धान का कटोरा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दूधाधारी मठ को नवा रायपुर में जमीन देने की घोषणा

रायपुर :-  देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के भाठागांव में करीब 49 करोड़ रूपये की लागत से नवनिर्मित बालाजी स्वामी ट्रस्ट दूधाधारी मठ अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल परिसर का लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर रायपुर की जीवनदायनी खारून नदी के जल को प्रदूषण से बचाने के लिए 6 एम.एल.डी. सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने बालाजी स्वामी ट्रस्ट  दूधाधारी मठ को भाठागांव में इस अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल के निर्माण हेतु प्रदाय की गई 25 एकड़ भूमि जमीन के बदले उतनी कीमत की जमीन नवा रायपुर में देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर  बालाजी स्वामी ट्रस्ट दूधाधारी मठ के अध्यक्ष तथा छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रामसुंदर दास का शॉल पहनाकर सम्मान किया और मंच पर उनका चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने ट्रस्ट को उनके द्वारा दी गई जमीन के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे कार्याे के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। आज राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के किसानों और हितग्राहियों के खाते में राशि का ऑनलाईन अंतरण करने के साथ-साथ रायपुर शहर में मल्टीलेवल पार्किंग परिसर, स्वामी आत्मानंद शहीद स्मारक स्कूल, अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्याे का लोकार्पण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी शहर के बस स्टेंड, बाजार, हास्पिटल, स्कूल-कॉलेज, मॉल, विकास कार्य उसकी पहचान होते है। रायपुर शहर में भी बूढ़ा तालाब का सौंदर्यकरण और जवाहर मार्केट का पुनः निर्माण जैसे अनेक कार्याे ने इसे नई पहचान दी है। इस अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल के बनने से रायपुर शहर में सार्वजनिक बस परिवहन को सु-व्यवस्थित व यात्रियों के लिए सुगम बनाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद शहीद स्मारक स्कूल में पहले केवल 59 बच्चे पढ़ते थे, अब यहां अच्छी कक्षा, पुस्तकालय, खेल मैदान, अच्छी पढ़ाई जैसे सुविधाएं दी जा रही हैं। अब इस स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़कर 700 हो गई है। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में अप्रोच से एडमिशन नही हो रहा, बल्कि योग्यता से एडमिशन होता है। रायपुर शहर के सप्रे स्कूल, दानी स्कूल, डॉ जे.एन पांडेय स्कूल जैसे स्कूलों का भी विकास किया जा रहा है।
 

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