धान का कटोरा

बाल संप्रेक्षण गृह के किशोरों ने जाना जीवन कौशल

झूठा सच @ रायपुर :-  संप्रेक्षण गृह में रह रहे किशोरों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से उनको जीवन कौशल के बारे में बताया गया । इस कार्यक्रम के माध्यम से संप्रेक्षण गृह में रह रहे किशोरों को जीवन के संघर्षों और जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के साथ साथ तनाव को कम करने के गुण भी बताए गए। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर सृष्टि यदु ने बताया, '' स्पर्श क्लीनिक की मनोविज्ञानी ममता गिरी गोस्वामी द्वारा संप्रेक्षण गृह में रह रहे किशोरों के साथ मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर चर्चा कर जीवन कौशल के बारे में बताया गया। साथ ही मन में आ रहे बदलाव से पूर्व मिलने वाले संकेतों के बारे में भी जानकारी दी गयी।

इस मौके पर ममता गिरी गोस्वामी ने कहा, "दुखी व्यक्ति व्यक्ति एकांत प्रिय होने लगता है, लोगों से कम बातचीत करता है और अपने आप में ही खोया रहता है, साथ ही वह संकेत भी देता है कि वह अपने जीवन को हानि पहुंचा सकता है। हमें इन संकेतों को समय रहते पहचाना होता है, ताकि हम उसे उचित परामर्श देकर एक नये जीवन की ओर अग्रसर कर सकें और वह आत्मघाती विचार त्याग कर अपने अमूल्य जीवन का सदुपयोग करे ।" ममता गिरी गोस्वामी कहती है, ''इस अवसर पर किशोरों को जीवन कौशल के विषय में भी बताया गया कि किस प्रकार हम एक बेहतर जीवन जी सकते हैं । तनाव को कैसे कम करेंगे और आपसी मेलजोल के साथ हम कैसे अपने आसपास का वातावरण सुंदर कर सकते हैं । एक दूसरे की भावनाओं को समझने का प्रयास करें साथ ही मानसिक परिवर्तन क्या होता है मन: स्थिति का कैसे पता कर सकते हैं को भी किशोरों को बताया गया।"

ममता कहती है ''हमको जीवन में एक ऐसा मितानिन बनाना चाहिए जो हमारे मन में हो रही जिज्ञासाओं को शांत करें और हमें एक बेहतर जीवन जीने की कला सिखाएं, उन्होंने कहा आप सब लोग किशोर है अगर एक अच्छा जीवन जीना है तो हमको अपने जीवन में कुछ नियम बनाने होंगे वही नियम हमारे जीवन कौशल को बेहतर करेंगे ।'

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