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वैदिक गणित, भगवद् गीता और विश्व इतिहास

जानें... कितनी बदल जाएगी आपकी पढ़ाई
नई दिल्ली। नई शिक्षा नीति के जरिए करीब 36 साल बाद भारतीय शिक्षा नीति में कई बड़े बदलाव होने जा हैं. इसका मुख्य उद्देश्य बच्‍चों को शिक्षित, प्रोत्साहित और प्रबुद्ध करना है. एनईपी में पिछली शिक्षा नीति से संशोधन अनुसंधान, नवाचार और गुणवत्ता लाने की कोशिश की जाएगी. एनईपी के तहत छात्रों की किताबें अगस्त 2023 तक तैयार हो जाएंगी. हाल ही में नेशलन करिकुलम फ्रेमवर्क की संचालन समिति की बैठक में कई जरूरी बदलावों पर चर्चा हुई है, जो 2023-24 एकेडमिक सेशन में लागू होंगे.
New Education Policy 2023 के तहत प्राइमरी और हायर सेकेंडरी क्लासेस के सिलेबस में भी बदलाव किए जा रहे हैं. एनईपी के तहत छात्रों के लिए नई किताबों में विश्व इतिहास (world history), वैदिक गणित (Vedic maths) और भगवद् गीता के श्लोकों जैसे विभिन्न ग्रंथों को जोड़ा जाएगा.
हायर सेकेंडरी क्लासेस की नई किताबों में छात्रों को विश्व इतिहास में ग्रीस से लेकर मगध का इतिहास पढ़ाया जाएगा, धार्मिक सुधारों की जानकारी दी जाएगी और भारत के प्रमुख दार्शनिक स्कूलों को जोड़ा जाएगा. इसके अलावा स्कूल एजुकेशन 2023 में मध्ययुगीन भारत और विश्व में धार्मिक सुधार आंदोलन, औपनिवेशिक शक्ति का उदय और उनकी नीतियां नेशलन करिकुलम फ्रेमवर्क का हिस्सा होंगी.
वहीं छोटी क्लासेस यानी कक्षा 1 और 2 का सिलेबस लगभग तैयार है और इन दोनों कक्षाओं की पुस्तकों की छपाई के लिए अगस्त 2023 में कमीशन किए जाने की संभावना है. नेशलन करिकुलम फ्रेमवर्क की संचालन समिति 20 दिन पहले शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा को अंतिम रूप देगी. इस बैठक में सिलेबस के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई. ध्‍यान रहे कि यह नई किताबें बदले हुए सिलेबस के आधार पर पहले छप चुकी किताबों से अलग होंगी, जो अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू तीनों के अलावा कई भाषाओं में पब्लिश होंगी. 
बता दें कि नई एजुकेशन पॉलिसी में सबसे बड़ा बदलाव CBSE 10+2 पैटर्न की जगह 5+3+3+4 का पैटर्न माना जा रहा है. इस नई नीति के तहत 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं तो जारी रहेंगी, लेकिन परीक्षा की प्रणाली को इस तरह बदला जाएगा, जिससे कोचिंग कक्षाओं में जाने की जरूरत खत्म की जा सके.
 

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