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ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीएम जॉनसन ने बूस्टर डोज को बताया जरूरी

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दावा किया है कि संक्रमण के कारण आईसीयू में भर्ती मरीजों में 90 फीसदी वो हैं, जिन्हें बूस्टर डोज नहीं लगी है. प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लगभग 24 लाख डबल-वैक्सीन वाले (जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज ली हैं) लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज  नहीं ली है. इसलिए अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों में से ज्यादातर इसी श्रेणी के हैं.जॉनसन ने ये बात ऐसे वक्त पर कही है, जब एनएचएस (नेशनल हेल्थ सर्विस) के आईसीयू में भर्ती मरीजों के टीकाकरण से जुड़े आंकड़ों में ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है. इंटेंसिव केयर नेशनल ऑडिट एंड रिसर्च सेंटर के हालिया शोध से संकेत मिलता है कि लंदन में आईसीयू में पिछले महीने कोविड के कारण भर्ती हुए अधिकांश लोगों को वैक्सीन नहीं लगाई गई है. इससे पहले महीने की शुरुआत में भी प्रधानमंत्री ने ओमिक्रॉन वेरिएंट पर चिंता जताते हुए लोगों से बूस्टर डोज लगवाने की अपील की थी.

जरूरी बताई जा रही बूस्टर डोज कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार बूस्टर डोज या बूस्टर शॉट को दो वैक्सीन के बाद तीसरी वैक्सीन के तौर पर दिया जाता है. जो अधिक प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ तीसरी बूस्टर डोज को प्रभावी माना जाता है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसकी अभी तक पुष्टि नहीं की है. प्रधानमंत्री की अपील के बाद से वैक्सीन लेने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3.3 करोड़ हो गई है. इनमें से 10 लाख वैक्सीन महज एक दिन में क्रिसमस से कुछ समय पहले ही लगाई गई हैं.
 
अधिकतर आबादी का टीकाकरण हुआ ब्रिटेन की अधिकतर आबादी का टीकाकरण हो गया है. टीकाकरण अभियान की प्रभावशीलता पर जोर देते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा कि 2022 तक कोई और पाबंदी नहीं लगाई जाएगी. हालांकि पीएम इस बात से सहमत दिखे कि कोरोनो वायरस संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़े हैं उन्होंने इस बात पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट अभी भी देश में गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है. फिर भले ही ये डेल्टा वेरिएंट की तुलना में हल्के लक्षणों वाला है. इस बीच ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने हफ्ते की शुरुआत में संकेत दिया कि नए साल से पहले इंग्लैंड में कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. ताकि लोग अच्छे से नई साल का जश्न मना सकें |

 

 

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