सावन के पहले शनिवार को शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 3 चीजें
12-Jul-2025 2:57:09 pm
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- शनिदेव और महादेव की मिलेगी कृपा
सावन 11 जुलाई 2025 से शुरू हो चुका है, जो 9 अगस्त 2025 तक चलने वाला है। इस महीने भगवान शिव और माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव पूरे ब्रह्मांड की कमान संभालते हैं। इतना ही नहीं, वे धरती पर आकर भक्तों पर विशेष कृपा भी बरसाते हैं। इसलिए इस महीने शिव मंदिरों में उनकी प्रिय चीजों से भव्य तरीके से जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता है। सोमवार के अलावा इस दौरान शनिवार का भी विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि सावन शनिवार को भगवान शिव की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं। इस दौरान शिवलिंग पर कुछ चीजें चढ़ाना और भी लाभकारी माना जाता है। इसके प्रभाव से शनि महाराज की कृपा भी प्राप्त होती है। साथ ही शनि दोष, तनाव, रोग और कर्ज जैसी समस्याएं भी कम होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं सावन के पहले शनिवार को शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए।
सावन के पहले शनिवार को करें ये तीन आसान उपाय
शनिवार के दिन शिवलिंग पर सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है। यह उपाय आपको सौभाग्य प्रदान कर सकता है। साथ ही, यह चल रही स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर कर सकता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के पहले शनिवार को काले तिल और जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे तनाव, रोग और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
सावन के पहले शनिवार को शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाना चाहिए। इससे करियर में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
शनि गायत्री मंत्र
ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि।
शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रं स: शनैश्चराय नम:।
शनि स्तोत्र
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।
शनि पिडाहर स्तोत्र
सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः।
दीर्घाचारः प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनिः।।
तन्नो मंदः प्रचोदयात्।।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षय मामृतात् ॐ भुवः भूः स्वः ॐ सः जूं हौं ॐ।
सुख और शांति पाने का मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
शिव मूल मंत्र: ॐ नमः शिवाय
भगवान शिव के शक्तिशाली मंत्र
ॐ साधो जातये नमः। ॐ वं देवाय नमः।
ॐ अघोराय नमः। ॐ तत्पुरुषाय नमः।
ॐ ईशानाय नमः. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।