हिंदुस्तान

चंद्रयान-3 : अब रोवर प्रज्ञान की बारी

  • जानिए कब छुएगा चांद की जमीन
चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करके चंद्रयान-3 ने इतिहास रच दिया है। भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है, अब सभी की निगाहें प्रज्ञान रोवर पर हैं। प्रज्ञान रोवर अब चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए तैयार है। प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर उतरकर कई तरह की डेटा कलेक्शन करने वाला है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि विक्रम लैंडर के साथ चांद पर गया प्रज्ञान रोवर अपना काम 14 दिनों में खत्म कर लेगा। ऐसा बताया जा रहा है कि प्रज्ञान तत्काल काम करना शुरू कर देगा और वह लगातार 14 दिन तक काम करेगा।
रोवर प्रज्ञान इतने दिन करेगा काम-
रोवर प्रज्ञान अपना सारा डाटा विक्रम लैंडर को देगा और वहां से डाटा सीधा इसरो को एजेंसी में ट्रांसफर कर देगा। असल में धरती के 14 दिन के बराबर चांद का एक दिन होता है, इसी परिस्थिति के हिसाब से प्रज्ञान सिर्फ एक लूनर डे यानी 14 दिन तक एक्टिव रहेगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की वजह से उसे फिर से रिचार्ज किए जाने की उम्मीद कम है। हालांकि, इसरो के वैज्ञानिकों को भरोसा है कि प्रज्ञान और विक्रम एक अतिरिक्त लूनर डे तक काम कर सकते हैं, वहां उन्हें सूरज से मदद मिलेगी जिसके जरिए वे खुद को चार्ज कर सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत किसी खगोलीय पिंड पर यान उतारने की प्रौद्योगिकी हासिल करने वाले वाले चार देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया और यह अबतक चंद्रमा के अज्ञात रहे दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला पहला देश बन गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की साफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ।

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