-कोटशिला रेल लाइन (36 किलोमीटर) के दोहरीकरण कार्य को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री पश्चिम बर्धमान जिले के तोपसी और पंडाबेश्वर में सेतु भारतम कार्यक्रम के तहत निर्मित 380 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले दो सड़क ऊपरी पुलों (आरओबी) का उद्घाटन करेंगे।
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भगदड़ मामला : सरकार ने RCB को ठहराया जिम्मेदार, व‍िराट कोहली का भी जिक्र

बेंगलुरु। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के सम्मान समारोह के दौरान भगदड़ के मामले में कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जांच की स्टेटस रिपोर्ट में इस घटना का दोष आरसीबी मैनेजमेंट पर डाला गया है।
कर्नाटक सरकार ने रिपोर्ट में गंभीर खामियों और कुप्रबंधन की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यक्रम के आयोजक, डीएनए ने 2009 के सिटी ऑर्डर के अनुसार औपचारिक अनुमति लिए बिना ही पुलिस को 3 जून को विक्ट्री परेड के बारे में सूचित किया। परिणामस्वरूप, पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया।
इसके बावजूद, आरसीबी ने सार्वजनिक रूप से कार्यक्रम का प्रचार किया। 4 जून को, उन्होंने सोशल मीडिया पर खुले तौर पर निमंत्रण शेयर किए। इसमें विराट कोहली की एक वीडियो अपील भी शामिल थी, जिसमें प्रशंसकों को 'फ्री एंट्री' वाले समारोह में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इस कार्यक्रम में 3 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ उमड़ी, जो उम्मीद और भीड़ को मैनेज करने की क्षमता से कहीं ज्यादा थी। रिपोर्ट में बताया गया कि आयोजन वाले दिन दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर आयोजकों ने अचानक घोषणा कर दी कि स्टेडियम में एंट्री के लिए पास की जरूरत होगी। इसने फैंस के बीच भ्रम और दहशत का माहौल पैदा किया।
आरसीबी, डीएनए, और केएससीए प्रभावी समन्वय में विफल रहे। एंट्री गेट्स पर कुप्रबंधन और देरी से खुलने के कारण भगदड़ मच गई, जिससे सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। आगे की अशांति को रोकने के लिए, पुलिस ने नियंत्रित परिस्थितियों में सीमित कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी।
बता दें, तीन जून को आरसीबी ने पंजाब किंग्स को मात देकर पहली बार आईपीएल खिताब जीता था, जिसके बाद आरसीबी की विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए।
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उत्तरी कमांडर ने कश्मीर में ‘ऑपरेशन शिवा’ का जायजा लिया

श्रीनगर। उत्तरी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने घाटी में आतंकवादी खतरों को बेअसर करने के उद्देश्य से चल रहे "ऑपरेशन शिवा" के बीच सैन्य बलों की परिचालन तत्परता और रणनीतिक तैनाती का आकलन करने के लिए उत्तर और दक्षिण कश्मीर का व्यापक दौरा किया। 15वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव के साथ, लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा को फील्ड कमांडरों ने ऑपरेशन शिवा की प्रगति और रणनीतिक परिणामों के बारे में जानकारी दी। यह बहु-एजेंसी आतंकवाद-रोधी अभियान इस महीने की शुरुआत में शुरू किया गया था। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित यह अभियान क्षेत्र में दबदबे को बढ़ाने, बचे हुए आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने और वार्षिक अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रा मार्गों की सुरक्षा पर केंद्रित है, जिसमें लाखों श्रद्धालु पवित्र गुफा मंदिर की यात्रा करते हैं।
उत्तर और दक्षिण कश्मीर की अग्रिम चौकियों और ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों को संबोधित करते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने उनके समर्पण, समन्वय और परिचालन प्रभावशीलता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "सुरक्षा तंत्र को उभरते खतरों से निपटने के लिए सतर्क, उत्तरदायी और तकनीकी रूप से कुशल बने रहना चाहिए। नागरिकों की सुरक्षा और यात्रा की पवित्रता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।"
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा में बेहतर मौसम के बीच भारी संख्या में लोगों के आने के साथ, सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। इस मार्ग पर, विशेष रूप से अनंतनाग और गंदेरबल जिलों से होकर, सैनिकों की तैनाती, निगरानी ड्रोन और चौकियों पर निरीक्षण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से संभावित घुसपैठ के प्रयासों और खतरों के बारे में हालिया खुफिया सूचनाओं के मद्देनजर, ऑपरेशन शिवा ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार, विशेष रूप से कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपोरा सेक्टरों में घुसपैठ के मार्गों को सील करने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने ऐसे जटिल और उच्च-ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए उन्नत प्रशिक्षण मॉड्यूल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद-रोधी क्षेत्र में परिचालन श्रेष्ठता के प्रमुख कारकों के रूप में वास्तविक समय में खुफिया जानकारी साझा करने, तकनीक-संचालित निगरानी और तीव्र गतिशीलता का आह्वान किया।
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स्वच्छता रैकिंग 2025 : लगातार 8वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना इंदौर

  • सूरत, नवी मुंबई को शीर्ष शहरों में स्थान मिला, नोएडा-लखनऊ भी चमके
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है. स्वच्छता रैंकिंग में इंदौर को फिर से पहला स्थान हासिल हुआ है. पहले पायदान की रेस में इंदौर के साथ सूरत और पुणे भी थे. हालांकि बाजी फिर इंदौर के नाम रही. इंदौर ने 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की सुपर स्वच्छ लीग सिटीज कैटेगरी में ओवरऑल पहला स्थान हासिल किया. सूरत, नवी मुंबई को शीर्ष शहरों में स्थान मिला है. स्वच्छता सर्वेक्षण में 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों में नोएडा पहली पायदान पर रहा है. जबकि चंडीगढ़ दूसरे और मैसूर तीसरे स्थान पर रहा है. 50 हजार से 3 लाख जनसंख्या वाले शहरों की बात करें तो नई दिल्ली नगर निगम इलाका अव्वल रहा. 
स्वच्छ शहर (10 लाख से ज्यादा आबादी)- अहमदाबाद, भोपाल, लखनऊ.
स्वच्छ शहर अवार्ड (3 से 10 लाख आबादी)- मीरा भायंदर, बिलासपुर, जमशेदपुर.
स्वच्छ शहर अवार्ड्स (50 हजार से 3 लाख)- देवास, करहद, करनाल.
इंदौर के सबसे स्वच्छ शहर घोषित होने पर कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान हासिल किया है. इंदौर ने ये खिताब लगातार 8वीं बार जीता है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार प्रदान किया.  
केंद्र सरकार शहरों के बीच स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए हर साल ऐसा सर्वे कराती है. इसमें कई मानकों को शामिल किया जाता है. स्वच्छता सर्वेक्षण के 9वें वर्ष में प्रवेश करते हुए इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में 4500 से अधिक शहरों को शामिल किया गया था. इनमें स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और निस्तारण समेत 10 मापदंडों और 54 इंडीकेटर्स पर शहरों को परखा जाता है.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में शहरी स्वच्छता का आकलन करने के लिए एक स्मार्ट विजन अपनाया गया है. इसमें जनता की भागीदारी को बड़े पैमाने पर प्रमुखता दी जाती है.
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इन लोगों के आधार नंबर होंगे निष्क्रिय, UIDAI ने उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) अब ऐसे आधार नंबर बंद कर रहा है जो उन लोगों के हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, ताकि उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल न हो सके। आधार नंबर एक 12 अंकों की खास पहचान होती है जो हर भारतीय नागरिक को दी जाती है। लेकिन किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका आधार नंबर बंद करना जरूरी हो जाता है ताकि कोई उसका गलत उपयोग न कर सके।
इस काम को आसान बनाने के लिए यूआईडीएआई ने 9 जून 2025 को 'माय आधार' पोर्टल पर एक नई सेवा "परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना" शुरू की। इस सेवा के जरिए कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के मृत सदस्य की जानकारी देकर उनका आधार नंबर बंद करवाने के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए उन्हें अपनी पहचान साबित करनी होगी और मृत व्यक्ति का आधार नंबर, मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी और अन्य विवरण देने होंगे। यह सुविधा फिलहाल 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हो चुकी है, बाकी राज्यों में भी जल्द शुरू होने की तैयारी है।
इसके अलावा, यूआईडीएआई ने भारत के महापंजीयक (आरजीआई) से आधार नंबरों से जुड़े मृत्यु रिकॉर्ड साझा करने का अनुरोध किया था। यूआईडीएआई के अनुरोध पर भारत के महापंजीयक (आरजीआई) ने अब तक 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के माध्यम से लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड दिए। उचित सत्यापन के बाद करीब 1.17 करोड़ आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया गया है। गैर-सीआरएस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भी इसी तरह की प्रक्रिया जारी है। अब तक लगभग 6.7 लाख मृत्यु रिकॉर्ड मिल चुके हैं और उन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया चल रही है।
यूआईडीएआई मृतक आधार संख्या धारकों की पहचान करने में राज्य सरकारों की सहायता भी ले रहा है। एक पायलट परियोजना के तहत 100 साल से अधिक आयु वाले आधार धारकों का डेमोग्राफिक डेटा राज्यों को भेजा जा रहा है ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि आधार धारक जीवित हैं या नहीं। रिपोर्ट प्राप्त होने पर ऐसे आधार नंबर को निष्क्रिय करने से पहले जरूरी सत्यापन किया जाएगा।
यूआईडीएआई की अपील है कि जब भी किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु हो जाए और मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाए, तो 'माय आधार' पोर्टल पर उनकी जानकारी जरूर दें, ताकि उनका आधार नंबर समय रहते बंद किया जा सके।
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मोदी कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले, किसानों के लिए खुशखबरी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश की कृषि और ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा देने वाले तीन बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई. इनमें एक ओर जहां कृषि जिलों के समग्र विकास की योजना को स्वीकृति दी गई, वहीं दूसरी ओर रेन्वेबल एनर्जी में बड़े पैमाने पर निवेश का रास्ता साफ किया गया.
कैबिनेट ने “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को 2025-26 से शुरू कर छह वर्षों के लिए मंजूरी दी है. इसका टारगेट 100 कृषि जिलों का विकास करना है. यह योजना नीति आयोग के ‘आकांक्षी जिलों’ कार्यक्रम से प्रेरित है, लेकिन यह खासतौर से कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर केंद्रित है.
योजना का मकसद कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल डाइवर्सिफिकेशन को प्रोत्साहित करना, टिकाऊ कृषि ऑप्शन को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण की सुविधा बढ़ाना, सिंचाई व्यवस्था को बेहतर करना शामिल है.
इस योजना को 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं के कोऑर्डिनेशन के जरिए लागू किया जाएगा, जिसमें राज्य सरकारों की योजनाएं और निजी क्षेत्र की साझेदारी भी शामिल होगी. 100 जिलों का चयन कम उत्पादकता, कम फसल साइकिल और कम लोन डिस्ट्रिब्यूशन जैसे तीन प्रमुख मानकों के आधार पर किया जाएगा. हर राज्य से कम से कम एक जिला शामिल किया जाएगा.
कैबिनेट ने एनटीपीसी लिमिटेड को रेन्वेबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश के लिए मौजूदा सीमा से ऊपर जाकर 20,000 करोड़ रुपये तक निवेश की अनुमति दी है. यह निवेश एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) और इसकी सहायक कंपनियों और संयुक्त उपक्रमों के जरिए किया जाएगा, ताकि 2032 तक 60 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता हासिल की जा सके.
एनएलसीआईएल को भी 7,000 करोड़ रुपये के निवेश की विशेष छूट दी गई है, जो वह अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी NLC इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) के जरिए रेन्वेबल एनर्जी प्रोजेक्ट में लगाएगी. इससे कंपनी को संचालन और वित्तीय लचीलापन मिलेगा.
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महाराष्ट्र विधानसभा में नाटकीय विरोध प्रदर्शन

महाराष्ट्र। विपक्षी नेताओं ने बुधवार को महाराष्ट्र विधान भवन की सीढ़ियों पर एक नाटकीय विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा एक कैंटीन प्रबंधक पर किए गए हमले की निंदा की गई।
लाल लुंगी और बनियान पहने प्रदर्शनकारियों ने वायरल वीडियो में गायकवाड़ की पोशाक की नकल की, जिसमें उन्हें आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल कैंटीन में बासी दाल परोसने को लेकर प्रबंधक पर शारीरिक रूप से हमला करते देखा गया था। शिवसेना (यूबीटी) एमएलसी अंबादास दानवे और एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता जितेंद्र आव्हाड सहित विपक्षी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। "हम चड्डी बनियान गैंग की निंदा करते हैं" जैसे नारे लगाते हुए, नेताओं ने गायकवाड़ के व्यवहार को एक जनप्रतिनिधि के रूप में अनुचित बताया और सख्त कार्रवाई की मांग की।
विवाद पिछले मंगलवार को तब शुरू हुआ जब गायकवाड़ ने कथित तौर पर कैंटीन प्रबंधक पर लात-घूंसों से हमला किया गायकवाड़ ने बाद में अपने कृत्य का बचाव करते हुए दावा किया कि वर्षों से कई शिकायतों के बावजूद, भोजन की खराब गुणवत्ता एक पुराना मुद्दा था। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "मैं वहाँ 30 सालों से खा रहा हूँ, और कुछ भी नहीं सुधरा है।" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसी ही परिस्थितियाँ फिर से सामने आईं तो वह फिर से ऐसा ही व्यवहार करेंगे।
हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद इस घटना की व्यापक प्रतिक्रिया हुई और सभी दलों ने इसकी आलोचना की। राज्य विधानसभा में, शिवसेना यूबीटी नेता अनिल परब ने गायकवाड़ के तत्काल निलंबन की माँग करते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा एक खतरनाक मिसाल कायम करती है। परब ने कहा, "यह सिर्फ़ खाने का मामला नहीं है; यह जवाबदेही और निर्वाचित प्रतिनिधियों में जनता के विश्वास का मामला है।"
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बीते दो दिनों में चांदी की कीमतों में 2,900 रुपए प्रति किलो तक की कमी दर्ज

नई दिल्ली। चांदी खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। बीते दो दिनों में चांदी की कीमतों में करीब 2,900 रुपए प्रति किलो तक की कमी दर्ज की गई है। इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की ओर से बुधवार सुबह जारी की गई कीमतों के मुताबिक, चांदी का भाव बीते दो दिनों में 2,871 रुपए कम होकर 1,10,996 रुपए प्रति किलो हो गया है। 14 जुलाई को चांदी की कीमत 1,13,867 रुपए प्रति किलो थी, जो कि चांदी का अब तक का सार्वकालिक उच्च स्तर है।
बीते 24 घंटे में चांदी की कीमतों में 1,001 रुपए प्रति किलो की गिरावट रिकॉर्ड की गई। मंगलवार को चांदी का भाव 1,11,997 रुपए प्रति किलो था। आईबीजेए द्वारा दिन में दो बार सुबह और शाम को चांदी के दाम जारी किए जाते हैं। चांदी की कीमतों में कमी की वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर के भाव में कमी आना है। वैश्विक स्तर चांदी की कीमत अपने ऑल-टाइम हाई 39.5 डॉलर प्रति औंस से कम होकर 38.15 डॉलर प्रति औंस पर आ गई है।
वैश्विक स्तर पर अस्थिरता के कारण बीते एक हफ्ते में चांदी कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। 10 जुलाई को चांदी की कीमत 1,06,900 रुपए प्रति किलो थी, जो कि 13 जुलाई तक बढ़कर ऑल-टाइम हाई 1,13,867 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई। इस दौरान चांदी में 6,967 रुपए प्रति किलो की तेजी देखी गई।
इस साल की शुरुआत से ही चांदी में तेजी बनी हुई है। 1 जनवरी से अब तक चांदी का भाव 86,017 रुपए प्रति किलो से 24,979 रुपए या 29.03 प्रतिशत बढ़कर 1,10,996 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। चांदी में उतार-चढ़ाव पर एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्‍ट (कमोडिटी) सौमिल गांधी ने कहा, चांदी में तेजी की वजह सोने के विकल्पों के प्रति निवेशकों की रुचि में बदलाव भी है। निवेशक अब चांदी को एक आकर्षक निवेश के रूप में देख रहे हैं। सिल्‍वर ईटीएफ (ईटीएफ) में भी मजबूत प्रवाह देखा जा रहा है, जो इसकी निवेश मांग को दर्शाता है।
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श्रीलंका के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा, द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर जोर

नई दिल्ली। श्रीलंका के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों पर चर्चा हुई। श्रीलंका के 14 राजनीतिक दलों के 24 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को दो हफ्ते की भारत यात्रा पर आया।
बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने और भविष्य की दिशा तय करने में युवा नेताओं की अहम भूमिका है। विदेश मंत्रालय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में बताया कि श्रीलंका के 14 राजनीतिक दलों के 24 युवा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे की शुरुआत करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मिला।
मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव ने भारत-श्रीलंका साझेदारी को मजबूत करने में युवा नेताओं की अहम भूमिका पर जोर दिया। बैठक में क्षेत्रीय भू-राजनीतिक हालात और भारत-श्रीलंका के बीच हुए सुरक्षा समझौतों पर भी चर्चा हुई।
पिछले हफ्ते, श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने भारत यात्रा पर आने से पहले 14 दलों के 24 नेताओं के श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने दोनों देशों के बेहतर भविष्य के लिए रिश्तों को मजबूत करने और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में उपसभापति रिजवी सालेह, अलग-अलग दलों के 20 सांसद, महासचिव और श्रीलंकाई संसद के चार वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच 2,500 साल से भी पुराना रिश्ता है, जिसमें मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध शामिल हैं। भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए साझेदारी की सोच में श्रीलंका का अहम स्थान है।
इससे पहले अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका का दौरा किया था और वहां के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका के साथ महत्वपूर्ण बैठक की थी। सितंबर 2024 में राष्ट्रपति दिसानायका के पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वीपीय राष्ट्र की राजकीय यात्रा करने वाले पहले विदेशी नेता बने हैं।
बैठक में दोनों नेताओं ने खास और घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। उन्होंने इस पर विस्तार से बात की कि यह रिश्ता साझा इतिहास और लोगों के बीच मजबूत जुड़ाव से बनता है। प्रधानमंत्री मोदी ने क्षमता बढ़ाने और आर्थिक मदद के लिए हर साल 700 श्रीलंकाई नागरिकों को प्रशिक्षण देने वाला एक बड़ा कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। इसके साथ ही, उन्होंने ऋण पुनर्गठन के लिए द्विपक्षीय समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री ने भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और समुद्री क्षेत्र में श्रीलंका के महत्व को दोहराया। उन्होंने श्रीलंका के आर्थिक सुधार और स्थिरता में मदद के लिए नई दिल्ली की लगातार प्रतिबद्धता जताई। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध मजबूत और विविध हैं, जो आज के समय की सभी महत्वपूर्ण बातों को कवर करते हैं। दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत, साथ ही उनके लोगों के बीच अच्छे संबंध, मजबूत साझेदारी बनाने की नींव हैं।
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हरियाणा, गोवा के नए राज्यपाल नियुक्त, कविंदर गुप्ता को बनाया गया लद्दाख का उपराज्यपाल

नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन ने देश के तीन प्रमुख राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नए राज्यपाल और उपराज्यपाल की नियुक्ति की घोषणा की है। पुसापति अशोक गजपति राजू को गोवा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वहीं, प्रोफेसर आसिम कुमार घोष को हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया है। इसके अलावा, कविंदर गुप्ता को लद्दाख का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। ये नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है।
कविंद्र गुप्ता जम्मू-कश्मीर भाजपा के बड़े नेता रहे हैं और उप-मुख्यमंत्री के तौर पर भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अब उन्हें उप-राज्यपाल बनाकर सक्रिय राजनीति से दूर किया गया है, लेकिन लद्दाख ही भेजा गया है। इसकी वजह यह है कि जम्मू-कश्मीर का ही लद्दाख 2019 से पहले हिस्सा हुआ करता था। कविंद्र गुप्ता को लद्दाख की राजनीति, संस्कृति और अन्य चीजों के बारे में अच्छी जानकारी है। ऐसे में उन्हें लद्दाख में एलजी पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति माना जा रहा है। कविंद्र गुप्ता दशकों से भाजपा के समर्पित नेता रहे हैं।
अब तक हरियाणा में बंडारू दत्तात्रेय राज्यपाल थे और अब उनकी जगह प्रोफेसर असीम कुमार घोष लेंगे। बंडारू दत्तात्रेय 2021 से ही हरियाणा के राज्यपाल थे। अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि बंडारू दत्तात्रेय को अब क्या जिम्मेदारी मिलेगी। गजपति राजू तेलुगु देशम पार्टी के नेता रहे हैं और अब गोवा में राज्यपाल के तौर पर काम देखेंगे। ऐसा पहली बार है, जब मोदी सरकार में शामिल किसी गठबंधन सहयोगी के नेता को राज्यपाल के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब तक सरकार की नीति भाजपा के नेताओं, सैन्य सेवा में रहे लोगों को ही राज्यपाल के तौर पर जिम्मेदारी देने की रही है। ऐसा पहली बार है, जब किसी गैर-भाजपा दल के नेता को यह मौका मिला है।
 
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ओडिशा सरकार ने बंद चीनी मिलों के पुनरुद्धार को मंजूरी दी

ओडिशा। कृषि-औद्योगिक क्षेत्र को उल्लेखनीय बढ़ावा देते हुए, ओडिशा सरकार ने राज्य में लंबे समय से बंद पड़ी दो सहकारी चीनी मिलों के पुनरुद्धार के लिए इंडिया पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
अनुसार, ये दो मिलें बोलनगीर स्थित बिजयानंद सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड और कटक स्थित बदम्बा सहकारी चीनी उद्योग लिमिटेड हैं। एक दशक से अधिक समय से निष्क्रिय दोनों इकाइयों को आईपीएल की पुनरुद्धार योजना के तहत एकीकृत कृषि-औद्योगिक केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा। भारत में पोटाश के सबसे बड़े आयातक और वितरक के रूप में, आईपीएल से अपने व्यापक कृषि-बुनियादी ढांचे के अनुभव को राज्य में लाने की उम्मीद है।
पुनरुद्धार को व्यवहार्य बनाने के लिए, आईपीएल ने न केवल चीनी मिलों की स्थापना के लिए, बल्कि चीनी प्रसंस्करण और संबद्ध गतिविधियों के लिए एक व्यापक व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रति इकाई 40 से 50 एकड़ भूमि का अनुरोध किया है। कंपनी ने 15,000 हेक्टेयर में न्यूनतम गन्ना खेती का भी प्रस्ताव रखा है, जिसमें से 6,000 हेक्टेयर विशेष रूप से बोलनगीर इकाई के लिए निर्धारित है। इसके जवाब में, ओडिशा सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से गन्ना खेती को तीव्र करने की योजना शुरू की है, जिसमें रकबा और किसानों की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामला : ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर कोर्ट का फैसला 29 जुलाई तक सुरक्षित

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर अभियोजन शिकायत (प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट) पर संज्ञान लेने को लेकर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
यह हाई-प्रोफाइल मामला कांग्रेस की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस प्रवासी विभाग के प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज है।
विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने केंद्रीय एजेंसी और मामले में प्रस्तावित आरोपियों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखते हुए 29 जुलाई की तारीख तय की है। ईडी ने कोर्ट में दावा किया कि कांग्रेस नेतृत्व ने नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को गलत तरीके से हासिल करने के लिए यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड का इस्तेमाल किया।
ईडी का आरोप है कि कांग्रेस ने एजेएल को दिए 90.25 करोड़ रुपए के कर्ज को चुकाने के लिए यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया, जो एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने कोर्ट में कहा कि इस सौदे के जरिए कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक संपत्ति को निजी लाभ के लिए हड़पने की कोशिश की।
ईडी ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस को दान देने वालों में से कुछ को पार्टी ने टिकट दिए, जिससे दानदाताओं के साथ धोखाधड़ी का संकेत मिलता है। इसके जवाब में, सोनिया गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि यह मामला "बिना पैसे के हस्तांतरण और संपत्ति के लेन-देन" के आधार पर बनाया गया है, जो कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है।
उन्होंने कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसमें कोई लाभांश या व्यावसायिक लेन-देन संभव नहीं है। कोर्ट ने 2 जुलाई से इस मामले की रोजाना सुनवाई की। ईडी ने अपनी दलीलें पूरी कीं, जबकि आरोपियों ने जवाब में अपनी सफाई पेश की।
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अमरनाथ यात्रा : 6143 यात्रियों का नया जत्था कश्मीर रवाना

  • दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन  
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा में पिछले 11 दिनों में दो लाख से अधिक भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। इसी कड़ी में सोमवार को 6,143 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ अधिकारियों ने बताया कि आज 6,143 यात्रियों का एक और जत्था भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ।
100 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 2,215 यात्रियों को लेकर सुबह 3.30 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जबकि 135 वाहनों का दूसरा सुरक्षा काफिला 3,928 यात्रियों को लेकर सुबह 4 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए लाया गया है। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां लाई गई हैं। पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित कर लिया गया है।
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं। तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है। श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।
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सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ में उमड़ी भारी भीड़

काशीविश्नाथ पवित्र श्रावण मास, जिसे सावन भी कहा जाता है, के पहले सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आध्यात्मिक लहर दौड़ गई, जब लाखों श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए एकत्रित हुए।
मंगला आरती और भव्य पुष्प सज्जा के साथ सावन के पहले सोमवार को पवित्र नगरी वाराणसी "हर-हर महादेव" के जयकारों से गूंज उठी। रविवार देर रात से ही भक्तों की मंदिर के बाहर कतारें लगनी शुरू हो गईं, और कई भक्तों ने मंदिर के कपाट खुलने के लिए 7 से 8 घंटे तक प्रतीक्षा की। जैसे ही कपाट खुले, पूरा शहर आध्यात्मिक उत्साह से गूंज उठा और सुबह का वातावरण जयकारों से भर गया।
व्यवस्थाओं के बारे में बात करते हुए, पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा, "हम यहाँ पूरी तरह से तैयार हैं। सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। पूरी तरह से बैरिकेडिंग कर दी गई है। भक्त सुव्यवस्थित और व्यवस्थित तरीके से दर्शन कर रहे हैं।" सुरक्षा और सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए, भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पुलिस कमिश्नरेट ने गोदौलिया चौक, गंगा घाटों और मंदिर परिसर सहित प्रमुख स्थानों पर छह त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), तीन ड्रोन इकाइयाँ, घुड़सवार पुलिस और पर्यटक पुलिस तैनात की थी।
गर्मजोशी से स्वागत के तहत, अधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर तीर्थयात्रियों का स्वागत किया, जिससे एक अत्यंत मार्मिक और पवित्र वातावरण निर्मित हुआ। एक भक्त ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "व्यवस्थाएँ उत्कृष्ट हैं, और महादेव की कृपा से हमें अद्भुत दर्शन हुए।" डीसीपी (क्राइम) सरवन टी ने कहा, "आज सावन के पवित्र महीने का पहला सोमवार है। इसे ध्यान में रखते हुए, भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।" गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
माना जाता है कि रावण के पिता और छत्रपति शिवाजी द्वारा पूजे जाने वाले इस प्राचीन मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर में आधी रात से ही भीड़ उमड़ पड़ी। दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरि ने कहा, "आज सावन का पहला दिन बहुत खास है, जिसका बहुत महत्व है। हमारे दूधेश्वर नाथ मंदिर में आधी रात से ही भक्त लगातार दर्शन और पूजा के लिए उमड़ पड़ते हैं।" एक भक्त ने खुशी जताते हुए कहा, "मैं सुबह 4:30 बजे यहाँ पहुँचा और लगभग 6 से 6:30 बजे तक दर्शन कर पाया। यहाँ लोगों की गहरी आस्था है। ऐसा माना जाता है कि रावण और उसके पिता यहाँ पूजा करने आते थे।"
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ओडिशा में मालगाड़ी पटरी से उतरी, बीरमित्रपुर में मचा हड़कंप

ओडिशा। सुंदरगढ़ जिले के बीरमित्रपुर के अपर मार्केट इलाके के पास शुक्रवार को चूना पत्थर से लदी एक मालगाड़ी के पटरी से उतर जाने से एक बड़ा रेल हादसा टल गया। यह हादसा उस समय हुआ जब ट्रेन चूना भाटा से बीरमित्रपुर रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, ट्रेन बीएसएल कंपनी के डोलोमाइट पत्थरों से लदी थी और अचानक पटरी से उतर गई, जिससे 11 डिब्बे पटरी से उतर गए। यह घटना अपर मार्केट क्षेत्र के पास एक अर्ध-आवासीय क्षेत्र में हुई, जिससे जन सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। सौभाग्य से, किसी के घायल होने या जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि पटरी से उतरना ट्रैक संरेखण की समस्या या यांत्रिक खराबी के कारण हुआ होगा, हालाँकि रेलवे अधिकारियों ने सटीक कारण की पुष्टि नहीं की है। एक उच्च-स्तरीय जाँच शुरू कर दी गई है और वरिष्ठ रेलवे अधिकारी आकलन के लिए घटनास्थल पर पहुँच गए हैं। रेलवे रखरखाव कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों सहित आपातकालीन प्रतिक्रिया दल क्षेत्र को सुरक्षित करने और मरम्मत कार्य शुरू करने के लिए तुरंत पहुँच गए। पटरी से उतरे डिब्बों को उठाने और पटरियों को साफ करने के लिए भारी मशीनरी तैनात की गई है।
एक अधिकारी ने बताया कि आस-पास के मार्गों पर ट्रेनों की आवाजाही अस्थायी रूप से प्रभावित हुई है और जल्द से जल्द सामान्य परिचालन बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय निवासी बड़ी संख्या में घटनास्थल के पास जमा हो गए, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने और बचाव कार्य में किसी भी तरह की बाधा को रोकने के लिए पुलिस तैनात कर दी गई।
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कानपुर में बड़ा रेल हादसा होते-होते बचा, ड्राइवर की हो रही तारीफ

कानपुर। कानपुर में एक बड़ा रेल हादसा होते-होते बच गया, जब भिवानी से प्रयागराज जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने समय रहते सूझबूझ दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी. घटना चौबेपुर के मरियानी अंडरपास के पास की है, जहां भारी बारिश के कारण रेलवे ट्रैक धंस गया था.
जानकारी के अनुसार, ट्रेन जब फर्रुखाबाद से कानपुर की ओर बढ़ रही थी, तभी मरियानी अंडरपास के निकट पहुंचने पर ड्राइवर को अचानक झटके और ट्रैक में हलचल महसूस हुई. तुरंत सतर्क होते हुए उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए, जिससे एक संभावित दुर्घटना टल गई.
घटना के बाद ट्रेन लगभग 45 मिनट तक मौके पर खड़ी रही. डर के चलते कुछ यात्री ट्रेन से उतरकर आसपास के सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए. हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई और सभी यात्री सुरक्षित हैं.
रेलवे की इंजीनियरिंग टीम तत्काल मौके पर पहुंची और ट्रैक की मरम्मत कर ट्रेन को आगे रवाना कर दिया गया. ड्राइवर की सतर्कता और त्वरित निर्णय की हर तरफ सराहना हो रही है.
 
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