31 साल पहले आज ही के दिन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड में टेस्ट मैच में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ा था। 17 साल और 112 दिन की उम्र में, वह टेस्ट शतक बनाने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के बल्लेबाज थे। तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक लगाने में आठ टेस्ट मैच लगे। उन्होंने दूसरी पारी में 189 गेंदों पर नाबाद 119 रन बनाए और भारत को मैच ड्रा करने में मदद की। इस पारी ने तेंदुलकर को उनका पहला प्लेयर आफ द मैच का अवार्ड भी दिलाया। तीन मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में इंग्लैंड ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। कप्तान ग्राहम गूच (116), माइक एथरटन (131) और राबिन स्मिथ ( नाबाद 121) की शतक के मदद से मेजबान टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी में कुल 519 रन बनाए। जवाब में, कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की 179 रनों की पारी के बावजूद भारत 432 रन पर ढेर हो गया। संजय मांजरेकर ने 93 रन बनाए, जबकि सचिन तेंदुलकर ने 68 रन बनाए।
इंग्लैंड ने 87 रनों की बढ़त के साथ अपनी दूसरी पारी 320/4 पर घोषित की और भारत को 408 रनों का लक्ष्य दिया। माइक एथरटन ने 74 रन की पारी खेली जबकि एलन लैंब ने शतक (109) लगाया। राबिन स्मिथ और जैक रसेल क्रमशः 61 और 16 रन बनाकर नाबाद रहे। 408 रनों का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही और उसने अपने सलामी बल्लेबाज नवजोत सिद्धू (0) और रवि शास्त्री (12) को सस्ते में खो दिया। संजय मांजरेकर और दिलीप वेंगसरकर ने तीसरे विकेट के लिए 74 रन की साझेदारी की।इसके बाद मांजरेकर (50) और वेंगसरकर (32) आउट हो गए। सचिन तेंदुलकर नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने आए। उन्होंने कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ मिलकर स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाया और पांचवें विकेट के लिए 18 रन की साझेदारी की। कप्तान अजहर 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। कपिल देव ने तेंदुलकर के साथ छठे विकेट के लिए 56 रन की साझेदारी की। देव 26 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद तेंदुलकर और मनोज प्रभाकर ने सावधानी से खेला और पांचवें दिन के अंत में क्रमश: 119 और 26 रन बनाकर नाबाद रहे और मेहमान टीम ने मैच को सफलतापूर्वक ड्रा कराया। दोनों ने नाबाद 160 रन की साझेदारी की।
इस बीच, तेंदुलकर ने इटरनेशनल क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ने की उपलब्धि भी हासिल की। महाराष्ट्र में जन्मे इस खिलाड़ी का क्रिकेट में शानदार करियर रहा। शायद ही कोई बल्लेबाजी में रिकार्ड होगा, जो उनके नाम नहीं हैं। तेंदुलकर ने 15 नवंबर 1989 को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। उसी वर्ष 18 दिसंबर को उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला। इस महान क्रिकेटर ने खेल के सबसे लंबे प्रारूप में सबसे अधिक 15 हजार 921 रन बनाए हैं। साथ ही, तेंदुलकर ने सबसे अधिक 51 टेस्ट शतक बनाए। वनडे क्रिकेट में तेंदुलकर की बादशाहत कायम है। इस प्रारूप में भी वह सबसे अधिक रन बनाने वाले क्रिकेटर हैं। वनडे में उनके नाम 18 हजार 426 रन हैं, जिसमें 49 शतक शामिल हैं। तेंदुलकर ने 24 साल तक चले अपने करियर के दौरान छह विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया। वह 2011 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे।