धान का कटोरा

पत्रकारों ने किया डाक मतपत्र से मतदान

  • चुनाव आयोग की पहल को सराहा
महासमुंद। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 10 सेवाओं को “अनिवार्य सेवा” के रूप में अधिसूचित किया गया है। इन 10 सेवाओं में प्राधिकार पत्र प्राप्त मीडियाकर्मी सहित स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग, रेल परिवहन, डाक एवं टेलीग्राम विभाग, बीएसएनएल, आल इण्डिया रेडियो, दूरदर्शन, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित एवं भारतीय खाद्य निगम शामिल है।
इस अनिवार्य सेवा का लाभ उठाते हुए पहली बार जिले के तीन पत्रकारों ने अपने मताधिकार का उपयोग डाक मतपत्र के माध्यम से किया है। महासमुंद जिले के वरिष्ठ पत्रकार संजय डफले, जितेन्द्र सतपथी एवं जयदेव सिंह ने डाक मतपत्र अंतर्गत अनिवार्य सेवा के लिए स्थापित सुविधा केन्द्र में 15 और 16 अप्रैल को मतदान किया। मतदान के पश्चात इस नवाचार के संबंध में जिले के वरिष्ठ पत्रकार संजय डफले ने आयोग के पहल की सराहना करते हुए कहा कि लोकतंत्र के महापर्व के दिन मतदान केंद्रों में कवरेज के लिए सुबह से शाम तक पत्रकार भाग-दौड़ में जुटे रहते हैं। खुद का वोट डालने के लिए उन्हें बहुत कम समय मिलता है, इसे ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने पहली दफा आयोग से अधिकृत पत्रकारों को अनिवार्य सेवा में शामिल करते हुए उन्हें पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा प्रदान की है। आज मैंने इस सुविधा का उपयोग कर नई सरकार बनाने में अपना योगदान दिया।
इसी तरह पत्रकार जयदेव सिंह ने मतदान के पश्चात कहा कि छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव 2024 में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा फ्रंट लाइन वर्कर के अलावा मीडिया में कार्यरत पत्रकारों को भी बैलट पेपर से मतदान करने की जो सुविधा मुहैया कराया गया है वह काबिले तारीफ है। क्योंकि एक पत्रकार आम जनता, कार्यपालिका और विधायिका के बीच सेतु का काम करते हैं, और इस बीच कई दफा वे अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। भारत निर्वाचन आयोग की इस व्यवस्था से अब पत्रकार साथी अपने अधिकार से वंचित नहीं रहेंगे। मुझे रीढ़ की हड्डी में परेशानी है और ज्यादा समय तक खड़े रह पाना मेरे लिए बहुत ही मुश्किल होता है, भारत निर्वाचन आयोग की यह व्यवस्था से वोट करना मेरे लिए आसान हो गया। मतदान के दिन पोलिंग बूथ में लाइन लगाकर घंटों अपनी पारी का इंतज़ार करना शायद मेरे लिए आसान नहीं होता। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग की ऐसी व्यवस्था से वोट देना मेरे लिए संभव हो पाया है। पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र लोकतांत्रिक देश है, और इसी देश में ऐसी व्यवस्था की कल्पना की जा सकती है। शायद ऐसी व्यवस्था न होता तो मतदान के दिन मैं अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाता। भारत निर्वाचन आयोग को मेरी ओर से साधुवाद।
पत्रकार जितेन्द्र सतपथी ने भी आयोग के इस पहल का भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि मतदान के दिन कवरेज और लगातार रिपोर्टिंग के कारण मतदान करने का अवसर नहीं मिल पाता। लोकतंत्र के इस महापर्व में मताधिकार के प्रयोग से कई बार वंचित रह जाना हमेशा तकलीफदेह रहता था। इस बार भारत निर्वाचन आयोग ने शानदार पहल की है। जिसके कारण मतदान के पूर्व ही अपने मताधिकार का प्रयोग पोस्टल बैलेट से कर पाए। अब हम मतदान के दिन अपने रिपोर्टिंग और कवरेज का कार्य आसानी से कर पायेंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग आयोग के निर्देशानुसार अनिवार्य सेवा के रूप में अधिसूचित किए जाने से इन सेवाओं के ऐसे कर्मचारी, जो अपनी शासकीय ड्यूटी के कारण मतदान दिवस को मतदान केंद्र पर जाकर अपना वोट नहीं डाल पाते है, केवल उनके लिए डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान की गई है। ऐसे सभी कर्मियों को प्रारूप 12 घ पर निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना आवेदन करना होता है। महासमुंद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में द्वितीय चरण में निर्वाचन सम्पन्न होना है।

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