झूठा सच @ रायपुर :- सुप्रीम कोर्ट ने एक स्कूल छात्र की याचिका खारिज करते हुए कहा कि स्टूडेंट अपनी पढ़ाई पर फोकस करें. इस तरह की याचिका दाखिल ना करें. स्कूली छात्रों और बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है. दरअसल, 12 साल के छात्र ने इस याचिका के जरिए स्कूल खोले जाने की मांग की थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या जो हालात केरल और महाराष्ट्र में है उसमें स्कूल खोले जा सकते हैं? जहां भी हालात सामान्य हो रहे हैं सरकारें स्कूल खोल रही हैं. दिल्ली में भी स्कूल खोलने की प्रक्रिया चल रही है. कोर्ट ने कहा कि स्कूल खोलने के लिए सरकारें समय पर उचित फैसले लेंगी
याचिका में बताया गया ये कारण
याचिका में दलील दी गई थी कि कोरोना की वजह से पिछले साल मार्च अप्रैल से ही स्कूल बंद हैं जिसका छात्रों पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ रहा है. कितने ही छात्र हैं जो तनाव का शिकार हो रहे हैं. इसलिए तत्काल स्कूल खुलने चाहिए. याचिकाकर्ता अमर के मुताबिक, भले ही स्कूलों में ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई हो रही हो लेकिन छात्रों की पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है. इस माध्यम से हो रही पढ़ाई से छात्रों का सम्पूर्ण विकास नहीं हो पा रहा है. छात्र अमर ने राज्यों को अपने यहां कोरोना सक्रमण के हालत को देखते हुए स्कूल खोलने का निर्णय लेने की मांग अपनी याचिका में रखी थी.
अमर प्रेम प्रकाश ने याचिका में ये भी कहा था कि स्कूलों को ना खोलने से छात्रों पर मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं. स्कूल खुलने से बच्चों को मिलने वाली पूर्ण शिक्षा और समानता के अधिकार को आधार बनाते हुए दाखिल की गई याचिका में कहा गया है, कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की जा रही हैं. इसलिए आर्थिक रूप से वंचित छात्र ऐसी कक्षाओं तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. छात्रों को नियमित स्कूली शिक्षा के अभाव में अपने परिवार के दबाव में मैनुअल पारिश्रमिक कार्य का सहारा लेना पड़ रहा है |