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नाग पंचमी आज है, काल सर्प योग से मुक्ति के लिए करें ये काम

दरअसल, काल सर्प योग में जन्मे व्यक्ति के जीवन का पूर्वार्ध अत्यंत कष्टों से भरा होता है, लेकिन उत्तरार्ध यानी 48 वर्ष की आयु के बाद उसे यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है। ब्रह्मांड में 12 राशियों, नौ ग्रहों और जन्म कुंडली के 12 भावों में ग्रहों की स्थिति आदि के कारण काल सर्प योग के प्रभावों को विभाजित किया गया है। इस प्रकार 12 प्रकार के काल सर्प योग होते हैं। इनसे मुक्ति पाकर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कोई भी उपाय करने से पहले काल सर्प योग की स्थिति अवश्य जान लें।
कैसे करें पूजा:
कालसर्प योग का प्रभाव होने पर नाग पंचमी के व्रत, रुद्राभिषेक, नाग पूजन का विधान है। भगवान शिव की उपासना करने से नाग देवता कालसर्प योग के शाप से मुक्त करते हैं। शिव मंदिर में रुद्राक्ष माला से “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। शिवलिंग पर तांबे का सर्प चढ़ाएं और लोहा या चांदी का सर्प जोड़ा बनवाकर पूजा करें। इस दिन सात अनाज, काले तिल, नीला वस्त्र, नारियल, घोड़ा अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें। पितरों का आह्वान करें। नाग को नमन करते हुए प्रार्थना करें कि पितरों को मोक्ष मिले। फिर नदी या समुद्र में पूजा की सामग्री और सर्प जोड़ा विसर्जित करें। यदि किसी स्त्री की कुंडली में कालसर्प दोष है तो वह नाग पंचमी के दिन वट वृक्ष की 108 प्रदक्षिणा करे, उसकी मनोकामना पूरी होगी। इस दिन नवनाग स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए।
श्री नवनाग स्तोत्र:
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलं
शन्खपालं ध्रूतराष्ट्रं च तक्षकं कालियं तथा
एतानि नव नामानि नागानाम च महात्मनं
सायमकाले पठेन्नीत्यं प्रातक्काले विशेषतः
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत
ll इति श्री नवनागस्त्रोत्रं सम्पूर्णं ll
नाग गायत्री मंत्र :
ॐ नव कुलाय विध्महे विषदन्ताय धी माहि तन्नो सर्प प्रचोदयात

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