हिंदुस्तान

1 अक्टूबर से IGST के ऑटोमैटिक रिफंड पर रोक

नई दिल्ली। एक अक्टूबर से पान मसाला, तंबाकू और इसी तरह की अन्य वस्तुओं के निर्यात पर इंटीग्रेटेड जीएसटी (आइजीएसटी) के स्वचालित रिफंड की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, ऐसी सभी वस्तुओं का निर्यात करने वालों को अपने रिफंड दावों के लिए कर अधिकारियों से संपर्क करना होगा और उनकी मंजूरी लेनी होगी। ये बदलाव एक अक्टूबर से लागू होंगे।
विशेषज्ञों ने कहा कि इस कदम का मकसद टैक्स चोरी को रोकना है, क्योंकि हो सकता है कि निर्यात किए जाने वाले सामानों की वैल्यूएशन ज्यादा की गई हो और ऐसी स्थिति में आइजीएसटी रिफंड की राशि भी बढ़ सकती है। अधिकारियों द्वारा रिफंड की जांच करने से बढ़ा-चढ़ाकर वैल्यूएशन बताने पर लगाम लगेगी और इस बात का भी पता लगाया जा सकेगा कि सभी चरणों में टैक्स का भुगतान किया गया है या नहीं।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जिन वस्तुओं के स्वचालित आइजीएसटी रिफंड पर रोक लगाई गई है, उनमें पान मसाला, कच्ची तंबाकू, हुक्का, गुटखा, धूम्रपान मिश्रण और मेंथा आयल सहित अन्य वस्तुएं शामिल हैं। ऐसी वस्तुओं पर 28 प्रतिशत आइजीएसटी और सेस लगता है। एएमआरजी एंड एसोसिएटेस के सीनियर पार्टनर रजत मोहन का कहना है कि पान मसाला, तंबाकू और अन्य समान वस्तुओं के स्वचालित रिफंड पर इस तरह के प्रतिबंध से निर्यातकों के पास नकदी में कमी आएगी।
साथ ही इस सेक्टर में ग्लोबल प्रतिस्पर्धा कम होगी और निर्यातकों पर प्रशासनिक बोझ बढ़ेगा। आइजीएसटी रिफंड को प्रतिबंधित करने से सरकार के कर राजस्व में अस्थायी तौर पर इजाफा हो सकता है, क्योंकि रिफंड राशि ज्यादा समय तक सरकार के पास रहेगी।

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