दुनिया-जगत

फ्रांस ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए नए नियमों की घोषणा

फ्रांस सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिए सोमवार को कुछ नए नियम लागू करने की घोषणा की. हालांकि, नए साल से पहले कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं. फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स ने बताया कि अगले सप्ताह से बंद केन्द्रों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में 2 हजार और खुले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में 5 हजार लोग ही शामिल हो पाएंगे. संगीत समारोहों के दौरान लोगों से अपनी जगह पर बैठे रहने की अपील की गई है. बार में लोगों के खड़े होने की भी अनुमति नहीं होगी.
 
फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स ने बताया कि सिनेमाघरों, खेल केन्द्रों और सार्वजनिक परिवहनों में खाने और पीने की सुविधाओं पर प्रतिबंध होगा. अगर संभव हो तो सप्ताह में तीन दिन घर से कार्य करने की सलाह दी गई है. ये नए नियम कम से कम तीन सप्ताह तक लागू रहेंगे. फ्रांस में एक दिन में सर्वाधिक 1,00,000 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रेंच रिवेरा पर फोर्ट डी ब्रेगनकॉन में अपने अवकाश निवास से इस संबंध में सरकार के महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस भी की. नए उपाय पिछले दिसंबर में लागू किए गए उपायों की तुलना में कम सख्त हैं, जब पूरे देश में रात में कर्फ्यू लगा दिया गया था. कास्टेक्स ने पुष्टि की कि स्कूलों को निर्धारित समय तीन जनवरी से एक बार फिर खोला जाएगा.

टेन के बाद फ्रांस में तेजी से बढ़ रहे केस यूरोप में ब्रिटेन के बाद फ्रांस में ओमिक्रॉन  के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. इसकी वजह से फिलहाल 16 हजार लोग हॉस्पिटल में एडमिट हैं. फ्रांस में इस वक्त कोरोना की पांचवी लहर चल रही है. वायरस की आउटब्रेक स्पीड को रोकने के लिए नाइट क्लबों को बंद कर दिया गया. नए साल पर आतिशबाजी के कार्यक्रमों पर भी रोक लगाई गई है. स्वास्थ्य मंत्री ओलीविए वेरेन ने कहा है कि हम बूस्टर डोज देने पर जोर दे रहे हैं.

भारत में क्या है स्थिति? भारत में कोरोना की स्थिति फिलहाल नियंत्रित है. हालांकि, ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों से चिंता के साथ पाबंदियां भी बढ़ा दी गई हैं. दिल्ली, यूपी के कुछ इलाकों और कर्नाटक में तो नाइट कर्फ्यू का भी ऐलान कर दिया गया है. वहीं, बहुत से राज्यों ने सख्ती बढ़ा दी है. बहरहाल भारत में कोरोना के दैनिक मामलों में बड़ा उछाल नहीं देखने को मिला है और यह लगातार 6 से 7 हजार केसों के बीच बने हुए है | 
 

 

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