झूठा सच @ रायपुर :- राज्यपालअनुसुईया उइके ने आज छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख उद्यमी, समाजसेवी बृजलाल गोयल के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘सब संभव है‘ का विमोचन किया। राज्यपाल ने गोयल को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गोयल ने समाजसेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे आज जिस स्थान पर हैं, वहां तक पहुंचने के लिए त्याग और संघर्ष करना पड़ता है। यह पुस्तक इसी त्याग और संघर्ष की कहानी है। उनके जीवन पर आधारित इस पुस्तक से समाज को प्रेरणा मिलेगी। राज्यपाल ने कहा कि समाज को नवीन दिशा में अग्रेषित करने का कार्य सदैव ही श्रेष्ठ जनों के द्वारा हुआ है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जन्मे पले बढ़े लोग समाज के पथ प्रदर्शक होते रहे हैं। इन्हीं में से एक बृजलाल जी का नाम शामिल है। आपका जीवन शून्य से शिखर तक पहुंचा है। जीवन की कठिनाईयों के साथ सामंजस्य बनाकर परिवार, समाज, धर्म, राष्ट्र की उन्नति के बारे में प्रयास करना साधुता है।
उन्होंने कहा कि जीवन में अपने लिए तो हर व्यक्ति कुछ न कुछ करता है, परन्तु जो व्यक्ति बिना अपेक्षा के दूसरों के लिए और समाज के लिए कार्य करता है वह समाज में आदर से देखा जाता है। हमें यह जो जीवन मिला है, उसके हर क्षण का सदुपयोग करना चाहिए और यह प्रयास करना चाहिए कि जितना संभव हो सके, जरूरतमंदों की मदद करें और समाज के लिए कार्य करें। राज्यपाल ने कहा कि मुझे बताया गया है कि बृजलाल गोयल जी का स्वामी विवेकानंद विमानतल सड़क मार्ग पर स्थित राम मंदिर के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। यह एक भव्य मंदिर है। यहां पर आकर काफी शांति की अनुभूति होती है। मुझे बताया गया है कि यहां पर मंदिर परिसर में नक्सल क्षेत्र के आदिवासी बच्चे भी निवास करते हैं, जिनके रहने-खाने और शिक्षण की व्यवस्था की जाती है। साथ ही यहां पर ब्राम्हण बच्चों के शिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। यह सराहनीय कार्य है।
वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि गोयल का जीवन उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने समाज के प्रति अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि गोयल जी के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन हो रहा है। मैंने गोयल जी को बचपन से देखा है। उन्होंने छोटा सा कार्य शुरू करके सफलता के शिखर पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि गोयल जी और उनके परिवार का संतोषीनगर क्षेत्र के रहवासियों के लिए सहयोग और सेवा का जो कार्य है, वह सराहनीय है। राज्यपाल ने पुस्तक की लेखिका नीलम परथानी को भी शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर राज्यपाल को प्रतीक चिन्ह भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम को सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन, संत अभिषेक ब्रम्हचारी ने भी संबोधित किया।