86 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
05-Apr-2025 2:48:38 pm
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- अमित शाह के बस्तर दौरे के बीच नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी
बीजापुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के दौरान ही नक्सल विरोधी अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में छत्तीसगढ़ के 86 माओवादी कैडर ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें से अधिकांश छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। इनमें 66 पुरुष और 20 महिलाएं शामिल हैं। यह घटना नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों और सरकार की रणनीति के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इन सभी नक्सलियों ने भद्राद्रि कोतागुडेम मल्टी जोन -1 के आईजी चंद्रशेखर रेड्डी के समक्ष हेमचंद्रपुरम स्थित पुलिस मुख्यालय में हथियार डाल दिए। आत्मसमर्पण करने वालों में 66 पुरुष और 20 महिलाएं शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों से संबंध रखते हैं। ये सभी माओवादी लंबे समय से आईईडी ब्लास्ट, फायरिंग, हत्या और ठेकेदारों से वसूली जैसी गंभीर वारदातों में शामिल रहे हैं।
आईजी चंद्रशेखर रेड्डी ने बताया कि ये आत्मसमर्पण तेलंगाना सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन ‘चेयुथा’ के अंतर्गत हुआ है, जो माओवादियों को मुख्यधारा में लाने की पहल है। आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई है।
बताया जा रहा है कि यह आत्मसमर्पण ऐसे समय पर हुआ है जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर में नक्सल विरोधी गतिविधियों की समीक्षा कर रहे हैं। यह घटनाक्रम सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिससे क्षेत्र में शांति बहाली की उम्मीद और भी मजबूत हो गई है। इससे पहले बीते शुक्रवार को लाखों रुपयों के इनामी तीन पुरुष और एक महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण किया था।
इस घटनाक्रम पर अभी तक गृहमंत्री अमित शाह की सीधी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन उनके बस्तर दौरे और नक्सल मोर्चे पर लगातार सक्रियता को इस आत्मसमर्पण से सीधे जोड़ा जा रहा है। अमित शाह अपने दौरे के दौरान बस्तर में नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा के साथ ही जवानों से वन-टू-वन मुलाकात भी कर रहे हैं।
एक साथ 86 नक्सलियों का आत्मसमर्पण यह संकेत देता है कि अब माओवादी संगठन अंदर से कमजोर हो रहे हैं। सरकार की रणनीति, पुलिस बलों का दबाव और समाज की बदलती सोच अब माओवादियों को हथियार छोड़ने को मजबूर कर रही है।