धान का कटोरा

नवगठित सक्ती जिले के लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गजमाला पहनाकर किया अभिनंदन

  • मुख्यमंत्री का नवगठित सक्ती जिले और सुहेला तहसील के लोगों ने जताया आभार 
  • नए जिलों और तहसीलों से जनता और प्रशासन के बीच की दूरी  कम करने और काम-काज में कसावट लाने मिलेगी मदद

झूठा सच @ रायपुर:-  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नवगठित जिले जल्द अस्तित्व में आएंगे. उन्होंने कहा कि नए जिलों के गठन के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. अधिसूचना निकाली जाएगी. दावा आपत्ति लेने का काम होगा. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक इकाईयां छोटी की जा रही हैं, ताकि प्रशासन आम जनता तक पहुंचे. जनता और प्रशासन के बीच की दूरी कम हो, काम-काज में कसावट आए और आम जनता को योजनाओं का लाभ तेजी से मिल सके. उन्होंने कहा कि गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले सहित चार नए जिलों के गठन के साथ अब छत्तीसगढ़ में 32 जिले हो गए हैं. 

मुख्यमंत्री बघेल ने आज वर्चुअल रूप से नवगठित सक्ती जिले और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सुहेला तहसील से आए नागरिकों को सम्बोधित किया. नवगठित सक्ती जिले से आए नागरिकों ने मुख्यमंत्री का गजमाला से अभिनंदन किया और ऐतिहासिक घोषणा के लिए उनका आभार जताया. नवगठित सुहेला तहसील के नागरिकों ने भी तहसील गठन के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. नागरिकों ने कहा कि नए जिले के गठन से चंद्रपुर और सक्ती क्षेत्र के लोगों में अपार खुशी का माहौल है. सक्ती को जिला बनाने की बरसों पुरानी मांग थी जो अब पूरी हुई है. उन्होंने मालखरौदा को अनुविभाग और अड़भार को नई तहसील बनाने के लिए भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. नागरिकों ने मुख्यमंत्री को उनके जन्म दिन की अग्रिम बधाई भी दी और उन्हें जिले के दौरे पर आने के लिए आमंत्रित भी किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की होती है. लेकिन इसके साथ जनप्रतिनिधि भी सक्रिय रूप से आम जनता को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए काम करें. राज्य सरकार योजनाओं के माध्यम से नौजवानों और महिलाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है. राज्य सरकार का प्रयास है कि किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिले और उनके माथे पर चिन्ता की लकीरें न दिखे.

राज्य सरकार की किसान हितैषी कार्यक्रमों से लोगों का खेती-किसानी की ओर रूझान बढ़ा है. किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गयी है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए, धान के बदले खरीफ की चिन्हित फसल लेने पर 10 हजार रूपए प्रति एकड़ और वृक्षारोपण करने पर तीन वर्ष तक 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है. सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 56 लाख परिवारों को एक रूपए किलो में 35 किलो चावल, 10 लाख परिवारों को 10 रूपए किलो में चावल, 39 लाख परिवारों को हाफ बिजली बिल योजना में 1822 करोड़ रूपए की सब्सिडी दी गई है |
 

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