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"पीएम विश्वकर्मा योजना" को कैबिनेट से मिली मंजूरी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के एक दिन बाद बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी. इस योजना के तहत पांच साल में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. योजना का उद्देश्य कुशल कार्य में लगे श्रमिकों को सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार 15 अगस्त को इस योजना की घोषणा की. वह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराने के बाद लाल किले से देश को संबोधित कर रहे थे. वहीं, पीएम मोदी ने कहा था कि कौशल संबंधी कार्यों में लगे श्रमिकों को बढ़ावा देने के लिए विश्वकर्मा जयंती के मौके पर विश्वकर्मा योजना शुरू की जाएगी.
स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन यानी बुधवार 16 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने योजना को मंजूरी मिलने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है, जिस पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
30 लाख कारीगरों को होगा फायदा-
उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2027-28 तक पांच वर्षों में 13,000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसकी शुरुआत 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर होगी. इसके तहत ऐसे कर्मियों को लाभ मिलेगा, जो कौशल से जुड़े काम में लगे हैं और जहां गुरु-शिष्य की परंपरा अब भी चल रही है. मंत्री ने कहा कि इस योजना से 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को फायदा होगा.
इन लोगों को लाभ मिलेगा-
केंद्र सरकार की इस योजना से लाभान्वित होने वाले संभावित कारीगरों में लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री, धोबी, फूलवाले, मछली जाल बुनकर, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार आदि की गिनती की जा रही है। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन लोगों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. इसलिए केंद्र सरकार ने उन्हें ध्यान में रखते हुए यह योजना शुरू की है.
कौशल विकास पाठ्यक्रम-
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि कैसे अधिक कौशल विकसित किया जाए और पारंपरिक श्रमिकों को नए प्रकार के उपकरणों और डिजाइनों के बारे में जानकारी मिले। इस योजना के तहत पारंपरिक श्रमिकों को आधुनिक उपकरण खरीदने में भी मदद की जाएगी। योजना के तहत दो प्रकार के कौशल विकास पाठ्यक्रम- बेसिक और एडवांस - संचालित किये जायेंगे। कोर्स करने वाले कर्मियों को सरकार की ओर से वजीफा दिया जाएगा। स्टाइपेंड 500 रुपये प्रतिदिन की दर से मिलेगा.
इस तरह आपको आर्थिक मदद मिलेगी-
पीएम विश्वकर्मा योजना के पहले चरण में एक लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा, जिस पर ब्याज दर अधिकतम 5 प्रतिशत होगी। इसके बाद दूसरे चरण में पात्र श्रमिकों को 2-2 लाख रुपये का रियायती ऋण मिलेगा. पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र भी दिया जाएगा। आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपये दिये जायेंगे.

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