दुनिया-जगत

लाहौर में पहली बार धुंध को साफ करने कृत्रिम वर्षा का इस्तेमाल

  • AQI के स्तर में दिखा सुधार, हालात अभी भी बदतर
करांची। पाकिस्तान में पहली बार धुंध को साफ करने के लिए कृत्रिम वर्षा का इस्तेमाल किया गया। पाकिस्तान ने संयुक्त अरब से मिले बारिश का इस्तेमाल करते हुए लाहौर के धुंध को हटाने के लिए कृत्रिम बारिश की। अंतरिम मुख्यमंत्री मोहसिन ने कहा कि क्लाउड सीडिंग उपकरण से लैस विमानों ने लाहौर के 10 क्षेत्रों में उड़ान भरी।
लाहौर अक्सर दुनिया के सबसे प्रदुषित शहरों की सूची में शामिल रहता है। पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में निम्न श्रेणी के डीजल धुंए, मौसमी फसल जलने से निकलने वाली धुंआ के कारण वायु प्रदुषण बदतर हो गई है। अक्तूबर में पाकिस्तान कs कार्यवाहक सरकार कृत्रिम बारिश करवाने के विचार पर विचार कर रही थी। 
यूएई से मिले तोहफे से पाकिस्तान ने बारिश के लिए 48 फ्लेयर्स वाले दो विमानों का इस्तेमाल किया। आईक्यू एयर के अनुसार 18 दिसंबर तक लाहौर में एक्यूआई का स्तर 192 था जो अस्वस्थ्य श्रेणी में है। हालांकि, खतरनाक स्तर से थोड़ा सुधार हुआ है।
क्या होता है कृत्रिम बारिश-
कृत्रिम बरिश जिसे क्लाउड सीडिंग के तौर पर भी जाना जाता है। केमिकल के मदद से बादलों को बारिश कराने के लिए तैयार किया जाता है, इससे होने वाली वर्षा को ही कृत्रिम बारिश कहा जाता है। हालांकि, यह कोई आसान प्रक्रिया नहीं होती है, इसके लिए अनुमति की जरूरत होती है। कई देशों ने जरूरत पड़ने पर कृत्रिम बारिश करवाई है। 
बता दें कि दुनिया में सबसे पहले कृत्रिम बारिश का कॉन्सेप्ट 1945 में विकसित किया गया था। आज दुनिया के 50 देशों में इस कॉन्सेप्त का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में सबसे पहले कृत्रिम बारिश 1951 में कराई ई थी, इसके बाद साल 1973 में आंध्र प्रदेश में सूखे की स्थिति पैदा होने के बाद यहां कृत्रिम बारिश करवाई गई थी। कर्नाटक और तमिलनाडु में भी इकरा प्रयोग किया गया था। चीन में 2008 में बिजिंग ओलंपिक में क्लाउड सीडिंग उपकरण से लैस 21 विमानों की मदद से कृत्रिम बारिश कराई गई थी। 

Leave Your Comment

Click to reload image

Jhutha Sach News

news in hindi

news india

news live

news today

today breaking news

latest news

Aaj ki taaza khabar

Jhootha Sach
Jhootha Sach News
Breaking news
Jhutha Sach news raipur in Chhattisgarh