नरवा योजना से किसानों के लिए खुली आर्थिक उन्नति की राहें
झूठा सच @ रायपुर :- शासन की सुराजी गांव योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए सस्टेनेबल संरचना विकसित की गई है। नरवा योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए आर्थिक उन्नति की राहें खुली हैं। नरवा योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल सिंचाई का रकबा बढ़ा है, बल्कि भूजल स्तर में वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति में जल संग्रहण के लिए नरवा की प्राचीन परंपरा रही है। शासन ने नरवा की परंपरा को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में आगे बढ़ाया है। राजनांदगांव जिले में विभिन्न तरह की नरवा संरचना विकसित की जा रही है।
नरवा में जल संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। ताकि किसानों को बारिश के दिनों के बाद खेती-किसानी के लिए पानी की आपूर्ति होती रहे। जीपीएस मैंपिंग से नरवा के चिन्हांकन के बाद नरवा संरचना का निर्माण किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न तरह के ब्रशवुड, चेकडैम, गेबियन स्ट्रक्चर, परकोलेशन टैंक, गली प्लग, फार्म बंडिंग के कार्य व्यापक पैमाने पर किए जा रहे हैं। राजनांदगांव जिले में चिन्हांकित नरवा की कुल संख्या 659 है। जिले में नरवा की कुल लंबाई 1423.137 किलोमीटर है। नरवा का कैचमेंट परिया 289217.46 हेक्टेयर है। अब तक 33 करोड़ 72 लाख रूपए की लागत के 3 हजार 814 कार्य स्वीकृत किए गए है।