हिंदुस्तान

जुलाना विधानसभा सीट से विनेश फोगाट ने भरा नामांकन

जुलाना। जुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और पहलवान विनेश फोगाट ने कहा, "हम मेहनत कर रहे हैं। मैंने पहलवानी करते हुए सीखा है कि दुश्मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए...हम सरकार में आकर हर वर्ग के भले के लिए मेहनत कर रहे हैं। जुलाना के लोगों ने मुझे बहू से ज्यादा बेटी माना है। मैं बहुत भाग्यशाली हूं।"
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भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए यह सबसे अच्छा समय : PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुधवार को कहा गया कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में निवेश के लिए यह भारत में सबसे अच्छा समय है, क्योंकि भारत में वैश्विक कंपनियों का मजबूत इकोसिस्टम मौजूद है। साथ ही बड़ी संख्या में स्किल्ड लोग भी हैं।
दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में 'सेमीकॉन इंडिया 2024' इवेंट में इंडस्ट्री के बड़े पक्षकारों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में चिप में कभी मंदी नहीं होगी, आप हमारी ग्रोथ स्टोरी पर दांव लगा सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत में आकर निवेश कर वैल्यू क्रिएट करें। हम आपको ग्रोथ के लिए एक इकोसिस्टम उपलब्ध कराएंगे। भारत के पास सेमीकंडक्टर डिजाइन में दुनिया के ग्लोबल टैलेंट का 20 प्रतिशत हिस्सा है। हम 85,000 की मजबूत सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स बना रहे हैं। इसमें तकनीकी विशेषज्ञ, आरएंडडी एक्सपर्ट्स और डिजाइनर शामिल हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के 'अनुसंधान फंड' का उद्देश्य बेसिक रिसर्च और प्रोटोटाइप डेवलपमेंट को समर्थन देना है। इसमें सेमीकंडक्टर भी शामिल है। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत एक सुधारवादी सरकार प्रदान करता है, जो कि एक बढ़ता हुआ मैन्युफैक्चरिंग बेस और महत्वाकांक्षी तकनीक-उन्मुख बाजार भी है। हम सेमीकंडक्टर के लिए 85,000 इंजीनियर्स और टेकनिशियन का एक मजबूत टैलेंट पूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस उद्देश्य से 113 से ज्यादा यूनिवर्सिटिज, शैक्षिणिक और आरएंडडी संस्थाएं जुड़ी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी एग्जीबिशन में भी गए और कंपनियों से सेमीकंडक्टर सॉल्यूशंस को लेकर बातचीत की। इससे पहले मंगलवार को सेमीकंडक्टर कंपनियों के सीईओ ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने केवल भारत को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को प्रोत्साहित किया है।
राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियों के सीईओ ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की थी। इसमें एसईएमआई, माइक्रोन, एनएक्सपी, पीएसएमसी, आईएमईसी, रेनेसा, टीईपीएल, टोक्यो इलेक्ट्रॉन लिमिटेड, टॉवर, सिनोप्सिस, कैडेंस, रैपिडस, जैकब्स, जेएसआर, इनफिनियन, एडवांटेस्ट, टेराडाइन, एप्लाइड मैटेरियल्स, लैम रिसर्च, मर्क, सीजी पावर और कायन्स टेक्नोलॉजी शामिल थी।
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भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भूकंप के झटके

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 दर्ज की गई. कहा जा रहा है कि भूकंप का केंद्र पाकिस्तान है.
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं.
रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपिसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.
कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक?-
कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
- 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है.
- 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो.
- 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है.
- 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है.
- 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं. जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं.
- 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं.
- 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है.
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अमेरिका में आरक्षण को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान भड़के अमित शाह

  • कहा- देशविरोधी बातें करना राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आदत
नई दिल्ली। अमेरिका में आरक्षण को लेकर दिए राहुल गांधी के एक बयान ने भारत की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। राहुल गांधी ने कोटा पर एक सवाल के जवाब में कहा था कि अभी आरक्षण को खत्म करने का सही समय नहीं आया है। उनके इस जवाब को लेकर विवाद पैदा हो गया है और अब होम मिनिस्टर अमित शाह ने उन पर तीखा हमला बोला है। अमित शाह ने कहा, 'आरक्षण समाप्त करने की बात करके राहुल गांधी एक बार फिर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने लाए हैं। राहुल का बयान क्षेत्रवाद, धर्म और भाषा के आधार पर दरार पैदा करने की कांग्रेस की राजनीति को उजागर करता है।'
गृह मंत्री ने विस्तार से अपनी राय एक्स पर लिखी है। उन्होंने लिखा, 'देशविरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी की आदत सी बन गई है। चाहे जम्मू-कश्मीर में JKNC के देशविरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो, या फिर विदेशी मंचों पर भारत विरोधी बातें करनी हो, राहुल गाँधी ने देश की सुरक्षा और भावना को हमेशा आहत किया है। भाषा से भाषा, क्षेत्र से क्षेत्र और धर्म से धर्म में भेदभाव लाने की बात करना राहुल गाँधी की विभाजनकारी सोच को दर्शाता है।'
इसके आगे वह लिखते हैं, 'राहुल गांधी ने देश से आरक्षण को समाप्त करने की बात कह कर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर से देश के सामने लाने का काम किया है। मन में पड़े विचार और सोच किसी न किसी माध्यम से बाहर आ ही जाते हैं। मैं राहुल गाँधी को बताना चाहता हूँ कि जब तक भाजपा है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता।'
अमित शाह ने कहा कि चाहे जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्र-विरोधी एजेंडे के समर्थन की बात हो या विदेश में भारत-विरोधी टिप्पणी करना, राहुल ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है। उन्होंने कहा कि भारत को बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों के साथ खड़े होना और देश विरोधी बयान देना राहुल गांधी और कांग्रेस की आदत बन गई है। राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि भारत में आरक्षण खत्म करने का यह सही समय नहीं है। हम इसके बारे में तभी विचार करेंगे, जब भारत एक अच्छी जगह बन जाएगा। उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के छात्रों से बातचीत में कहा कि भारत में जब हालात बेहतर होंगे और सभी तक उनके अधिकार पहुंच जाएंगे, तभी इस बारे में विचार किया जा सकता है।
आरक्षण को लेकर राहुल गांधी के इस बयान पर बसपा प्रमुख मायावती का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी दलितों और ओबीसी को आरक्षण देने के पक्ष में नहीं रही। कांग्रेस की यूपीए सरकार ने ही प्रमोशन में आरक्षण को रोक कर रखा और अब जातिगत जनगणना के लिए भी उससे उम्मीद नहीं की जा सकती।
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भारत विरोधी बयान देने वाली सांसद से मुलाकात कर घिरे राहुल गांधी, BJP हुई हमलावर

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अमेरिका के तीन दिनों के दौरे पर हैं. इस दौरान राहुल गांधी ने अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इस मुलाकात की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिन पर विवाद हो गया है. इन तस्वीरों में राहुल गांधी के साथ भारत विरोधी इल्हान उमर नजर आ रही हैं. अब बीजेपी ने इसे लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा है.
बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता संजू वर्मा का कहना है कि राहुल गांधी सत्ता में आने के लिए उतावले हैं. इसी उतावलेपन की वजह से ही कोई कट्टरपंथी इस्लामिक इल्हान उमर से मुलाकात कर सकता है.
बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने कहा कि लाल घेरे में यह महिला अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता इल्हान उमर है, जो खालिस्तान और कश्मीर को अलग देश बनाने का लगातार समर्थन करती हैं. अभी अमेरिका में राहुल गांधी जी इसी एजेंडे के लिए समर्थन जुटा रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका में इल्हान उमर से मुलाकात की है. इल्हान भारत विरोधी, कट्टरपंथी इस्लामिक और आजाद कश्मीर की पैरोकार है. यहां तक कि इस मुलाकात को लेकर पाकिस्तान के नेता भी चौकन्ना होंगे. कांग्रेस अब खुलकर भारत के खिलाफ काम कर रही है.
यह मुलाकात वॉशिंगटन डीसी में रेबर्न हाउस ऑफिस बिल्डिंग में हुई. इस बैठक की मेजबानी कांग्रेसमैन ब्रेडली जेम्स शर्मन ने की. इस प्रतिनिधिमंडल में इल्हान उमर के अलावा सीनेटर जोनाथन जैकसन, सीनेटर रो खन्ना, सीनेटर राजा कृष्णमूर्ति, सीनेटर बारबरा ली, सीनेटर, श्री थानेदार, जीसस जी. गार्सिया, सीनेटर हैंक जॉनसन और जैन स्काकोवस्की शामिल हैं.
इल्हान उमर अमेरिकी सांसद हैं. वह 2019 से अमेरिकी कांग्रेस की डेमोक्रेट सदस्य हैं. वे पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं जो चुनाव जीतकर अमेरिकी संसद पहुंचीं. वे संसदीय सीट पर चुनाव जीतने वालीं पहली अश्वेत महिला भी हैं. वे अमेरिकी संसद पहुंचने वाली पहली दो मुस्लिम-अमेरिकी महिलाओं में भी शामिल हैं. वह अमेरिका में अपने इजरायल विरोधी रुख की वजह से जानी जाती हैं.
इल्हान ने साल 2022 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) का दौरा किया था. उसी दौरे को लेकर अमेरिका की सालाना रिपोर्ट से पता चला था कि पाकिस्तान ने इल्हान के इस दौरे को फंड किया था. रिपोर्ट में बताया गया था कि पाकिस्तान सरकार ने 18 से 24 अप्रैल के इल्हान उमर के दौरे को फंड किया था. इसमें उनके रहने से लेकर खाने तक का खर्चा भी शामिल था.
इल्हान को उनके भारत विरोधी विचारों के लिए जाना जाता है. उन्होंने पीएम मोदी के अमेरिकी संसद में दिए गए भाषण का बहिष्कार भी किया था. बता दें कि इल्हान उमर भारत के खिलाफ कई बार विदेशी मंचों से आलोचना कर चुकी हैं. वे भारत को अल्पसंख्यक विरोधी भी बता चुकी हैं. एक बयान में बाइडेन प्रशासन पर निशाना साधते हुए इल्हान उमर ने कहा था कि भारत में लंबे समय से मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने तब यहां तक कह दिया था कि भारत में मुस्लिम होना अपराध जैसा है.
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पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर की फायरिंग, BSF का एक जवान घायल

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के जम्मू जिले में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की गई, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान घायल हो गया।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना की ओर से बुधवार को संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया गया। इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने समझौते का उल्लंघन करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। भारतीय सेना की ओर से गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया गया, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी बंद हुई। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि 11 सितंबर को सीमा पार से अखनूर इलाके में गोलीबारी की घटना हुई, जिसका बीएसएफ ने मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तानी गोलीबारी में बीएसएफ के एक जवान घायल हो गया है।
बीएसएफ के एक प्रवक्ता के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सेना हाई अलर्ट पर है। सुरक्षाबलों की टीम बॉर्डर पर कड़ी निगरानी रख रही है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण में अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों की 16 सीटों पर चुनाव होंगे। इसके अलावा डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों की आठ विधानसभा सीटों पर मतदान 18 सितंबर को होगा।
वहीं, जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे और तीसरे चरण में मतदान होगा। ज्ञात हो कि जम्मू डिवीजन के पहाड़ी जिलों पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर में पिछले दो से तीन महीनों के दौरान सेना, सुरक्षाबलों और नागरिकों पर आतंकवादी हमले दर्ज किए गए हैं। इन हमलों के बाद सेना ने कई जिलों में 4,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है।
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अमेरिका में राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर साधा निशाना

नई दिल्ली। अमेरिका में छात्रों-शिक्षकों से बातचीत के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, भारत भाषाओं, परंपराओं और धर्मों का एक संघ है, जब भारतीय लोग अपने धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, तो वे अपने देवता के साथ विलीन हो जाते हैं। यह भारत की प्रकृति है। इस दौरान राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस की गलतफहमी यह है कि वे सोचते हैं कि भारत अलग-अलग चीजों का एक समूह है, मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता। कई मौकों पर मैं उनके साथ सहानुभूति रखता हूं।
वहीं राहुल गांधी ने आरएसएस के बहाने भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष किया और कहा कि सत्ताधारी पार्टी यह नहीं समझती कि देश सबके लिए है, जबकि नागपुर में मुख्यालय रखने वाले उनके लिए केवल एक विचारधारा महत्वपूर्ण है। वर्जीनिया के हर्नडन में एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता ने भारत की विविधता का उदाहरण देने के लिए भोजन की थाली में अलग-अलग व्यंजनों का जिक्र किया।
राहुल गांधी ने आगे आरोप लगाया कि आरएसएस का मानना है कि कुछ राज्य और समुदाय दूसरों से कमतर हैं। इसी बात को लेकर लड़ाई है। हमारा मानना है कि सभी का अपना इतिहास, परंपरा और भाषा है। उनमें से हर एक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कोई और। अगर कोई आपसे कहे कि आप तमिल नहीं बोल सकते तो आप क्या करेंगे? आपको कैसा लगेगा? आप कैसे प्रतिक्रिया देंगे? यही आरएसएस की विचारधारा है- कि तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी- सभी निम्न भाषाएं हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, लड़ाई इस बात पर है कि हम किस तरह का भारत चाहते हैं। क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां लोगों को वह मानने की अनुमति हो जो वे मानना चाहते हैं?... या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां केवल कुछ लोग ही तय कर सकें कि क्या होने वाला है।
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बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में 14 दिन बाद सुनवाई

  • 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द का मामला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में 14 दिन बाद सुनवाई करेगा। बता दें,  बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी, जिसमें राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य कर दिया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकार और अन्य की याचिकाओं पर 24 सितंबर को सुनवाई की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि मंगलवार को सूचीबद्ध याचिकाओं के समय पर दिन में कुछ अन्य मामलों की सुनवाई की वजह से कार्यवाही नहीं हो पाएगी। पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।
सीजेआई का कहना है कि हम 24 सितंबर को इस मामले में सुनवाई करेंगे। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह याचिकाओं पर 10 सितंबर को सुनवाई करेगी और पक्षकारों को 16 अगस्त तक याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था। 
पीठ ने नोडल वकीलों (राज्य सरकार की तरफ से आस्था शर्मा, शालिनी कौल, पार्थ चटर्जी और शेखर कुमार) से जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में इकट्ठा करें। इन पीडीएफ दस्तावेजमें दोनों पक्षों की तरफ से जिन फैसलों का जिक्र किया गया है उनकी जानकारी होनी चाहिए।
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छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए मणिपुर में सख्ती

  • राज्य सरकार ने तीन जिलों में लागू की निषेधाज्ञा
मणिपुर। मणिपुर में शांति बहाली की मांग को लेकर छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद, राज्य के तीन जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। जानकारी के मुताबिक इंफाल के पूर्वी और पश्चिमी जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है, जिससे लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से रोका जा रहा है, जबकि थौबल में बीएनएसएस की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
इंफाल पूर्व और पश्चिम में पूर्ण कर्फ्यू लागू-
मामले में पूर्वी इंफाल के डीएम की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण, 10 सितंबर की सुबह 11 बजे से कर्फ्यू में ढील देने के पहले के आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द किया गया हैं। इसलिए, अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से इंफाल पूर्व जिले में पूर्ण कर्फ्यू लागू रहेगा। वहीं इंफाल पश्चिम के डीएम की तरफ से जारी एक अन्य आदेश में कहा गया है, पहले के सभी आदेशों को रद्द करते हुए, 10 सितंबर के लिए कर्फ्यू में ढील की अवधि आज सुबह 11 बजे से हटाई जाती है।
स्वास्थ्य, मीडिया समेत आवश्यक सेवाएं कर्फ्यू से बाहर-
आदेश में कहा गया है, पिछले साल एक सितंबर से लोगों के अपने-अपने आवासों से बाहर आवागमन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था। बता दें कि पहले 10 सितंबर के लिए कर्फ्यू में छूट तड़के पांच बजे से शाम 10 बजे तक थी, लेकिन नवीनतम आदेश ने इसे समाप्त कर दिया। हालांकि, मीडिया, बिजली, अदालत और स्वास्थ्य समेत आवश्यक सेवाओं को कर्फ्यू के दायरे से बाहर रखा गया है। दोनों जिलों में यह आदेश ऐसे समय में आए हैं जब मणिपुर में छात्र राज्य सरकार के पुलिस महानिदेशक डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की अपनी मांग को लेकर अपने प्रदर्शन को तेज करने की योजना बना रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने में असमर्थ हैं।
प्रदर्शन में गोली चलने से एक पुलिसकर्मी घायल- पुलिस
थौबल में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है, क्योंकि पुलिस का दावा था कि सोमवार को जिले में प्रदर्शनकारी छात्रों में से किसी ने गोली चलाई जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। इस बीच कई स्कूलों और कॉलेजों के सैकड़ों छात्रों ने इंफाल के ख्वाइरामबंद महिला बाजार में लगाए गए शिविरों में रात बिताई। छात्र नेता चौधरी विक्टर सिंह ने मंगलवार सुबह पत्रकारों से कहा, हमने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को अपनी छह मांगों पर जवाब देने के लिए 24 घंटे की समयसीमा दी है। समयसीमा समाप्त होने के बाद हम अपनी कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।
हिंसक घटनाओं में आठ लोगों की मौत, 12 घायल
हजारों छात्रों ने सोमवार को मणिपुर सचिवालय और राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया और हाल ही में हुए ड्रोन एवं मिसाइल हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तथा राज्य की क्षेत्रीय और प्रशासनिक अखंडता की सुरक्षा की मांग की। बता दें कि राज्य में हुई ताजा हिंसक घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं इस के बाद बाद में छात्रों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और राज्यपाल आचार्य से मुलाकात की। छात्र प्रतिनिधियों ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने छह मांगें रखी हैं, जिसमें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को उनकी कथित विफलता के लिए हटाने की मांग शामिल है। उन्होंने यह भी मांग की कि एकीकृत कमान, जिसकी वर्तमान में अध्यक्षता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह कर रहे हैं, उसे राज्य सरकार को सौंप दिया जाए।
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विवादित टिप्पणी मामला : शशि थरूर को मानहानि केस में SC से राहत

  • शिकायतकर्ता को नोटिस जारी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादास्पद टिप्पणी मामले में मानहानि केस का सामना कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में निचली अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले भाजपा नेता राजीव बब्बर को भी नोटिस जारी किया है और थरूर की याचिका पर चार हफ्ते के अंदर जवाब देने के लिए कहा है।
हाल ही में इस मामले में राहत के लिए थरूर ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका को ठुकरा दिया था। इसके बाद सोमवार को ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली बेंच ने चार बजे तक सुनवाई चलाने की सामान्य परंपरा को तोड़ते हुए शाम छह बजे तक सुनवाई की।
मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा था?-
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अगस्त को थरूर के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया, प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी घृणित और निंदनीय हैं। हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया, टिप्पणी से प्रधानमंत्री, सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ इसके पदाधिकारियों और सदस्यों की भी मानहानि हुई है।
भाजपा की तरफ से दर्ज कराई गई थी शिकायत-
थरूर के खिलाफ भाजपा की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने शिकायत दायर की थी। कांग्रेस नेता ने निचली अदालत के 27 अप्रैल, 2019 के आदेश को निरस्त किए जाने का आग्रह किया था, जिसमें उन्हें बब्बर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत के साथ-साथ 2 नवंबर, 2018 की शिकायत में आरोपी के रूप में तलब किया गया था।
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'साइबर सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना देश की प्रगति संभव नहीं : अमित शाह

  • I4C की स्थापना दिवस पर बोले केंद्रीय गृह मंत्री
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को देश की साइबर सुरक्षा पर बात की। उन्होंने कहा कि देश का विकास साइबर सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना संभव नहीं है। साथ ही साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर अपराध की कोई सीमा नहीं होती और इसलिए यह जरूरी है कि सभी हितधारक खतरे से निपटने के लिए एक साथ आएं।
गृह मंत्री शाह ने आई4सी (भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र) के स्थापना दिवस समारोह पर कहा कि साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है। हमें साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए क्योंकि साइबर सुरक्षा के बिना देश का विकास संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार भारत में साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक योजना बना रही है। इसके तहत अगले पांच सालों में 5000 साइबर कमांडो को साइबर अपराध से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके लिए इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। 
46 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में-
साइबर स्पेस को सुरक्षित बनाने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के 46 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहे हैं। उन्होंने देश में साइबर अपराध से लड़ने के लिए आई4सी के तहत चार प्लेटफार्मों का भी उद्घाटन किया।
क्या है आई4सी ?-
बता दें, I4C की स्थापना 2018 में गृह मंत्रालय (MHA) के तहत की गई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य देश में साइबर अपराधों से संबंधित सभी मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना है। आई4सी को कानून-प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमताओं को बढ़ाने और साइबर अपराध से निपटने वाले विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार करने के लिए भी अनिवार्य किया गया है।
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दिलीप जायसवाल ने नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार के कयासों को किया खारिज

पटना। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के विस्तार के कयासों पर विराम लगा दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि मंत्रिमंडल में किसी भी प्रकार का विस्तार नहीं होगा। लिहाजा इस संबंध में जितनी भी खबरें सियासी गलियारों में चर्चा में हैं, उस पर ध्यान न दिया जाए।
उन्होंने अपने दिल्ली दौरे पर कहा, “हम मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर नहीं, बल्कि ‘सदस्यता अभियान’ के संबंध में विस्तार से चर्चा करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं, ताकि आगे की रूपरेखा तैयार कर उसे जमीन पर उतार सकें। मैं सभी लोगों से यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि वो मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध से जुड़ी जितनी भी चर्चाएं चल रही हैं, उस पर ध्यान न दें, तो बेहतर रहेगा।” इस बीच, जब उनसे जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से हुई मुलाकात के संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया, “इस मुलाकात को कोई भी व्यक्ति मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर न देखे। इस मुलाकात का इससे कोई सरोकार नहीं है। हम आपस में मिलते रहते हैं। हर मुलाकात को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है।”
उन्होंने कहा, “अगर किसी को लगता है कि यह मुलाकात मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़ी है, तो यह गलत है। हमारी मुलाकात का अहम विषय यह था कि आगामी दिनों में संगठन को कैसे और मजबूत बनाया जाए? इसे कैसे जमीनी स्तर पर मजबूत किया जाए? इसका विस्तार कैसे किया जाए? इस संबंध में हमने चर्चा की थी। यह मुलाकात काफी सार्थक रही, जिसके परिणाम भी आने वाले दिनों में हमें देखने को मिलेंगे।” बता दें कि बीते दिनों दिलीप जायसवाल ने कहा था कि नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार कभी-भी हो सकता है। पूरी रूपरेखा तैयारी कर ली गई है। अब बस इसे जमीन पर उतारने की कवायद शुरू करनी है। हम लगातार इस दिशा में प्रयासरत हैं। लेकिन, अब उन्होंने खुद ही सामने आकर इन कयासों पर विराम लगा दिया है।
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कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश : NIA की भी एंट्री

  • पुलिस ने 6 संदिग्धों को लिया हिरासत में
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश रचने में यूपी ATS को जमात पर शक है. इसलिए एटीएस ने अपनी जांच का दायरे में जमातियों को शामिल किया है. इसके अलावा अब इस घटना की आतंकी एंगल से भी जांच करने की तैयारी हो रही है क्योंकि अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की भी एंट्री भी हो गई है. एनआईए ने कानपुर पुलिस से कॉन्टेक्ट कर इस पूरे मामले की जानकारी ली है.
बताया जा रहा है कि एनआईए जल्द ही कानपुर आकर इस मामले में अपनी जांच शुरू करेगी. उससे पहले एजेंसी ने कानपुर पुलिस के सीनियर अधिकारियों से बात कर मामले की जानकारी ले ली है. इससे पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और यूपी ATS भी इस मामले की जांच कर रही है. एटीएस के आईजी शिवराजपुर पुलिस थाने के अंदर पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. इसके अलावा पुलिस ने इसकी जांच के लिए पांच टीमों का गठन किया है. पुलिस की टीमों ने संदिग्ध लोगों को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया है.
दरअसल कानपुर से सटे बिल्हौर के मकनपुर में हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह की मजार है. यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में जमातियों का आना-जाना लगा रहता है. इसी वजह से पुलिस ने जांच के दायरे में जमातियों को भी लिया है. कानपुर के डीसीपी वेस्ट ने बताया कि कानपुर के बिल्हौर में बड़े पैमाने पर देश भर से जमातियों का डेरा रहता है. इसलिए उनकी गतिविधियों की जांच की जा रही है.
आठ सितंबर की रात करीब 8:30 बजे अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकराई थी. यह हादसा बर्राजपुर और बिल्हौर स्टेशन के बीच हुआ था. पुलिस के मुताबिक, लोको पायलट ने बताया कि उसे ट्रैक पर कोई संदिग्ध चीज दिखाई दी, जिसके बाद उसने ब्रेक मारी, लेकिन उसके बाद भी ट्रेन पर काबू नहीं किया जा सका और ट्रेन उस चीज से टकरा गई, जिसके बाद काफी तेज आवाज हुई. लोको पायलट के मुताबिक, इस घटना के बाद उसने ट्रेन को रोक दिया और गार्ड समेत अन्य अधिकारियों को इस घटना की जानकारी दी.
इस घटना की जानकारी मिलते ही अनवरगंज स्टेशन के रेलवे अधीक्षक, रेलवे पुलिस फोर्स और अन्य रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए. मौके पर जांच की गई तो पुलिस को झाड़ियों में एलजीपी का एक जला हुआ सिलेंडर, मिठाई के डिब्बे में पेट्रोल की बोतल और बारूद के साथ ही माचिस जैसे कई घातक पदार्थ भी मिले. ट्रेन को आधा घंटा रोकने के बाद रवाना कर दिया गया. मौके पर पुलिस और फॉरेंसिक टीमों ने आकर जांच पड़ताल की. सभी संदिग्ध वस्तुओं को जांच के लिए भेज दिया गया.
बीते 17 अगस्त की रात कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे इंजन समेत पटरी से नीचे उतर गए थे. ये ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी. हादसे का शिकार हुई ट्रेन के ड्राइवर ने बताया था कि बोल्डर के इंजन से टकराने के कारण हादसा हुआ क्योंकि जैसे ही बोल्डर इंजन से टकराया, वैसे ही इंजन का कैटल गार्ड बुरी तरह से मुड़ गया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि इस हादसे की जांच इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और यूपी पुलिस कर रही है. हादसे के एविडेंस सुरक्षित कर लिए गए हैं.
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GSV और भारतीय वायु सेना के बीच MoU से कुशल रसद प्रणाली बनाने में मदद मिलेगी : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारतीय रेलवे के गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) और भारतीय वायु सेना के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन सशस्त्र बलों के लिए एक कुशल रसद प्रणाली बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारत को रक्षा क्षेत्र में "आत्मनिर्भर" बनाने के उद्देश्य को भी पूरा करेगा। रक्षा मंत्री और रेल मंत्री की मौजूदगी में भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना ने रसद संचालन में कर्मियों के कौशल को बढ़ाने के लिए गति शक्ति विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन दोनों सेवाओं को रसद पर उच्च विशेषज्ञता हासिल करने में सक्षम करेगा। यह रसद संचालन के विभिन्न पहलुओं पर इन-हाउस विशेषज्ञता के विकास को सुनिश्चित करेगा और राष्ट्रीय विकास योजनाओं - पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय रसद नीति 2022 में प्रभावी रूप से योगदान देगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "आज हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हम गति शक्ति विश्वविद्यालय और भारतीय वायु सेना के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होते हुए देख रहे हैं। मेरा मानना ​​है कि रक्षा क्षेत्र के लिए यह कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद हमारे सशस्त्र बल और रसद विशेषज्ञ एक साथ काम करेंगे।
रसद आजकल केवल एक सहायक कार्य नहीं है, बल्कि यह सैन्य संचालन और राष्ट्रीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण कारक है। एक कुशल रसद प्रणाली सशस्त्र बलों को जल्दी से जुटाएगी और कम समय के भीतर संसाधनों को सही जगह पर पहुंचाने में भी मदद करेगी। हम सभी जानते हैं कि जिस तरह से हमारी सेना काम करती है, उन्हें कुछ उपकरणों, सैनिकों और आपूर्ति के लिए निर्बाध आवाजाही की आवश्यकता होती है " रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है और यह समझौता ज्ञापन इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा। जब हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो इसका मतलब है कि हमारी सैन्य सेवाओं की ज़रूरतें हमारे अपने स्रोतों से पूरी होती हैं। रसद के लिए , अगर हमें विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, तो हम गति शक्ति विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं अगर हमें उपकरणों की जरूरत है, तो इसे भारत के उद्योगों में बनाया जाना चाहिए। हमारा मानना ​​है कि मजबूत भारत की नींव तभी रखी जा सकती है जब हम आत्मनिर्भर होंगे। यह समझौता ज्ञापन हमें उस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा..." राजनाथ सिंह ने कहा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "गति शक्ति विश्वविद्यालय एक डोमेन के रूप में लॉजिस्टिक्स पर केंद्रित है। जिस संपूर्ण विषय पर इस विश्वविद्यालय को विकसित किया जा रहा है, वह यह है कि पाठ्यक्रम के प्रत्येक आइटम की पंक्ति उद्योग-केंद्रित होनी चाहिए। इसलिए, हमने गति शक्ति विश्वविद्यालय को जो लक्ष्य दिया है... वह यह है कि इस विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के पास पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष तक कम से कम दो नौकरी के प्रस्ताव होने चाहिए और उन्हें यह तय करना चाहिए कि रोजगार के लिए कहां जाना है या स्वरोजगार करना है, बजाय इसके कि उद्योग यह तय करने की कोशिश करे। यह सोचने का एक बहुत ही अलग तरीका है, मुझे बहुत खुशी है कि अब तक की प्रगति इतनी अच्छी रही है संपूर्ण पाठ्यक्रम एयरबस की आवश्यकता के अनुसार होगा, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, बुनियादी ढांचा तैयार हो रहा है। प्रयोगशाला, बुनियादी ढांचा, कक्षाएँ सब कुछ विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है, लेकिन पाठ्यक्रम, मेंटरशिप, इंटर्नशिप एयरबस द्वारा तय की जाएगी।" इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें सीडीएस, वायु सेना प्रमुख, सेना प्रमुख, रक्षा सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल थे। गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) , एक नव निर्मित केंद्रीय विश्वविद्यालय है और यह परिवहन और रसद क्षेत्रों में भारत का पहला विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय उच्च गुणवत्ता वाले जनशक्ति का निर्माण करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा और शिक्षा-उद्योग इंटरफेस के माध्यम से लागू शिक्षा, प्रशिक्षण, कौशल और अनुसंधान में एक अद्वितीय मूल्य प्रस्ताव प्रदान करता है। (एएनआई)
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनकी पत्नी ने लालबागचा राजा में भगवान गणेश की पूजा की

मुंबई (एएनआई)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनकी पत्नी सोनल शाह ने राज्य में चल रहे गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान सोमवार को मुंबई में भगवान गणेश के दर्शन किए और लालबागचा राजा में पूजा-अर्चना की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भगवान गणेश की पूजा करने के लिए मुंबई में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के आधिकारिक आवास वर्षा बंगले गए। उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस के आवास का भी दौरा किया । इससे पहले, शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर अमित शाह और भाजपा पदाधिकारियों के मुंबई पहुंचने पर कड़ी आपत्ति जताई। राउत की टिप्पणियां भाजपा और उसके नेतृत्व पर निर्देशित थीं, उन्होंने उन पर मुंबई की पहचान और हितों को कम करने का आरोप लगाया। राउत ने अपने संबोधन की शुरुआत शाह के लालबागचा राजा के लगातार दौरे के बारे में बोल "अमित शाह देश के गृह मंत्री हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। वे सबकुछ हैं। वे हमेशा लालबागचा आते रहते हैं। पूरे देश से लोग लालबागचा राजा के दर्शन के लिए आते हैं और उन्हें आना भी चाहिए। लेकिन जिस तरह से लालबागचा राजा की संपत्ति बढ़ रही है - अभी परसों ही मैंने देखा कि एक उद्योगपति ने उन्हें 17 करोड़ रुपये का सोने का मुकुट भेंट किया," राउत ने कहा।
शिवसेना नेता ने कहा, "भगवान की प्रतिष्ठा भक्तों की आस्था से नहीं बढ़ती। भगवान तो भगवान ही होते हैं, चाहे उन्हें सोना, चांदी, पैसा या कुछ और दिया जाए। वे कुछ भी लेने से भगवान नहीं बन जाते, बल्कि लोग यह सब आस्था से करते हैं।" राउत ने कहा कि भाजपा की हरकतें मुंबई की प्रतिष्ठा और संसाधनों को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने दावा किया, "हमने जो कुछ भी देखा है, अमित शाह जी और मोदी जी ने सब कुछ गुजरात में ले लिया है। चाहे वह उद्योग हो, व्यापार संस्थान हो या कुछ और, चाहे वह हमारी जमीन हो, वे सब कुछ गुजरात ले गए हैं क्योंकि यह मुंबई की प्रतिष्ठा से जुड़ा है।" गणेश चतुर्थी , हिंदू चंद्र-सौर महीने भाद्रपद के चौथे दिन से शुरू होने वाला दस दिवसीय त्योहार, शनिवार, 7 सितंबर को शुरू हुआ।
यह त्योहार, जिसे विनायक चतुर्थी या विनायक चविथी के रूप में भी जाना जाता है, भगवान गणेश , 'नई शुरुआत के देवता' और 'बाधाओं को दूर करने वाले' का सम्मान करता है, उनकी बुद्धि और बुद्धिमत्ता का जश्न मनाता है। यह त्योहार मुंबई और महाराष्ट्र भर में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
घरों और सार्वजनिक पंडालों को विस्तृत सजावट से सजाया जाता है, और हवा प्रार्थना, संगीत और उत्सव के मंत्रों से भर जाती है। सड़कें जीवंत जुलूसों और पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ जीवंत हो जाती हैं क्योंकि लोग स्वादिष्ट प्रसाद तैयार करते हैं और खूबसूरती से सजाए गए पंडालों में जाते हैं। जैसे-जैसे गणेश चतुर्थी शुरू होती है, त्योहार का आनंद और उत्साह स्पष्ट होता है। उत्सव की भावना हलचल भरी भीड़, रंगीन सजावट और त्योहारी मिठाइयों की सुगंधित खुशबू में स्पष्ट होती है। (एएनआई)
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मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार सतर्क

  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को जारी की एडवाइजरी
  • स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की हिदायत
नई दिल्ली। Mpox या मंकी पॉक्स भारत में भी चिंता बढ़ाता नजर आ रहा है। संदिग्ध मामला मिलने के बाद अब केंद्र सरकार की तरफ से भी एडवाइजरी जारी हो गई है। खबर है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने संदिग्धों की स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की हिदायत दी है। खास बात है कि WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन मंकी पॉक्स को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है। इस बीमारी से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें वायरल इन्फेक्शन की स्क्रीनिंग में तेजी और हालात पर नजर बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि, अधिकारियों ने चिंता नहीं करने की बात कही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा, 'यात्रा संबंधी आइसोलेशन मामलों से निपटने के लिए देश पूरी तरह से तैयार है।'
रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के संदिग्ध केस की जानकारी दी थी। शख्स विदेश से भारत लौटा था। सरकार ने बताया था कि मरीज को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया था कि मरीज के नमूनों की जांच की जा रही है, ताकि Mpox की मौजूदगी की पुष्टि हो सके।
मंत्रालय ने कहा, ‘मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंधित किया जा रहा है, और संभावित स्रोतों की पहचान करने तथा देश के भीतर के प्रभाव का आकलन करने के लिए संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाना जारी है।’ सरकार ने कहा कि यह राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा किए गए पहले के जोखिम मूल्यांकन के अनुरूप है और किसी भी अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है।
पिछले महीने दूसरी बार मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) के रूप में घोषित किया था, क्योंकि यह अफ्रीका के कई हिस्सों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ द्वारा 2022 में पीएचईआईसी घोषित किए जाने के बाद से भारत में इस बीमारी के 30 मामले सामने आए हैं। इससे संक्रमित आखिरी मामला इस साल मार्च में सामने आया था।
विश्व स्वस्थ्य संगठन के पहले के बयान के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में 99,176 मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं जिनमें से 208 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल संक्रमितों की संख्या में काफी वृद्धि हुई थी। इस साल अब तक सामने आए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है।
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नागरिक उड्डयन मंत्री ने 'बेरोजगारी' वाले बयान पर राहुल गांधी की आलोचना की

नई दिल्ली (एएनआई)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका यात्रा के दौरान बेरोजगारी पर की गई टिप्पणी के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने सोमवार को बेरोजगारी के आंकड़ों पर सवाल उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने देश में रोजगार के अवसरों की संख्या में सुधार किया है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्हें ये आंकड़े कहां से मिलते हैं, देश में भी अच्छी संख्या में अवसर उपलब्ध हैं। हमें उन्हें उचित कौशल के माध्यम से जोड़ने की जरूरत है। यह एक गतिविधि और सतत प्रक्रिया है, आप बस रेखा को काटकर यह नहीं कह सकते कि यह भारत में हो रहा है। पिछले 10 वर्षों में, पीएम मोदी के नेतृत्व में, हमने देश में रोजगार के अवसरों की संख्या में भी सुधार किया है,"।
"हमें इससे केवल यही सीखना है कि वह दूसरे देशों में जाकर ऐसा क्यों कह रहे हैं? उन्हें देश की स्थिति में मदद करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब होगी," उन्होंने कहा। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी भाजपा नेतृत्व वाली सरकार को यह सलाह देने वाले आखिरी व्यक्ति होने चाहिए कि भारत का विचार क्या है, क्योंकि उनके परिवार और उनकी पार्टी ने आपातकाल के बाद एक बार घोषणा की थी कि 'भारत इंदिरा है' और 'इंदिरा भारत है।'
"उन्हें सबसे पहले भारत की तुलना इंदिरा गांधी से करने के लिए माफी मांगनी चाहिए... जिस परिवार ने आपातकाल लगाया, संवैधानिक अधिकारों को कुचला, विपक्ष को जेल में डाला और संविधान की प्रस्तावना को बदला, वह हमें संविधान के बारे में सलाह दे रहा है... उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला ने वादा किया है कि घाटी में अनुच्छेद 370 को फिर से लागू किया जाएगा...संविधान के बारे में पूरी दुनिया को उपदेश देने से पहले, उन्हें पहले अपने सहयोगियों को उपदेश देना चाहिए और हमें बताना चाहिए कि वह अनुच्छेद 370 के पक्ष में हैं या जम्मू-कश्मीर में बीआर अंबेडकर के संविधान के पक्ष में हैं," पूनावाला ने कहा।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी हमेशा दुनिया के सामने भारत को बदनाम करती है। साव ने कहा, "हमने चुनावों के दौरान भी यह देखा है। वह लगातार ऐसा करते रहे हैं। गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी देश की प्रगति, प्रतिष्ठा और गौरव को बर्दाश्त नहीं कर सकती। जब भी भारत की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर बढ़ती है और देश आगे बढ़ता है, तो कांग्रेस के नेता इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। वे आज भी यही कर रहे हैं, लेकिन देश की जनता को यह एहसास हो गया है...देश की जनता भली-भांति जानती है कि भारत के संविधान पर हमला करने का इतिहास किसका है। कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकारों, राहुल गांधी के पूर्वजों ने संविधान पर कई बार हमला किया है - उन्हें यह
याद रखना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के संविधान को सर्वोच्च स्थान दिया गया है और हमारा देश संविधान के अनुसार आगे बढ़ रहा है।" इससे पहले रविवार को राहुल गांधी ने बेरोजगारी के कारण युवाओं के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में बात की और कहा कि उत्पादन का कार्य रोजगार पैदा करता है।
लेकिन भारत उपभोग को व्यवस्थित करता है, जो चिंता का कारण है। "पश्चिम में रोजगार की समस्या है। भारत में रोजगार की समस्या है... लेकिन दुनिया के कई देशों में रोजगार की समस्या नहीं है। चीन में निश्चित रूप से रोजगार की समस्या नहीं है। वियतनाम में रोजगार की समस्या नहीं है। इसलिए ग्रह पर ऐसे स्थान हैं जो बेरोजगारी से नहीं जूझ रहे हैं। इसका एक कारण है। अगर आप 1940, 50 और 60 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका को देखें, तो वे वैश्विक उत्पादन का केंद्र थे। जो कुछ भी बनाया जाता था, कार, वाशिंग मशीन, टीवी, सब संयुक्त राज्य अमेरिका में बनाया जाता था। उत्पादन संयुक्त राज्य अमेरिका से चला गया। यह कोरिया गया, यह जापान गया। आखिरकार, यह चीन चला गया। अगर आप आज देखें, तो चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी है... तो क्या हुआ है? पश्चिम, अमेरिका, यूरोप और भारत ने उत्पादन के विचार को छोड़ दिया है और उन्होंने इसे चीन को सौंप दिया है।
उत्पादन का कार्य रोजगार पैदा करता है। हम जो करते हैं, जो अमेरिकी करते हैं, जो पश्चिम करता है, वह यह है कि हम उपभोग को व्यवस्थित करते हैं," उन्होंने कहा। राहुल गांधी रविवार को अपने तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के लिए टेक्सास के डलास पहुंचे। कांग्रेस सांसद का हवाई अड्डे पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और प्रवासी भारतीयों ने स्वागत किया। (एएनआई)
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सुप्रीम कोर्ट ने CBI को RG कर कॉलेज डॉक्टर मामले में नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश

नई दिल्ली (एएनआई)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के संबंध में स्वत: संज्ञान याचिका की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद, न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अगले सप्ताह तक एक नई स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आज अदालत को सूचित किया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने एक स्थिति रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि जब डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे तब 23 लोगों की मौत हो गई थी। इस बीच अदालत को बताया गया कि सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट दायर की है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरजी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के आवास और अस्पताल के बीच की दूरी के बारे में पूछताछ की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि यह लगभग 15-20 मिनट की दूरी पर है।
सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट के पंजीकरण के समय पर स्पष्टीकरण मांगा। सिब्बल ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे जारी किया गया था अदालत ने तलाशी और जब्ती के समय के बारे में भी पूछा, सिब्बल ने बताया कि यह रात 8:30 बजे से 10:45 बजे तक हुआ। अदालत ने पूछा कि क्या घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपी गई थी। मेहता ने पुष्टि की कि कुल 27 मिनट की चार क्लिप उपलब्ध कराई गई थीं। सीबीआई ने आगे के विश्लेषण के लिए नमूने एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को भेजने का फैसला किया है।
सुनवाई के दौरान एसजी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा कर्मियों के बारे में भी चिंता जताई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और एक वरिष्ठ सीआईएसएफ अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि तीनों सीआईएसएफ कंपनियों को पास में आवास मिले। इसके अतिरिक्त, अदालत ने निर्देश दिया कि सीआईएसएफ कर्मियों के लिए आवश्यक सभी आवश्यकताओं को आज ही संकलित किया जाए और रात 9 बजे तक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई घटना से संबंधित कई मुद्दों पर पश्चिम बंगाल पुलिस से सवाल किए थे। अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी, मृतक डॉक्टर के शव को उसके परिवार को सौंपने और भीड़ के हमले के दौरान चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा में विफल रहने के बारे में चिंताओं को संबोधित किया।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के साथ मामले को संभालने के तरीके पर गंभीर चिंता व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का स्वत: संज्ञान लिया और प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के बारे में पश्चिम बंगाल पुलिस से सवाल किए। अदालत ने पाया कि रात 11:45 बजे एफआईआर दर्ज की गई, जबकि शव को रात 8:30 बजे अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया गया था। अदालत ने टिप्पणी की, "अगर महिलाएं काम पर नहीं जा सकतीं और सुरक्षित नहीं रह सकतीं, तो हम उन्हें समानता के मूल अधिकार से वंचित कर रहे हैं। हमें कुछ करना होगा।"
अदालत ने अस्पताल की शुरुआती प्रतिक्रिया की भी आलोचना की, जिसमें सवाल किया गया कि घटना को शुरू में आत्महत्या क्यों माना गया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पुष्टि की कि यह एक हत्या का मामला था और एफआईआर दर्ज करने में देरी के बारे में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, अदालत को पता चला कि हमले के दौरान अस्पताल में तैनात पुलिस अधिकारी भाग गए, जिससे मेडिकल स्टाफ असुरक्षित हो गया। वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा कि सुरक्षा चिंताओं के कारण कई डॉक्टर तब से अस्पताल छोड़ चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तब अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाने का आह्वान किया था और पूरे भारत में मेडिकल पेशेवरों से काम पर लौटने का आग्रह किया था। (एएनआई)
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