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समूह की महिलाओं के लिए सेंट्रिंग सामान बना आय का जरिया

महासमुन्द : - छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ अंतर्गत विकासखण्ड सरायपाली के ग्राम पंचायत किसड़ी के जय माॅ दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सेंट्रिंग सामान से आजीविका संबंधित गतिविधि का कार्य कर रही है।जय माॅ दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा इण्डियन ओवरसीज बैंक से एक लाख का बैंक लिंकेज के माध्यम से सेंट्रिंग का सामान खरीदकर स्थानीय स्तर पर आवास निर्माण कार्य में लगाकर अच्छी आय प्राप्त कर रही हैं। साथ ही आस-पास के गांवों में भी सेंट्रिंग सामान को किराया देकर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं, जिसके कारण उनके आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। इस कार्य से वे बहुत खुश है। 

आज समूह की महिलाओं के पास आमदनी के कई जरिये हैं। जिससे वे नियमित रूप से ऋण की राशि भुगतान कर रही है। कभी चन्द रुपए के लिए कड़ी धूप या बरसते पानी में रोजी रोटी कमाकर अपने परिवार का जीवन यापन करने वाली यह महिलायें आज सच्ची लगन और ईमानदारी से हजार रुपए हर दिन कमा कर क्षेत्र के लोगों के लिए मिसाल बनी हुई है। आत्म विश्वास से लबरेज ये महिला समूह आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से सशक्त हो गई है। सेंट्रिंग सामान से उन्हें स्थानीय स्तर पर घर से ही काम मिल जाने के कारण समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रही हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को समय-समय पर आजीविका संबंधित कार्यों की जानकारी संबंधित अधिकारी- कर्मचारियों द्वारा दी जाती है |

 

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कुपोषण को दूर करने 22 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बनी पोषण वाटिकाएं

रायपुर :-  महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई जा  रही हैं। अब तक 22 हजार 104 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं तैयार हो चुकी हैं।

 
इन पोषण वाटिकाओं में आंगनबाड़ी परिसर में ही मुनगा, लाल भाजी, पालक भाजी, सहित अन्य पौष्टिक साग-सब्जी व फल उत्पादित किया किए जा रहे हैं। उत्पादित पौष्टिक साग-सब्जियों और फल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हितग्राही बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में बढ़ोत्तरी के लिए उन्हें आहार के रूप प्रदान किया जा रहा है।

कुपोषण के प्रति जागरूक करने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भेंटकर लोगों को अपने घरों में बाड़ियां तैयार करने और उनमें पौष्टिक साग-सब्जी लगाए जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिससे बच्चों को ताजा और बेहतर आहार उपलब्ध हो ओर वे कुपोषण के शिकार न हो। इस विशेष प्रयास से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में सकारात्मक असर हो रहा है, बल्कि माताओं को भी पौष्टिक आहार मिलने लगा है। जो कुपोषण दूर करने में काफी सहायक है |

 

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रायपुर : बस्तरवासियों को शीघ्र मिलेगी सर्व सुविधायुक्त खेल परिसर की सौगात

छत्तीसगढ़ :- अपने मनोरम प्राकृतिक सौन्दर्य एवं विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान के कारण पूरे देश एवं दुनिया में विख्यात बस्तर की धरा खेल प्रतिभाओं से भी परिपूर्ण रही है। इन खेल प्रतिभाओं को तराशने एवं उन्हें अनुकूल सुविधा मुहैया कराने की आवश्यकताओं को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। राज्य शासन के विशेष प्रयासों से खेल प्रतिभाओं को उचित प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण संस्थान की स्थापना का बस्तरवासियों का सपना शीघ्र साकार होने जा रहा है। इस वर्ष के अंत तक जगदलपुर शहर के धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर में खेलों के लिए कई सुविधाएं प्रारंभ हो जाएंगी। इसके साथ ही वर्ष 2022 के शुरूआत में ही बस्तरवासियों को बहुउद्देशीय एवं बहुउपयोगी खेल परिसर की बहुप्रतिक्षित सौगात मिल जाएगी। बस्तर की खेल प्रेमी जनता की मंशा अनुरूप राज्य शासन की विशेष पहल से लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से कई खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यह खेल परिसर आदिवासी बहुल बस्तर संभाग की खेल प्रतिभाओं को तराशने तथा उन्हें जरूरी सुविधा प्रदान कर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा।


उल्लेखनीय है कि संभाग मुख्यालय जगदलपुर के धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर मैदान में वृहद स्तर पर बहु उपयोगी खेल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। इस खेल परिसर में 4 करोड़ 48 लाख रूपए लागत की बहुउद्देशीय बॉलीबाल हाल के अलावा 400 मीटर कॉम्पीटीशन एवं 200 मीटर वार्मअप सिंथेटिक ट्रेक, 120 मीटर आरचरी रेंज के अलावा एक ही परिसर में इंडोर खेलों की खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों की पूर्ण सुविधा से युक्त बहुउद्देशीय हाल का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा खेल परिसर में ऊंची कूद, लंबी कूद, कबड्डी कोर्ट, बॉलीबॉल कोर्ट व 200 मीटर 6 लेन का पै्रक्टिस टेªक निर्माण कार्य किया जाना है। इसके साथ ही इस परिसर में लंबी दौड़, तीरंदाजी, कबड्डी, बॉलीबॉल, ऊंची कूद आदि के लिए भी मैदान व कोर्ट का निर्माण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बस्तर के खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों केे द्वारा फुटबाल, क्रिकेट मैदान, 400 मीटर सिंथेटिक टेªक एवं मल्टीपरपस हाल निर्माण की लम्बे समय से मांग की जा रही थी।


इस क्रीड़ा परिसर में निर्माणाधीन खेल मैदान अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप तैयार किये जा रहे हैं। जिससे की बस्तर में आने वाले समय में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन किया जा सके। राज्य शासन के मंशानुरूप समय-सीमा में गुणवत्तायुक्त ढ़ंग से इस खेल परिसर के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने हेतु कलेक्टर श्री रजत बंसल द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। यहां की खेल प्रतिभाएं उचित प्रशिक्षण, मार्गदर्शन एवं सुविधाओं के मिलने से आने वाले समय में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा को स्थापित करने में सफल होंगी।

 

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आपदा प्रबंधन के तहत् बाढ़ से बचाव के लिए हुआ मॉक ड्रिल

नारायणपुर :- कलेक्टर श्री धर्मेष कुमार साहू के निर्देष पर राजस्व, पुलिस, वन, नगर सेना, नगर पालिका, जनपद पंचायत सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में नारायणपुर के बाकुलवाही तालाब में आपदा प्रबंधन के तहत बाढ़ से बचाव के लिए नगर सेना के जवानों द्वारा मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान बाढ़ की स्थिति मे लोगों को सुरक्षित बचाने और उनके प्रथम चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देष्य से मॉक ड्रिल किया गया। इस अवसर पर अनुविभागिय अधिकारी राजस्व  दिनेष कुमार नाग, संयुक्त कलेक्टर  गौरी षंकर नाग, डिप्टी कलेक्टर  वैभव क्षेत्रज्ञ,  फागेष सिन्हा, जिला नगर सेनानी  मनोहर चौहान, तहसीलदार सुनील कुमार सोनपीपरे,  केतन भोयर, नायब तहसीलदार ख्याति नेताम सहित वन विभाग के कर्मचारी, राजस्व एवं नगर सेना के जवान विषेश रूप से उपस्थित थे। 

जिला नगर सेनानी  चौहान ने बताया कि मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति में नगर सेना बचाव के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। आपदा प्रबंधन के तहत इसके लिए व्यवस्था की गई है। उन्होने बताया कि बाढ़ की स्थिति मे आवष्यकता पड़ने पर कैम्प की व्यवस्था की जाएगी। बाढ़ बचाव के लिए एक एल्युमिनियम बोट है जिसमें एक साथ 10 से 12 लोगों को रेस्क्यू किया जा सकता है। एक और रबर बोट की भी मांग की गई है। इसके अलावा 40 एच.पी के दो मोटर इंजन, 23 नग लाइफ जैकेट, 38 नग लाइफबॉय, 3 बंडल लायॅनोन की रस्सी, 3 नग वाटर प्रूफ टेन्ट उपलब्ध है।
 
इन सभी सामाग्रीयों का परीक्षण कर लिया गया है। इसके अलावा बाढ़ बचाव की अन्य सामग्रियों में 18 नग सर्च लाइट, 12 नग ट्रक ट्यूब, 5 नग ड्रम, 2 नग तारपोलिन सीट, 1 नग एक्सटेंषन लेडर, 2 नग चप्पू, 34 नग गम बूट, 22 नग बाल्टी, 5 नग जरकीन, 2 नग फावड़ा, 6 नग गैंती, 24 नग बैलचा, 8 नग तगाड़ी, 2 नग वायरलेस, 3 नग चैनसा, 2 नग कुल्हाड़ी, 1 नग फर्स्ट एड बाक्स, 2 नग ऑस्कर लाइट एवं 1 नग ओ.बी.एम स्टैण्ड उपलब्ध है। उन्होने बताया कि जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन कर लिया गया है। संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों माड़िन नदी, आमदई नदी, कुकुर नदी, कोचवाही नदी, कसावाही नदी क्षेत्र षामिल है। बाढ़ आने की स्थिति में तत्काल बचाव की

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कुपोषित बच्चों और महिलाओं को मिला नया जीवन

छत्तीसगढ़/रायपुर :-  मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान कुपोषित बच्चों और महिलाओं  के जीवन में वरदान साबित हो रहा है। इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्म भोजन, अतिरिक्त पौष्टिक आहार सहित निःशुल्क स्वास्थ्य और परामर्श सेवाएं प्रदान करने से कुपोषित बच्चों, एनीमिक महिलाओं को कई प्रकार के स्वास्थ्यगत परेशानियों से निजात मिल रही है।    

 

इन्ही में से एक वनांचल और आदिवासी क्षेत्र बीजापुर के संतोषपुर की फुलदई साहनी  हैं, जो करीब सालभर पहले एनीमिया से पीड़ित थीं। उनका हिमोग्लोबिन स्तर 7 ग्राम और वजन मात्र 35 किलोग्राम था। वह पूरी तरह कमजोर हो गयी थी। लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र में नियमित रूप से पौष्टिक आहार तथा स्वास्थ्य जांच सहित उपचार मिलने से अब फुलदई एनीमिया से मुक्त हो गयी है। फुलदई साहनी बताती हैं कि एनीमिया से पीड़ित होने के कारण वह बहुत कमजोर महसूस करती थीं। घरेलू काम करने के दौरान जल्दी थक जाती थीं। उनकी साढ़े 4 वर्ष की बेटी पूर्वी साहनी भी कमजोर थी, लेकिन अब आंगनबाड़ी केन्द्र में देखभाल से कुपोषण में मध्यम श्रेणी में आ गई है।
 
फुलदई ने बताया कि आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता का नियमित  परामर्श मिलता रहा, इससे उनके साथ बेटी पूर्वी को भी बहुत फायदा हुआ है। आंगनबाड़ी केन्द्र में उन्हें नियमित तौर पर गर्म पौष्टिक भोजन सहित अंडा, चिक्की, पौष्टिक बिस्किट और अतिरिक्त पौष्टिक आहार दिया जाता है। इसके साथ ही नियमित रूप  से स्वास्थ्य का परीक्षण और उपचार भी मिलता है। इन सभी का सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ और मार्च 2021 तक उनके स्वास्थ्य में व्यापक सुधार आया। फुलदई का हिमोग्लोबिन स्तर 12 ग्राम होने सहित वजन 46 किलोग्राम हो गया।
 
वहीं बेटी पूर्वी गंभीर कुपोषण से बाहर होकर मध्यम श्रेणी में आ गई है। उसका वजन 14 किलोग्राम हो गया। फुलदई कहती हैं, कि वह अब शारीरिक रूप से सक्षम महसूस कर रही हैं। घरेलू कार्य सहित घर की खेती-किसानी कार्य में अपने पति श्री राजू साहनी का सहयोग कर रही हैं। उन्हें अब थकान-कमजोरी जैसी कोई समस्या नहीं है। अभी भी उन्हें नियमित तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृहभेंट कर उचित खान-पान, स्वच्छता तथा साफ-सफाई का ध्यान रखने समझाईश दी जाती है। जिस पर वह पूरी तरह अमल कर रही हैं। इस महत्ती योजना के लिए फुलदई ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

 

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BIG BREAKING: भूपेश कैबिनेट का बड़ा फैसला… अगस्त के इस तारिक से शुरू होंगे स्कूल और कॉलेज… इस तरिके से लगेंगी कक्षाएँ…

 भूपेश कैबिनेट में स्कूलों को खोलने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। कैबिनेट प्रदेश में स्कुल और महाविद्यालयों को खोलने के लिए दो अगस्त की तारीख तय की है।(BIG BREAKING)

 
कैबिनेट में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति में प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए 2 अगस्त 2021 से भौतिक रूप से शिक्षण तथा अध्यापन कालखण्डो में विद्यार्थियों को उपस्थिति का निर्णय लिया गया।
जिसके तहत कक्षाओं का संचालन प्रतिदिन 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ किया जाएगा। यानी विद्यार्थी अलटरनेट डे कक्षा में उपस्थित होंगे। समस्त संकायों / कक्षाओं के लिए पूर्व से संचालित ऑनलाइन कक्षाएं भी यथावत संचालित रहेंगी। कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाएगा।
स्थानीय पार्षद एवं पालकों की सहमति
कक्षा 10वीं और 12वीं के कक्षाएं 2 अगस्त 2021 से शुरू होंगी। कक्षाओं का संचालन विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ किया जाएगा। इसके लिए पालकों की सहमति आवश्यक होगी।
 
यदि कोविड के एक भी प्रकरण नहीं है, ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतो पालकों के परामर्श से स्कूलों के संचालन का निर्णय ले सकेंगी। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के संचालन के संबंध में स्थानीय पार्षद एवं पालकों की सहमति से निर्णय लिया जाएगा।
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