धर्म समाज

72 साल बाद करवा चौथ में बन रहे हैं अद्भुत संयोग

  • पति की होगी आर्थिक तरक्की, बिगड़े काम बनेंगे
सनातन धर्म के लोगों के लिए करवा चौथ के व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ व्रत का पालन किया जाता है। इस साल करवा चौथ व्रत का पालन 20 अक्टूबर 2024, रविवार के दिन किया जाएगा। इस साल करवा चौथ के दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। जिनमें गजकेसरी योग, शश योग, महालक्ष्मी, बुधादित्य योग के जैसे राजयोग शामिल हैं। ज्योतिषियों का दावा है कि 72 साल बाद ऐसे योग बन रहे हैं।
ऐसे में इस खास दिन सच्चे मन से देवी-देवताओं की आराधना करना चाहिए। इससे आपके जीवन में चल रही समस्याएं जल्द ही खत्म हो जाएंगी। इसके साथ ही रिश्तों में भी मिठास बनी रहेगी।
ग्रहों का अद्भुत है संयोग-
काशी के ज्योतिषी स्वामी कन्हैया महाराज का कहना है कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 20 अक्टूबर को बुध और शुक्र दोनो ही ग्रह शुक्र की राशि तुला में हैं। जिससे बुधादित्य योग बन रहा है। इसके अलावा शनि अपनी राशि कुंभ में बैठकर शश योग बना रहे हैं। चंद्रमा और गुरु की युति गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। यह सभी योग से पति की किस्मत चमक जाएगी। ऐसे में इस दिन व्रत और पूजा से न सिर्फ पति की लंबी आयु होगी बल्कि उनके किस्मत के बंद दरवाजे भी खुलेंगे। हर काम में भाग्य का साथ मिलने के कारण समय से जरूरी काम पूरे हो जाएंगे। परिवार वालों के बीच अगर अनबन चल रही है, तो मतभेद दूर होने  की संभावना है।
करवा चौथ व्रत की पूजा का महत्व-
करवा चौथ का व्रत गणेश जी और माता करवा को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश और देवी करवा के अलावा चंद्र देव की उपासना करना भी जरूरी होता है। चंद्र देव को आयु, सुख, समृद्धि और शांति का कारक ग्रह माना जाता है। करवा चौथ के दिन चंद्र देव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। साथ ही पति की आयु बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। बता दें कि देश के कई राज्यों में करवा चौथ के व्रत को करक चतुर्थी व्रत के नाम से भी जाना जाता है।

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