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नई शिक्षा नीति के विरोध में शिक्षकों ने की असहयोग आंदोलन की घोषणा

  • छात्रों की मुश्किलें बढ़ी
मेघालय में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की कोशिश में 75 कॉलेजों के शिक्षकों ने ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (इनईएचयू) के खिलाफ असहयोग आंदोलन की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद प्रथम सेमेस्टर के हजारों स्नातक छात्र अब मुश्किल में पड़ गए हैं। राज्यभर के ये सभी 75 कॉलेज एनईएचयू के अंतर्गत आते हैं। 
लेडी कीन कॉलेज की एक छात्रा ने कहा, 'हमें बताया गया है कि शिक्षक और अधिकारियों के बीच नई शिक्षा नीति के विरोध में हो रहे झगड़ो के कारण पहले सेमिस्टर की क्लास अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।' उन्होंने आगे बताया कि बीए में एडमिशन के लिए वह कॉलेज की फीस भर चुकी है। शिक्षक और अधिकारियों के बीच हो रहे विरोध प्रदर्शन का असर अन्य सेमेस्टर की समयरेखा पर पड़ेगी। 
मेघालय कॉलेज टीचर एसोसिएशन (एमसीटीए) ने अपने सदस्यों को मंगलवार से तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की कक्षाओं का बहिष्कार करने का आदेश दिया। एमटीसीए सचिव ए डब्ल्यू रानी ने कहा कि सभी हितधारकों को ध्यान में न रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, 'शैक्षिक परिषद के समर्थन के बिना एनईपी को लागू करना जांच की प्रक्रिया को दरकिनार करना है।' 
यूनिवर्सिटी के कॉलेज विकास परिषद के अधिकारी 12 जुलाई को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें सभी कॉलेजों को 2023-2024 (अगस्त) के शैक्षणिक सत्र से एनईपी लागू करने का निर्देश दिया गया था। 
अधिकारी ने बताया कि मई और जून में यूनिवर्सिटी के 110वें शैक्षणिक काउंसिल की मीटिंग में दो सेमेस्टर के लिए चार वर्ष की यूजी कोर्स के पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी गई थी। एईएचयी के कुलपति प्रभा शंकर शुक्ला ने कॉलेज के प्रधानअध्यापकों के साथ एनईपी 2020 के कार्यान्वयन पर एक बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी कॉलेजों को यूनिवर्सिटी की तरफ से आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया था। यूनिवर्सिटी के एनईपी कार्यान्वयन कमिटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री और राज्य के शिक्षा मंत्री से इस मामले पर मुलाकात की थी। 

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