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पोप फ्रांसिस और पीएम मोदी की मुलाकात, कांग्रेस ने उड़ाया था मजाक, भारी पड़ा

नई दिल्ली। केरल कांग्रेस ने पोप फ्रांसिस और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात पर तंज कसा था। जब कांग्रेस को यह मजाक भारी पड़ गया तो उसने पोप से माफी मांगी है। इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस के कमेंट पर आपत्ति जताई थी और फटकार लगाई थी। मामला यूं है कि जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली पहुंचे पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी। मुलाकात की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कांग्रेस ने तंज कसा था- आखिरकार पोप को भगवान से मिलने का मौका मिल ही गया। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था- मुझे विश्वास है कि मुझे भगवान ने भेजा है। इसे लेकर कांग्रेस ने यह टिप्पणी की थी। कांग्रेस ने फिर एक पोस्ट में माफी मांगी है और कहा है कि किसी धर्म का तिरस्कार करना उसकी परंपरा नहीं है।
लगातार तीसरी बार देश की बागडोर संभालने के बाद पीएम मोदी ने पहली विदेश यात्रा के लिए इटली का दौरा किया था। यहां जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी इटली पीएम मेलोनी के आमंत्रण पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने दुनियाभर के राष्ट्रप्रमुखों से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी की पोप फ्रांसिस संग भी मुलाकात की तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए केरल कांग्रेस ने तंज कसा था।
केरल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोप फ्रांसिस का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, "आखिरकार पोप की भगवान से मुलाकात हो गई।" कांग्रेस की इस पोस्ट पर भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताई और कांग्रेस पार्टी को फटकार लगाई। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस की पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि हिंदुओं का मज़ाक उड़ाने और उनकी आस्था का उपहास करने के बाद कांग्रेस में इस्लामवादी-मार्क्सवादी गठजोड़ अब ईसाइयों का अपमान करने पर उतर आया है। यह तब है, जब सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी खुद कैथोलिक हैं। उसे माफ़ी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस को फटकार लगाने वालों में सिर्फ मालवीय ही नहीं, के सुंदरन, हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए अनिल एंटनी और केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन जैसे नेता भी थे। कुरियन ने कहा कि ययह शर्मनाक है कि कांग्रेस इस स्तर तक गिर गई है। चौतरफा घिरने और आलोचना झेलने के बाद केरल कांग्रेस की तरफ से माफीनामा भी आया।
कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई ने अगले पोस्ट में लिखा, "इस देश की पूरी जनता जानती है कि किसी भी धर्म, धार्मिक पुजारियों और मूर्तियों का अपमान और तिरस्कार करना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की परंपरा नहीं है। कांग्रेस एक ऐसा आंदोलन है जो सभी धर्मों और आस्थाओं को एकजुट करता है और मैत्रीपूर्ण माहौल में लोगों को आगे बढ़ाता है। कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता पोप का अपमान करने के बारे में दूर-दूर तक नहीं सोचेगा, जिन्हें दुनिया भर के ईसाइयों के भगवान के समान मानते हैं। हालांकि, कांग्रेस को नरेंद्र मोदी का मज़ाक उड़ाने में कोई गुरेज नहीं है, जो यह कहते हैं कि वह भगवान हैं। देशवासी नरेंद्र मोदी के बेशर्म राजनीतिक खेल को पोप के अपमान के रूप में चित्रित करने की कोशिश करने वालों को समझेंगे। यदि मोदी और उनके साथियों को ईसाई समुदाय के प्रति सच्चा प्रेम है तो मणिपुर में जलाए गए चर्च पर वे चुप क्यों रहे? पहले उन्हें ईसाई समुदाय से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। यदि इस पोस्ट से ईसाइयों को कोई दुख हुआ हो तो हम क्षमा मांगते हैं।"

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