हिंदुस्तान

भाजपा आज द्रोणाचार्य की तरह युवाओं का अंगूठा काट रही है : राहुल गांधी

दिल्ली। लोकसभा में शनिवार को संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी राय रखी। राहुल गांधी ने संविधान के निर्माण में महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, पंडित नेहरू जैसे नेताओं के योगदान की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान में दिखने वाले ये विचार कहीं न कहीं भारतीय संस्कृति और प्राचीन विरासत से प्रेरित हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हमारा संविधान बिना हमारी प्राचीन विरासत के नहीं बन सकता था। यह विचार भगवान शिव, गुरु नानक, भगवान बासवन्ना और कबीर जैसे महान संतों से आए हैं।
राहुल गांधी ने सावरकर की आलोचना करते हुए कहा कि सावरकर ने अपने लेखों में यह स्पष्ट रूप से लिखा था कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। लड़ाई मनुस्मृति और संविधान के बीच की है। राहुल गांधी ने यह सवाल उठाया कि अब सवाल यह है कि हम सावरकर की बात को मानते हैं या फिर संविधान को। जब आप संविधान की तारीफ करते हैं, तो आप सावरकर के विचारों का विरोध करते हैं। आरएसएस ने मनुस्मृति को संविधान से बेहतर बताया था और सावरकर ने भी मनुस्मृति को संविधान से ऊपर बताया था।
नेता प्रतिपक्ष ने यह तर्क भी दिया कि जिन लोगों की आप पूजा करते हैं, उन्होंने ही कहा था कि संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि संविधान में हमें बाबासाहेब अंबेडकर के आदर्श स्पष्ट रूप से दिखते हैं। इसके बाद उन्होंने हिंदुस्तान के पुराने वक्त और समाज व्यवस्था की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि जैसे पहले हिंदुस्तान को चलाने का तरीका था, वैसे ही आज भी कुछ लोग उसी तरह से देश को चलाना चाहते हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब मैं जब छोटा था तब दिल्ली में एम्स के पास ही जंगल था। वैसे ही जंगल में हजारों साल पहले एक बच्चा सुबह उठकर तपस्या करता था। हर रोज सुबह वो धनुष उठाकर तीर कमान चलाता था और घंटे उसने तपस्या की और वर्षों तक तपस्या की। उसका नाम एकलव्य था। जब वह द्रोणाचार्य के पास पहुंचा तो गुरु द्रोणाचार्य ने उसे सिखाने से मना कर दिया कि आप स्वर्ण जाति से नहीं है तो मैं आपको नहीं सिखा सकता। राहुल गांधी ने कहा कि जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा, वैसे ही आज भाजपा हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काट रही है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश के कारोबारियों का अंगूठा काटा जा रहा है और भाजपा देश के हुनर और ताकत को छीनना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है और उनकी जगह पर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान जब एमएसपी की मांग करते हैं, तो उन पर लाठी चलाने और आंसू गैस छोड़ने का काम किया जाता है। राहुल गांधी ने युवा पीढ़ी को लेकर कहा कि युवाओं की मेहनत और संघर्ष को दरकिनार करते हुए पेपर लीक, लेटरल एंट्री और अग्निवीर जैसी योजनाओं के जरिए उनके हक को छीना जा रहा है। युवाओं की मेहनत को खत्म करने के लिए पेपर लीक जैसी घटनाएं हो रही हैं और अग्निवीर योजना लाकर उनके हक पर कुठाराघात किया जा रहा है। संविधान में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है कि किसी वर्ग या समूह का एकाधिकार होना चाहिए, न ही इसमें यह कहा गया है कि देश के युवाओं का अंगूठा काटना चाहिए।
उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे संविधान के विपरीत जाकर देश के युवाओं और किसानों का शोषण कर रहे हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा के लोग 24 घंटे संविधान पर आक्रमण करते हैं। संभल हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां निर्दोष लोग मारे गए, गोली मारकर हत्या कर दी, एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाते हैं। दलित परिवार को बंद करके घर में रखना है। हाथरस में चार साल पहले हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बीते दिनों मैं हाथरस गया था, जहां पीड़ित परिवार घर में कैद है, उन्हें आज भी धमकियां मिलती है, लेकिन दुष्कर्म करने वाले आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
और भी

'वन नेशन, वन इलेक्शन' देश की जरूरत : चिराग पासवान

बिहार। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को देश की जरूरत बताते हुए कहा कि इसकी चाहत हमलोगों की लंबे समय से थी। उन्होंने विपक्ष के विरोध करने पर कहा कि विपक्ष को हर एक फैसले से ऐतराज है। शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे नेता और मेरे पिता रामविलास पासवान की भी यही सोच रही थी कि देश में एक साथ चुनाव हो। उन्होंने कहा, "अभी हम लोगों ने देखा कुछ महीने पहले ही लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए, उसके ठीक बाद हरियाणा, जम्मू कश्मीर के चुनाव में लोग व्यस्त हुए। उसके बाद झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव हुए। इसके बाद दिल्ली और उसके बाद बिहार और फिर असम का चुनाव है। हर दूसरे और तीसरे महीने देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं। यह न सिर्फ आर्थिक बोझ देश के ऊपर डालने का काम करते हैं, बल्कि जिस तरीके से मशीनरी के डिप्लॉयमेंट को लेकर एक व्यवस्था तैयार करने की जरूरत पड़ती है, उसमें भी समय बहुत ज्यादा बर्बाद होता है। इस स्थिति में जब आचार संहिता लगती है तो विकास की गति कहीं ना कहीं रूकती है। इस कारण देश में एक ही बार चुनाव हों और पांच साल तक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे।"
उन्होंने कहा, "विपक्ष को हर एक उस फैसले पर ऐतराज है, जो पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लिया जाता है। मैं चाहता हूं कि विपक्ष इसकी मेरिट पर चर्चा करे, बताएं क्या एतराज है? क्यों यह सही नहीं है? एक तरफ जो उन लोगों की बातें हैं, जो छोटे दल हैं, एक साथ चुनाव में उनको दिक्कत होगी। आज की तारीख में देश की जनता इतनी समझदार है कि दो राज्यों में चुनाव के संघीय ढांचे को समझती है। लोकसभा के साथ जिन राज्यों में चुनाव हुए उसके परिणाम अलग हुए हैं। आंध्र प्रदेश इसका उदाहरण है। जहां लोकसभा के परिणाम कुछ थे और विधानसभा के परिणाम कुछ और। यह दर्शाता है कि देश की जनता इस बात को अच्छे से जानती है कि भारत के संघीय ढांचे में किस तरीके से मतदान करना है।"
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके लिए संभव हो तो हमारी सरकार एक कमेटी का गठन करेगी। हम लोग जेपीसी का भी गठन करेंगे। विपक्ष वहां पर मेरिट के ऊपर इसकी चर्चा करे। उन्होंने लालू यादव के 'आंख सेंकने' वाले बयान पर कहा कि इससे अशोभनीय और अभद्र टिप्पणी कुछ नहीं हो सकती। इतनी गिरी हुई टिप्पणी करना कतई जायज नहीं है। वे खुद इतने अनुभवी नेता हैं और उनके मुंह से इस तरह की भाषा शोभा नहीं देती। जिस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा पर निकल रहे हैं, उसका लाभ 2025 के बिहार चुनाव में जरूर होगा। पत्रकारों के संविधान के मुद्दे पर चर्चा को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर मंत्री चिराग पासवान ने तंज कसते हुए कहा, "जो लोग संविधान को पॉकेट में लेकर घूमने का काम करते हैं, वह कभी समझेंगे ही नहीं कि संवैधानिक मर्यादा क्या होती है। जिन लोगों ने संवैधानिक पदों पर बैठे हुए लोगों को राजनीति से अछूता नहीं रखा, उनके ऊपर भी टीका-टिप्पणी करने का काम किया, वह कभी संवैधानिक मर्यादा को नहीं समझ पाएंगे।"
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के 'लेटरल एंट्री और प्राइवेटाइजेशन के जरिए आरक्षण को खत्म करने' के आरोप पर उन्होंने कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि लेटरल एंट्री की शुरुआत किसने की थी। लेटरल एंट्री की शुरुआत विपक्षी दलों के सरकारों ने की थी।
और भी

CM मोहन यादव ने किया बैक वाटर में बने आइलैंड रिसॉर्ट का लोकार्पण

भोपाल। मध्य प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को लुभाने के प्रयास जारी है, इसी क्रम में शहडोल जिले में बाणसागर बांध के बैक वाटर क्षेत्र में सरसी पर्यटन केंद्र और रिसॉर्ट बनाया गया है। इसका मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने सरसी पर्यटन केंद्र एवं रिसॉर्ट का लोकार्पण करने के बाद बोट पर सवार होकर जल लहरियों के बीच इस स्थल का जायजा लिया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "हमारी सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश सरकार द्वारा योजना बनाई गई है, जिसमें हर दिन प्रदेशवासियों को एक सौगात दी जाएगी। इसी सिलसिले में रीवा संभाग में बने आइलैंड की सौगात दी जा रही है। यहां प्रकृति के सौंदर्य को संजोए हुए एक सुंदर आइलैंड बनाया गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि गोवा और अन्य स्थानों पर हम जिस तरह के समुद्र के अंदर द्वीप की प्राकृतिक खूबसूरती देखते हैं उसी तरह की खूबसूरती मध्य प्रदेश में भी उपलब्ध है। सरसी का आइलैंड अंडमान के आइलैंड से कम नहीं है। बताया गया है कि शहडोल जिले में बाणसागर डैम के बैकवाटर पर निर्मित यह रिसॉर्ट प्रमुख पर्यटन स्थल बांधवगढ़ नेशनल पार्क और मैहर के समीप स्थित है। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अनूठा अनुभव होगा। इको-सर्किट परियोजना के तहत विकसित यह स्थल क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरसी आइलैंड रिसॉर्ट में पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। यहां तीन बोट क्लब बनाए गए हैं, जो वाटर स्पोर्ट्स के रोमांचक अनुभव का अवसर देंगे।
पर्यटकों के ठहरने लिए 10 इको हट्स तैयार किए गए हैं, जहां से प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है। खाने-पीने के शौकीनों के लिए एक आकर्षक रेस्टोरेंट की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, कॉर्पोरेट और अन्य आयोजनों के लिए प्रकृति के बीच एक आधुनिक कॉन्फ्रेंस रूम भी उपलब्ध होगा। पर्यटकों की सेहत और मनोरंजन का भी ध्यान रखते हुए रिसॉर्ट में जिम, लाइब्रेरी और बच्चों के लिए प्ले एरिया बनाए गए हैं। पर्यटन विकास को उम्मीद है कि इस स्थल से शहडोल और इसके आस पास का क्षेत्र देश भर के पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बन जाएगा।
और भी

संविधान में हमारे देश के विचारों का एक सेट है : राहुल गांधी

दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में संविधान पर अपनी टिप्पणी में कहा कि भारतीय संविधान हमारे देश की एकता और विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है, जो महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर और पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचारों से प्रेरित है. उन्होंने कहा, "संविधान में हमारे देश के विचारों का एक सेट है, जो महादेव, गुरु नानक और बसवन्ना से आया है." राहुल गांधी ने अपने भाषण में अभय, निडरता, अहिंसा और सत्य के बारे में बात की, जो उन्होंने पिछले कुछ दिनों में उल्लेख किया था. इस दौरान, उन्होंने संसद में भगवान के विभिन्न चित्र भी दिखाए थे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान पर चर्चा के लिए आज लोकसभा में हिस्सा लेंगे. भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आज लोकसभा में बहस होनी है. पीएम बहस का जवाब देंगे. लोकसभा के बाद 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में बहस होगी. भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक के कई शीर्ष नेता चर्चा में भाग लेंगे. आज लोकसभा में हंगामे के आसार भी हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जवाब दिए जाने के साथ संविधान पर विशेष बहस का समापन होगा. इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह सोमवार 16 दिसंबर को राज्यसभा में बहस शुरू करने वाले हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने गुरुवार को अपने सांसदों को तीन-लाइन व्हिप जारी किया, जिसमें उन्हें 13-14 दिसंबर को भारत में संविधान पर निर्धारित बहस के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया.
और भी

शंभू बॉर्डर में कई किसान घायल, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

हरियाणा/पंजाब। शंभू बॉर्डर पर आज एक बार फिर संग्राम छिड़ गया है. किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं. 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करने जा रहा है. पैदल मार्च के जरिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे किसानों पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे गए हैं. आंसू गैस के गोले से कुछ किसान घायल हो गए हैं. जिसके बाद साथी किसान घायल किसानों को स्ट्रेचर पर उठाकर ले गए.
इस बीच हरियाणा सरकार ने अंबाला के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश दिए हैं. आज से 17 दिसंबर (रात 12 बजे) तक इंटरनेट बंद रहेगा. शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए किसानों के विरोध मार्च के फिर से शुरू होने से कुछ घंटे पहले, हरियाणा सरकार ने शनिवार को 'सार्वजनिक शांति' बनाए रखने के लिए अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं को बंद कर दिया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह निलंबन 17 दिसंबर तक लागू रहेगा.
आदेश में कहा गया, 'अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सीआईडी, हरियाणा और डिप्टी कमिश्नर, अंबाला द्वारा यह मेरे संज्ञान में लाया गया है कि कुछ किसान संगठनों द्वारा दिए गए दिल्ली कूच के अपील के मद्देनजर, अंबाला जिले के क्षेत्र में तनाव, आंदोलन, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सार्वजनिक शांति और सौहार्द बिगाड़ने की आशंका है.'
और भी

लोकसभा : वीर सावरकर पर टिप्पणी, संसद में जमकर हंगामा

दिल्ली। लोकसभा में शनिवार को संविधान पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. असल में डीएमके सांसद ए. राजा ने अपने भाषण में कहा कि 1947 में देश के विभाजन की दो-राष्ट्र सिद्धांत की शुरुआत वीर सावरकर ने की थी, न कि मुहम्मद अली जिन्ना ने. उनका यह बयान सुनते ही सदन में हंगामा मच गया. इससे पहले, ए. राजा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि "भाजपा संविधान में बदलाव करेगी और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेगी." इस बयान पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आपत्ति जताई और ए. राजा से अपने दावे को प्रमाणित करने को कहा. जोशी ने कहा, "आपके पार्टी के उपाध्यक्ष ने चुनावों से पहले कहा था कि अगर भाजपा को 400 सीटें मिलती हैं, तो वे संविधान में बदलाव करेंगे और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेंगे."
इसके अलावा, ए. राजा ने एनडीए सांसदों को "Bad Elements" करार दिया, जिस पर सदन में और भी हंगामा हुआ. भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे बयान सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं और बिना प्रमाण के आरोप लगाने की निंदा की. ए राजा ने ‘बैड एलिमेंट’ शब्द का इस्तेमाल किया जिस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने आपत्ति दर्ज करवाई. निशिकांत दुबे ने कहा कि इस पर ए राजा को माफी मांगनी चाहिए. जगदंबिका पाल ने कहा कि राजा के बयान को सदन की कार्यवाही से हटा देंगेइससे पहले लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला था. रिजिजू ने कहा, "कांग्रेस की नीति सीमा क्षेत्रों में सड़कें न बनाने की थी. उनकी सोच थी कि अगर सड़कें बनेंगी, तो चीनी सेना उन्हीं सड़कों से आकर हमारी जमीन पर कब्जा कर लेगी." उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा, "उस समय मेरा गांव दो सप्ताह तक चीनी नियंत्रण में था. कांग्रेस ने हमारे लिए सड़कें नहीं बनाईं, खासतौर पर नॉर्थ-ईस्ट इंडिया के लिए बिल्कुल नहीं." रिजिजू ने बताया कि उन्होंने एक ऐसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने का फैसला किया जो राष्ट्रवादी हो और भारत की हर इंच जमीन की रक्षा करने का साहस रखती हो.
और भी

साल 1978 से बंद पुराने मंदिर को खोला गया

यूपी/संभल। नखासा थाना क्षेत्र के खग्गुसराय क्षेत्र में 46 साल से बंद एक प्राचीन शिव और हनुमान मंदिर को प्रशासन के सघन बिजली चोरी जांच अभियान के दौरान पुनः खोला गया। इस दौरान मंदिर के भीतर भगवान हनुमान जी की एक मूर्ति और शिवलिंग की स्थापना पाई गई। मंदिर से जुड़ा एक प्राचीन कुआं भी खोजा गया, जो लंबे समय से मिट्टी और कचरे से ढका था।
यह मंदिर रस्तोगी परिवार के कुलगुरु से संबंधित बताया जा रहा है। 46 साल पहले 1978 में दंगे के बाद किसी कारणवश इसे बंद कर दिया गया था। प्रशासन की जांच के दौरान जब एएसपी श्रीशचंद्र और सीओ अनुज चौधरी ने मंदिर का निरीक्षण किया, तो उन्होंने भीतर की स्थिति का जायजा लिया और सफाई कार्य शुरू करवाया।
नगर पालिका ने कुएं की खुदाई के दौरान पुराने कुएं के अवशेष पाए। एएसपी ने खुद मिट्टी हटाकर इसकी पुष्टि की। इस कुएं को खोलने और पुनः उपयोग में लाने के लिए प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
और भी

भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद’ में दोनों देशों में हुए सुधारों की सराहना की गई

अहमदाबाद। भारत और यूके के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूंजी बाजार, बीमा और पुनर्बीमा, पेंशन, फिनटेक, सस्टेनेबल फाइनेंस और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र संबंधित वित्तीय सेवा क्षेत्रों में सुधारों पर चर्चा की। ‘भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद’ की तीसरी बैठक गुजरात की गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा आयोजित की गई।
भारत और यूके के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में प्राथमिकताओं और चल रहे सुधारों पर अपने विचार साझा किए। वार्ता में फाइनेंशियल रेगुलेशन के उभरते क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें वित्तीय क्षेत्रों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए दोनों बाजारों में आपसी हित के क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया। इस संवाद का नेतृत्व भारतीय वित्त मंत्रालय और एचएम ट्रेजरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया, जिसमें भारतीय और यूके की नियामक एजेंसियों ने भाग लिया। इनमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई), पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए), बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) और वित्तीय आचरण प्राधिकरण (एफसीए) शामिल थे।
प्रतिनिधियों ने भारत के पूंजी बाजारों को विकसित करने से जुड़े काम पर भी चर्चा की, प्राथमिक और थोक व्यवस्थाओं में हाल ही में यूके के सुधारों और भारत के पूंजी बाजारों में लॉन्च किए गए नए और इनोवेटिव प्रोडक्ट्स पर ध्यान दिया। वार्ता में संबंधित पेंशन क्षेत्रों में चल रहे सुधारों पर भी चर्चा की गई। भारतीय प्रतिनिधियों ने कार्यस्थल पेंशन भागीदारी दरों को बढ़ाने और भुगतान विधियों को विकसित करने के प्रयासों पर प्रस्तुति दी।
दोनों पक्ष आपसी हित के क्षेत्रों की खोज के लिए सुधारों द्वारा प्रस्तुत अवसर और विकास को बढ़ावा देने की आपसी महत्वाकांक्षा का समर्थन करने पर सहमत हुए। यूके ने आईएफएससीए द्वारा विनियमित किए जाने वाले वित्तीय उत्पादों के रूप में पेंशन योजनाओं की हाल की अधिसूचना का स्वागत किया। इसमें बताया गया कि गिफ्ट- आईएफएससी में बीमा कंपनियों को विदेशों में निवेश करने की अनुमति है और गिफ्ट- आईएफएससी में पेंशन कंपनियों को विदेशों में निवेश करने में सक्षम बनाने के प्रस्ताव पर अभी विचार किया जा रहा है।
प्रतिभागियों ने संबंधित प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की, जिसमें जी20 पेमेंट रोडमैप, डिजिटल पेमेंट कनेक्टिविटी, रेगुलेटरी सैंडबॉक्स सहयोग, केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर सहयोग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और क्वांटम कंप्यूटिंग सहित अन्य उभरती टेक्नोलॉजी पर भविष्य का सहयोग शामिल है।
और भी

हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार पर सांसद बृजमोहन का लोकसभा में सवाल

रायपुर/दिल्ली। लोकसभा में रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने जानकारी साझा की है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की रायपुर या अन्य किसी स्थान पर नई खंडपीठ खोलने का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित नहीं है।
दरअसल रायपुर सांसद अग्रवाल ने लोकसभा में उच्च न्यायालय और उनकी न्यायपीठों की क्षेत्राधिकार पर जानकारी मांगी थी। साथ ही यह भी पूछा था कि, छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्य सरकारों से उच्च न्यायालयों और उनकी न्यायपीठों की स्थापना के लिए प्राप्त अनुरोधों की जानकारी मांगी थी। जिसपर मेघवाल ने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालयों की नई खंडपीठों की स्थापना के लिए राज्य सरकारों से पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होना अनिवार्य है। ऐसे प्रस्ताव में अवसंरचना, व्यय प्रावधान और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश शामिल होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में, सरकार के पास किसी भी उच्च न्यायालय की नई खंडपीठ स्थापित करने के लिए कोई पूर्ण प्रस्ताव लंबित नहीं है। बता दें कि, लंबे समय से रायपुर में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की खंडपीठ की मांग की जा रही है।
और भी

महाकुंभ एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी : PM मोदी

प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचे। पीएम मोदी ने कहा कि यहां दिन-रात काम कर रहे कर्मचारियों और सफाई कर्मियों का अभिनंदन करता हूं। विश्व का इतना बड़ा आयोजन, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ, एक नया महानगर बसाने का महाभियान प्रयागराज की धरती पर नया इतिहास रचा जा रहा है।
उन्होंने महाकुंभ को लेकर कहा कि यह एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ 2025 के लिए शुक्रवार को प्रयागराज में 5,500 करोड़ की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें प्रयागराज में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 10 नए रोड ओवर ब्रिज या फ्लाईओवर, स्थायी घाट और रिवरफ्रंट सड़क जैसी विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।
इस दौरान पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "यह एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। मैं इस आयोजन की भव्य और दिव्य सफलता की आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है।" पीएम मोदी ने कहा कि यह गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी और नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है। इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, जो महात्म्य है, उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका संयोग, उनका प्रभाव, उनका प्रताप ये प्रयाग है।
उन्होंने कहा कि प्रयाग वो है, जहां पग-पग पर पवित्र स्थान हैं, जहां पग-पग पर पुण्य क्षेत्र हैं। केवल तीन पवित्र नदियों का ही संगम नहीं है। प्रयाग के बारे में कहा गया है : 'माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई।' अर्थात जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, सभी दैवीय शक्तियां, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महाऋषि प्रयाग में आ जाते हैं। यह वो स्थान है जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज वो स्थान है, जिसकी प्रशंसा वेद की ऋचाओं में की गई है। महाकुंभ हजारों वर्ष पहले से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीक है। यह एक ऐसा आयोजन है जहां हर बार धर्म, ज्ञान, भक्ति और कला का दिव्य समागम होता है। किसी बाहरी व्यवस्था के बजाय कुंभ, मनुष्य के अंतर्मन की चेतना का नाम है।
उन्होंने कहा कि यह चेतना स्वतः जागृत होती है। यही चेतना भारत के कोने-कोने से लोगों को संगम के तट तक खींच लाती है। गांवों, कस्बों, शहरों से लोग प्रयागराज की ओर निकल पड़ते हैं। सामुहिकता की ऐसी शक्ति, ऐसा समागम शायद ही कहीं ओर देखने को मिले। यहां आकर संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान, सामान्य मानव सब एक हो जाते हैं, सब एक साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं। यहां जातियों का भेद खत्म हो जाता है, सम्प्रदायों का टकराव मिट जाता है। करोड़ों लोग एक ध्येय, एक विचार से जुड़ जाते हैं।
और भी

भारी हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही 16 दिसंबर तक स्थगित

नई दिल्ली। संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की कार्यवाही 16 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई है। राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जमकर हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में सभापति धनखड़ और खड़गे के बीच जमकर बहस हुई। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, " मैं किसान का बेटा हूं, झुकता नहीं हूं. विपक्ष ने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं। मैंने बहुत कुछ बर्दाश्त किया है। मैं मल्लिकार्जुन खरगे जी की इज्जत करता हूं। मैंने कभी सम्मान देने में कोई कमी नहीं रखी। मैं देश के लिए मर जाऊंगा, मिट जाऊंगा। आप मुझसे मिलने का वक्त तो निकालें मैं आपसे जरूर मिलूंगा।
वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आप किसान के बेटे हैं तो मैं मजदूर का बेटा हूं। आप विपक्षी सांसदों का अपमान करते हैं। सदन चलाना सभापति की जिम्मेदारी है। आप सदन परम्परा के साथ चलाएं। हम आपकी तारीफ सुनने के लिए सदन में नहीं आए हैं। इस बीच संविधान को लेकर लोकसभा में चर्चा जारी है। लोकसभा में राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा, ”संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज नहीं यह जनता को मौलिक अधिकार देता है। हमारा मंत्र सबका साथ-सबका विकास है। ”
संविधान पर चर्चा लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को जबकि राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को होगी। बीजेपी ने इसे लेकर अपने सांसदों को व्हिप भी जारी कर दिया है। भाजपा और कांग्रेस ने अपने सभी सदस्यों को 13-14 दिसंबर को सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
प्रश्नकाल के बाद तुरंत चर्चा शुरू होगी, जो सदन के एजेंडे में भी है। लोकसभा कार्यक्रम के अनुसार, सात मंत्री अपने-अपने विभागों से जुड़े मुद्दों पर कागजात पेश करेंगे और विभिन्न समितियां अपनी रिपोर्ट देंगे। दोनों पार्टियों ने गुरुवार को बैठक की, ताकि वे अपनी रणनीति तैयार कर सकें।
और भी

अक्षय वट पर पूजा-अर्चना के साथ ही पीएम मोदी ने की परिक्रमा

  • कॉरिडोर को लेकर हुए कार्यों को भी निहारा
महाकुंभ नगर। उत्तर प्रदेश में महाकुंभ-2025 के सफल आयोजन, वैश्विक कल्याण, विश्व शांति, भारत के अरुणोदय व तीर्थराज प्रयागराज आकर पुण्य की डुबकी लगाने वाले करोड़ों भक्तों, सनातन शक्तियों के सामर्थ्य व अक्षय पुण्य की वृद्धि के उद्देश्य से पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अक्षयवट का दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। संगम नोज पर यजमान की भूमिका में अभिषेक करने के उपरांत उन्होंने अक्षय वट के दर्शन किए।
महाकुंभ-2025 के सफल आयोजन के लिए बतौर यजमान भूमिका निभाते हुए पीएम मोदी ने अक्षय वट पर शीश नवाया, संकल्प लेकर अभिषेक किया और समस्त तीर्थों का आह्वान करते हुए सकल मंगलकामनाओं की पूर्ति के लिए आस्था का दीप जलाया। इसके उपरांत उन्होंने अक्षय वट की प्रदक्षिणा की और समस्त विश्व के कल्याण की कामना की।
पीएम मोदी ने न केवल इस परम पावन तीर्थ पर पूजा-अर्चना की, बल्कि कॉरिडोर को लेकर हुए कार्यों का आवलोकन भी किया। उन्होंने विशेष तौर पर महाकुंभ के अवसर पर दर्शन करने आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने को लेकर हुए प्रयासों की जानकारी ली और समस्त प्रक्रियाओं की विवेचना की।
अक्षय वट को तीर्थराज प्रयागराज के रक्षक श्रीहरि विष्णु के वेणी माधव का साक्षात स्वरूप माना जाता है। अक्षय वट को कॉरिडोर रूप में महाकुंभ-2025 के पूर्व सुव्यवस्थित करने का कार्य पीएम मोदी के विजन और सीएम योगी के कुशल क्रियान्वयन में किया गया है। शुक्रवार को पीएम मोदी ने अक्षय वट का पूजा-अर्चना करने के साथ ही भारत के अक्षय पुण्य की वृद्धि और विश्वगुरू के तौर पर उद्भव को अक्षुण्ण बनाने की कामना की। अक्षय वट को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसकी जड़ों में सृष्टि निर्माता ब्रह्मा, मध्य भाग में वेणी माधव स्वरूप श्रीहरि विष्णु तथा अग्र भाग में महादेव शिव-शंकर का वास है। इनकी पूजा के साथ ही समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष के अंश के रूप में भी अक्षय वट की मान्यता है।
पुराणों में प्राप्त उल्लेख के अनुसार, सर्व सिद्धि प्रदान करने वाली आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध अक्षय वट ने मुगल काल व अंग्रेजों के शासन में पराभव का दंश झेला, मगर इसके बावजूद वह अक्षुण्ण बना रहा और आज सनातन धर्म के ध्वजवाहक के तौर पर सकल विश्व में अपनी पहचान को पुख्ता कर रहा है।
अक्षय वट के बारे में यह भी प्रसिद्ध है कि प्रभु श्रीराम ने लंका विजय के उपरांत अयोध्या लौटने से पूर्व पुष्पक विमान से आते हुए अक्षय वट के दर्शन किए थे। उनके साथ माता सीता और भ्राता लक्ष्मण भी थे और अक्षय वट पर इन तीनों के ही विग्रह का पूजन होता है। पीएम मोदी के साथ ही अक्षय वट पूजा-अर्चना प्रक्रिया में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उपस्थित रहीं।
और भी

सांसद प्रियंका गांधी का लोकसभा में पहला संबोधन

  • जानिए...किन-किन मुद्दों पर रखी अपनी बात
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपना संबोधन दिया। यह लोकसभा में प्रियंका गांधी का पहला संबोधन था। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने संबोधन की शुरुआत संविधान से करते हुए कहा कि संविधान ही हमारी आवाज है। संविधान ने हमें चर्चा का हक दिया है। संविधान ने आम आदमी को सरकार बदलने की भी ताकत दी है। वाद-विवाद संवाद की पुरानी परंपरा है। संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि इंसाफ और उम्मीद की ज्योति भी है। हमारा संविधान न्याय की गारंटी देता है। संविधान हमारा कवच है। पिछले 10 सालों में इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया गया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। प्रियंका गांधी ने कहा, “हमारा स्वतंत्रता संग्राम अपने आप में अनूठा था। आजादी की लड़ाई भी लोकतांत्रिक थी। जिसमें समाज के हर वर्ग ने हिस्सा लिया था। इस लड़ाई ने देश को एक आवाज दी। यह आवाज हमारे साहस की आवाज थी। इसी की गूंज ने हमारे संविधान को लिखने में अहम भूमिका निभाई। हम सभी लोगों को यह बात समझनी होगी कि संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है। बाबा अंबेडकर, मौलाना आजाद, जवाहरलाल नेहरू और तमाम नेताओं ने संविधान को बनाने में तमाम साल लगा दिए। हमारा संविधान ने हर भारतीय को एक नई पहचान दी है। हमारी आजादी के लिए लड़ाई ने हमारे अधिकारों के लिए आवाज उठाने की क्षमता दी। जब आवाज उठेगी तो सत्ता को उसके सामने झुकना पड़ेगा। संविधान ने हर किसी को अधिकार दिया कि वो सरकार बना भी सकता है और बदल भी सकता है।”
प्रियंका ने अपने संबोधन में विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मेरे सत्तापक्ष के लोग जो बड़े-बड़े दावे और वादे करते हैं। लेकिन, आज तक इन लोगों ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया है। संविधान में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय का वादा है, ये वादा सुरक्षा कवच है, जिसको तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है। अगर यह लोग लोकसभा चुनाव में अपेक्षित नतीजे प्राप्त करने में सफल रहते, तो संविधान बदलने का भी काम शुरू कर देते। इस चुनाव में इनको पता चल गया कि देश की जनता ही इस संविधान को सुरक्षित रखेगी। इस चुनाव में हारते-हारते जीतते हुए एहसास हुआ कि संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी।”
प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में जातिगत जनगणना पर बल दिया। उन्होंने कहा, “जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है, ताकि इस बात का पता चल सके कि किस जाति की मौजूदा स्थिति कैसी है। जब चुनाव में पूरे विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए तो इनका जवाब था- भैंस चुरा लेंगे, मंगलसूत्र चुरा लेंगे। ये गंभीरता है इनकी।"
उन्होंने कहा, “हमारे संविधान ने आर्थिक न्याय की नींव डाली। किसानों, गरीबों को जमीन बांटी। पहले जब संसद चलती थी, तो बेरोजगारी और महंगाई पर चर्चा होती थी। लोगों को उम्मीदें होती थी कि संसद में हमारे मुद्दे को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा होगी। लेकिन, आज ऐसा बिल्कुल भी देखने को नहीं मिल रहा है। उस वक्त आदिवासियों को इस बात का भरोसा था कि अगर उनकी जमीन से संबंधित दस्वातेजों में किसी भी प्रकार का संशोधन होगा, तो वो उनकी भलाई के लिए होगा, मगर आज देखने को नहीं मिल रहा है।”
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सत्तापक्ष के हमारे कई साथी अतीत की बात करते हैं कि जवाहर लाल नेहरू ने क्या किया। अरे वर्तमान की बात कीजिए कि आप लोग क्या कर रहे हैं। आपकी जिम्मेदारी क्या है। आप लोग अतीत की बात करके अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कृषि कानून उद्योगपतियों के लिए बनाए गए। वायनाड से लेकर ललितपुर तक इस देश का किसान रो रहा है। आपदा आती है, तो राहत की बात नहीं की जाती है। इस देश का किसान आज भगवान के भरोसे है। यह सरकार लगातार किसानों के हितों की अनदेखी कर उद्योगपतियों के लिए ही कानून बना रही है।”
और भी

‘एक देश, एक चुनाव’ से देश के विकास को मिलेगी गति : CM नायब सिंह सैनी

चंडीगढ़ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को 'एक देश, एक चुनाव' की वकालत की। उन्होंने केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देश के विकास को नई गति मिलेगी , क्योंकि जो समय पहले चुनावी प्रक्रियाओं को संपन्न करने में जाता था, उस समय को अब देश के विकास में लगाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जो विजन है, वह पूरे देश के लिए एक सकारात्मक दिशा में है, और मैं इस विजन का स्वागत करता हूं। मोदी जी का यह विजन उन समस्याओं का समाधान पेश करता है, जो लंबे समय से हमारे देश में रही हैं। विशेषकर चुनावों के खर्च और समय की बर्बादी को लेकर। पहले देश में हर पांच साल में चुनाव होते थे। कभी पंचायत के चुनाव, कभी नगरपालिका, कभी विधानसभा, और कभी लोकसभा के चुनाव। इस कारण से धन का बड़ा हिस्सा चुनाव पर खर्च हो जाता था, और साथ ही समय भी बर्बाद होता था। इससे विकास की गति धीमी हो जाती थी। चुनावों के कारण कई बार प्रशासनिक कार्यों में रुकावट आ जाती थी, क्योंकि आचार संहिता लागू होती थी, जिसके कारण सरकारें विकास कार्यों को गति नहीं दे पाती थीं।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस समस्या का समाधान खोजा है, और उनके द्वारा प्रस्तावित "वन नेशन, वन इलेक्शन" की योजना देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह योजना न केवल खर्चों में कमी लाएगी, बल्कि देश की प्रशासनिक कार्यप्रणाली को भी अधिक सक्षम बनाएगी। इससे सरकार को हर चुनावी समय में चुनावी प्रतिबंधों से जूझने की आवश्यकता नहीं रहेगी, और विकास कार्यों में कोई रुकावट नहीं आएगी।” उन्होंने आगे कहा, “जहां तक पार्टी की तैयारियों की बात है, हम पूरी तरह से तैयार हैं। हमारी पार्टी ने यह तय किया है कि हम जहां जहां चुनावी प्रतीक पर चुनाव लड़ते हैं, वहां हम वही प्रतीक इस्तेमाल करेंगे। पार्टी के उच्च अधिकारी इस बारे में बैठकर निर्णय लेते हैं, और जो भी निर्णय होता है, उसे हम आगे बढ़ाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हमारी पार्टी हर दिशा में मजबूत है, और हम पूरी तरह से तैयार हैं।”
इसके अलावा, उन्होंने किसानों के संबंध में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पिछले दस वर्षों में किसानों के हित में जो काम किए हैं, वह ऐतिहासिक हैं। किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्होंने कई योजनाएं बनाई हैं, जिनसे किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद मिली है। मोदी जी की सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को अपनी फसल की एमएसपी पर उचित मूल्य मिले। इसके बावजूद, पंजाब में कांग्रेस की सरकार किसानों की स्थिति में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। हरियाणा सरकार ने यह कदम पहले ही उठाया है और किसानों को एमएसपी पर उनकी फसलें खरीदी जा रही हैं।”
उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के गठबंधन वाले दलों के नेताओं ने झूठ बोलकर सत्ता में आने की कोशिश की, जैसे कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, और तेलंगाना में सत्ता हासिल की, लेकिन लोगों ने उनके झूठ को पहचान लिया और उन्हें नकार दिया। हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस को नकारा गया, और लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया कि 2024 में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।”
इस बीच, उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, " आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार के मामले अब उजागर हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी ने जो वादे किए थे, जैसे कि दिल्ली में स्वच्छ पानी और यमुना नदी को निर्मल बनाना, वे अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। इसके बजाय, केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में फंसी हुई है, और लोगों को यह समझ में आ गया है कि उनके द्वारा किए गए वादे सिर्फ झूठ थे।”
और भी

संसद का शीतकालीन सत्र : लोकसभा में संविधान पर चर्चा

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- "हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं"
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को 14वां दिन है। लोकसभा में संविधान पर चर्चा शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में संविधान पर बहस की शुरुआत की। यह बहस संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक विशेष पार्टी द्वारा संविधान निर्माण के काम को हमेशा हाईजैक करने की कोशिश की गई है। मैं आज यह स्पष्ट करना चाहता हूं, कि हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा, भारत के मूल्यों के अनुरूप बनाया गया दस्तावेज है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम भारत के लोगों ने, 26 नवंबर 1949 के दिन संविधान को अपनाया, अधिनियमित किया और राष्ट्र को समर्पित किया था। यह वह दिन था, जब भारत के लोग ‘प्रजा’ से ‘नागरिक’ बने थे। ऐसे नागरिक जिनके अपने मौलिक अधिकार थे और उनके पास एक भारतीय नागरिक होने का गौरव था। ऐसे लोग अपनी सरकार चुन सकते थे और सरकारों को बदल सकते थे। अब देश में राजा-रानी का शासन नहीं था। राजतंत्र और ब्रिटिश तंत्र नहीं था, बल्कि जनता का शासन था और लोकतंत्र था। संविधान को अंगीकार करने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इस सदन और समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। साथ ही भारत की आजादी और भारत के संविधान निर्माण से जुड़े, सभी महानुभावों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं और उन सभी को शीश झुकाकर नमन करता हूं।
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "एक विशेष पार्टी द्वारा संविधान निर्माण के काम को हमेशा हाईजैक करने की कोशिश की गई है। मैं आज यह स्पष्ट करना चाहता हूं, कि हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा, भारत के मूल्यों के अनुरूप बनाया गया दस्तावेज है। पश्चिमी सभ्यता में नाइट वॉचमैन स्टेट का कॉन्सेप्ट है। इसका अर्थ है कि सरकार का दायित्व लोगों को सुरक्षा प्रदान करने तक ही सीमित रहे। किंतु हमारे देश में राजधर्म की बात कही गई है। हमारे यहां राजा भी राजधर्म से बंधा हुआ है। उसकी शक्तियां लोगों के कल्याण के लिए है। समाज के कमजोर वर्ग के लिए है। हमारा संविधान नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा संविधान नागरिकों के समग्र विकास में रास्ते में आने वाली बाधाओं को हटाने का निर्देश देता है।''
उन्होंने कहा ,'' मुझे गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ काम कर रही है, हमारी सरकार भारत के संविधान में लिखे धर्म और भावना के अनुरूप काम कर रही है। हमारा संविधान प्रगतिशील है,समावेशी है, परिवर्तनकारी है। यह हमारा देश है जहां एक गरीब परिवार में पैदा हुआ व्यक्ति भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और वह देश का राष्ट्रपति भी बन सकता है।"
और भी

मनीषा कायंदे ने गिनाए "एक देश, एक चुनाव" के फायदे

मुंबई। शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने शुक्रवार को 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि 'एक देश, एक चुनाव' को लागू करने से समय और संसाधन दोनों की बचत होगी। उन्होंने कहा, “देश में "एक राष्ट्र, एक चुनाव" का विचार अब एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन चुका है। जब से केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। यह विचार देश की चुनाव प्रक्रिया को सरल और खर्च में कमी करने का प्रयास करता है। भारत जैसे बड़े देश में आए दिन कोई न कोई चुनाव होते रहते हैं। इन चुनावों के कारण आचार संहिता लागू होती है, जिससे काम में रुकावट आती है। जनता और सरकारी तंत्र पर वित्तीय बोझ भी पड़ता है। अगर इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है, तो चुनावी प्रक्रिया को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकेगा, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।”
उन्होंने कहा, “विपक्ष इस कदम का विरोध कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार हर मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं होने देती और सरकार के कदमों के खिलाफ प्रदर्शन करती है, जबकि उन्हें जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विपक्ष का यह भी कहना है कि "इंडिया ब्लॉक" के गठन का मूल उद्देश्य केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना था। लेकिन, अब यह गठबंधन अपने अंदर नेतृत्व संकट का सामना कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “ "इंडिया ब्लॉक" विभिन्न दलों का एक अस्थिर गठबंधन है, जो मोदी सरकार को चुनौती देने के मकसद से एकजुट हुआ था। हालांकि, अब गठबंधन के सदस्य आपस में मतभेदों का सामना कर रहे हैं, खासकर नेतृत्व के मुद्दे पर। ममता बनर्जी और शरद पवार जैसे नेता इस गठबंधन की अगुवाई करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, सवाल यह उठता है कि क्या इस गठबंधन का कोई ठोस और स्थिर नेतृत्व हो सकता है। कांग्रेस मौजूदा समय में राहुल गांधी की कमजोर छवि की वजह से नेतत्व संकट का सामना कर रही है।”
उन्होंने लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा को लेकर कहा, “संविधान पर हो रही चर्चा को लेकर भी विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है।”
और भी

दिल्ली में गिरा पारा, बढ़ी ठंड, कोहरे और शीतलहर को लेकर अलर्ट

नई दिल्ली। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर राजधानी दिल्ली में देखने को मिल रहा है। पारा लगातार लुढ़क रहा है और आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक पहुंच सकता है। दिल्ली में गुरुवार को पिछले तीन सालों में सबसे ठंडा दिसंबर का दिन रहा। सुबह के वक्त हल्की कोहरे की चादर और ठंडी हवाओं से बचाव करने के लिए लोग अलाव का सहारा लेते दिखे।
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 21 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने 14 दिसंबर से दिल्ली- एनसीआर में घने कोहरे के साथ-साथ कड़ाके की ठंड की संभावना भी जताई है। नई दिल्ली स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, गुरुवार( 12 दिसंबर) को दिल्ली के पूसा में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। कई इलाकों में शीत लहर की भी स्थिति देखी गई।
12 दिसंबर को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आने वाले हफ्तों में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक आने वाले आज राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर चलेगी, जिसकी वजह से पारा लुढ़केगा और ठंड बढ़ेगी। मौसम विभाग ने शीतलहर को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने के भी निर्देश दिए हैं। आईएमडी के मुताबिक 14 दिसंबर को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 21 डिग्री दर्ज किया जाएगा। इस दौरान कोहरा भी लगा रहेगा। 15 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 20 डिग्री दर्ज किया जाएगा।
वहीं, 18 और 19 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 20 डिग्री दर्ज होने की संभावना जताई गई है। जहां एक तरफ दिल्ली में शीतलहर की शुरुआत हुई है वहीं दूसरी तरफ वायु गुणवत्ता में खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है।
वेस्ट दिल्ली में एक्यूआई 308, शादीपुर में 202, पंजाबी बाग में 268, नॉर्थ कैंपस में 259, मुंडका में 301, वजीरपुर में 294, अशोक विहार में 289, द्वारका सेक्टर-8 में 313, रोहिणी में 316, आरके पुरम में 295, चांदनी चौक में 175, लोधी रोड में 173, बुरारी में 265, सोनिया विहार में 293 एक्यूआई दर्ज किया गया है।
और भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम तट पर पहुंचे

 प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज पहुंच गए हैं। यहां गंगा पूजन कर महाकुम्भ के सकुशल आयोजन की कामना करेंगे। इसे महाकुम्भ का औपचारिक शुभारंभ भी माना जा रहा है। इस मौके पर वह महाकुम्भ की 5500 करोड़ की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे। इसमें अक्षयवट, हनुमान मंदिर, सरस्वती कूप, भरद्वाज आश्रम और श्रृंग्वेरपुर धाम कॉरिडोर का लोकार्पण भी शामिल है। डिजिटल महाकुम्भ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कुम्भ सहायक चैटबॉट की भी लांचिंग करेंगे। पीएम मोदी लगभग चार घंटे तक प्रयागराज में रहेंगे। पीएम अक्षयवट, सरस्वती कूप और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन करेंगे।

और भी
Previous123456789...302303Next