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पुस्तकालय महोत्सव का उद्घाटन करेंगी राष्ट्रपति, 5-6 अगस्त को होगा कार्यक्रम

  • वन नेशन-वन डिजिटल लाइब्रेरी
नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय पांच और छह अगस्त को पुस्तकालयों की बंद अलमारी से किताबों की विरासत को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए पहली बार दो दिवसीय पुस्तकालय महोत्सव 2023 का आयोजन कर रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुस्तकालयों के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए इस अनूठे महोत्सव का उद्घाटन करेंगी, जबकि समापन कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मौजूद रहेंगे।
संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि देशभर की छोटी-बड़ी सभी पुस्तकालय, उनकी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक किताबों की विरासत, पत्र, पांडुलिपियों को सहेजने और उसे आम लोगों तक पहुंचाने के मकसद से वन नेशन-वन डिजिटल लाइब्रेरी की तैयारी चल रही है। इसी के तहत नीति आयोग पीएम के वन नेशन -वन डिजिटल लाइब्रेरी मिशन के पहले चरण में केंद्र सरकार के सभी पुस्तकालयों की एक संघ सूची बना रहा है। संस्कृति मंत्रालय को इस एमओसी के तहत पुस्तकालयों पर राष्ट्रीय मिशन के काम की जिम्मेदारी मिली है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुस्तकालय महोत्सव 2023 ज्ञान और कल्पना का जश्न मनाता है।
पुस्तकालय पांडुलिपियों को संरक्षित करते हैं और इतिहास और असीमित भविष्य के बीच की खाई को पाटते हैं। हमारी डिजिटल लाइब्रेरी पहल बाधाओं को तोड़ती है, सभी नागरिकों को ज्ञान तक पहुंच के साथ सशक्त बनाती है। महोत्सव पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण पर बातचीत शुरू करने के लिए दुनिया भर के प्रतिष्ठित पुस्तकालयों के बारे में जानकारी देगा। दरअसल, पुस्तकालयों की परिवर्तनकारी शक्ति और वन नेशन- वन डिजिटल लाइब्रेरी द्वारा दिए जाने वाले असीमित अवसरों को अपनाना है। पुस्तकालयों का विकास हमारी प्राथमिकता होगी।
संयुक्त सचिव, मुग्धा सिन्हा ने कहा कि डिजिटल, सोशल मीडिया और नए जमाने की प्रौद्योगिकी ने कहीं भी आराम से पढ़ना आसान बना दिया है पर आने वाले समय में पुस्तकालयों को अपनी दुर्लभ पुस्तकों, पांडुलिपियों और अभिलेखागारों के साथ  मांग कर्ताओं के साथ तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता होगी।
पुस्तकालयों की भी होगी रैंकिंग-
संस्कृति मंत्रालय के सचिव, गोविंद मोहन ने कहा कि विश्वविद्यालयों की तर्ज पर संस्कृति मंत्रालय पुस्तकालयों की रैंकिंग शुरू करने जा रहा है। इसमें 42 मापदंड तैयार किए गए हैं। महोत्सव के दौरान इसकी घोषणा की जाएगी। इसमें पंचायतों के ग्रामीण, मोबाइल, जिला से लेकर राष्ट्रीय पुस्तकालय भाग ले सकेंगे। इस रैंकिंग के आधार पर पाठकों को पता चलेगा कि कौन सा पुस्तकालय की किस स्तर का है। इस रैंकिंग से इंफ्रास्ट्रक्चर, पाठकों, किताबों की संख्या समेत अन्य सुविधाओं की जानकारी आम लोगों को मिलेगी। रैंकिंग में जगह बनाने के लिए पुस्तकालय सुविधाओं में इजाफा करेंगे और आम लोगों को सीधे इसका लाभ मिलेगा। वहीं, पुस्तकालय भावनात्मक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं। पुस्तकालयों और संग्रहालयों के बीच गहरा संबंध है और भौतिक और डिजिटल पुस्तकालयों के उचित मिश्रण की भी आवश्यकता है। इस महोत्सव में इन दोनों मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

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