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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जल्द शुरू होगी ‘माई स्टडी रूम’ की सुविधा

विस्तार से मिलेगी सब्जेक्टों की जानकारी
नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के ज्ञान को समृद्ध करने की दिशा में बेहतरीन प्रयास किया जा रहा है। आने वाले समय में छात्रों के लिए आनलाइन कक्षाओं की योजना शिक्षा निदेशालय ने एक निजी संस्था के साथ मिलकर बनाई है, जहां छात्र स्कूल की कक्षाओं से इतर अपने घरों से आनलाइन कक्षाएं कर सकेंगे, जहां उन्हें अपने विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी और स्व-मूल्यांकन करने का भी अवसर मिलेगा कि वे किस विषय में कितने योग्य हैं।
नए सत्र से मिलेगा लाभ
राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए ये पहल की गई है। ताकि उन्हें अब स्कूल के बाद भी पढ़ाई की सुविधा मिल सके। शिक्षा निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक माई स्टडी रूम से संचालित होने वाली इन कक्षाओं में छात्रों के लिए विभिन्न विषयों की पठन सामग्री उपलब्ध होगी, जो कि विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार की हुई है। इसमें स्कूल के घंटों के बाद छात्रों को बताया जाएगा कि स्कूल के बाद घर में कैसे पढ़ाई करें।
छात्रों के लिए ये सुविधा नए सत्र से शुरू की जाएगी। कक्षा में पढ़ाए गए जिन विषयों के बारे में छात्रों को बेहतर तरीके से समझ नहीं आएगा, उन्हें वो घर पर आकर माई स्टडी रूम में उपलब्ध पठन सामग्री से जाकर आसान भाषा से पढ़ सकेंगे। विभिन्न विषयों की प्रेजेंटेशन भी उपलब्ध होगी। छात्रों को स्टडी रूम में संबंधित टापिक का चयन करके पूछे गए सवालों का उत्तर देना होगा। फिर उन्हें पता चल सकेगा उन्होंने स्कूल में किसी संबंधित विषय पर कितना सीखा। इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
हर छात्र को मिलेगा अलग आईडी पासवर्ड
आनलाइन माई स्टडी रूम कक्षा को लेकर छात्रों को क्यूआर कोड उपलब्ध कराया जाएगा जिसे मोबाइल ऐप की मदद से स्कैन कर छात्र स्टडी रूम से जुड़ सकेंगे। प्रत्येक छात्र का अलग आइडी और पासवर्ड होगा। निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक छात्रों को करियर संबंधी परामर्श दिया जाएगा। इन कक्षाओं को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला स्मार्ट लर्निंग और दूसरा खुद का मूल्यांकन। स्मार्ट लर्निंग छात्रों के लिए एक नालेज पूल है जहां उन्हें वीडियो ,पीडीएफ, पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम में अध्ययन सामग्री मिलेगी।
‘सीखने के लिए खुद भी किताबों या वीडियो से पढ़ना चाहिए’
निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर पहली बार किसी विषय को पढ़ाने में छात्र को औसतन 35 प्रतिशत ही विषय समझ आता है। उसे विषय को 60 से 70 प्रतिशत तक सीखने के लिए खुद भी किताबों या वीडियो से पढ़ना चाहिए। कई बार छात्र एक बार विषय को स्वयं से पढ़ने के बाद उसे पढ़ना बंद कर देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने इसे पूरी तरह से समझ लिया है, लेकिन यहां पर छात्र को ये समझाने के लिए कि अभी भी उन्हें पढ़े गए विषय में क्या चीज पता नहीं है और उसके अंतर को पाटने के लिए क्या करना होगा। इसके लिए उन्हें खुद का मूल्यांकन करने को कहा जाता है। इससे छात्र संबंधित विषय में अपने ज्ञान को 90 प्रतिशत से अधिक बढ़ा सकते हैं।

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