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अमेरिका और चीन के बीच शीत युद्ध की आशंका, सैन्‍य क्षमताओं में हुआ इजाफा

अमेरिका और चीन के बीच शीत युद्ध की आंशका तेज हो गई है। चीन लगातार अपनी सैन्‍य क्षमताओं में इजाफा कर रहा है। अभी तक पीएलए थलसैनिक शक्ति पर आधारित फोर्स रही है, लेकिन अब समुद्र, आकाश और साइबर वर्ल्ड से आ सकने वाली चुनौतियों से जूझने के लिए राष्ट्रपति च‍िनफ‍िंग पीएलए के विभिन्न अंगों में बड़ा बदलाव कर रहे हैं। चीन की इस रणनीति को अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने ड्रैगन की सबसे बड़ी चुनौती बताया है। चीन के हाइपरसोनिक हथ‍ियारों के परीक्षण और पीएलए की संख्‍या में वृद्धि के साथ अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। आखिर क्‍या है अमेरिका की बड़ी चुनौती ? सुपरसोनिक मिसाइल के बाद पीएलए को मजबूत करने में क्‍यों जुटा है चीन ?

आखिर ड्रैगन से क्‍यों भयभीत हुआ अमेरिका

1- प्रो. हर्ष वी पंत ने कहा कि अमेरिका भलीभांति चीन के इरादे भांप चुका है। सुपरसोनिक मिसाइल के बाद पीएलए को सुदृढ़ करने के चीनी रणनीत‍ि से अमेरिका की यह चिंता जायज है। चीन के हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण के बाद अमेरिका की चिंता बढ़ गई थी। यह मिसाइल अपने लक्ष्‍य भेदने में माहिर है। प्रो. पंत का कहना है कि चीन का यह हथियार स्‍पष्‍ट रूप से अमेरिकी मिसाइल डिफेंस से बचने के उद्देश्‍य से तैयार किया गया है। हालांकि, चीन ने अमेरिकी तर्क का खंडन किया है, लेकिन अमेरिका चीन के चाल को जानता है। इसलिए वह सावधान हो गया है।

2- उन्‍होंने कहा कि चीन अपनी भावी रणनीति के तहत यह काम कर रहा है। वह मिसाइल परीक्षण के साथ अपनी सैन्‍य क्षमता में इजाफा कर रहा है। चीनी सेना में व्‍यापक बदलाव किए गए हैं। पीएलए ने अपने फ्रंटलाइन के आक्रमणकारी सैनिकों की संख्‍या में इजाफा किया है। चीनी सेना में यह बदलाव ड्रैगन की सोची समझी रणनीति का हिस्‍सा है। वह दूनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था के अलावा वह सबसे बड़ी ताकत बन चुका है। धनी होने के मामले में चीन ने तो अमेरिका को पछाड़ दिया है।

3- बता दें कि 1950 के दशक में कोरियन युद्ध के दौरान चीनी सेना में लगभग 60 लाख सैन्‍यकर्मी हुआ करते थे, लेकिन राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग के ताजा कटौती के बाद पीएलए के सैनिकों की संख्या लगभग 20 लाख हो गई है। पीएल अब फौज को इस प्रकार से व्यवस्थित कर रहा है कि चीनी सेना में काम करने वाले सैनिकों का सबसे बेहतर यानि आप्टिमम लाभ पीएलए को मिल सके। इसी मकसद से काम्बैट यानि लड़ाकू दस्तों में ज्‍यादा सैनिकों को शामिल किया जा रहा है। अब अधिक से अधिक युवाओं को लड़ाकू दस्तों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे युवाओं की संख्या करीब तीन लाख तक है, जिनकी बहाली के लिए चीनी रक्षा बजट में प्रावधान किया जा चुका है।
 

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