जैविक खेती और दलहन-तिलहन से किसानों में आ रही अर्थिक समृद्धि
झूठा सच @ रायपुर :- पिछले ढाई वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य ने किसान हितैषी सरकार के रूप में अपनी पहचान बनाई है। किसानों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से खेती-किसानी के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ा है। मेहनत का उचित लाभ मिलने से किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है। किसानों को आधुनिक खेती के साथ-साथ जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में बनाये गये गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। गांवो में ही जैविक खाद उपलब्ध होने से जैविक खेती के लिए किसान प्रेरित हुए है। इससे रसायनिक खाद व दवा के दुष्प्रभाव में कमी आई है। जैविक खेती कम खर्चिला होता है। किसानों को इससे अधिक लाभ भी मिलता है। साथ ही भूमि की उर्वरता सुरक्षित रहती है।जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती विकासखंड के ग्राम अंजोरपाली निवासी किरीत राम पटेल ने खरीफ में धान की कटाई के बाद रबी फसल में उड़द लगाकर 62,400 रूपये का अतिरिक्त लाभ लिया। गोधन न्याय योजना के तहत बनाये गये 90 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट खाद तथा 20 किलोग्राम उड़द के बीज प्रति हेक्टेयर की दर से आदान समाग्री के रूप में किरीत राम को दिया गया था।