दक्षिणी और पश्चिमी अफगानिस्तान में तीन प्रांतों में तालिबान और अफगान सेना के बीच भीषण जंग शुरू हो गई है। तालिबान देश के तीन बड़े शहरों पर कब्जा करना चाहता है और इसी वजह से उसने जोरदार हमले शुरू किए हैं। पाकिस्तान से आए जिहादी आतंकी उसकी इस काम में मदद कर रहे हैं। अफगान सेना ने तालिबान को करारा जवाब देने के लिए हेरात शहर में बड़ी संख्या में कमांडो तैनात किए हैं।वहीं देश के दक्षिण में स्थित हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में तालिबान के घातक हमलों के बाद और ज्यादा सैनिकों की मांग की गई है। तालिबान ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार को भी निशाना बनाया है और वहां से विमानों की उड़ान को रोक दिया गया है। तालिबान ने रविवार को कंधार एयरपोर्ट पर रॉकेट हमला किया था। समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक देश के ज्यादातर शहरों में अब विमानों के उड़ान को रोक दिया गया है।
अफगानिस्तान में हवाई सेवा का जल्द से जल्द शुरू हो जाना जरूरी है क्योंकि इसके जरिए ही सैन्य मदद भेजी जा रही है। इस बीच तालिबान ने कंधार, हेरात और लश्कर गाह शहर को चारों ओर से घेर रखा है। एएफपी न्यूज एजेंसी ने हेलमंद प्रांत के प्रमुख अताउल्ला अफगान ने कहा, 'शहर के अंदर जंग जारी है। हमने विशेष सुरक्षा बलों को तैनात करने की मांग की है।' अफगान सुरक्षा बल अब हवाई हमलों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं ताकि आतंकियों को शहरों से पीछे ढकेला जा सके।
लश्कर गाह शहर के एक निवासी हलीम करीमी ने कहा, 'शहर बहुत ही बुरे हाल में है। मैं नहीं जानता हूं कि क्या होगा।' इस शहर की आबादी करीब दो लाख है। उन्होंने कहा कि न तो तालिबान हम पर दया दिखाएंगे और न ही अफगान सरकार बमबारी बंद करेगी। उधर, पश्चिमी हेरात शहर के बाहरी इलाके में भीषण जंग जारी है। अफगान सेना ने तालिबान के ठिकानों पर रात में बमबारी की है। हेरात के गवर्नर के प्रवक्ता ने बताया कि 100 से ज्यादा तालिबान आतंकी मारे गए हैं। तालिबान और अफगान सरकार दोनों ही आतंकियों की संख्या को बहुत बढ़ाचढ़ाकर पेश कर रहे हैं। रविवार को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सैकड़ों कमांडो को हेरात शहर को बचाने के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि ये सैनिक तालिबान के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई करेंगे। इस बीच अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान की आलोचना की है और कहा कि उसकी शांति की कोई मंशा नहीं है।