हिंदुस्तान

"UPSC से जुड़े कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का विषय है" : मल्लिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली (एएनआई)। प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर से संबंधित विवाद के बीच यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी के इस्तीफे के बाद, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को भाजपा-आरएसएस पर भारत के संवैधानिक निकायों के "संस्थागत अधिग्रहण" में व्यवस्थित रूप से शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि यूपीएससी को परेशान करने वाले कई घोटाले "राष्ट्रीय चिंता" का कारण हैं। "बीजेपी-आरएसएस व्यवस्थित रूप से भारत के संवैधानिक निकायों के संस्थागत अधिग्रहण में लिप्त है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा, अखंडता और स्वायत्तता को नुकसान पहुंच रहा है! यूपीएससी में हुए कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का विषय हैं। पीएम मोदी और उनके कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री को सफाई देनी चाहिए। जाति और चिकित्सा प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने वाले अयोग्य व्यक्तियों के कई मामलों ने एक 'फुलप्रूफ' प्रणाली को धोखा दिया है," खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया।
उन्होंने आगे कहा कि यह एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों सहित लाखों उम्मीदवारों की वास्तविक आकांक्षाओं का सीधा अपमान है, जो सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में कड़ी मेहनत करते हैं। "यह परेशान करने वाला है कि यूपीएससी अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल समाप्त होने से पांच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को एक महीने तक गुप्त क्यों रखा गया? क्या कई घोटालों और इस्तीफे के बीच कोई संबंध है? मोदी जी के इस 'नीली आंखों वाले रत्न' को गुजरात से लाया गया और यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया," उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शासन के हर पहलू को नियंत्रित करने की हताश कोशिश ने इसमें छेद कर दिया है। उन्होंने कहा, " सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने सिविल सेवकों को 'भारत का स्टील फ्रेम' कहा था, लेकिन मोदी सरकार की शासन के हर पहलू को नियंत्रित करने की हताश कोशिश ने उसमें छेद कर दिया है! इसकी उच्चतम स्तर पर गहन जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में यूपीएससी प्रवेश में धोखाधड़ी के ऐसे मामले न हों।" कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से सभी संवैधानिक निकायों को कमजोर किया गया है।
जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "2014 से सभी संवैधानिक निकायों की पवित्रता, चरित्र, स्वायत्तता और व्यावसायिकता को बहुत नुकसान पहुँचा है। लेकिन कई बार, स्वयंभू, गैर-जैविक प्रधानमंत्री को भी यह कहने के लिए मजबूर होना पड़ता है कि अब बहुत हो गया। श्री मोदी ने 2017 में गुजरात से अपने पसंदीदा 'शिक्षाविदों' में से एक को यूपीएससी सदस्य के रूप में लाया और उन्हें छह साल के कार्यकाल के लिए 2023 में अध्यक्ष बनाया। लेकिन इस तथाकथित प्रतिष्ठित सज्जन ने अब अपने कार्यकाल की समाप्ति से पाँच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया है।" उन्होंने यूपीएससी विवाद के बीच अपने इस्तीफे के समय पर भी सवाल उठाया, जिसमें उम्मीदवारों पर नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र जमा करने का आरोप लगाया गया था, यह सुझाव देते हुए कि उन्हें इस घोटाले के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया होगा जिसने जनता का ध्यान खींचा है।
"जो भी कारण दिए जा सकते हैं, यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि यूपीएससी से जुड़े मौजूदा विवाद को देखते हुए उन्हें बाहर करना पड़ा। इस तरह के कई और चरित्र सिस्टम में आबाद हो गए हैं। उदाहरण के लिए, एनटीए के अध्यक्ष अब तक अछूते क्यों हैं?" उन्होंने कहा। यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपने कार्यकाल की समाप्ति से लगभग पांच साल पहले "व्यक्तिगत कारणों" का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सूत्रों ने एएनआई को बताया कि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। सोनी का कार्यकाल मूल रूप से 2029 में समाप्त होने वाला था। डीओपीटी के सूत्रों ने एएनआई को फोन पर बताया,
"यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। यह एक लंबी प्रक्रिया है।" प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ आरोपों के बाद यूपीएससी गंभीर सवालों का सामना कर रहा है, जिन्होंने कथित तौर पर सिविल सेवा में प्रवेश पाने के लिए पहचान पत्रों में जालसाजी की थी। पुणे की आईएएस पूजा खेडकर से जुड़े विवाद में , यह पता चला है कि उन्होंने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर या हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पहचान बदलकर परीक्षा नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से परे धोखाधड़ी से प्रयास किए। यूपीएससी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा। (एएनआई)
और भी

चार मंजिला इमारत का हिस्सा ढहा, एक की मौत, 4 घायल

मुंबई। मुंबई के ग्रांट रोड स्टेशन इलाके में चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा ढह गया। हादसे में एक महिला की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।इमारत में फंसे बाकी लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
यह इमारत काफी पुरानी बताई जा रही है जिसे नगर निगम ने 6 महीने पहले ही खतरनाक घोषित कर दिया था। शनिवार सुबह करीब 11 बजे 'रूबिनिसा मंजिल' इमारत की दूसरी और तीसरी मंजिल की बालकनी और स्लैब का एक हिस्सा ढह गया और दूसरा हिस्सा लटक गया। मुंबई फायर ब्रिगेड, पुलिस, एम्बुलेंस और स्थानीय लोगों की मदद से करीब एक घंटे के बाद मलबे से एक शव को बाहर निकाला गया और सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बीएमसी आपदा नियंत्रण के अधिकारी ने बताया कि मलबे में अभी और लोगों के फंसे होने की आशंका है, जिन्हें बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मुंबई के इस मानसून सीजन में यह इस तरह का पहला हादसा है। पिछले 72 घंटों से मुंबई में भारी बारिश जारी है।
और भी

प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा खेडकर की वाशिम में ट्रेनिंग रोक दी गई

  • कहा- 'मैं जल्द ही दोबारा वाशिम आऊंगी'
मुंबई। नखरेबाज प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी मसूरी के एक पत्र के बाद वाशिम में उनकी ट्रेनिंग रोक दी गई। इसके बाद वह वाशिम से अपने घर के लिए रवाना हो गईं। उनसे जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं जल्द ही दोबारा वाशिम आऊंगी।' आपको बता दें कि खेडकर को प्रशिक्षण के लिए 11 जुलाई को वाशिम जिले में भेजा गया था। इनकी ट्रेनिंग अवधि 31 मार्च तक थी। पहले दो दिन वाशिम में काम करने के बाद उन्हें 15 से 19 जुलाई तक अकोला के आदिवासी प्रभाग में भेजने का निर्णय लिया गया।
सोमवार देर रात महिला पुलिस की एक टीम उस रेस्ट हाउस पहुंची, जहां खेडकर ठहरी हुई थी। टीम वहां तीन घंटे तक रही। खेडकर का कहना है कि उन्होंने ही पुलिस को बुलाया था। इस दौरान संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ता खेडकर के विरोध में आ गए। वहीं, ओबीसी संगठन उनका समर्थन कर रहे हैं। इस सबके बीच वाशिम में उनका प्रशिक्षण निलंबित कर दिया गया और उन्हें मसूरी के प्रशिक्षण केंद्र में बुलाया गया।
दृष्टिबाधित और मानसिक बीमारी के साथ फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र जमा कर आईएएस बनने का आरोप झेल रहीं पूजा खेडकर को बड़ा झटका लगा। राज्य सरकार ने उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगाने का फैसला किया है। लाल बहादुर शास्त्री अकादमी ने उन्हें 23 जुलाई से पहले महाराष्ट्र में चल रही ट्रेनिंग छोड़कर मसूरी में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
यूपीएससी ने शुक्रवार को पूजा खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की, जिनमें फर्जी पहचान के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना शामिल है। आयोग ने कदाचार के आरोपों की ‘गहन जांच’ के बाद खेडकर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया। आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से रोकने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। आयोग ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस में खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने बताया कि यूपीएससी से शिकायत मिली थी, जिसके बाद कानून की संबंधित धाराओं के तहत खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच अब अपराध शाखा कर रही है।
पुणे की एक सत्र अदालत ने पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर को 25 जुलाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। यह संरक्षण उस मामले में दिया गया है जिसमें उन पर एक भूमि विवाद को लेकर एक व्यक्ति को पिस्तौल दिखाकर धमकाने का आरोप है। पुणे ग्रामीण पुलिस ने बृहस्पतिवार को इसी मामले में उनकी पत्नी एवं पूजा की मां मनोरमा खेडकर को गिरफ्तार किया था। मनोरमा को 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
दिलीप खेडकर ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। उनके वकील ने बताया कि न्यायाधीश ए एन मारे ने उन्हें सुनवाई की अगली तारीख 25 जुलाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। दिलीप और मनोरमा खेडकर के अलावा पांच अन्य के खिलाफ पौड़ पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
और भी

नदी में फंसे 114 किसानों का हुआ रेस्क्यू, शुक्रवार से चल रहा था बचाव अभियान

बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद एक टापू पर फंसे किसानों को बचा लिया गया है। नदी के बीच फंसे किसानों को बचाने के लिए शुक्रवार शाम से ही रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था, जो शनिवार सुबह संपन्न हुआ।
दरअसल, सभी किसान घाघरा नदी के बीच अपने खेतों में काम करने के लिए गए थे। तभी घाघरा नदी में ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया और इसके चलते किसान वहीं फंस गए। वहीं, प्रशासन की ओर से रेस्क्यू चलाकर सभी किसानों को सुरक्षित बचा लिया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि सुजौंली इलाके के चहलवा में वह खेती के लिए गए थे। तभी अचानक बाढ़ आ गई और वह खेतों में ही फंस गए। लेकिन बाद में उन्होंने एक टापू पर पनाह ली और प्रशासन की मदद से उन्हें बचा लिया गया।
उपजिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि शुक्रवार शाम को सूचना मिली थी कि कुछ लोग घाघरा नदी के बीच एक टापू पर फंस गए हैं। इसके बाद मौके पर एनडीआरएफ और सीमा सुरक्षा बल की टीम भेजी गई। शुक्रवार देर रात तक 63 लोगों को बचाया गया। साथ ही 55 लोगों को शनिवार सुबह तक निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम को चौधरी चरण सिंह बैराज से घाघरा नदी में ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 114 किसान खेती करते वक्त चहलवा में घाघरा नदी के बीच फंस गए थे। देर रात तक 63 लोगों को बचाया गया था, लेकिन बढ़ते जलस्तर की वजह से 55 लोग टापू पर ही फंसे रहे। इस दौरान प्रशासन ने उन्हें वहां से निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम और सीमा सुरक्षा बल की मदद ली।
आपको बता दें कि नेपाल में पहाड़ों पर जमकर बारिश हो रही है। इसके चलते नेपाल की ओर से लगातार नदियों में पानी छोड़ा जा रहा है। इसका असर नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है।
और भी

UPSC चेयरमैन मनोज सोनी ने दिया इस्तीफा, कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ा पद

नई दिल्ली। यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने टेन्यर खत्म होने से पांच साल पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया है. उनका कार्यकाल 2029 में खत्म होना था. उन्होंने "व्यक्तिगत कारणों" से इस्तीफा दिया है और इसका फर्जी प्रमाणपत्र जमा करने के आरोपों के मामले से कोई संबंध नहीं है.
मनोज सोनी ने 2017 से UPSC सदस्य के रूप में कार्य करने के बाद 16 मई, 2023 को UPSC अध्यक्ष का पदभार संभाला था, जिसका कार्यकाल छह साल का होता है. उन्होंने कथित तौर पर लगभग एक महीने पहले राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसे स्वीकार किया जाएगा या नहीं.
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के लिए जाना जाता है, जिन्होंने उन्हें 2005 में वडोदरा में एमएस विश्वविद्यालय का सबसे युवा कुलपति नियुक्त किया था. यूपीएससी में शामिल होने से पहले, उन्होंने गुजरात के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में तीन कार्यकालों में काम किया था, जिसमें डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर ओपन विश्वविद्यालय (बीएओयू) में दो कार्यकाल शामिल हैं.
यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न परीक्षाओं के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें सिविल सेवा परीक्षाएं शामिल हैं. यह संस्थान आमतौर पर आईएएस, आईएफएस, आईपीएस और केंद्रीय सेवाओं में प्रतिष्ठित पदों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करता है.
यूपीएससी प्रोबेशनर आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ आरोपों के बाद सुर्खियों में है, जिन्होंने कथित तौर पर सिविल सेवाओं में प्रवेश पाने के लिए अपने डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी की थी. हालांकि, मनोज सोनी के इस्तीफे को लेकर कहा जा रहा है कि इस मामले से कोई संबंध नहीं है.
और भी

पूजा खेडकर के खिलाफ FIR, क्‍यों चर्चा में है ये प्रशिक्षु IAS

नई दिल्ली। प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने एफआईआर दर्ज करा दी है। इसके अलावा संस्था ने उन्हें नोटिस जारी किया है और गड़बड़ियों पर जवाब मांगा है। UPSC ने उनसे जवाब मांगा है और पूछा है कि क्यों न आपकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया जाए। इसके अलावा आगे होने वाली परीक्षाओं से भी वंचित किया जा सकता है।
गिरफ्तारी के बाद मनोरमा खेडकर को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया। पुणे जिले की अदालत ने मनोरमा को 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने मनोरमा को भूमि विवाद को लेकर बंदूक दिखाकर कुछ लोगों को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि मनोरमा को रायगढ़ जिले के महाड स्थित एक लॉज से आज सुबह पकड़ा गया जहां वह छिपी हुई थी। पुलिस के मुताबिक, मनोरमा को रायगढ़ से पुणे के पौड पुलिस थाना लाया गया और औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने बताया कि मनोरमा को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 20 जुलाई तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया।
ढूंढने के लिए गठित हुई थीं कई टीमें-
आरोपी मनोरमा, उनके पति दिलीप और पांच अन्य लोगों का पता लगाने के लिए कई टीम गठित की गई थीं। पूजा खेडकर आईएएस परीक्षा के समय दिए गए दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर सवालों के घेरे में हैं। पुणे कलेक्टर कार्यालय में तैनाती के दौरान किए गए आचरण को लेकर भी उनके खिलाफ जांच की जा रही है। विवाद के बीच सरकार ने मंगलवार को खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया और उन्हें 23 जुलाई तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पुणे की भ्रष्टाचार रोधी इकाई को शिकायत मिली है जिसमें पूर्व सरकारी कर्मचारी और पूजा के पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में खुली जांच करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि एसीबी की नासिक इकाई पहले ही उनके खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच कर रही है।
और भी

SBI ने 1,000 से अधिक पदों पर भर्ती की घोषणा की

SBI Vacancy 2024 : देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में स्पेशल कैडर अधिकारियों की असाधारण भर्ती हुई है। यह भर्ती अनुबंध के आधार पर की जा रही है। रिक्तियों में डेवलपमेंट मैनेजर, रिलेशनशिप मैनेजर, वीआर वेल्थ, निवेश अधिकारी और क्षेत्रीय प्रमुख जैसे पद शामिल हैं। इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन आज यानी 19 जुलाई से bank.sbi/careers पर शुरू हो गए हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 8 अगस्त 2024 है। उम्मीदवारों को उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर साक्षात्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। उम्मीदवारों को आवेदन के दौरान सभी आवश्यक दस्तावेज (संक्षिप्त जीवनी विवरण, पहचान प्रमाण, आयु प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र, पीडब्ल्यूबीडी प्रमाण पत्र, शैक्षिक योग्यता, अनुभव प्रमाण पत्र) अपलोड करने होंगे। यदि आप दस्तावेज अपलोड नहीं करते हैं, तो आपके आवेदन/उम्मीदवारी पर पूर्व-चयन/साक्षात्कार के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
रिक्त-
नियमित कोर रिसर्च टीम (उत्पाद प्रमुख) पद- 02
केंद्रीय अनुसंधान टीम (सहायता) नियमित पद- 02
परियोजना विकास प्रबंधक (प्रौद्योगिकी) नियमित- 01
नियमित परियोजना विकास प्रबंधक (व्यवसाय) पद- 2
संबंध प्रबंधक आरएम नियमित पद- 150
संबंध प्रबंधक आरएम 123 के बाद बैकलॉग
नियमित वीपी ऑफ वेल्थ पद- 600
उपाध्यक्ष पोस्ट-43 वेल्थ पोर्टफोलियो
संबंध प्रबंधक- टीम लीडर नियमित पद - 21
संबंध प्रबंधक- टीम लीडर पोस्ट-11 बैकलॉग
पोस्ट-02 नियमित क्षेत्रीय प्रमुख-
क्षेत्रीय प्रमुख का बैकलॉग 04 के बाद
निवेश विशेषज्ञ नियमित पोस्ट-30
नियमित निवेश अधिकारी पद: 23
लंबित निवेश अधिकारी पद: 26
आवेदन लागत- Application Cost
सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस- 750 रुपये
एससी, एसटी, दिव्यांग- 0
और भी

मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया

  • कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेमप्लेट लगानी होगी
लखनऊ। 22 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरू हो रहा है. सावन के पहले दिन से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी. कावंड़िए हरिद्वार के लिए निकल पड़ेंगे. लेकिन यात्रा से पहले यूपी पुलिस के एक आदेश से विवाद गरमा गया है. योगी सरकार ने कांवड़ रूट के दुकानों-ठेले वालों के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानों, ठेलों पर अपना नाम लिखें जिससे कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं.
तमाम विवादों के बीच सीएम योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ' नेमप्लेट' लगानी होगी और दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान होगा लिखना. सीएमओ के मुताबिक, कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है और हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी होगी कार्रवाई.
पुलिस के एक आदेश ने मुजफ्फरनगर के बाजारों की तस्वीर बदल दी है. इस आदेश में पुलिस की तरफ से दलील दी गई है, 'श्रावण के पवित्र महीने में कई लोग खासकर कांवड़िये अपने खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज करते हैं. पूर्व में ऐसी घटनाएं सामने आईं जिसमें खाद्य सामग्री बेचने वाले कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों के नाम इस प्रकार रखे गए जिससे कांवड़ियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होकर काननू व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई. जिसे रोकने के लिए श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल ढाबे और खानपान की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि स्वेच्छा से अपने मालिक और काम करने वालों का नाम प्रदर्शित करें.'
पुलिस की दलील है कि उनके इस आदेश का मकसद श्रद्धालुओं की सुविधा और कानून व्यवस्था को बनाए रखना है. यूपी पुलिस के इस आदेश का असर भी दिखा और मुजफ्फरनगर की दुकान, होटल और ठेलों पर लोगों ने अपने नाम की पट्टी लगा दी. प्रशासन की दलील है कि कांवड़ियों की धार्मिक भावनाएं आहत न हो इसीलिए ये आदेश जारी किया गया है. जिसे कांवड़िये भी सही मानते हैं.
हिंदू संगठनों का आरोप है कि कुछ दुकानदार नाम बदल कर, अपनी पहचान छुपा कर दुकान चलाते हैं. इससे कावड़ियों की धार्मिक भावनाएं आहत होती है. इसे लेकर पुलिस के पास शिकायत आई तो जांच के बाद ये आदेश दिया गया. कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश पर विपक्षी दलों की आपत्ति के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बृहस्पतिवार को उनकी आलोचना की और कहा कि हिंदुओं की आस्था की रक्षा के लिए यह आवश्यक है.
और भी

चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरे, 3 की मौत, कई जख्मी

गोंडा। यूपी के गोंडा में रेल हादसा हुआ है। चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही 15904 एक्सप्रेस ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर कर पलट गए हैं। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई है। कई यात्री घायल हैं। बताया जाता है कि ट्रेन के दस से 12 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। इनमें पांच डिब्बे पलट गए हैं। एक डिब्बा काफी दूर जाकर पलटा है। आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। जिले की सारी एंबुलेंस घटनास्थल पर बुलाई गई है। सीएम योगी ने अधिकारियों को मौके पर पहुंचने और राहत कार्य तेज करने के आदेश दिए हैं। रेलवे और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची हैं। घायलों को रेलवे अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। फिलहाल हादसे का कारण नहीं पता चल पा रहा है।
हादसा गोंडा स्टेशन के आगे मोतीगंज क्षेत्र में हुआ है। मनकापुर से थोड़ा पहले घटनास्थल बताया जा रहा है। ट्रेन का अगला स्टेशन गोरखपुर था। ऐसे में गोरखपुर अपनों के लेने पहुंचे लोगों में भी अफरातफरी मची है। बताया जाता है कि घटना दोपहर पौने तीन बजे के करीब हुई है। 10 से 12 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। AC कोच का बुरा हाल है। मौके पर पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम आदित्य कुमार अपने अधिकारियों के साथ घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं। कई ट्रेनों को बीच रास्ते रोका गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश हैं। सीएम योगी ने घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को हर संभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश पर आसपास के जिलों के सभी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी को अलर्ट मोड पर रखा गया है। एसडीआरएफ की टीमों को भी मौके पर पहुंच कर राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश सीएम योगी ने दिए हैं।
और भी

PM मोदी आज शाम 6:30 बजे भाजपा कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को दिल्ली पहुंचेंगे। आज शाम करीब 6:30 बजे भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री मोदी भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और लोकसभा चुनाव में जीत के लिए उनके प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त करेंगे। भाजपा के एक सूत्र ने एएनआई को बताया कि प्रधानमंत्री करीब 100-150 कार्यकर्ताओं से मिलेंगे, जिन्होंने पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए तीन महीने तक 24 घंटे अथक परिश्रम किया। एएनआई के एक सूत्र ने बताया कि आज शाम प्रधानमंत्री भाजपा मुख्यालय में इन कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं का हालचाल पूछेंगे और कार्यालय की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी जुटाएंगे।
हालांकि यह पहली बार नहीं है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद भी इसी तरह पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाते हुए उनका आभार जता चुके हैं। भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और शीर्ष नेतृत्व लगातार कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और उनके प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे जुड़ता रहता है। भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी की मुलाकात से पहले आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक भी हुई। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बहुत जबरदस्त प्रचार किया था, जहां वे सिर्फ 240 सीटें जीतने में सफल रही थीं, जो 2019 में मिली सीटों से 63 कम थीं। गढ़ वाले राज्य उत्तर प्रदेश में वे बुरी तरह से हार गए और पिछले कार्यकाल में 61 सीटों से इस बार सिर्फ 33 सीटें जीत पाए। (एएनआई)
और भी

नीट-यूजी पेपर लीक मामले में एम्स के चार छात्र हिरासत

पटना। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित तौर पर नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक मामले में पटना एम्स के चार MBBS छात्रों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की। हिरासत में लिए गए छात्रों में तीन तीसरे वर्ष के छात्र हैं और एक दूसरे वर्ष का छात्र है। हिरासत में लिए गए छात्रों की पहचान चंदन कुमार (तृतीय वर्ष), राहुल कुमार (तृतीय वर्ष), करण जैन (तृतीय वर्ष) और कुमार शानू (द्वितीय वर्ष) के रूप में हुई है।
यह घटनाक्रम तब हुआ है जब सीबीआई ने बुधवार को झारखंड के हजारीबाग में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के ट्रंक से कथित तौर पर पेपर चुराने वाले नीट-यूजी पेपर लीक मामले के एक मुख्य आरोपी सहित दो और लोगों को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने हाल ही में एनआईटी जमशेदपुर के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ ​​आदित्य और झारखंड के हजारीबाग में परीक्षा का पेपर चुराने के आरोप में हिरासत में लिए गए राजू सिंह को गिरफ्तार किया।
और भी

चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के दो नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई

  • सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या हुई 34
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के दो नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह और आर. महादेवन ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो गई है।
पिछले हफ्ते सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह और मद्रास हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस आर. महादेवन को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी।
कॉलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र ने मंगलवार को न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह और आर. महादेवन की नियुक्ति को मंजूरी दे दी। शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने कहा था कि उसने सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति के लिए सिफारिश करते समय वरिष्ठता, योग्यता, निष्ठा, क्षेत्र, लिंग और समुदाय की विविधता और समाज के हाशिए पर पड़े और पिछड़े वर्गों को शामिल करने जैसी जरूरी बातों को ध्यान में रखा है।
जस्टिस कोटिस्वर सिंह मणिपुर से हैं। अक्टूबर 2011 में वो गुवाहाटी हाई कोर्ट के जस्टिस के रूप में नियुक्त किए गए थे। पिछले साल फरवरी में उन्हें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
कॉलेजियम ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति से पूर्वोत्तर को प्रतिनिधित्व मिलेगा और विशेष रूप से वे मणिपुर से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने वाले पहले न्यायाधीश होंगे। न्यायमूर्ति आर. महादेवन मद्रास हाई कोर्ट के सेवारत न्यायाधीशों के क्रम में तीसरे स्थान पर थे और वहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम कर रहे थे।"
कॉलेजियम ने कहा कि पिछड़े समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए न्यायमूर्ति महादेवन को प्राथमिकता दी गई है। कॉलेजियम ने कहा, "न्यायमूर्ति महादेवन तमिलनाडु राज्य के पिछड़े समुदाय से हैं। उनकी नियुक्ति से पीठ में विविधता आएगी।"
और भी

अखिलेश यादव ने दिया मानसून ऑफर, 100 लाओ सरकार बनाओ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का सियासी पारा इन दिनों चढ़ा हुआ है। भाजपा में चल रही राजनीतिक गतिविधियों के बीच समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने एक ऑफर दिया है। कहा है- मानसून ऑफर है- 100 लाओ और सरकार बनाओ।
गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा में राजनीतिक चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि कहा है कि मानसून ऑफर है-100 लाओ और सरकार बनाओ। उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
बताया जा रहा है कि उनकी यह बयानबाजी भाजपा की तरफ से चल रही राजनीतिक हलचल को लेकर दी जा रहींहै। इसके साथ ही तरह-तरह की राजनीतिक चर्चाओं के बीच दिल्ली से केशव प्रसाद मौर्य के लखनऊ लौटने पर अखिलेश ने कटाक्ष भी किया है कि लौट के बुद्धू घर को आए
ज्ञात हो सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए बयान दिया था कि यूपी में भाजपा सरकार कमजोर हो गई है। इसलिए ये लोग अपने फैसले वापस ले रहे हैं। भाजपा के लोगों ने कुर्सी की लड़ाई में सब खत्म कर दिया। इन लोगों ने कुर्सी के चक्कर में जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है।
अखिलेश यादव के इस बयान पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने जवाब दिया कि सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी, भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है। सपा का पीडीए धोखा है। यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहरायेगी।
और भी

अजित पवार को झटका, 25 पदाधिकारी हुए पार्टी से अलग

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार का सियासी कुनबा घटता नजर आ रहा है। खबर है कि बुधवार को 25 से ज्यादा पदाधिकारियों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को अलविदा कह दिया। ये सभी नेता पिंपरी-चिंचवाड़ के हैं, जिनमें इकाई प्रमुख अजित गव्हाणे का नाम भी शामिल है। अटकलें थीं कि वह पाला बदलकर शरद पवार गुट में शामिल हो सकते हैं।
पिंपरी चिंचवाड़ में पार्टी बदलने वालों में 2 पूर्व मेयर, नेता विपक्ष और 20 पूर्व पार्षद शामिल हैं। इन सभी ने सीनियर पवार की पार्टी का दामन थामा। यहां के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल भोसले ने भी गव्हाणे के साथ मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। जानकारों का कहना है कि गढ़ होने के चलते पिंपरी चिंचवाड़ में इस तरह की सियासी उथल-पुथल अजित पवार को प्रभावित कर सकती है।
बीते साल हुआ एनसीपी में फूट के बाद सीनियर पवार के पास एक पार्षद और 8 पदाधिकारी ही बचे थे। अब उनके पास लगभग पूरी ताकत वापस लौटती नजर आ रही है। खास बात है कि ये ऐसे समय पर हुआ जब, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में अजित की अगुवाई में एनसीपी खास प्रदर्शन करने में असफल रही थी। बारामती से भी डिप्टी सीएम की पत्नी को हार का सामना करना पड़ा था।
और भी

अजित पवार को बड़ा झटका, दो दर्जन नेता शरद पवार की पार्टी में शामिल

पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को बड़ा झटका लगा है। पुणे में पिंपरी-चिंचवाड़ के करीब दो दर्जन पार्टी पदाधिकारी बुधवार को शरद पवार की पार्टी एनसीपी (सपा) में शामिल हो गए।
शरद पवार ने अपने आवास पर आयोजित एक छोटे से समारोह में पार्टी के अन्य नेताओं की मौजूदगी में 20 पूर्व नगर निगम पार्षदों सहित कई महिलाओं का एनसीपी (सपा) में शामिल होने पर खुद स्वागत किया और उन्हें पार्टी का झंडा, स्टोल और अपना आशीर्वाद दिया।
पाला बदलने वाले प्रमुख लोगों में एनसीपी के पूर्व शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाने, कार्यकारी अध्यक्ष राहुल भोसले, छात्र विंग प्रमुख यश साने, भोसरी विधानसभा सीट के प्रमुख पंकज भालेकर और करीब 20 पूर्व नगर निगम पार्षद और अन्य इकाई प्रमुख शामिल हैं।
उन्होंने एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जबकि साने ने इस सप्ताह की शुरुआत में एनसीपी छात्र विंग के अध्यक्ष प्रशांत कदम को अपना इस्तीफा भेजा था और बुधवार को एनसीपी (एसपी) में शामिल हो गए।
यह चौंकाने वाला घटनाक्रम शनिवार (20 जुलाई) को पिंपरी-चिंचवाड़ में शरद पवार की होने वाली रैली से पहले हुआ है। पुणे के अन्य हिस्सों से एनसीपी के और भी नेता-पदाधिकारी इसी तरह का कदम उठा सकते हैं। राज्य विधानसभा का चुनाव बस तीन महीने आगे है।
पुणे के एक नेता ने बताया कि गव्हाने जैसे कुछ पदाधिकारी कथित तौर पर लोकसभा चुनाव के लिए एनसीपी से टिकट न मिलने से नाराज थे या एनसीपी से विधानसभा चुनाव के लिए सारी उम्मीदें खो चुके थे और एनसीपी (एसपी) में शामिल हो गए।
और भी

कछार में पुलिस के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकवादी ढेर

  • एके-47 राइफल समेत अन्य हथियार बरामद
गुवाहटी। असम के कछार में बुधवार को आतंकवादियों और पुलिस में मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी ढेर हो गए, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए। हालांकि, पुलिस ने इस मुठभेड़ को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की। असम पुलिस में एक वरिष्ठ अधिकारी ने तीन आतंकियों के ढेर होने की पुष्टि की।
अधिकारी ने कहा, "हमारे कुछ कर्मचारी भी घायल हुए। लेकिन हम फिलहाल उनकी इंजरी पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। हमें अभी तक कछार जिला पुलिस से रिपोर्ट नहीं मिली है।" सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने मंगलवार रात पूर्वी ढोलाई गंगानगर से तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। उनके बारे में अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। सूत्र ने कहा, ऑटोरिक्शा से एक एके-47 राइफल, एक पिस्तौल और अन्य हथियार जब्त किया गया। पुलिस की एक टीम अन्य विद्रोहियों की तलाश में आज सुबह तीनों को भबन हिल्स इलाके में ले गई। तभी पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई।
सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ में तीन आतंकी ढेर हो गई। हालांकि, तीन पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद कछार के पुलिस अधीक्षक नुमल महत्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे।
और भी

फिलहाल नहीं होने वाला है यूपी में कोई बड़ा फैसला!

  • संगठन-सरकार में हो सकते हैं बदलाव
उत्तर प्रदेश। बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश की सियासत में किसी 'बहुत बड़े बदलाव' को लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चाएं हो रही हैं। चर्चाओं के इसी दौर में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद बीते तकरीबन 12 घंटे से उत्तर प्रदेश की सियासत में भारी फेरबदल की बात हो रही है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों की मानें, तो उत्तर प्रदेश के संगठन और सरकार में कुछ बदलाव तो होने तय हैं। लेकिन जिसकी चर्चा सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा हो रही है, उस तरीके का कोई बड़ा चौंकाने वाला फैसला फिलहाल उत्तर प्रदेश में नहीं होने वाला है।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से हार के कारणों पर चर्चा हो रही है। इन्हीं चर्चाओं के बीच उत्तर प्रदेश में बड़े फेरबदल की बात की जा रही थी। लगातार उत्तर प्रदेश के बड़े नेता मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में थे। लेकिन बीते 12 घंटे के भीतर जिस तरीके से उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मची है, उसे लेकर सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि भाजपा सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में शुरुआती दौर में जो बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं, उसमें मंत्रिमंडल का विस्तार महत्वपूर्ण है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ संगठन में फेरबदल की बातचीत हुई है। सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में फेरबदल या बदलाव की जो भूमिका बनाई गई है, उसमें जातिगत समीकरणों और जहां पर पार्टी चुनाव हारी है उसका पूरा सियासी खाकर खींचा गया है।
सूत्रों के मुताबिक जिन इलाकों में लोकसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी हारी है, उन इलाकों से अगर राज्य सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं है, तो वहां से सियासी समीकरणों के आधार पर जिम्मेदारी देने की चर्चा हुई है। सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ दिनों में जो चर्चाएं हुई हैं, उसमें यह निष्कर्ष निकला है कि अगर जातिगत समीकरणों के आधार पर सभी सियासी दांव-पेंच दुरुस्त कर लिए जाएं, तो आने वाले चुनाव के नतीजे बेहतर होंगे। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों की मुताबिक उपचुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में न सिर्फ मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार हो सकता है। बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी कुछ बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले संगठनात्मक और सरकार के बदलाव में पिछड़ों और पिछड़ों समय दलितों को और जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व चुनाव के परिणाम के बाद बदलाव करने की तैयारी में है। माना यही जा रहा है कि इस बदलाव की कड़ी में कुछ नेता जो मंत्रिमंडल में हैं, वह संगठन में आ सकते हैं। जबकि कुछ संगठन से जुड़े हुए लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों के मुताबिक चुनावी नतीजों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार में मंत्रियों के विभाग का फेरबदल भी संभव है। सूत्रों की मानें तो बीते कुछ दिनों में केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत स्थिति में लाने के लिए इस तरीके के कई सुझावों पर चर्चा हुई है। फिलहाल माना यही जा रहा है कि जो बड़े फेरबदल की बात सियासी गलियारों में चल रही थी, उस पर न तो मंथन हुआ है और न ही ऐसा कोई बड़ा चौंकाने वाला फैसला होने वाला है।
और भी

एक छोटे से कस्बे ने भारत को दिलाया पहला मिस यूनिवर्सल पेटिट का ताज

बेंगलुरु। कल्पना कीजिए कि आप एक अस्पताल में 36 घंटे की शिफ्ट करें और फिर अगले दिन अपनी मर्जी से पहुंचकर अपनी खामियों को दूर कर ब्यूटी क्वीन बन जाएं? कर्नाटक के हुबली की डॉक्टर और ब्यूटी क्वीन श्रुति हेगड़े 2018 से यही कर रही हैं। इस कन्नड़ महिला की कड़ी मेहनत रंग लाई है। एक महीने से थोड़ा अधिक समय पहले, 10 जून को, श्रुति हेगड़े भारत की पहली मिस यूनिवर्सल पेटिट बनीं, यह प्रतियोगिता 2009 में छोटे कद की महिलाओं को अवसर देने के लिए शुरू की गई थी, जो ऊंचाई के मामले में अक्सर खुद को अमेज़ोनियन मानकों के सामने बौनी पाती थीं। यह प्रतियोगिता हर साल संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा के टैम्पा में आयोजित की जाती है। हेगड़े ने पीटीआई से कहा, "निश्चित रूप से यह आसान नहीं था। मुझे एहसास हुआ कि डॉक्टर बनना जितना मैंने शुरू में सोचा था, उससे कहीं अधिक काम है। हेगड़े ने कहा कि जब उन्होंने सौंदर्य प्रतियोगिता का रास्ता अपनाया, तो उन्होंने जीतने के बारे में कभी ज्यादा नहीं सोचा। हेगड़े ने कहा, “मैं हमेशा कुछ नया करना चाहती हूं और मुझे लगता है कि ब्यूटी क्वीन बनना लगभग हर छोटे शहर की लड़की का सपना होता है। इसलिए, मैंने सोचा कि मैं इसे आजमा कर देखती हूं।
इससे मुझे मदद मिली कि मेरी मां हैं जो मुझसे ज्यादा चाहती हैं कि मुझे वही करना चाहिए जो मैं करना चाहती हूं।” इस तरह हेगड़े ने 2018 में मिस धारवाड़ प्रतियोगिता के लिए खुद को साइन अप किया। लेकिन जब उन्होंने प्रतियोगिता जीती, तो चीजें गंभीर हो गईं। हेगड़े, जो वर्तमान में त्वचाविज्ञान में एमडी कर रही हैं और बेंगलुरु से लगभग 70 किमी दूर तुमकुरु के एक अस्पताल में प्रशिक्षु के रूप में काम कर रही हैं, ने कहा, “प्रतियोगिता के दौरान, मुझे एहसास हुआ कि मैं जीवन के कई सबक भी सीख रही हूं- ऐसे सबक जो मुझे एक better person बनने और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होने में मदद करेंगे। इसलिए, मैंने इसमें अपना सब कुछ देने का फैसला किया हुबली जैसे छोटे शहर में न केवल ब्यूटी क्वीन बनने के लिए आवश्यक सभी तैयारियों के लिए आवश्यक साधन थे, बल्कि उन्हें एक ब्रेक भी लेना पड़ा और एक मेडिकल इमरजेंसी से निपटना पड़ा। “2019 में, मुझे सौम्य डिम्बग्रंथि और गर्भाशय ट्यूमर का पता चला और मुझे ओपन सर्जरी करानी पड़ी। इसने मेरे जीवन के दो साल खा लिए – 2019 और 2020 – जब मैं ठीक हो रही थी। मुझे लगा कि यह मेरे पेजेंट करियर का अंत है। फिर से, मेरी मां ने मुझे इतनी आसानी से नहीं छोड़ा। वह चट्टान की तरह मेरे पीछे खड़ी रहीं,” हेगड़े ने कहा। और इसलिए, हेगड़े ने कहा कि वह वापस लौट आईं, पूरे भारत में घूमीं, खुद को एक ब्यूटी क्वीन का संतुलित रूप देने के लिए कक्षाएं लीं। “इसमें बहुत कुछ है – उच्चारण, कपड़े, चलना… हेगड़े ने कहा कि एक बार जब उन्होंने एक बड़ा खिताब जीता - मिस एशिया इंटरनेशनल इंडिया 2023 की दूसरी रनर अप - तो वित्तीय तनाव बहुत कम हो गया।
हेगड़े ने कहा, "मुझे अपने कपड़ों और सामान के लिए प्रायोजक मिलने लगे। यह एक राहत की बात थी क्योंकि पहले मेरे पास केवल कुछ ही कपड़े थे जिन्हें मुझे अलग-अलग प्रतियोगिताओं में पहनने के लिए मजबूर होना पड़ता था।" जैसी कि उम्मीद थी, प्रतियोगिता ने मनोरंजन उद्योग में अन्य दरवाजे खोल दिए। 2023 से, हेगड़े ने कहा कि उन्हें धारावाहिकों और फिल्मों में अभिनय करने के प्रस्ताव मिल रहे हैं। हेगड़े ने कहा, "फिर से, मैंने सावधानी से इसमें कदम रखा। पहले धारावाहिकों से शुरुआत की। लेकिन जिस फिल्म की मैंने अभी शूटिंग पूरी की है, 'शरणरा शक्ति', उसने मुझे एहसास दिलाया कि फिल्मी करियर कोई बुरी चीज नहीं हो सकती है।" हेगड़े ने कहा कि उन्होंने 12वीं सदी के दार्शनिक, कवि और समाज सुधारक बसवन्ना के जीवन पर आधारित ऐतिहासिक फिल्म में एक नर्तकी की भूमिका निभाई है। "मुझे एहसास हुआ कि कन्नड़ फिल्म उद्योग फिर से खुल रहा है, जिससे 'शरणरा शक्ति' जैसी फिल्मों के लिए यह संभव हो रहा है। शायद यहाँ अभिनेता बनने का सबसे अच्छा समय है। हेगड़े ने कहा, "मैंने अब यह कदम उठाने का फैसला किया है और देखना है कि यह कहां तक ​​पहुंचता है।" हेगड़े ने कहा कि वह अभी 'जनमदाता' की शूटिंग कर रही हैं, जो एक और अनोखी फिल्म है जो पिता और बेटे के बीच तनावपूर्ण संबंधों की तह तक जाती है। हेगड़े ने कहा, "मैं इस बार मुख्य भूमिका निभा रही हूं - वह प्रेमिका जो लड़के को चीजों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करती है, भले ही वह अपने पिता को वैसे ही स्वीकार करने के लिए संघर्ष कर रहा हो।
और भी