अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA धरती से टकराने की आशंका रखने वाले ऐस्टरॉइड्स पर नजर रखती है और इसके रिसर्चर्स ने एक ताजा स्टडी में पाया है कि ऐस्टरॉइड Bennu के धरती से कब टकराने की आशंका सबसे ज्यादा है। Bennu से लौट रहे OSIRIS-REx स्पेसक्राफ्ट के डेटा की मदद से सटीकता से पाया गया है कि साल 2300 तक इसके टकराने की आशंका कितनी है। इस स्टडी की मदद से पहले की तुलना में ज्यादा सटीक अनुमान लगाया जा सका है। Osiris-Rex के पहले ऐसा माना जा रहा था कि Bennu के धरती से टकराने की आशंका साल 2200 तक 2,700 में एक है। अब पाया गया है कि साल 2300 तक इसकी आशंका 1,750 में से एक है। सबसे ज्यादा सटीक तारीख 24 सितंबर, 2182 की पाई गई है। यह अपने आप में पहले की तुलना में ज्यादा है लेकिन फिर भी कम है। नासा के डीप स्पेस नेटवर्क और कंप्यूटर मॉडल्स की मदद से वैज्ञानिक साल 2135 तक इसके रास्ते को सटीकता से जान सकते हैं
ऐस्टरॉइड 1950 DA के बाद धरती को सबसे ज्यादा खतरा Bennu से ही बताया जाता है। माना जाता है कि साल 2135 में यह धरती के बेहद करीब आएगा। ऐसे में इस बात पर नजर रखी जा रही है कि तब धरती के गुरुत्वाकर्षण का भविष्य में इसके रास्ते पर क्या असर होगा। वहीं, सूरज की गर्मी का भी ऐस्टरॉइड के रास्ते पर असर पड़ता है।अब Winchcombe Meteorite नाम से जानी जा रही यह स्पेस रॉक, दरअसल दुर्लभ कार्बनेशस कॉन्ड्राइट है। इससे पहले यह ब्रिटेन में नहीं पाई गई। इसमें कुछ खास ऑर्गैनिक कंपाउंड होते हैं जो अंतरिक्ष में जीवन के आधार और दूसरे ग्रहों की बनावट के लिए अहम होते हैं। ब्रिटेन में यह पिछले 30 साल में मिला पहला उल्कापिंड है। जब यह गिरा था तो नारंगी और हरे रंग का आग का गोला आसमान से गिरता देखा गया था और यह नजारा घरों में लगे सिक्यॉरिटी कैमरा में कैद हुआ था। इस वजह से इसकी लैंडिंग साइट के बारे में पता लगाकर इसे खोजा जा सका
एक परिवार को काली चट्टान के टुकड़े और मलबा मिला था और उन्होंने धमाके जैसी आवाज भी सुनी थी। इसकी जानकारी मिलने पर एक्सपर्ट्स ने आसपास के इलाके में खोजबीन शुरू की और तब 103 ग्राम का सबसे बड़ा टुकड़ा पास के खेत से मिला। ये टुकड़े विक्टोरिया बॉन्ड नाम की महिला की जमीन पर मिले थे। डेलीमेल की रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि सात वैज्ञानिक इसकी खोज कर रहे थे और जब उन्हें ये टुकड़े मिले तो वे खुशी से कूदने लगे। उन्होंने बताया कि उनके लिए भी ये पल बेहद जादुई था। वह उस टुकड़े को देखकर नहीं समझ पातीं कि वह असल में क्या है।
म्यूजियम में उल्कापिंड रिसर्चर सेरा रसल ने इसे जीवन की अद्वितीय घटना बताया। उन्होंने बताया कि यह सबसे खास उल्कापिंड है जो उन्होंने देखा है। इसमें कार्बन और पानी है और माना जाता है कि इन्हीं के जरिए धरती पर जीवन आया है। उन्होंने बताया कि धरती पर जीवन की उत्पत्ति और सौर मंडल के बारे में जानने के लिए इन्हें स्टडी करना बेहद अहम है। सेरा का कहना है कि यह उल्कापिंड सौर मंडल के शुरुआती दिनों का, कम से कम 4.5 अरब सल पुराना है। उन्होंने बताया कि इसकी लैंडिंग के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि यह बृहस्पति के पास ऐस्टरॉइड बेल्ट से आया है। सूरज की गर्मी से तपने के बाद जब ऐस्टरॉइड ठंडा होता है जो उससे इन्फ्रारेड ऊर्जा निकलती है जिससे ऐस्टरॉइड को बल मिलता है और इसका रास्ता बदल सकता है। इसे Yarkovsky इफेक्ट कहते हैं और OSIRIS-REx की मदद से Bennu पर इसको स्टडी किया गया है। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि Bennu के टकराने से तबाही उतनी नहीं होगी जितनी डायनोसॉर को खत्म करने वाले ऐस्टरॉइड से हुई थी क्योंकि इसका आकार कम है।