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PHD का रिसर्च सेंटर बनेगा हाइड्रो कालेज

बिलासपुर। बिलासपुर की बंदलाधार पर स्थापित हिमाचल प्रदेश का पहला गवर्नमेंट हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज पीएचडी का रिसर्च सेंटर बनेगा। इस संदर्भ में शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय (एचपीटीयू) की ओर से रिसर्च सेंटर की अप्रूवल मिलने की उम्मीद है। अप्रूवल मिलने के बाद जनवरी से एडमिशन शुरू करने की योजना है। इससे इंजीनियरिंग के अभ्यर्थी बंदला कालेज से पीएचडी की उपाधि कर सकेंगे। उन्हें पीएचडी के लिए दूसरे कालेजों का रुख नहीं करना पड़ेगा। बिलासपुर जिला के लिए यह वर्ग की बात होगी। बिलासपुर की बंदलाधार पर स्थित राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज में इस समय सिविल, इलेक्ट्रिकल और कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइजेशन (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस) ट्रेड चल रहे हैं। इन तीनों ट्रेड में 650 अभ्यर्थी अध्ययनरत हैं। तीसरा ट्रेड कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइजेशन एक तरह की माइनर डिग्री है।
अगले साल से चौथा ट्रेड मेकेनिकल और पांचवां कम्प्यूटर इंजीनियरिंग साइंस शुरू करने की भी योजना है। जानकारी के मुताबिक हाइड्रो कालेज में गल्र्ज और ब्वायज के लिए अलग-अलग होस्टल सुविधा उपलब्ध है। गल्र्ज की ट्यूशन फीस फ्री है। होस्टल में अभ्यर्थियों को ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की फैसिलिटी प्रदान की जा रही है। हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज में अनुभवी शिक्षण स्टाफ है, जबकि यहां पर पढ़ाई का माहौल अन्य स्थानों की अपेक्षा बहुत अच्छा है। हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज के प्रिंसीपल-कम डायरेक्टर डा. हिमांशु मोंगा ने बताया कि आने वाले समय में हाइड्रो कालेज पीएचडी का रिसर्च सेंटर बनेगा, जिसके लिए शीघ्र ही तकनीकी विश्वविद्यालय से अप्रूवल मिलने की उम्मीद है। अप्रूवल मिलने के बाद नए साल से एडमिशन शुरू कर दी जाएंगी। हाइड्रो कालेज में इस समय सिविल व इलेक्ट्रिकल के अलावा कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइजेशन (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस) कोर्सेज पढ़ाए जा रहे हैं। आने वाले समय में चौथा मैकेनिकल और पांचवां ट्रेड कम्प्यूटर इंजीनियरिंग प्लेन भी शुरू करने की योजना है।

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