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साल में 2 बार 12वीं की परीक्षा कराने हो सकती है सिफारिश

साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स को मिलाकर बन सकता है एक कोर्स
नई दिल्ली। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को लेकर लगातार केंद्र सरकार की तरफ से प्रयास की जा रहे हैं. ऐसे में देश में स्कूली शिक्षा में सिलेबस में बदलाव हो रहे हैं. इसके साथ ही अलग तरीके से नए एग्‍जाम पैटर्न को अपनाने का भी प्रयास हो रहा है. नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशन स्टेज NCFFS) तैयार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित पैनल अब बहुत जल्द 12वीं बोर्ड एग्जाम को साल में 2 बार कराने की सिफारिश कर सकता है.
साल में 2 बार परीक्षा से छात्रों के लिए सुविधा होगी कि जिस सेमेस्टर में चाहे अपने पसंद के सब्‍जेक्‍ट का एग्‍जाम दे सकेंगे. इसके अलावा कक्षा 11वीं और 12वीं में साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स के पाठयक्रम को आसान करने की भी सिफारिश की जा सकती है. सदस्यीय संचालन समिति कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए बड़े बदलाव पर भी विचार कर रहा है. इसमें कक्षा 10 के छात्रों के लिए समिति एक वार्षिक प्रणाली का सुझाव दे सकती है.
कक्षा 12वीं की परीक्षा में छात्र अपने हिसाब से उन पेपर की परीक्षा दे सकते है जिनकी तैयारी उन्होंने पहले कर की है और बाकी बचे पेपर्स का दूसरे सेमेस्टर में एग्जाम दे सकते है. जानकारों की मानें तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सुझाए गए पहल के अनुसार, सिस्टम धीरे-धीरे 'ऑन डिमांड' परीक्षाओं की सुविधा की ओर बढ़ेगा.
NCF ने मसौदा लगभग तैयार कर लिया गया है और जल्द ही पब्लिक डोमेन में लाया जाएगा. आपको बता दें कि NCF में आखिरी बार 2005 में बदलाव किया गया था. इसके अलावा इसमें पाठयक्रम में बदलाव, और नई किताबों में नए चैप्टर को जोड़ने की प्रक्रिया को बल मिलेगा जिससे शिक्षा के क्षेत्र में आज के दौर के हिसाब से बदलाव संभव हो सकेगा.

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