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आईआईटी मंडी के 11वें दीक्षांत समारोह में 565 विद्यार्थियों को प्रदान कीं डिग्रियां

मंडी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) आई.आई.टी. मंडी का 11वां दीक्षांत समारोह सोमवार को आयोजित किया गया, जिसमें परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डा. अजीत कुमार मोहंती ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। समारोह में 60 पीएच.डी. छात्रों सहित कुल 565 छात्रों को स्नातक शिक्षा प्राप्त करने पर डिग्रियां प्रदान की गईं। समारोह में इस बार आदित्य सरकार को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक और प्रीतीश चुघ को निदेशक स्वर्ण पदक मिला जिन्होंने पिछले वर्षों की संख्या को पार करते हुए आई.आई.टी. मंडी से स्नातक की। दीक्षांत समारोह में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला अहमदाबाद के प्रोफैसर आर.पी. सिंह, डा. बलविंदर सिंह वरिष्ठ निदेशक सैमसंग आर. एंड डी. इंस्टीच्यूट इंडिया बेंगलुरु, आनंद वोरा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, इंजीनियरिंग पॢसस्टैंट सिस्टस पुणे और प्रोफैसर अनिर्बान बंद्योपाध्याय प्रधान अनुसंधान वैज्ञानिक नैशनल इंस्टीच्यूट फॉर मैटीरियल्स साइंस एन.आई.एम.एस. त्सुकुबा जापान आदि सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। आई.आई.टी. मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष लैफ्टिनैंट जनरल सेवानिवृत्त कंवलजीत सिंह ढिल्लों द्वारा दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की गई।
मुख्यातिथि डा. अजीत कुमार मोहंती ने कहा कि स्नातक की पढ़ाई आसानी से नहीं होती है। इसमें वर्षों की कड़ी मेहनत और दृढ़ता, संघर्ष और बलिदान, सफलताएं, उपलब्धियां और शायद कुछ निराशाएं भी शामिल रहती हैं। उन्होंने कहा कि आपके जीवन और करियर की यात्रा में यह सबसे महत्वपूर्ण एवं एक यादगार मील के पत्थर के रूप में रहेगा। उन्होंने कहा कि युवा नेताओं, वैज्ञानिकों, उद्यमियों और पेशेवरों के रूप में आपके जीवन के अगले चरण में आपको कई नई चुनौतियां और अवसर मिलेंगे जो आपका इंतजार कर रहे हैं। आई.आई.टी. मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्ज के अध्यक्ष लैफ्टिनैंट जनरल (सेवानिवृत्त) कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि आज आपके प्रयासों की पराकाष्ठा और आपकी आकांक्षाओं और सपनों की प्राप्ति के लिए जश्न मनाने का दिन है। आई.आई.टी. मंडी के निदेशक प्रोफैसर लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि जैसे ही आप आई.आई.टी. मंडी के पथ प्रदर्शक बनते हैं, मुझे यकीन है कि आपकी पेशेवर दक्षताएं और समझौता न करने वाला चरित्र आपको विभिन्न तरीकों से समाज का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाता है। आपकी सफलता आई.आई.टी. मंडी की भी सफलता होगी। प्रोफैसर बेहरा ने कहा कि आई.आई.टी. मंडी ने अभी अपनी यात्रा शुरू की है और हमें एक लंबा रास्ता तय करना है। शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में संस्थान ने 400 से अधिक जर्नल पेपर प्रकाशित किए हैं और कुल 21.28 करोड़ रुपए के अनुदान के साथ 83 परियोजनाएं प्राप्त की हैं। इस वर्ष स्नातक कार्यक्रम में कुल 52 महिला छात्र, जबकि स्नातकोत्तर और परास्नातक कार्यक्रमों में 66 तथा पीएच.डी. में 14 हैं।

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