खेल

दुनिया के नंबर-1 चेस मास्टर को भारतीय ग्रैंड मास्टर प्रज्ञानानंद ने दूसरी बार हराया

नई दिल्ली: भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद ने शतरंज के मैदान में इस साल दूसरी बार एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. 16 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर ने दुनिया के नंबर-1 चेस मास्टर मैग्नस कार्लसन को तीन महीने में दूसरी बार करारी शिकस्त दी है.

प्रज्ञानानंद ने इससे पहले 21 फरवरी को ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में कार्लसन को 39 चाल में शिकस्त दी थी. दूसरी बार भी चेसेबल मास्टर्स टूर्नामेंट में में हराया है. चेसेबल मास्टर्स एक 16 खिलाड़ियों का ऑनलाइन रैपिड चेस टूर्नामेंट है.

टूर्नामेंट में प्रज्ञानानंद और कार्लसन के बीच पांचवें राउंड में मुकाबला खेला जा रहा था. यह मैच काफी रोमांचक रहा. एक समय यह मुकाबला दोनों के बीच ड्रॉ होने जा रहा था. तभी 40वीं चाल के बाद कार्लसन ने एक बड़ी गलती कर दी और इसका खामियाजा उन्हें हार के साथ भुगतना पड़ा. 40वीं चाल में गलती के बाद अगली ही चाल में प्रज्ञानानंद ने कार्लसन को मात दे दी.
 
चेसेबल मास्टर्स टूर्नामेंट के दूसरे दिन के बाद कार्लसन 15 पॉइंट्स के साथ तीसरे स्थान पर हैं, जबकि प्रज्ञानानंद 12 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर हैं. चीन के वेई यी 18 के स्कोर के साथ टॉप पर हैं, इसके बाद डेविड एंटोन हैं, जिनके पास 15 का स्कोर है.
 
चेन्नई के प्रज्ञानानंद ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल किया. प्रज्ञानानंद यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. प्रज्ञानानंद सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर की सर्वकालिक सूची में पांचवें स्थान पर हैं.
 
भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आंनद ने उनका मार्गदर्शन किया है. ग्रैंडमास्टर बनने के बाद से प्रज्ञानानंद ने लगातार प्रगति की लेकिन इसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण कई टूर्नामेंट रुक गए. प्रज्ञानानंद को क्रिकेट पसंद है और उन्हें जब भी समय मिलता है तो वह मैच खेलने के लिए जाते हैं |

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