सोशल मीडिया पर हर ट्रेंड राम के नाम; लोग बोले- आज किसी भी रूप में आएंगे हनुमान
22-Jan-2024 1:22:23 pm
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नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण अपने अंतिम चरण में है। आज 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर का उद्घाटन हो गया और प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई। रामजन्मभूमि पर मस्जिद के निर्माण से लेकर वापस राम लला के भव्य मंदिर बनने तक लगभग पांच सदियां लग गईं। चुनौतियों और लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार भक्तों को उनका राम मंदिर मिल गया है। प्रभु श्रीराम बाल रूप में अयोध्या में विराजमान हो गए हैं। इसी को लेकर पूरा देश राम मय हो गया है। सोशल मीडिया पर कुछ ट्रेंड हो रहा है तो वो सिर्फ राम का नाम। हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा', 'राम' या 'अवध में राम' ही छाया हुआ है। आइए जानते हैं 500 साल बाद राम मंदिर मिलने पर आम लोगों की क्या प्रतिक्रिया है।
नंबर एक पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हैशटेग बना हुआ है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने कहा कि वह एक ईसाई हैं फिर भी उनका मानना है कि हिंदू धर्म एकमात्र सच्चा धर्मनिरपेक्ष धर्म है जो अन्य धर्मों को आराम से सह-अस्तित्व में रहने देता है। उन्होंने कहा कि यह एक नए भारत की शुरुआत है। इसकी विरासत को फिर से शुरू करने की शुरुआत है।
वहीं राम की भक्ति में डूबे एक यूजर ने कहा- 'मुझे लगता है कि अभिषेक और प्राण प्रतिष्ठा करने का पहला अधिकार हनुमान जी का है। मुझे उम्मीद है कि वह आज किसी भी रूप में वहां आएंगे।'
वहीं, एक इंस्टाग्राम यूजर ने एक वीडियो शेयर की है। कैप्शन लिखा है कि 'श्रीरामलला के स्वागत हेतु श्रीरामजन्मभूमि फूलों से सज्जित हो रही है।'
एक अन्य यूजर ने कहा कि मैं समझा नहीं सकता हूं कि मैं अभी क्या महसूस कर रहा हूं। मैं अभी बहुत ज्यादा भावुक हूं।
वहीं, एक यूजर ने लिखा- '500 साल का इंतजार आज खत्म हो गया है। मैं बहुत भाग्यशाली और धन्य महसूस कर रहा हूं कि मैं खुद इसे देख सकता हूं। जय श्री राम'
एक यूजर ने कहा, 'भावुक हूं,आह्लादित हूं, आनंदित हूं, मर्यादित हूं, शरणागत हूं, संतुष्ट हूं, नि:शब्द हूं, निर्विकार हूं! मैं राममय हूं!! जन जन के आराध्य प्रभु श्रीराम के नव्य एवं भव्य मंदिर मे पदार्पण की सभी को हार्दिक बधाई।
वहीं, एक यूजर ने लिखा 'आई गए रघुनन्दन, सजवा दो द्वार द्वार..'
एक यूजर ने लिखा- 'मंदिर वहीं बनाएंगे। श्री राम मंदिर आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। वह आदमी जिसने पूरी व्यवस्था के साथ लड़ाई लड़ी और कारसेवा का नेतृत्व किया! जय श्री राम।'