मनमोहन सिंह निधन : सोनिया-राहुल-प्रियंका ने किए अंतिम दर्शन
27-Dec-2024 1:15:31 pm
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- श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हुए PM मोदी, मोदी कैबिनेट की मीटिंग में योगदान को किया गया याद
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. आज (27 दिसंबर) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई दिग्गजों ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए. सिंह का अंतिम संस्कार कल (28 दिसंबर) किया जाएगा. उनकी एक बेटी अमेरिका से आ रही हैं, जिनका इंतजार किया जा रहा है.
पूर्व पीएम के निधन पर सरकार ने 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. उनके निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने आज अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. बता दें कि उन्हें बेहोश होने के बाद गुरुवार (26 दिसंबर) शाम दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. निधन के बाद देर रात मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर AIIMS से उनके दिल्ली स्थित आवास पर लाया गया. डॉ. मनमोहन सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे. इससे पहले भी उन्हें कई बार स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के देश को योगदान को याद किया गया और एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया.
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए भारत रत्न की मांग की है. वहीं, देश के पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके साथ यूपीए-1 और यूपीए-2 कैबिनेट में सहयोगी रहे सुबोध कांत सहाय ने उन्हें याद किया है. सहाय ने कहा,'पूर्व पीएम का झारखंड से गहरा लगाव रहा है. मनरेगा की लॉन्चिंग के लिए उन्होंने झारखंड को ही चुना था. यह पहली योजना थी, जो तब कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मजदूरों को देती है.'
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी और कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह की विनम्रता, सौम्यता और बौद्धिकता उनकी पहचान बनी. दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा लेने और सरकार के शीर्ष पदों पर रहने के बाद भी उनका व्यक्तित्व बेहद सरल था. वे सभी के लिए सहज उपलब्ध रहे. जब मैं सीएम था, तब उनके साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुले मन से चर्चा होती थी. मेरे दिल्ली आने पर उनसे बात और मुलाकात होती थी.'