हिंदुस्तान

छाछ के टेट्रा पैक में चूहे का टुकड़ा मिलने का दावा, हाई कोर्ट तक पहुंचा मामला

झूठा सच @ रायपुर :-  दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें एक डेयरी कंपनी के छाछ के टेट्रा पैक में चूहे या चिकन का टुकड़ा मिलने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते कहा कि मामले को उचित फोरम यानी कंज्यूमर कोर्ट में उठाया जाए। हालांकि, जस्टिस रेखा पल्ली ने फूड सेफ्टी डिपार्ट को निर्देश दिया कि वह याचिका पर सीमित समय में जवाब दे। हाईकोर्ट ने कहा, 'मुआवजे के लिए उपभोक्ता अदालत जाइए। इसके लिए अलग से अदालत है। आप प्रथम दृष्टया मुझे कुछ भी साक्ष्य नहीं दिखा सके। मैं कुछ भी विवादित तय नहीं कर सकती। मेरी नजर में प्रथम दृष्टया ऐसा कुछ भी नहीं जिससे प्रोडक्ट में कमी साबित हो। यह पहलू एक रिट याचिका के जरिए तय नहीं हो सकता, जिसे खारिज किया जाता है।'


कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका खारिज किए जाने का मतलब यह नहीं कि आप उपभोक्ता अदालत नहीं जा सकते।

वहीं, याचिकाकर्ता के वकील शादाब खान ने इसे अपने मुवक्किल के मौलिक अधिकार, खासतौर पर संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन बताया। वकील ने दावा किया कि उनकी मुवक्किल शाकाहारी है और बीते साल छाछ पीने के बाद से उन्हें कई शारीरिक और मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया है, 'याचिकाकर्ता को शारीरिक (पेट संबंधी बीमारियां/ एसिडिटी) और मानसिक असर (डिप्रेशन) झेलना पड़ रहा है।' याचिका में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI और डेयरी कंपनी से 20 लाख रुपये के मुआवजे की भी मांग की गई थी।
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चुनाव आयोग का ऐलान, राज्यसभा की 6 सीटों पर 4 अक्टूबर को होंगे उपचुनाव

सच झूठा @ रायपुर :-  चुनाव आयोग ने गुरुवार को 6 राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव और एक राज्यसभा सीट पर चुनाव के तारीखों की घोषणा की है. इसमें 6 राज्यों की 7 राज्यसभा सीटें शामिल हैं जिसके लिए उपचुनाव  और द्विवार्षिक चुनाव होने हैं. चुनाव आयोग  के मुताबिक इसमें तमिलनाडु में दो और पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में 1-1 सीट शामिल है. इसके अलावा केन्द्र-शासित प्रदेश पुडुचेरी की एक राज्यसभा सीट पर भी चुनाव का ऐलान किया गया है.इन सभी 7 राज्यसभा सीटों के लिए 4 अक्टूबर को वोटिंग होगी. इसके अलावा 04 अक्टूबर को ही बिहार विधान परिषद की एक सीट पर भी उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक पुडुचेरी की राज्यसभा सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव होगा, जो मौजूदा सांसद एन गोकुलकृष्णन की सेवानिवृत्ति के कारण खाली हो रहा है. सांसद एन गोकुलकृष्णन 6 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं.


राज्यसभा चुनाव से जुड़ी तारीखें….
> 15 सितंबर 2021- चुनाव आयोग अधिसूचना जारी करेगा
> 22 सितंबर 2021- नामांकन करने की अंतिम तिथि
> 23 सितंबर 2021- नामांकन की जांच की जाएगी
> 27 सितंबर 2021- नाम वापस लेने के लिए आखिरी तारीख
> 04 अक्टूबर 2021- वोटिंग
> वोटिंग का समय- सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक
> 04 अक्टूबर 2021- शाम 5 बजे वोटों की गिनती होगी.

पश्चिम बंगाल: चुनाव आयोग के मुताबिक पश्चिम बंगाल में पूर्व सांसद मानस रंजन भुनिया के इस्तीफे के कारण 6 मई 2021 को राज्यसभा की उनकी सीट खाली हो गई थी. मानस रंजन भुनिया को ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री बनाया गया है.

असम: असम में पूर्व राज्यसभा सांसद बिसजित डमरे के इस्तीफे के कारण 10 मई 2021 को सीट खाली हुई है. इनका अभी करीब 5 वर्ष का कार्यकाल बाकी था. आयोग के मुताबिक इनके रिटायर होने की तारीख 09 अप्रैल 2026 थी.

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता राजीव शंकरराव सातव के निधन की वजह से एक राज्यसभा सीट खाली हुई थी. सातव के निधन के बाद 16 मई 2021 से यह राज्यसभा सीट खाली है. इस उपचुनाव होना है. सातव का कार्यकाल अप्रैल 2024 तक था

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में थावरचंद गहलोत के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई सीट पर भी उपचुनाव होना है. 07 जुलाई को यह खाली हो गई थी, जबकी थावरचंद गहलोत का कार्यकाल अप्रैल 2024 तक था.

तमिलनाडु: तमिलनाडु की दो खाली सीटों पर उपचुनाव होना है. इसमें से एक 7 मई 2021 को आईएडीएमके नेता केपी मुनुसामी के इस्तीफे के कारण खाली हुई है. वहीं, दूसरी सीट पूर्व सांसद आर. वैथीलिंगम के इस्तीफे देने से खाली हुई है. मुनुसामी का कार्यकाल 2026 तक था और वैथीलिंगम का कार्यकाल 2022 तक था |

 

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परिवहन विभाग महिलाओं को मुफ्त में देगा ड्राइविंग की ट्रेनिंग , 60 सीटों से होगी प्रशिक्षण की शुरुआत

मध्यप्रदेश :- परिवहन विभाग ने महिलाओं के लिए नई मुहिम शुरू की है। अब विभाग महिलाओं को मुफ्त ड्राइविंग ट्रेनिंग देगा। शुरुआत में 60 सीटों के साथ ट्रेनिंग शुरू की जाएगी। विभाग की वेबसाइड पर 25 सितंबर तक इसके लिए आवेदन किए जा सकते हैं।
 
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EPFO ने अपने सभी ग्राहकों को जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली:-  कर्मचारी भविष्य निधि ने अपने सभी ग्राहकों को अलर्ट जारी किया है। EPFO ने अपने 6 करोड़ PF खाताधारकों को निजी जानकारी और किसी भी तरह के ऐप को डाउनलोड को लेकर अलर्ट किया है। EPFO ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी है। 

Epfo alert for account holders : किसी भी नौकरी पेशा शख्‍स के लिए उसके प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ की रकम सबसे अहम होती है। यह रकम भविष्‍य को सुरक्षित रखने का सबसे अहम फंड है। इसमें पैसा तो जमा होता ही है, साथ ही उस पीएफ पर ब्याज भी मिलता है। ऐसे में आपको अपने पीएफ के पैसे को लेकर बेहद अलर्ट रहने की जरूरत है। 

EPFO ने अपने अकाउंट होल्डर्स को किसी भी फर्जी कॉल से सतर्क रहने की सलाह दी है। ईपीएफओ ने अलर्ट में कहा है, ” ईपीएफओ कभी भी फोन कॉल पर अपने खाताधारकों से यूएएन नंबर, आधार नंबर, पैन नंबर या बैंक डिटेल नहीं मांगता है और न ही EPFO अपने अकाउंट होल्डर को कोई फोन कॉल करता है | 

 
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निर्दलीय विधायक भाजपा में हुए शामिल

झूठा सच @ रायपुर :-  उत्तराखंड में एक निर्दलीय विधायक भाजपा में शामिल हो गए। टिहरी जिले की विधानसभा धनोल्टी से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार बुधवार को दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया। 2017 में उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे प्रीतम सिंह पंवार ने बाजी मारी थी। लेकिन अब चुनाव से पहले वो फिर भाजपा में शामिल हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने उनकी एंट्री भाजपा में करवाई है।पंवार 2007 से 2012 तक खेंडूरी सरकार में भी बतौर उक्रांद विधायक मंत्री रहे। इसके बाद बहुगुणा एवं हरीश रावत सरकार में भी वह बतौर निर्दलीय विधायक मंत्री रहे। पंवार की उत्तरकाशी व टिहरी जिलों में खासी पकड़ बताई जाती है।


 
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राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने पद से दिया इस्तीफा

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मौर्य दो दिन पहले नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलीं थीं। उनके इस्तीफे के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें उत्तर प्रदेश में बीजेपी की ओर से कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है या फिर वह आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से मैदान में उतर सकती हैं।  राज्यपाल के सचिव बृजेश कुमार संत ने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भेज दिया है, जो अभी स्वीकार नहीं हुआ है।  

  
1956 में जन्मीं बेबी रानी मौर्य अगस्त 2018 में कृष्ण कांत पॉल की जगह उत्तराखंड की राज्यपाल बनी थीं। यहां की राज्यपाल बनने से पहले वह 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की मेयर भी रही चुकी हैं। मौर्य उत्तराखंड की दूसरी महिला गवर्नर थीं। इससे पहले, मार्गरेट अल्वा अगस्त 2009 से मई 2012 तक उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। मौर्य के इस्तीफे के साथ अब उत्तराखंड का अगला राज्यपाल कौन होगा, इसको लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। 

इससे पहले बीजेपी ने आज उत्तर प्रदेश समेत 5 चुनावी राज्यों के लिए चुनाव प्रभारियों का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को यूपी का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। अनुराग ठाकुर, सरोज पांडेय, अर्जुन राम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, कैप्टन अभिमन्यु, अन्नपूर्णा देवी और सांसद विवेक ठाकुर यूपी में बीजेपी के सह-चुनाव प्रभारी होंगे। उत्तराखंड में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। सह-प्रभारी के रूप में लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी और राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह होंगे।


 
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बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह का निधन

बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा भागलपुर के कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे सदानंद सिंह का बुधवार की सुबह पटना के एक अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी । परिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सदानंद (78) पिछले कई सप्ताह से बीमार थे और पटना के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। दिवंगत नेता के परिवार में एक बेटा और तीन बेटी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिंह के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने शोक संदेश में कहा, ‘‘सिंह अनुभवी राजनेता थे और अपने क्षेत्र में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने व्यक्तित्व की बदौलत समाज के सभी वर्गों का आदर एवं सम्मान प्राप्त किया।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह ने विधानसभा में कहलगांव विधानसभा सीट का नौ बार प्रतिनिधित्व किया और वह 2000 से 2005 तक बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे थे। कुमार ने कहा, ‘‘सिंह बिहार सरकार में सिंचाई और ऊर्जा राज्यमंत्री भी रह चुके थे। उनसे मेरा व्यक्तिगत संबंध था। उनके निधन से मैं मर्माहत हूं । बिहार की राजनीति में उनका अहम योगदान था। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।’’

मुख्यमंत्री ने सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश से दूरभाष पर वार्ता कर उन्हें सांत्वना भी दी।  उन्होंने कहा कि सदानंद का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है सिंह के निधन पर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी तथा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी शोक जताया है ।

दोनों नेताओं ने कहा कि उनका जनाधार काफी माजबूत था तथा वह मिलनसार और बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक थे । उन्होंने कहा कि वह जमीनी स्तर के नेता थे और संगठन को चलाने की उनके अंदर अद्भुत प्रतिभा थी। उन्होंने कहा कि उनके गुज़र जाने से सामाजिक एवं राजनीतिक जगत के साथ कांग्रेस को अपूरणीय छति हुई है, ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति दे तथा परिजनों एवं सुभचिंताको को इस शोक की घड़ी में धर्य दे 

लालू ने कहा कि सदानंद के निधन से वह अत्यंत दुखी एवं मर्माहत हैं। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी शोक जताते हुये कहा कि ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें । बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके सिंह के निधन की खबर मिलते ही कहलगांव स्थित उनके पैतृक आवास पर मातम पसरा है, उनका अंतिम संस्कार कल सुबह कहलगांव शहर स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा।
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शेरे-कश्मीर कहलाने वाले इस नेता की आज हैं पुण्यतिथि

कश्मीर के देश से विलय में शेख अब्दुल्ला का बड़ा हाथ रहा. शेरे-कश्मीर कहलाने वाले इस नेता की आज पुण्यतिथि है. जिस समय देश का बंटवारा हो रहा था, तब शेख अब्दुल्ला कश्मीर के सबसे बड़े नेता थे. जिन्ना के लाख चाहने के बाद भी वो उनके साथ नहीं गए और ना ही कश्मीर के पाकिस्तान में विलय के पक्ष में थे. वो उन चुनिंदा नेताओं में थे, जो कश्मीर को भारत से मिलाने पर यकीन रखते थे. हालांकि बाद में कश्मीर साजिश के आरोप में उन्हें 11 साल जेल की सलाखों के पीछे बिताने पड़े. तब उन्हें कश्मीर से तीन हजार किलोमीटर दूर तमिलनाडु में हाउस अरेस्ट रखा गया था 

शेख अब्दुल्ला का जन्म 5 दिसंबर, 1905 को श्रीनगर के पास स्थित सौरा में हुआ था. इस समय आम कश्मीरी गरीबी से जूझ रहे थे. वहीं शेख अब्दुल्ला का परिवार व्यापार से जुड़ा था इसलिए उन्हें पढ़ने-लिखने का मौका मिला. उन्होंने लाहौर और अलीगढ़ में पढ़ाई की. अलीगढ़ से साल 1930 में विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद वे श्रीनगर वापस लौट आए. शेख अब्दुल्ला ने पढ़े-लिखे अवाम को इकठ्ठा करना शुरू किया. उनके भीतर राजनीतिक और सामाजिक चेतना जगाने की बात की. उनकी कोशिशों के चलते 1932 में मुस्लिम कांफ्रेंस नाम का एक संगठन बना. साल 1938 में संगठन का नाम 'मुस्लिम कांफ्रेंस' से बदलकर 'नेशनल कांफ्रेंस' कर दिया गया.

कश्मीर में लोकप्रिय हो गए
गैर-सांप्रदायिक और मुद्दों से जुड़ा होने के कारण इससे लोग जुड़ते चले गए. जल्दी ही फिजिक्स पढ़ा-लिखा ये युवक कश्मीर में लोकप्रिय हो गया. नए आए युवक को इतना चर्चित होता देख तत्कालीन राजा हरिसिंह को जरूर इससे दिक्कत होने लगी. साल 1946 में शेख अब्दुल्ला ने जम्मू- कश्मीर में महाराजा हरि सिंह के खिलाफ 'कश्मीर छोड़ो' आंदोलन चलाया. तब महाराजा ने उन्हें जेल में डाल दिया.

1948 में कश्मीर के प्रधानमंत्री बने 
बाद में जवाहरलाल नेहरू की कोशिशों से शेख अब्दुल्ला जेल से रिहा हो गए. साल 1948 में वे तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री बना दिए गए. बता दें कि तब कश्मीर में मुख्यमंत्री की जगह प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल किया जाता था. वो कश्मीरियों के चहेते नेता थे. वक्त ने दोबारा पलटा खाया.

फिर 11 साल के लिए जेल में भी डाले गए
करीब 05 साल उनकी सरकार को बहुमत न होने के चलते गिरा दिया गया. अब्दुल्ला ने सदन में बहुमत साबित करने के लिए गुहार लगाई. उन्हें इसका मौका नहीं मिला. शेख अब्दुल्ला की कैबिनेट के हिस्सा रहे बख्शी गुलाम मोहम्मद को कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया. इसके कुछ ही दिन बाद शेख अब्दुल्ला को कश्मीर-साजिश के आरोप में लगभग 11 सालों के लिए जेल में डाल दिया गया.

वो पाक शासक अयूब खान से मुलाकातें कर रहे थे
इस आरोप के पीछे एक वजह ये भी थी कि वे पाकिस्तान के शासक जनरल अयूब खान से मुलाकातें कर रहे थे. उनपर ये आरोप भी लगे कि वो आजाद कश्मीर चाहते हैं. कश्मीर साजिश के बारे में ये भी कहा जाता है कि नेहरू के प्रिय मित्र होने के कारण कई नेता शेख अब्दुल्ला को उनकी नजरों से गिराना चाहते थे. इसी कोशिश में उनपर आजाद कश्मीर का आरोप लगाया गया.

क्या वो वाकई कश्मीर को आजाद देश बनाने वाले थे
कहा जाता है कि साल 1950 में खुफिया एजेंसियों को कई इनपुट मिले जो इसी ओर इशारा करते थे. IB के उस वक्त के चीफ बीएन मलिक ने अपनी एक किताब 'नेहरू के साथ मेरे दिन' में दावा किया था कि 1953 में शेख अब्दुल्ला ने विदेशी गुप्तचर एजेंसी के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इसके मुताबिक साल 1953 में वे कश्मीर को आजाद देश बनाने की बात करने वाले थे. इसके बाद ही शेख अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया गया.

क्यों हुए फिर जेल से रिहा
शेख अब्दुल्ला के करीब 11 साल तक जेल में रहने के बाद सरकार ने उन पर से सारे आरोप वापस ले लिए थे. जब शेख अब्दुल्ला जेल से छूटकर वापस कश्मीर पहुंचे तो किसी हीरो की तरह उनका स्वागत किया गया. कहा जाता है कि नेहरू तब भारत और पाकिस्तान के रिश्तों की बेहतरी के लिए उनका साथ चाहते थे लेकिन वो नेहरू जी का आखिरी वक्त था.

शुरुआती दिन काफी मुफलिसी वाले थे
अपनी जीवनी में शेख अब्दुल्ला ने लिखा है कि उनके कश्मीर पंडित पूर्वजों ने अफगान शासन के दौरान इस्लाम अपनाया था. जब उनका जन्म हुआ, उससे 15 दिन पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था. घर की हालत अच्छी नहीं थी. शेख ने अपनी जीवनी में लिखा, परिवार की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति के चलते एक समय ये भी आया, जब उन्हें घर चलाने में सहयोग करने के लिए रफूगिरी सीखनी पड़ी. अनाज की एक दुकान में नौकरी की. उन्होंने स्कूल जाने के लिए रोज 20 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था.

महाराजा हरिसिंह की नीतियों के विरोधी थे
मैट्रिक करने के बाद जब उन्होंने लाहौर में विज्ञान की पढ़ाई शुरू की तभी उनमें राजनीतिक चेतना विकसित हुई. वो कई राष्ट्रवादी नेताओं के संपर्क में आए. वहां से बीएससी करने के बाद शेख अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय में गए, जहां से उन्होंने केमेस्ट्री में एमएससी की. इसके बाद भी उन्होंने कश्मीर में मामूली तनख्वाह पर ही एक हाईस्कूल में नौकरी करनी पड़ी.महाराजा हरिसिंह की नीतियों और नौकरियों को लेकर मुस्लिम युवकों के आक्रोश को उन्होंने आवाज देने का काम किया. धीरे धीरे वो कश्मीर की राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय होने लगे. एक दिन ऐसा भी आया कि वो वहां के लोगों के बीच सबसे लोकप्रिय नेता बन गए.

जब बेटे को उत्तराधिकारी बनाया तो असंतोष पैदा हो गया
हालांकि अपने अंतिम दिनों में शेख अब्दुल्ला भी उन्हीं कमजोरियों का शिकार हुए, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य है. अपनी पार्टी में उत्तराधिकारी का चयन उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से करने की बजाए परिवार से बेटे के रूप में किया. इसे लेकर उनकी पार्टी के प्रमुख नेताओं में असंतोष भी हुआ. केवल यही नहीं जब शेख अब्दुल्ला ने अपने फारूक को आगे करना शुरू किया तो दामाद गुलाम मोहम्मद शाह को भी ये बात बुरी लगी.

1982 में आखिरी सांस ली
1982 की गर्मियों में शेख की तबीयत काफी बिगड़ गई. 08 सितंबर 1982 को वो दुनिया से विदा हो गए. एमजे अकबर ने उनके बारे में कहा, तमाम उतार चढ़ावों के बीच वह एक हिंदुस्तानी की तरह जिए और हिन्दुस्तानी की तरह ही मरे. अपनी कमजोरियों और खूबियों के साथ वो कश्मीर के नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के बहुत महत्वपूर्ण नेता थे. इसमें भी कोई शक नहीं कि उनके ज्यादा लोकप्रिय और स्वीकार्य नेता आजतक कश्मीर में नहीं हुआ.

दो शादियां की थीं 
शेख अब्दुल्ला ने दो शादियां की थीं. उनकी पहली पत्नी कश्मीरी मीरजान थीं. इसके बाद उन्होंने स्लोवाक मूल की अकबर जहां से शादी की, जो गुलमर्ग के होटल और रिसोर्ट के मालिक माइकल हैरी नेडोऊ की बेटी थीं. अकबर जहां ने राजनीति में भी सक्रिय भूमिका अदा की. वो दो बार सांसद रहीं. वर्ष 2000 में उनका निधन हो गया. वो कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की मां थीं | 
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बंदरों के हमले से बीजेपी नेता की पत्नी छत से गिरी, मौत

झूठा सच @ रायपुर :- उत्तर प्रदेश के शामली में बंदरों के आतंक की वजह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता की पत्नी की मौत हो गई. कैराना कस्बे में बंदरों के उत्पात की खबरें आम होने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसी का नतीजा है कि बंदरों के हमले से भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल चौहान की पत्नी और जिला पंचायत की पूर्व सदस्य सुषमा चौहान की मौत हो गई.सुषमा चौहान की दूसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई है. भाजपा के पूर्व सांसद स्वर्गीय बाबू हुकम सिंह के भतीजे और वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल चौहान की पत्नी सुषमा भी सक्रिय राजनीति में रह चुकी हैं. वह वार्ड नंबर 13 से जिला पंचायत सदस्य थीं. मंगलवार सुबह करीब 7:00 बजे वह मंदिर से पूजा कर लौटी तो देखा कि घर की दूसरी मंजिल पर बंदरों का झुंड मौजूद है. 

सुषमा बंदरों को भगा रही थीं. इसी दौरान बंदरों ने उन पर झपट्टा मार दिया. इसी दौरान सुषमा का संतुलन बिगड़ा और वह सीढ़ियों से फिसलकर सीधे फर्श पर आ गिरीं. आनन-फानन में पति अनिल चौहान व परिवार के अन्य सदस्य उन्हें शामली के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने सुषमा चौहान को मृत घोषित कर दिया.उनकी मौत की सूचना पर क्षेत्र में शोक छा गया. हजारों लोगों की मौजूदगी में मायापुर फार्म हाउस पर अंतिम संस्कार किया गया. इस घटना से क्षेत्र में शोक की लहर है. इसके साथ ही लोगों में गुस्सा है. लोगों का कहना है कि कैराना कस्बे में बंदरों का आतंक बढ़ गया है, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है.इस हादसे के बाद नगर पालिका ने बंदरों को पकड़वाने की कोशिश शुरू कर दी है. चेयरमैन हाजी अनवर हसन ने बताया कि बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा की टीम से संपर्क किया गया था, टीम ने बताया कि वह अभी लखनऊ साइड में बंदर पकड़ रहे हैं, दो-तीन दिन बाद जब वह मथुरा वापस आएंगे तो फिर संपर्क करेंगे |
 
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केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली के आनंद विहार इलाके में स्थापित स्माग टावर का किया लोकार्पण

झूठा सच @रायपुर :-  केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली के आनंद विहार इलाके में स्थापित स्माग टावर का लोकार्पण किया। कुछ ही दिन पूर्व दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में दिल्ली का पहला स्मॉग टावर स्थापित किया गया था। कुछ ही दिनों के बाद यह दूसरा टावर भी दिल्ली में शुरू हो गया है। पर्यावरण मंत्रालय का दावा है कि यह देश का पहला क्रियाशील स्मॉग टावर है। नीले आकाश के लिए स्वच्छ वायु के दूसरे अंतरराष्ट्रीय दिवस को मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में यादव ने नागरिकों सहित सभी हितधारकों से सभी के लिए स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन प्राप्त करने के लिए गंभीरतापूर्वक और ईमानदारी से योगदान देने का आह्वान किया है। 

यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई पहल शुरु की हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री जी ने 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता में समग्र सुधार का लक्ष्य निर्धारित किया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि 2018 की तुलना में 2019 में और 86 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर हुई है। अब ऐसे शहरों की संख्या 2020 में बढ़कर 104 शहरों तक पहुंच गई है। आनंद विहार में 20 मीटर से अधिक की ऊंचाई वाला स्मॉग टॉवर डाउन ड्राफ्ट प्रकार का है, यानी प्रदूषित हवा टॉवर के ऊपर से आती है और नीचे से साफ हवा बाहर आती है जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर वायु प्रदूषण (पार्टिकुलेट मैटर) में कमी करना है। 

टावर में उपयोग की जाने वाली निस्पंदन प्रणाली को मिनेसोटा विश्वविद्यालय द्वारा 90 प्रतिशत की अपेक्षित दक्षता के साथ डिजाइन किया गया है। 1000 घन मीटर प्रति सेकंड की दर से डिजाइन एयरफ्लो प्रदान करने के लिए 40 पंखों की इकाइयां स्थापित की गई हैं। टावर का निर्माण परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के साथ टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया गया है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के अंतर्गत गैर-प्राप्ति शहरों में वायु प्रदूषण के नियमन के लिए 'प्रण' नामक एक पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) 2019 से देश में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) को लागू कर रहे हैं, जिसमें 2024 तक देश भर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 10 और पीएम 2.5) सांद्रता में 20 से 30 प्रतिशत की कमी हासिल करने का लक्ष्य है।
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इस सरकार ने नाइट कर्फ्यू में दी बड़ी राहत , दुकानों के खुलने का समय बदला

झूठा सच @ रायपुर :-  योगी सरकार ने नाइट कर्फ्यू में एक घंटे की राहत दी है। अब नाइट कर्फ्यू का समय रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक हो गया है। सीएम योगी ने कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती बरतने करने को कहा है। सीएम योगी ने लापरवाही पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पिछले 24 घंटे में हुई 1 लाख 85 हजार 793 सैम्पल की टेस्टिंग में 64 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया।10 जिलों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 227 रह गई है। यह सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है। 

उन्होंने कहा कि अब तक 7 करोड़ 36 लाख 38 हजार 873 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। पिछले 24 घंटे में हुई टेस्टिंग में 12 नए मरीजों की पुष्टि हुई जबकि 31 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 86 हजार 369 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं। कोविड संक्रमण केस बढ़ने की आशंका के चलते निदेशालय,बाल विकास सेवा व पुष्टाहार ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को विशेष सतर्कता के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों को पंद्रह सितंबर तक बंद करने के निर्देश दिए हैं। इसके चलते इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां केंद्र पर पहुंचेंगी और पोषाहार की आपूर्ति डोर-टू-डोर करेंगी। 

बाल विकास सेवा व पुष्टाहार की निदेशक,डाॅ.सारिका मोहन के जारी आदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले तीन से आठ साल के बच्चों को संक्रमण की आशंका के चलते पंद्रह सितंबर तक न आने के निर्देश जारी किए हैं। डीपीओ डाॅ.अनुपमा शॉडिल्य ने बताया कि निदेशालय से मिले आदेश के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को आना है। स्वयं सहायता समूह या नेफेड (शहरी क्षेत्रों में) के माध्यम से अनुपूरक पोषाहार की आपूर्ति किए जाने की स्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र खोलकर पोषाहार को लेने के बाद लाभार्थियों तक कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए टेक होम राशन डोर-टू डोर बांटा जाएगा।
 
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Axis Bank ने LGBTQIA+ समुदाय को दी सौगात

 झूठा सच @ रायपुर :- एक्सिस बैंक ने अपने LGBTQIA+ कर्मचारियों, ग्राहकों को खास सुविधाएं देने के लिए नई नीति जारी की है. इसके तहत इस समुदाय के कर्मचारियों को मनमाफिक कपड़े पहनने की आजादी, ग्राहकों के लिए अपने सेम सेक्स पार्टनर को नॉमिनी बनाने की छूट आदि शामिल हैं एक्सिस बैंक ने सोमवार को अपने LGBTQIA+ ग्राहकों और कर्मचारियों के लिए नीतियों और दूस्तर का एक चार्टर जारी किया है. LGBTQIA+ समुदाय में लेस्ब‍ियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांस, क्वीयर, इंटरसेक्स, असेक्सुअल आदि लोग आते हैं.

गौरतलब है कि सितंबर 2018 के अपने ऐतिहासिक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि दो वयस्क व्यक्ति यदि किसी प्राइवेट प्लेस में आपसी सहमति से किसी भी तरह का सेक्सुअल रिलेशन बनाते हैं तो उसे अपराध नहीं माना जाएगा क्या है नई नीतियों में: नई पॉलिसीज के मुताबिक बैंक के सभी कर्मचारी अब अपने पार्टनर का नाम मेडिक्लेम फायदों के लिए दे सकते हैं, चाहे वह पार्टनर किसी भी जेंडर, सेक्स या वैवाहिक स्थ‍िति का हो. इससे खासकर उन गे, लेस्बियन कपल को मदद मिलेगी जो बिना शादी के साथ रहते हैं. 

कपड़े पहनने की आजादी: यही नहीं कर्मचारी को किस रेस्टरूम में बैठना है वह अपनी जेंडर आइडेंटिटी या एक्सप्रेशन के मुताबिक चुन सकता है. कंपनी ने अपने बड़े दफ्तरों में सभी जेंडर के लिए रेस्टरूम बनाए हैं. यही नहीं, बैंक के कर्मचारी अपने जेंडर ओरिएंटेशन के मुताबिक कपड़ों का चुनाव करने के मामले में भी आजाद होंगे. एक्सिस बैंक ने एक बयान में कहा, 'सर्वोच्च अदालत की भावना के अनुरूप और बैंक की व्यापक ESG प्रतिबद्धताओं को देखते हुए हमने एक #ComeAsYouAre पहल शुरू की है. यह बैंक के भीतर और ग्राहकों के लिए विविधता,समानता और समावेश अपनाने का एक चार्टर है.

ग्राहकों के लिए ये सुविधाएं: बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए भी कई सुविधाएं दी हैं. बैंक के समुदाय के ग्राहकों को 20 सितंबर के बाद अपने सेम सेक्स पार्टनर के साथ बैंक में सेविंग अकाउंट या टर्म डिपॉजिट (FD) खोल सकेंगे. यही नहीं, वे सेम सेक्स पार्टनर को अपने सेविंग अकाउंट या टर्म डिपॉजिट के लिए नॉमिनी भी बना सकेंगे. ऐसे लोगों के लिए मिस्टर (Mr) या मिसेज (Mrs) की जगह खाते में नाम से पहले 'Mx' लगाने का विकल्प होगा | 
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140 दिनों तक वेंटिलेटर में रही , महिला डॉक्टर ने तोड़ा दम

यूपी:- कोरोना काल में कई जिंदगियों को बचाने वालीं डॉक्टर शारदा सुमन जिंदगी की जंग हार गईं. वह करीब 140 दिनों तक वेंटिलेटर पर मौत से जंग लड़ रही थीं. डोनर नहीं मिलने के कारण डॉ. शारदा के फेफड़े का ट्रांसप्लांट नहीं हो सका. संक्रमण बढ़ने पर 4 सितंबर को उनकी सांसें थम गईं. शारदा के परिवार वालों ने हैदराबाद में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया. अब परिवार को डॉ. शारदा की स्तनपान कराने वाली बेटी की परवरिश की समस्या का सामना करना पड़ा है |

14 अप्रैल को डॉ. शारदा को लोहिया के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद भी उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. 2018 में डॉ. शारदा सुमन ने स्त्री रोग और प्रसूति विभाग में जूनियर रेजिडेंट के रूप में नौकरी शुरू की. वह संस्थान में डीएनबी की छात्रा थीं. 29 मई 2019 को डॉ. शारदा की शादी खलीलाबाद निवासी डॉ. अजय से हुई थी. दोनों लोहिया संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर के पद पर कार्यरत थे. प्रेग्नेंसी के दौरान भी डॉ. शारदा ड्यूटी कर रही थीं और ड्यूटी के दौरान ही कोरोना संक्रमित हो गईं. मेडिसिन विभाग में रहने वाले पति डॉ. अजय के मुताबिक, उनकी पत्नी ईसीएमओ पर जिंदगी के लिए जंग लड़ती रहीं और कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रहीं. भ्रूण की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने एक मई को वेंटिलेटर पर एक बच्ची को जन्म दिया
 
सरकार ने की थी मदद

विशेषज्ञ डॉक्टरों ने डॉ. शारदा की जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण का विकल्प सुझाया. इस पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही गई थी. बाद में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया था. इसके बाद संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद, सीएमएस डॉ. राजन भटनागर और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. मुख्यमंत्री के निर्देश पर उच्च शक्ति विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर फेफड़े के प्रत्यारोपण को मंजूरी दी गई. मुख्यमंत्री ने डॉ. शारदा सुमन के जीवन के लिए सहायता कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (केआईएमएस), हैदराबाद भेजी |

उसके बाद डॉ. शारदा को लोहिया में एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. पीके दास की देखरेख में केआईएमएस ले जाया गया और ईसीएमओ की मदद से एयर एम्बुलेंस द्वारा ले जाया गया. पति डॉ. अजय ने बताया कि डॉ. शारदा का किम्स में करीब 34 दिनों तक इलाज चला. इलाज के बावजूद मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ और उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई. संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता गया. अधिकांश एंटीबायोटिक्स अप्रभावी साबित हुए. KIMS प्रशासन के प्रयासों के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली. डोनर नहीं मिलने के कारण फेफड़े का प्रत्यारोपण नहीं हो सका. आखिरकार 4 सितंबर को डॉ. शारदा के जीवन का तार टूट गया. पति ने बताया कि उन्होंने करीब 140 दिनों तक संघर्ष किया | 

 

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राहुल गांधी ने की NEET एग्जाम को स्थगित करने की मांग , कहा- ‘सरकार को नहीं दिख रही छात्रों की परेशानी’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेन्स टेस्ट... NEET) को स्थगित करने की मांग करते हुए मंगलवार को कहा कि छात्रों को एक निष्पक्ष मौका मिलना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, "भारत सरकार को छात्रों की परेशानी नहीं दिख रही है। नीट परीक्षा को स्थगित करिये। छात्रों को निष्पक्ष मौका दीजिये।"

उल्लेखनीय है कि नीट (स्नातक) की परीक्षा 12 सितंबर को प्रस्तावित है।

सुप्रीम कोर्ट ने किया परीक्षा स्थगित करने से इनकार
मेडिकल प्रवेश परीक्षा 2021 को स्थगित करने की मांग को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश (स्नातक कोर्सों ) के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 12 सितंबर 2021 को होगी। सीबीएसई बोर्ड की कम्पार्टमेंट/प्राइवेट/पत्राचार परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों के एक समूह की ओर से नीट परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों को कहा कि वे इस संबंध में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से ऑप्ट आउट विकल्प देने के संबंध में गुजारिश कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिए कि वह छात्रों की चिंता का उचित समाधान करे। न्यायाधीश एएम खानविल्कर, हृषिकेश रॉय और सीटी रवि कुमार की पीठ ने कहा कि नीट स्थगित करने के किसी भी फैसल से 16 लाख छात्र प्रभावित होंगे जिन्होंने इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके अलावा परीक्षा स्थगित करने से दूसरी परीक्षाओं के साथ टकराव भी हो सकता है।

अदालत ने कहा कि सीबीएसई की परीक्षाओं में भाग लेने वाले अभ्यर्थी को किसी ऐसे विकल्प का चयन करने की जरूरत है जिससे कि वे परीक्षा में भाग ले सकें। छात्रों ने दावा किया कि सीबीएसई का फिजिक्स पेपर ओडिशा जेईई के साथ 9 सितंबर को है, वहीं नीट 12 सितंबर को। छात्रों ने कहा कि इससे पहले एनटीए ने ऐसी स्थिति में जेईई सत्र 4 की परीक्षा को भी स्थगित कर दिया था। ऐसे में नीट के बारे में भी एनटीए को ऐसे निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
 
 
 
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आज से AC 3 इकोनॉमी कोच के साथ दौड़ेगी प्रयागराज-जयपुर एक्सप्रेस

झूठा सच @ रायपुर :- भारतीय रेलवे का उत्तर मध्य रेलवे जोन आज यानी 6 सितंबर से ट्रेन नंबर 02403/02404 प्रयागराज-जयपुर-प्रयागराज (डेली) स्‍पेशल ट्रेन में पहले एसी 3 टियर इकोनॉमी कोच का शुभारंभ करने जा रहा है.जिसमें यात्री कम किराए में AC कोच के सफर का आनंद ले सकेंगे. थ्री टियर इकोनॉमी कोच में यात्रियों के लिए ट्रेन का सफर और भी सुहाना हो जाएगा. रेलवे के मुताबिक नए वातानुकूलित थ्री टियर इकोनॉमी कोच का किराया थ्री एसी कोच की तुलना में कम रखा गया है. जिसमें यात्रियों को सस्ते में बेहतर यात्रा का अनुभव मिलेगा. 

 6 सितंबर से शुरुआत
रेलवे के मुताबिक उत्तर मध्य रेलवे  जोन को हाल ही में ये कोच दिए गए हैं. जिनका इस्तेमाल ट्रेन नंबर 02403 (प्रयागराज-जयपुर एक्सप्रेस) में आज यानी 06 सितंबर से किया जाएगा. इसमें सफर के लिए टिकट की बुकिंग शनिवार यानी 28 अगस्त से शुरू हुई थी. कम किराए में यात्रियों के लिए अधिक सुविधाएं ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को इस कोच में काफी सुविधाएं मिलेंगी. फिलहाल, उत्तर मध्य रेलवे  को सात कोच दिए गए हैं. इनका किराया भी ट्रेडिशनल AC थ्री टियर से कम है. सुरक्षा की दृष्टि से हर कोच में 6 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.

रेलवे के मुताबिक हर कोच में दिव्यांगों के लिए एक खास शौचालय बनाया गया है. वहीं, कोविड को देखते हुए ऑटोमेटिक बॉश बेसिन की सुविधा है, जिसमें पैर से दबाकर पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है. यात्रियों की सुविधा को देखते हुए हर सीट पर चार्जिंग पॉइंट और AC कंट्रोलर दिए गए हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस कोच में 83 बर्थ बनाई गई हैं, जो फायर प्रूफ हैं. आग से बचाव के लिए भी इस कोच में ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया है. अगर कहीं आग लगती है तो ऐसी परिस्थिति में अपने आप ट्रेन रुक जाएगी. जानिए कितना होगा किराया जहां प्रयागराज से जयपुर का थ्री ऐसी का किराया 1175 रुपये है तो वहीं इस इकोनॉमी कोच का किराया 1050 रुपये रखा गया है. अब इन इकोनॉमी कोच ट्रेनों में लगने के बाद यात्री सस्ते में बेहतर सुविधा के साथ सफर कर सकेंगे |
 
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अभिषेक बनर्जी ईडी के सामने हुए पेश

झूठा सच @ रायपुर :- बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी रविवार को ही नई दिल्ली पहुंच गए थे. यहां आने से पहले उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि अगर एजेंसी उनके खिलाफ कुछ साबित कर देती है, तो वह खुद को सरेआम लटका लेंगे. अभिषेक ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव हार गई है, इसलिए एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है. कोयला घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा पहले भी जांच और पूछताछ की जा रही है. अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा को भी इस मामले में ईडी के सामने पेश होना था.


सीआईडी के सामने पेश नहीं होंगे सुवेंदु

एक तरफ केंद्रीय एजेंसी ने अभिषेक को बुलाया है, तो बंगाल में राज्य की सीआईडी ने बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी को बुलाया है. 2018 में एक सिक्योरिटी पर्सन की मौत के मामले में पूछताछ के लिए सुवेंदु अधिकारी को बुलाया गया है. हालांकि, सोमवार को सुवेंदु अधिकारी एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे. उन्होंने इस बात की जानकारी एजेंसी को दे दी है. लेकिन ये मामला यहीं पर खत्म होता हुआ नहीं दिख रहा है. सीआईडी द्वारा इस मामले में जांच की जा रही है कि ये मर्डर का मामला है या फिर सुसाइड है |
 
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हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड टीकाकरण के लाभार्थियों को करेंगे संबोधित : पीएम मोदी

झूठा सच @ रायपुर /दिल्ली:-  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों से संवाद करने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे |
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VIDEO: राजधानी में गड्ढों वाली सड़क को लेकर गंदे पानी में महिलाओं ने किया कैटवॉक

भोपाल: - आप ने प्रदर्शन तो कई तरह के देखे होंगे, मगर मध्य प्रदेश की राजधानी में गड्ढों वाली सड़क को लेकर एक अनोखा प्रदर्शन हुआ, इसमें महिला और बच्चों ने कैटवॉक किया। इस नजारे को देखकर ऐसे लग रहा था मानो वे रैंप पर कैटवॉक कर रही हों। राजधानी से होशंगाबाद की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित है दानिश नगर। यहां की सड़कों की हालत खराब है जिससे हर कोई इन सड़कों से परेशान है। यहां के रहने वाले परिवारों की महिलाओं ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया और वे सड़कों पर सज धज कर उतरी, उनके साथ बच्चियां भी थी। सभी के हाथ में तख्तियां थी, जिसमें तरह - तरह के नारे लिखे हुए थे।

इस कॉलोनी में रहने वाली रजनी सिंह का कहना है, "कॉलोनी में करीब 500 घर बने हुए हैं। हम यहां बीते दो दशक से रह रहे हैं, मगर कालोनी की सड़क नहीं बनी है। इतना ही नहीं कालोनी की स्ट्रीट लाइट भी खराब पड़ी रहती है जो जलती नहीं है। नगर निगम को टैक्स देती हैं, मगर उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही। परिणाम स्वरूप उन्होंने अपने बच्चों के साथ सड़क पर उतरने का फैसला किया।"
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