हिंदुस्तान

घोषणापत्र पर PM मोदी की टिप्पणियों के खिलाफ EC पहुंची कांग्रेस

  • इन मुद्दों पर भी की शिकायत...
नई दिल्ली। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग (ईसी) के कार्यालय पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के घोषणापत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुस्लिम लीग वाली टिप्पणी सहित कई मुद्दों की शिकायत की और कार्रवाई की मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद समेत कई लोग शामिल थे।
खुर्शीद ने कहा, "प्रधानमंत्री अपने भाषणों में जो कहते हैं, उससे हमें बहुत दुख होता है। उन्होंने हमारे घोषणापत्र के बारे में जो कहा है वह झूठ का पुलिंदा है। हमें इससे बहुत दुख हुआ है। आप किसी अन्य दल के घोषणापत्र पर असहमति रख सकते हैं। आप इस पर बहस कर सकते हैं। आप उसका विश्लेषण कर सकते हैं। लेकिन एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी की पार्टी जो राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल रही है, उसके घोषणापत्र के बारे में ऐसा कहना झूठ का पुलिंदा है। जबकि एक बहुत अच्छा घोषणापत्र लिखा गया है।" 
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, हम इस मामले से बेहद दुखी हैं और हम समझते हैं कि प्रधानमंत्री को ऐसी बात कहने का कोई अधिकार नहीं है। हमने इस मामले को चुनाव आयोग के सामने रखा और उनसे विशेष आग्रह किया है कि वे इसे गंभीरता से लें और इस पर कार्रवाई करें
वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, हमने कई मुद्दे उठाए। प्रधानमंत्री ने जिस तरह से हमारे घोषणापत्र को मुस्लिम लीग का दर्जा दिया हमने उस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। हमने विश्वविद्यालयों में प्रधानमंत्री के दखल पर भी अपने विचार रखे।
पीएम मोदी ने क्या कहा था-
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में चुनावी सभा में कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी। कांग्रेस के घोषणा पत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं। कांग्रेस इसमें दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है। 
कांग्रेस ने किया था पलटवार-
इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि प्रधानमंत्री ध्यान भटकाने की रणनीति अपना रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था, प्रधानमंत्री को अपना इतिहास मालूम नहीं है, क्योंकि कोई और नहीं बल्कि मुखर्जी ही थे जो उस समय हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे और मुस्लिम लीग के साथ बंगाल में गठबंधन सरकार का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा सिंध और उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में भी थी। रमेश ने कहा, कांग्रेस बांटने की राजनीति में भरोसा नहीं करती है।

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