हिंदुस्तान

जब भी उत्तराखंड की धरती पर आता हूं, मुझे बड़ा सुकून मिलता है : PM मोदी

  • प्रधानमंत्री अपने एक दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड के रुद्रपुर पहुंचे
उत्तराखंड। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड के रुद्रपुर पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद जब मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करने प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे तो सारा मैदान उनके जयकारों से गूंज उठा। रुद्रपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जनता मोदी-मोदी के नारे लगा रही है। देवभूमि का आशीर्वाद मेरी शक्ति है। जब भी उत्तराखंड की धरती पर आता हूं, मुझे बड़ा सुकून मिलता है। हमें उत्तराखंड को विकसित बनाना है। उत्तराखंड को आगे लेकर जाना है। मैं देवभूमि के ध्यान से ही धन्य हो जाता हूं, ये सौभाग्य मेरा मैं तुमको शीश नवाता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड से किए हुए वादे मैंने पूरे किए हैं। हमारे तीसरे टर्म में फ्री बिजली का टारगेट रखा गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री सौर ऊर्जा कार्यक्रम के तहत आपके घर की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा। मैं उत्तराखंड के लोगों की तपस्या बेकार नहीं जाने दूंगा। लोगों की तपस्या के बदले उन्हें विकास लौटाउंगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि दस साल में जो हुआ है, वो सिर्फ ट्रेलर है, अभी तो बहुत आगे जाना है। मोदी मौज करने के लिए नहीं, मेहनत करने के लिए पैदा हुआ है। 10 साल में जो विकास हुआ है, वो तो केवल ट्रेलर है। अभी तो देश को बहुत आगे लेकर जाना है। मोदी ने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की गारंटी दी है। तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत का मतलब है, लोगों की कमाई बढ़ेगी और नौकरी के अवसर बढ़ेंगे।
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अजय निषाद ने छोड़ी बीजेपी, कांग्रेस में हुए शामिल

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट कटने की नाराजगी के चलते एक पार्टी का दामन छोड़कर दूसरे पार्टी का दामन थामने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में बिहार के मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद ने मंगलवार को नई दिल्ली में बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया।
अजय निषाद ने मुजफ्फरपुर से टिकट कटने पर बीजेपी पर छल करने का आरोप लगाया है। दरअसल, अजय निषाद ने पहले ही पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने एक्स हैंडल से अपने नाम के बाद 'मोदी का परिवार' भी हटा दिया था।
कांग्रेस में शामिल होने से पहले अजय निषाद ने बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह से मुलाकात की थी। मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवन खेड़ा ने मजाकिया अंदाज में अजय निषाद को लेकर कहा कि जिस व्यक्ति का जन्म ही दो अक्टूबर को हुआ हो, वो अब तक बीजेपी में क्या कर रहे थे, पता नहीं।
बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने मुजफ्फरपुर से बीजेपी के सांसद रहे अजय निषाद और उनके पिता की उपलब्धि का जिक्र किया। बता दें कि इस बार बीजेपी ने मुजफ्फरपुर से अजय निषाद का टिकट काट दिया। यही वजह है कि वह नाराज चल रहे थे। ऐसे में अब माना जा रहा है कि कांग्रेस के टिकट पर वह मुजफ्फरपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।
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ओडिशा विधानसभा चुनाव : BJP ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

  • 147 विधानसभा सीटों में से 112 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा
भुवनेश्वर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को ओडिशा में आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। पार्टी ने कुल 147 विधानसभा सीटों में से 112 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राज्य भाजपा प्रमुख मनमोहन सामल को बालासोर के चंदबली विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है। इसी तरह, पार्टी के वरिष्ठ नेता कनक वर्धन सिंह देव, टंकाधर त्रिपाठी और इरासिस आचार्य को बलांगीर जिले के पटनागढ़ निर्वाचन क्षेत्र, झारसुगुड़ा विधानसभा क्षेत्र और बारगढ़ जिले के भटली निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है।
पार्टी ने ज्यादातर मौजूदा विधायकों को बरकरार रखा है जबकि इस बार कई नए चेहरों को भी टिकट दिया गया है।जय नारायण मिश्रा, कुसुम टेटे, नौरी नायक, सुभाष चंद्र पाणिग्रही, शंकर ओराम, जयंत कुमार सारंगी, मोहन चरण माझी और मुकेश महालिंग सहित कई मौजूदा विधायकों को संबलपुर, सुंदरगढ़, रेंगाली, देवगढ़, बीरमित्रपुर, पुरी, क्योंझर और लोइसिंघा से फिर से उम्मीदवार बनाया गया है। राज्य के विधानसभा क्षेत्र. पार्टी ने अन्य कई विधानसभा क्षेत्रों में भी नये उम्मीदवार उतारे हैं.
पार्टी ने पुरी जिले की ब्रह्मगिरि विधानसभा सीट से उपासना महापात्रा को उनके चाचा और मौजूदा विधायक ललितेंदु बिद्याधर महापात्र की जगह उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने केंद्रपाड़ा जिले की पटकुरा विधानसभा सीट से तेजेश्वर परिदा को मैदान में उतारा है।हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए कई नेताओं को भी राज्य की कई विधानसभा सीटों से उम्मीदवार बनाया गया है।
प्रियदर्शी मिश्रा और अरबनिदा धाली सहित बीजद के पूर्व विधायकों को भुवनेश्वर उत्तर और जयदेव विधानसभा सीटों से मैदान में उतारा गया है। इसी तरह, कुछ दिन पहले पार्टी में शामिल हुए सिने स्टार सिद्धांत महापात्र और आकाश दास नायक को क्रमशः गंजाम के दिगपहांडी और जाजपुर जिले के कोरेई से मैदान में उतारा गया है। विशेष रूप से, भाजपा ने राज्य में आगामी चुनावों के लिए सभी 21 लोकसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी है।
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अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की हरकत पर भारत की दो टूक

  • कहा- अपना नाम देने से सच्चाई नहीं बदलने वाली
नई दिल्ली। केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयास को खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि नाम बदलने के प्रयास से इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और रहेगा।
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नए नामों की चौथी सूची जारी करने के बाद मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया। मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा, "चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के प्रयासों पर कायम है। हम चीन द्वारा किए गए इन प्रयासों को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं। स्थानों का नाम बदलने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा।" 
इससे पहले 28 मार्च को भारत ने कहा था कि चीन अपने निराधार दावों को दोहरा सकता है। दरअसल, चीन की तरफ से अक्सर दावा किया जाता है कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है। प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन लागातार अरुणाचल प्रदेश पर अपनी दावेदारी करता आ रहा है। उनका यह चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियांग के दावे के बाद आया।
जयशंकर ने किया था पलटवार-
सोमवार को केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के दावों को खारिज करते हुए कहा कि नाम बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आज अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा। नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ता है। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मुस्तैदी के साथ खड़ी है।
क्या है मामला-
हाल ही में चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा पेश किया है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने भारतीय राज्य को 'जंगनान' नाम देकर इसे चीन का हिस्सा करार देते हुए कहा कि हम अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के रुप में कभी स्वीकार नहीं करते हैं। इसके बाद भारत ने एक बार फिर बेतुके दावों को खारिज कर दिया और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।
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सुप्रीम कोर्ट से आप सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत

  • छह महीने बाद मिली जमानत
नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाले मामले में आरोपी संजय सिंह की जमानत और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि क्या सिंह को और कुछ समय के लिए हिरासत में रखने की जरूरत है? इसके बाद संजय सिंह को जमानत दे दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आप नेता संजय सिंह की हिरासत की जरूरत है तो लंच ब्रेक के बाद इससे उसे अवगत कराया जाए। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने कहा खा कि आप नेता संजय सिंह छह महीने जेल में बिता चुके हैं और उनके खिलाफ दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इन आरोपों की जांच ट्रायल के दौरान की जा सकती है। 
पिछली सुनवाई में संजय सिंह के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्य गवाह दिनेश अरोड़ा ने पहले अपने नौ बयानों में संजय सिंह का नाम नहीं लिया था। सिंघवी ने कोर्ट में कहा था कि अप्रूवर की गवाही तब तक विश्वसनीय नहीं होती, जब तक उसकी पुष्टि न हो जाए।
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नवी मुंबई में केमिकल कंपनी में भीषण आग

मुंबई। नवी मुंबई के एमआईडीसी में नवभारत इंडस्ट्रियल केमिकल कंपनी में मंगलवार को भीषण आग लग गई। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, फिलहाल किसी के घायल होने या हताहत होने की खबर नहीं है। आग लगने की सूचना मिलने के बाद स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। मौके पर दमकल की गाड़ियां मौजूद हैं और आग बुझाने का काम जारी है।
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पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, मध्य प्रदेश में 2 और छत्तीसगढ़ में 4 ढेर

बालाघाट मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सोमवार देर रात पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए। उनके पास से हथियार भी मिले हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार देर रात मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की सीमा पर केराझरी के जंगल में पुलिस का सर्चिंग अभियान चल रहा था। इसी दौरान पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए। उनके शव मंगलवार सुबह सर्चिंग के दौरान बरामद किए गए। मारे गए नक्सलियों के नाम संजीता उर्फ क्रांति और रघु उर्फ शेर सिंह हैं। पुलिस ने नक्सलियों के शव के पास एक एके-47 सहित एक अन्य राइफल और दैनिक इस्तेमाल का सामान भी बरामद किया। मुठभेड़ में कई नक्सलियों के घायल होने की संभावना भी जताई जा रही है।
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जानें अब कितने रुपये में मिलेगी बीयर, देसी और अंग्रेजी शराब

देश में आज से शराब के दाम बढ़ने से शराब प्रेमियों को बड़ा झटका लगा है. आज से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो गया है. साथ ही नई आबकारी नीति भी लागू हो गई है. इससे बीयर, देसी और अंग्रेजी तीनों तरह की शराब के दाम बढ़ गए हैं. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश तीन राज्य सरकारों ने शराब की नई दरों की घोषणा कर दी है। शराब ठेकेदारों को भी सूचित कर दिया गया है। नई दरें आज से लागू होंगी. आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी की गई है.
क्यों बढ़े शराब के दाम?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई आबकारी नीति 2023-24 को 29 जनवरी को मंजूरी दी गई थी. मोदी कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है. नई आबकारी नीति के मुताबिक, देश में शराब लाइसेंस फीस 10 फीसदी बढ़ गई है. उत्पाद शुल्क की दरें भी बढ़ा दी गई हैं. जिसके चलते आज से देश में शराब और बीयर महंगी हो गई है. केंद्र सरकार ने नई उत्पाद नीति के तहत अगले वित्तीय वर्ष में करीब 45 हजार करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा है. इससे पहले शराब के रेट जून 2022 में बढ़ाए गए थे. अब डेढ़ साल बाद एक बार फिर शराब के रेट में बढ़ोतरी की गई है जो 1 अप्रैल से लागू हो गई है.
छत्तीसगढ़ में कितनी महंगी है शराब?
छत्तीसगढ़ में भी शराब महंगी हो गई है. राज्य में पाव, बोतल और केन की कीमत 10 से 40 रुपये तक बढ़ गयी है. विष्णुदेव साय सरकार ने नई उत्पाद नीति लागू करते हुए पिछली सरकार द्वारा लगाए गए सभी सेस हटा दिए हैं. कोरोना काल में लगाए गए सभी टैक्स हटा दिए गए हैं. अगले वित्तीय वर्ष के लिए राज्य सरकार को रु. 11 हजार करोड़ का राजस्व जुटाने का लक्ष्य पूरा हो चुका है.
मध्य प्रदेश में कितनी महंगी शराब?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश में शराब की कीमत 150 से 200 रुपये तक बढ़ गई है. नई आबकारी नीति लागू होते ही बीयर और शराब की कीमतों में 15 फीसदी का इजाफा हो गया है. मोहन यादव सरकार को नए वित्तीय वर्ष के लिए करीब 15 हजार करोड़ का राजस्व लक्ष्य मिला है. अकेले भोपाल के लिए 916 करोड़ का लक्ष्य मिला है।
उत्तर प्रदेश में कितनी मिलेगी शराब?
उत्तर प्रदेश में देशी शराब 5 रुपये महंगी हो गई है. अब यह 65 रुपये की जगह 70 रुपये में मिलेगा. एक अन्य प्रकार का पावा जो 75 रुपये का था वह 15 रुपये महंगा हो गया है. यह पाउवॉ आज से 90 रुपये में मिलेगा. अंग्रेजी शराब के एक क्वार्टर की कीमत 15 से 25 रुपये तक बढ़ गयी है. आधी और पूरी बोतलें भी महंगी होंगी. बीयर कैन की कीमत में 10 रुपये का इजाफा हुआ है. बोतल की कीमत में 20 रुपये का इजाफा हुआ है.
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केंद्र सरकार के आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को दिया आश्वासन

  • कहा- चुनाव तक कांग्रेस से 3,500 करोड़ रुपये वसूलने कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा
नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्र सरकार के आयकर विभाग ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से आयकर बकाया में लगभग 3500 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा। 
आईटी विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत के समक्ष वचन दिया कि पार्टी के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। तुषार मेहता ने कहा कि वर्तमान अपील में मुद्दा कांग्रेस पार्टी को हाल ही में जारी किए गए कर नोटिस से संबंधित नहीं है, फिर भी, आगामी चुनावों को देखते हुए, आईटी विभाग कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा। तुषार मेहता ने जस्टिस बीवी नागरत्ना और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ से कहा, "जब तक मामले की सुनवाई नहीं हो जाती, हम वसूली/जबरदस्ती कदम नहीं उठाएंगे क्योंकि चुनाव चल रहे हैं।" तुषार मेहता ने कहा कि आईटी विभाग चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के लिए समस्या पैदा नहीं करना चाहता . सॉलिसिटर जनरल के वचन को दर्ज करते हुए पीठ ने अपने आदेश में कहा, "इन अपीलों में जो मुद्दे सामने आए हैं, उन पर अभी फैसला सुनाया जाना बाकी है, लेकिन अब स्थिति को ध्यान में रखते हुए, (आयकर) विभाग इस मामले को तूल नहीं देना चाहता है।" चूँकि सुनवाई की अगली तारीख तक लगभग 3,500 करोड़ रुपये की कर मांग के संबंध में कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। मामले को जुलाई के दूसरे सप्ताह में सूचीबद्ध करें।''
पीठ ने अपने आदेश में सॉलिसिटर जनरल की इस दलील को भी दर्ज किया कि 3500 करोड़ रुपये की मांग का इन अपीलों में विवाद से कोई संबंध नहीं है। 3500 करोड़ रुपये में पिछले सप्ताह जारी किए गए लगभग 1,700 करोड़ रुपये के नोटिस की लेवी भी शामिल है। शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के 2016 के फैसले के खिलाफ 2018 में कांग्रेस पार्टी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी । अपील में, पार्टी ने मार्च में आईटी विभाग द्वा जारी हालिया डिमांड नोटिस की मांग करते हुए एक अंतरिम आवेदन दायर किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 मार्च को कर अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन वर्ष 2017 से 2021 के लिए उसके खिलाफ कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू करने को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि किसी अन्य अवधि के लिए पुनर्मूल्यांकन शुरू करने में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के उसके पहले के फैसले के संदर्भ में याचिकाएं खारिज कर दी गईं। 22 मार्च को, उच्च न्यायालय ने मूल्यांकन वर्ष 2014-15 से 2016-17 से संबंधित पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू करने को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी। (एएनआई)
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मथुरा में हेमा मालिनी का ओलंपियन विजेंदर सिंह से होगा कड़ा मुकाबला

मथुरा। भारतीय जनता पार्टी की सांसद और सिनेस्टार हेमा मालिनी को लोकसभा चुनाव में मथुरा में कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस ने मथुरा सीट पर हेमा मालिनी के सामने बॉक्सर विजेंद्र सिंह को टिकट देकर चुनावी मुकाबले को रोमांचक बना दिया है। वे तीसरी बार चुनावी मैदान में है। मथुरा लोकसभा जाट बाहुल्य सीट है। यहां से कांग्रेस ने विजेंद्र सिंह को मैदान में उतारकर जाट कार्ड खेला है।
75 वर्षीय अभिनेत्री हेमा नरेंद्र मोदी सरकार की छवि और काम पर बहुत अधिक निर्भर हैं, साथ ही उन्‍हें ब्रज मंडल में चल रही हिंदुत्व लहर पर भी भरोसा है। हेमा मालिनी के खिलाफ इंडिया गठबंधन से ओलंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह और बहुजन समाज पार्टी से पूर्व-आईआरएस अधिकारी सुरेश सिंह मैदान में हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में जाट वोटों का बड़ा हिस्सा, लगभग पांच लाख वोट हैं। हेमा मालिनी लोकप्रिय बॉलीवुड स्टार धर्मेंद्र की पत्‍नी होने के नाते जाट समुदाय के समर्थन का दावा करती हैं।
बॉक्सर विजेंदर सिंह हरियाणा के भिवानी से आते हैं, लेकिन मथुरा का प्रतिनिधित्व करने के इच्छुक हैं। बसपा के सुरेश सिंह सेवानिवृत्ति के बाद मथुरा में एक शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख हैं और अपने शैक्षणिक और सामाजिक कार्यों के कारण उनकी छवि साफ-सुथरी है।
हेमा मालिनी मथुरा और वृंदावन की रूपरेखा बदलने और कई बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को शुरू करने में बहुत सक्रिय रही हैं। उनके नेतृत्व में मथुरा वृन्दावन तीर्थ विकास बोर्ड ने एक दर्जन विकास कार्य किए हैं। श्रीकृष्ण भक्त हेमा मालिनी मथुरा से सांसद के रूप में अपने कार्यकाल में अपने अधूरे एजेंडे को पूरा करने की इच्छुक हैं।
स्थानीय लोग चल रहे हैं नाराज-
स्थानीय लोगों की शिकायतों की एक लंबी सूची भी है, जिनमें प्रमुख यह है कि हेमा अपने निर्वाचन क्षेत्र की तुलना में मुंबई में ज्‍यादा समय बिताती हैं। कई लोग उन्हें वृन्दावन, गोवर्धन और बरसाना में यमुना की सफाई, औद्योगिक विकास और भीड़ प्रबंधन जैसे काफी समय से लंबित स्थानीय मुद्दों को हल करने में विफलता के लिए दोषी मानते हैं।
पूर्व में हारे जयंत इस बार समर्थन में-
स्थानीय भाजपा नेतृत्व उत्साहित है, क्योंकि रालोद के जयंत चौधरी, जो 2014 में हेमा मालिनी से हार गए थे, अब एनडीए के साथ गठबंधन के कारण उनके समर्थन में हैं। गौरतलब है कि जयंत चौधरी 2009 में भाजपा के समर्थन से जीते थे, लेकिन 2014 में हार गए थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 मार्च को मथुरा में स्थानीय बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए चुनाव प्रचार शुरू किया।उन्होंने संकेत दिया कि मथुरा अब ध्यान का केंद्र होगा और वृन्दावन की संकरी गलियां बदलाव की हकदार हैं। मथुरा में 26 अप्रैल को मतदान है।
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

  • कहा- आज बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा
नई दिल्ली (एएनआई)। देश में लोकसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने बेरोजगारी दर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला। ILO की रोजगार रिपोर्ट को भारत की "गुलाम मानसिकता" के लक्षण के रूप में उपहास करने के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा, "इसके बजाय, उन्होंने FY20 और FY23 के बीच 52 मिलियन नई औपचारिक नौकरियां जोड़ने का बेतुका दावा किया। ईपीएफओ, ईएसआई और राष्ट्रीय पेंशन योजना डेटाबेस पर।" कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, जैसा कि कई अर्थशास्त्रियों ने साबित किया है, वित्त वर्ष 2020-23 के बीच कुल रोजगार सृजन सबसे अच्छा 2.27 करोड़ था। तीन वर्षों में ये 2.27 करोड़ नौकरियाँ मोदी सरकार के प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियाँ पैदा करने के मूल वादे से बहुत दूर हैं। उन्होंने कहा, "हालांकि, अब ऐसा प्रतीत होता है कि यह 2.27 करोड़ का आंकड़ा भी अधिक अनुमान है।"
अपने तर्क को पुष्ट करते हुए उन्होंने कहा, "2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ईपीएफओ को 20 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाले किसी भी प्रतिष्ठान में संविदा श्रमिकों को शामिल करने की आवश्यकता है। जो कर्मचारी पहले से ही कार्यरत थे, उनकी एक बड़ी संख्या अब ईपीएफओ डेटा में दिखाई दे रही है; ये हैं नई नौकरियाँ पैदा नहीं हुईं।" उन्होंने आगे कहा कि ईपीएफओ में शुद्ध वृद्धि का एक हिस्सा पंजीकरण में आसानी से जुड़ा है - यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन, नि:शुल्क और परेशानी मुक्त है, इसके लिए ईपीएफओ कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं है। सब्सक्राइबर्स अब नियोक्ता बदलते समय अंतिम निपटान के लिए दावा प्रस्तुत किए बिना अपने पीएफ खातों को स्थानांतरित कर सकते हैं।
उन्होंने तर्क दिया कि 20 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान ईपीएफ अधिनियम के दायरे में आते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो कंपनियां एक साल में 19 से 20 कर्मचारियों को स्थानांतरित करती हैं, वे अचानक ईपीएफओ डेटा में 20 नई "नौकरियों" के रूप में दिखाई देंगी, भले ही शुद्ध नौकरी सृजन एक ही नई नौकरी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, "इसे छुपाने के लिए वे चाहे जो भी सांख्यिकीय बाजीगरी करें, सच्चाई यही है: आज बेरोजगारी दर पिछले चार दशकों में सबसे ज्यादा है।" (एएनआई)
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PM नरेन्द्र मोदी कल रुद्रपुर में करेंगे चुनावी समर का शंखनाद

देहरादून उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल मंगलवार 2 अप्रैल को उत्तराखंड के एक दिवसीय चुनावी दौरे पर रुद्रपुर आ रहे हैं।
रुद्रपुर में पीएम मोदी नैनीताल उधमसिंह नगर से बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के उत्तराखंड दौरे के लिए उत्तराखंड बीजेपी ने अपनी कमर कस ली है। पार्टी ने रैली के संयोजक की नियुक्ति के साथ ही सभी व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी दी है।
रुद्रपुर से प्रधानमंत्री मोदी नैनीताल और अल्मोड़ा की जनता को संदेश देंगे, साथ ही बीजेपी उम्मीदवार अजय भट्ट के समर्थन में जनता से समर्थन मांगेंगे। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तराखंड में 5 रैलियां प्रस्तावित हैं, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी रुद्रपुर से करेंगे।
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RBI की 90वीं वर्षगांठ पर बोले PM मोदी- बैंक ने अपनी विश्वसनीयता बरकरार रखी

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आज 90वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में आरबीआई के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने यहां 90 रुपये का एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। आरबीआई के 90 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे। साथ ही कार्यक्रम में महाराष्ट्र के गवर्नर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और भगवत कराड भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत का रिजर्व बैंक एक ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुंचा है। आरबीआई ने अपने 90 साल पूरे किए हैं। एक संस्थान के रूप में आरबीआई आजादी के पहले और आजादी के बाद का गवाह है। आज पूरी दुनिया में आरबीआई की पहचान उसके प्रोफेशनलिज्म और कमिटमेंट की वजह से बनी है। मैं आप सभी को आरबीआई की स्थापना के 90 साल पूरे होने की बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने समय-समय पर अपनी विश्वसनीयता साबित की है और विश्व के कई बड़े देशों के केंद्रीय बैंक के सामने आरबीआई ने अपने कामकाज को बेहतर साबित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ''अगले 10 साल के टारगेट को तय करते हुए हमें एक बात और ध्यान रखनी है। वो है भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को। भारत आज दुनिया के सबसे युवा देश में से एक है। इस युवा आकांक्षाओं को पूरा करने में आरबीआई का अहम रोल है। आज देश देख रहा है- जब नीयत सही होती है, तो नीति सही होती है। जब नीति सही होती है, तो निर्णय सही होते हैं और जब निर्णय सही होते हैं, तो नतीजे सही मिलते हैं।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं जब 2014 में रिजर्व बैंक के 'अस्सी-वें' वर्ष के कार्यक्रम में आया था, तब हालात एकदम अलग थे। भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था। एनपीए को लेकर भारत के बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता और उसके भविष्य को लेकर हर कोई आशंका से भरा हुआ था और आज भारत के बैंकिंग सिस्टम को दुनिया में एक मजबूत और टिकाऊ प्रणाली माना जा रहा है। जो बैंकिंग सिस्टम कभी डूबने की कगार पर था, वो बैंकिंग सिस्टम अब प्रॉफिट में आ गया है और क्रेडिट में रिकॉर्ड वृद्धि दिखा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस समय जो लोग आरबीआई से जुड़े हैं, उन्हें मैं बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं। आज आप जो नीतियां बनाएंगे, जो काम करेंगे उनसे आरबीआई के अगले दशक की दिशा तय होगी। ये दशक इस संस्थान को उसके शताब्दी वर्ष तक ले जाने वाला दशक है और ये दशक विकसित भारत की संकल्प यात्रा के लिए भी उतना ही अहम है।
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जांच एजेंसी के असहयोगी होने के दावे के बाद केजरीवाल को भेजा गया जेल

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत समाप्त होने के बाद अगले दो सप्ताह जेल में बिताएंगे। जांच एजेंसी ने आप नेता की हिरासत की मांग नहीं की, जिसके बाद आज सुबह एक स्थानीय अदालत ने उन्हें 15 अप्रैल तक जेल भेज दिया। अदालत ने तिहाड़ जेल में स्थानांतरित होने से पहले उन्हें अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल और मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज से मिलने की भी अनुमति दी है। श्री केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, जब वह नौ केंद्रीय एजेंसी के समन से बच निकले थे, और तब से वह ईडी लॉक-अप से अपनी सरकार चला रहे हैं।
दिल्ली की राऊज एवेन्यू अदालत में, जहां आज सुबह श्री केजरीवाल को उनकी जांच एजेंसी की हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले पेश किया गया था, ईडी ने कहा कि वह असहयोग कर रहे थे और गोल-मोल जवाब दे रहे थे। ईडी ने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने डिजिटल उपकरणों के पासवर्ड का खुलासा नहीं किया। श्री केजरीवाल के वकील ने उनकी बीमारी को देखते हुए जेल के अंदर उनके लिए कुछ दवाओं और विशेष आहार की भी मांग की है। केंद्रीय एजेंसी, जो कथित शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही है, ने यह भी कहा कि उसे भविष्य में फिर से उसकी हिरासत की आवश्यकता हो सकती है।
अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख भी किया है, यह तर्क देते हुए कि जांच एजेंसी ने उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर 2 अप्रैल तक जवाब मांगा था. सुनवाई 3 अप्रैल को फिर शुरू होगी. शराब नीति मामले में गिरफ्तार होने वाले केजरीवाल अपने पूर्व डिप्टी मनीष सिसौदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह के बाद तीसरे AAP नेता हैं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को ''राजनीतिक साजिश'' करार दिया है.
उन्होंने अपनी पिछली सुनवाई के दौरान भी अदालत कक्ष को संबोधित किया था और कहा था कि किसी भी अदालत ने उन्हें दोषी साबित नहीं किया है। "सीबीआई ने 31,000 पन्ने (चार्जशीट) दाखिल किए हैं और ईडी ने 25,000 पन्ने दाखिल किए हैं। भले ही आप उन्हें एक साथ पढ़ें... सवाल बना हुआ है... मुझे गिरफ्तार क्यों किया गया है?" उन्होंने कहा था. दिल्ली में शराब कारोबार में आमूल-चूल बदलाव लाने के लिए आबकारी नीति पेश की गई थी, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा नीति में कथित अनियमितताओं की जांच के आदेश के बाद इसे रद्द कर दिया गया था। ईडी का मानना है कि नीति ने उच्च लाभ मार्जिन प्रदान किया और रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल कथित तौर पर आप के चुनाव अभियानों के वित्तपोषण के लिए किया गया था।
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दिल्ली में राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में भाजपा चुनाव घोषणा पत्र समिति की बैठक

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए पार्टी मुख्यालय में चुनाव घोषणा पत्र समिति की बैठक चल रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में भाजपा मुख्यालय में चल रही बैठक में पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करने वाले मुद्दों और वायदों की लिस्ट तैयार की जाएगी, जिसे भाजपा अपने घोषणा पत्र में शामिल कर देश के मतदाताओं से तीसरी बार मोदी सरकार को विजयी बनाने के लिए जनादेश मांगने जाएगी।
पार्टी मुख्यालय में चल रही चुनाव घोषणा पत्र समिति की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान एवं अर्जुन मुंडा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े एवं राधामोहन दास अग्रवाल, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ओपी धनखड़, रविशंकर प्रसाद, मनजिंदर सिंह सिरसा और जुएल ओराम सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने के लिए भाजपा ने देश भर में बड़े पैमाने पर कई स्तरों पर अभियान चलाकर लोगों से सुझाव मांगे हैं और इन सुझावों को भी पार्टी अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करेगी।
बता दें कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 30 मार्च को चुनाव घोषणा पत्र समिति का गठन किया था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस समिति की संयोजक और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल इस समिति के सह संयोजक हैं।
पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करने वाली 27 नेताओं की इस समिति में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भूपेंद्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल, किरेन रिजिजू, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी एवं राजीव चंद्रशेखर के साथ-साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, जुएल ओराम, रविशंकर प्रसाद, सुशील मोदी, विनोद तावड़े, राधामोहन दास अग्रवाल, मनजिंदर सिंह सिरसा, ओपी धनखड़, अनिल एंटनी और तारिक मंसूर सदस्य के तौर पर शामिल हैं।
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कोर्ट ने CM केजरीवाल को 15 अप्रैल तक भेजा न्यायिक हिरासत में

  • तिहाड़ जेल में रखा जाएगा
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को राउज़ एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के सामने पेश किए जाने के बाद 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. केंद्रीय एजेंसी ने सीएम की 15 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी, जिसपर राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुहर लगाई.
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिमांड अवधि के अंत में अदालत में पेश किया गया था। अदालत परिसर में प्रवेश करते समय दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए दावा किया कि वह सही काम नहीं कर रहे हैं। अदालत में पेश किए जाने के दौरान अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री जो कर रहे हैं वो देश के लिए अच्छा नहीं है, (प्रधानमंत्री जो कर रहे हैं वह देश के लिए सही नहीं है)।"
अरविंद केजरीवाल की कोर्ट में पेशी से पहले तिहाड़ जेल में मीटिंग भी चल रही थी और कथित रूप से यह भी तय किया जा रहा था कि उन्हें तिहाड़ में किस नंबर जेल में रखा जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, बीते दो दिनों में तिहाड़ जेल में हाई लेवल मीटिंग हुई है. आज भी 11 बजे एक हाई लेवल मीटिंग शेड्यूल थी. पिछली मीटिंग में इस बात की चर्चा की गई कि अगर केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा जाता है तो उन्हें किस नंबर के जेल में रखा जा सकता है. साथ ही उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चर्चा हुई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और 28 मार्च तक उन्हें पहली बार ईडी की हिरासत में भेजा गया था. बाद में केंद्रीय एजेंसी ने फिर से हिरासत मांगी तो कोर्ट ने 1 अप्रैल तक उनकी ईडी हिरासत बढ़ा दी थी. अब आज कोर्ट में पेशी के बाद स्पष्ट होगा कि आखिर केजरीवाल के पक्ष में आगे क्या होगा.

 

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PM मोदी ने कच्चातिवु मुद्दे पर कांग्रेस और डीएमके पर तीखा हमला बोला

  • कहा- कच्चातिवु पर कांग्रेस और डीएमके की उदासीनता से मछुआरों के हितों को हुआ नुकसान
चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कच्चातिवु मुद्दे पर कांग्रेस और डीएमके पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि दोनों परिवारवादी पार्टियों की उदासीनता के कारण मछुआरों के हितो को नुकसान हुआ है।
'एक्स' पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "बयानबाजी के अलावा, डीएमके ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया है। कच्चातिवु पर सामने आए नए विवरणों ने डीएमके के दोहरे मानकों को उजागर कर दिया है। कांग्रेस और डीएमके पारिवारिक इकाइयां हैं। वे केवल अपने बेटे-बेटियों की परवाह करते हैं। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चातिवु पर उनकी उदासीनता ने, विशेष रूप से हमारे गरीब मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है।"
प्रधानमंत्री तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के.अन्नामलाई को दिए विदेश मंत्रालय के एक आरटीआई जवाब पर आधारित मीडिया रिपोर्ट का जवाब दे रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत सरकार ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया । आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था कि "द्वीप अप्रासंगिक है" और इसे अपने पास रखने का कोई कारण नहीं है।
अन्नामलाई द्वारा प्राप्त और सार्वजनिक डोमेन में मौजूद दस्तावेज़ में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि तत्कालीन अटॉर्नी जनरल और विख्यात अधिवक्ता एम.सी. सीतलवाड ने सलाह दी थी कि कच्चातिवु द्वीप पर अधिकार बनाए रखने के लिए भारत के पास ठोस कानूनी आधार है, क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस द्वीप को तत्कालीन रामानाद (रामनाथपुरम) के राजा को सौंप दिया था।
गौरतलब है कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने और उनकी महंगी नौकाओं को जब्त करने से तमिलनाडु के मछुआरों को कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इस साल जनवरी से अब तक 125 से अधिक तमिल मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किया गया है। मछुआरों की गिरफ्तारी और महंगी नौकाओं को जब्त करने के खिलाफ रामनाथपुरम, नागापट्टिनम, पुडुकोट्टई और तमिलनाडु के मछली पकड़ने वाले कई गांवों में मछुआरे परिवार हड़ताल पर हैं।

 

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नए वित्त वर्ष की शुरुआत में टैक्स से जुड़े कई नियम आज से बदलें

दिल्ली। नए वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत आज सोमवार एक अप्रैल से हो रही है। नए वित्त वर्ष की शुरुआत पर्सनल फाइनेंस के हिसाब से हमेशा महत्वपूर्ण होती है क्योंकि आयकर से जुड़े ज्यादातर बजट प्रस्ताव इसी दिन से लागू होते हैं। एक अप्रैल से कर से जुड़े कई नियम बदल रहे हैं। नई कर व्यवस्था अब डिफॉल्ट बन जाएगी।
कर स्लैब का चयन जरूरी: अगर आप अब तक पुरानी कर व्यवस्था के हिसाब से आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरते आए हैं, तो यह जानना जरूरी है कि देश में एक अप्रैल, 2024 से नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट किया जा चुका है। इसका मतलब है कि आपको हर साल कर स्लैब का चुनाव करना होगा। ऐसा नहीं करने पर वह अपने आप नई कर व्यवस्था में शिफ्ट हो जाएगा। नई व्यवस्था में कई संशोधन किए गए हैं। इसका मकसद अधिक करदाताओं को इसे चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसमें सात लाख तक की कमाई करमुक्त है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ- अगर आप नौकरीपेशा हैं और 2024-25 में नई कर व्यवस्था का चुनाव करते हैं तो 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं। इससे आपकी 7.50 लाख तक आय करमुक्त हो जाएगी। 50,000 रुपये की यह छूट पहले पुराने टैक्स स्लैब में ही मिलती थी।
नए स्लैब के तहत कर दरें:-
सालाना आय- दरें
0 से 3 लाख रुपये- 0%
3 से 6 लाख रुपये- 5%
6 से 9 लाख रुपये- 10%
9 से 12 लाख रुपये- 15%
12 से 15 लाख रुपये- 20%
15 लाख से ज्यादा- 30%
मूल छूट सीमा तीन लाख- नई कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त, आयकर कानून-1961 की धारा 87ए के तहत छूट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। इसका मतलब है कि नई व्यवस्था में 7 लाख तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों को टैक्स नहीं देना होगा क्योंकि वे पूर्ण कर छूट के पात्र हैं।
लीव इनकैशमेंट- अगर आप गैर-सरकारी कर्मचारी हैं तो लीव इनकैशमेंट के रूप में तीन लाख के बजाय 25 लाख रुपये तक पर कर छूट का फायदा उठा सकते हैं। इसके लिए आयकर कानून की धारा-10(10एए) में प्रावधान किया गया है।
जीवन बीमा- अगर आपकी बीमा पॉलिसी एक अप्रैल, 2023 के बाद जारी हुई है और आपका कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से अधिक होता है तो मैच्योरिटी पर आपको स्लैब के अनुसार कर देना होगा।
सरचार्ज- अगर आपकी सालाना आय 5 करोड़ रुपये से अधिक है तो आपको 37 फीसदी की जगह अब 25 फीसदी ही सरचार्ज देना होगा।
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