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105 साल की रमाबाई ने राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीते दो स्वर्ण पदक

गुजरात के वडोदरा में आयोजित राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जब हरियाणा के चरखी दादरी जिले की 105 साल की रमाबाई ने दौड़ लगाई तो वहां मौजूद दर्शकों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं।गुजरात के वडोदरा में आयोजित राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जब हरियाणा के चरखी दादरी जिले की 105 साल की रमाबाई ने दौड़ लगाई तो वहां मौजूद दर्शकों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं। ग्रैंड ओल्ड लेडी रमाबाई ने लोगों को निराश भी नहीं किया और अपने हौसले और जुनून की बदौलत 100 मीटर और 200 मीटर स्प्रिंग दौड़ में दो स्वर्ण पदक जीते।

मान कौर का रिकॉर्ड तोड़ा
वडोदरा में जब दौड़ शुरू हुई तो दर्शक उनके हौसले को देखकर खुश थे। उन्होंने जैसे ही 100 मीटर की दौड़ 45.40 सेकंड में पूरी की, वैसे ही एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड 2017 में 101 साल की मान कौर के नाम था, जिन्होंने 74 सेकंड में रेस पूरी की थी। रविवार को 200 मीटर की दौड़ को उन्होंने 1 मिनट, 52.17 सेकंड में पूरी की

रोज सुबह करती हूं जॉगिंग
105 साल की उम्र में खुद को फिट रहने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं हर सुबह जल्दी उठती हूं और जॉगिंग करती हूं। मैं अपने घर के सारे काम खुद करती हूं। मैं खेतों में भी रोज काम करती हूं। वहीं कहती हैं कि अभी मुझे कोई नहीं रोक सकता। मुझे हमेशा से खुद पर भरोसा रहा है। मैं अब विदेश यात्रा करना चाहती हूं।

जब जन्म हुआ था, तब विश्व युद्ध प्रथम चरम पर था
रामबाई का जन्म 1917 में हुआ था, तब विश्व युद्ध प्रथम अपने चरम पर था। वहीं भारत में जॉर्ज पंचम (रानी एलिजाबेथ द्वितीय के दादा) का शासन था। उस समय भी संयुक्त राष्ट्र में पहली बार पुलित्जर पुरस्कार दिया गया था। रमाबाई ने जीत के बाद कहा कि यह एक अच्छा एहसास है और मैं फिर से दौड़ना चाहती हूं।

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